गर्भावस्था

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में उल्टी होना

गर्भावस्था की पहली तिमाही में उल्टी और मतली होना सामान्य बात है। वास्तव में यह दो लक्षण ही सबसे पहले आपको बताते हैं कि आप गर्भवती है। यद्यपि पहली तिमाही में उल्टी और मतली होना आम है पर यदि दूसरी व तीसरी तिमाही में भी ऐसा होता है तो यह आपके लिए चिंता की बात हो सकती है। यदि आप गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में हैं तो आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि इस चरण में उल्टी होना सामान्य है या नहीं। 

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में उल्टी होने के कारण

गर्भावस्था के कई लक्षणों में तीसरी तिमाही के दौरान उल्टी होना एक चिंता का विषय हो सकता है। हालांकि इस बात का खयाल रखें कि यह सिर्फ आपके साथ ही नहीं हो रहा है और इसलिए यह कोई असामान्य बात नहीं है। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में उल्टी होने के कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं, आइए जानते हैं;

1. मॉर्निंग सिकनेस

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में उल्टी होने का एक सामान्य कारण मॉर्निंग सिकनेस है। गर्भावस्था के दौरान यह होना सामान्य है और इसके परिणामस्वरूप तीसरी तिमाही में भी उल्टी हो सकती है। 

2. सीने में जलन और एसिड रिफ्लक्स

गर्भावस्था के अंतिम अंतिम चरण में ऐसा होना भी एक सामान्य लक्षण है। गर्भावस्था के दौरान हॉर्मोनल बदलावों के कारण जब पेट और इसोफेगस के बीच का वॉल्व आरामदायक स्थिति में होता है तो इससे पेट का एसिड इसोफेगस में वापस आ जाता है। इस समय गर्भाशय का आकार भी तेजी से बढ़ता है जिसके कारण पेट पर दबाव पड़ता है और एसिड ऊपर की तरफ आ जाता है। इसके परिणामस्वरूप भी उल्टी हो सकती है। 

3. डिहाइड्रेशन

पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या होती है और इसके परिणामस्वरूप भी महिलाओं को मतली और उल्टी हो सकती है। 

4. फूड पॉइजनिंग

आप गर्भवती हों या न हों, डिहाइड्रेशन होने से उल्टी होती ही है। हालांकि गर्भावस्था में डिहाइड्रेशन होना एक गंभीर बात है और यह बहुत ज्यादा हानिकारक भी हो सकता है। भोजन में संक्रामक ऑर्गैनिजम होने के कारण पेट में कीड़े या फूड पॉइजनिंग की समस्या होती है जिससे भी आपको उल्टी और मतली हो सकती है।

5. प्रीक्लेम्पसिया

गर्भावस्था के दौरान प्रीक्लेम्पसिया के कारण भी उल्टी हो सकती है। यह एक जटिल समस्या है जिससे बच्चे पर अधिक प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि उल्टी होना प्रीक्लेम्पसिया का एक ऐसा लक्षण है जो बहुत बाद में दिखाई देता  है। 

तीसरी तिमाही में उल्टी होना क्या गर्भावस्था के कॉम्प्लीकेशन्स से जुड़ा है?

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में उल्टी होना कोई दुर्लभ या असामान्य लक्षण नहीं है। हालांकि यह समस्या आपके लिए गंभीर न हो इसलिए आप इसका कारण जरूर जानें। इस दौरान यदि उल्टी मॉर्निंग सिकनेस, फूड पॉइजनिंग, एसिडिटी इत्यादि की वजह से होती है तो इससे बच्चे को कोई भी नुकसान नहीं होगा और आप सामान्य दवाओं से भी अपना इलाज कर सकती हैं। पर फिर भी यदि आपको अपने स्वास्थ्य से संबंधित कोई असामान्य या गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

तीसरी तिमाही में उल्टी से कैसे बचें

गर्भावस्था के दौरान छोटी-छोटी सावधानियों से मतली और उल्टी के लक्षणों को आप पूरी तरह से खत्म तो नहीं पर कम जरूर कर सकती हैं। तो यदि आपको अपनी गर्भावस्था के 8वें महीने में उल्टी हो रही है और आप इसके लिए चिंतित हैं तो इसे कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय कर सकती हैं, आइए जानते हैं;

1. भरपूर पानी पिएं

पानी आपको ताजा रखने और आपके बॉवेल मूवमेंट्स को कंसिस्टेंट रखने में मदद करता है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से तीसरी तिमाही के दौरान उल्टी होने की संभावना काफी हद तक कम हो सकती है। हालांकि इस समय एक बार में एक साथ तरल पदार्थ पीने के बजाय थोड़ा-थोड़ा पानी पिएं। यदि आपको सादे पानी का स्वाद अच्छा नहीं लगता है तो आप इसका स्वाद बेहतर बनाने के लिए पानी में थोड़ा सा नींबू या कोई अन्य फल का एक टुकड़ा काटकर डाल सकती हैं। गर्भावस्था में आप समय-समय पर आइस चिप्स या फलों के जूस भी ले सकती हैं। 

2. थोड़ा-थोड़ा आहार लें

अक्सर सलाह दी जाती है कि गर्भवती महिलाओं को दो लोगों के लिए भोजन करना चाहिए क्योंकि उसके गर्भ में बच्चा भी पल रहा है पर इसकी आवश्यकता नहीं है और यह सच भी नहीं है। गर्भावस्था के दौरान विशेषकर यदि आपको लगातार उल्टी रही है तो हो सकता है आपकी भूख कम हो जाए। इसलिए आप एक बार में बहुत सारा भोजन करने के बजाय पूरे दिन में थोड़ा-थोड़ा भोजन करें। थोड़ा खाएं पर लगातार खाने का प्रयास करें क्योंकि इससे आपका पाचन ठीक रहता है। यदि अधिक गंध वाले खाद्य पदार्थों से आपको मतली की समस्या होती है तो आप कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ ले सकती हैं जिन्हें सामान्य तापमान में खाया जा सकता है (बिना किसी साइड-इफ्फेक्ट के)। 

3. स्वस्थ आहार का सेवन करती रहें

स्वस्थ आहार का सेवन करने से फूड पॉइजनिंग होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं और यह पेट से संबंधित सभी समस्याओं व इन्फेक्शन से भी बचाव करता है। 

4. खाने के बाद तुरंत न लेटें

भोजन के तुरंत बाद लेटने के बजाय थोड़ा टहलने या आराम करने की सलाह हमेशा दी जाती है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि पाचन क्रिया जल्दी और बेहतर तरीके से हो रही है। 

5. सुनिश्चित करें कि आप पूरा आराम कर रही हैं

गर्भावस्था के दौरान रात को सोते समय या पूरे दिन में नैप लेते समय बहुत सारा आराम करें (परंतु जैसा कि बताया गया है भोजन के तुरंत बाद न लेटें)।  इससे गर्भावस्था के दौरान होने वाली बहुत सारी समस्याएं कम हो सकती हैं जिसमें मतली भी शामिल है। 

गर्भावस्था के दौरान उल्टी होना कोई असामान्य या दुर्लभ बात नहीं है। पर फिर भी यदि आप गर्भावस्था के अंतिम चरण में उपचार के बाद भी उल्टी का अनुभव करती हैं तो आपको डॉक्टर से चर्चा करने की सलाह दी जा सकती है। 

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सुरक्षा कटियार

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