गर्भावस्था

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में 6 सुरक्षित एक्सरसाइज

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में एक्सरसाइज करने से एक गर्भवती महिला को लेबर व डिलीवरी के समय में बहुत मदद मिलती है। यदि आपने गर्भावस्था के दौरान बिलकुल भी एक्सरसाइज नहीं की है तो पिछले कुछ महीनों से गर्भ में बच्चा होने के कारण आपकी मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान यदि आपकी मांसपेशियां मजबूत और ठीक रहती हैं तो इससे आपको लेबर के संकुचन को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। 

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में एक्सरसाइज करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में एक्सरसाइज शुरू करने से पहले आपको कुछ निम्नलिखित टिप्स जानना चाहिए, वे इस प्रकार हैं:

  • गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में आप सीधे लेटकर की जाने वाली एक्सरसाइज बिलकुल भी न करें।
  • इस दौरान आप पेट के बल लेटने से बचें।
  • एक्सरसाइज करते समय खुद को पूरी तरह से हाइड्रेटेड रखें।
  • आप कोई ऐसी कठिन एक्सरसाइज न करें जिसमें कूदना पड़ता है।
  • इस समय आप वो भी एक्सरसाइज न करें जिसमें एक जगह पर या एक पोजीशन में देर तक खड़े रहना पड़ता है।
  • तीसरी तिमाही में आप ऐसी एक्सरसाइज बिलकुल भी न करें जिसमें गिरने का डर हो।
  • यदि आपको कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं तो आप एरोबिक्स बिलकुल भी न करें, जैसे यदि गर्भावस्था के दौरान आपको दिल की बीमारी है, आपका सर्विक्स सक्षम नहीं है, यदि आपके लंग्स में कोई रोग है, यदि आपके गर्भ में एक से अधिक बच्चे हैं, यदि आपको प्लेसेंटा प्रिविया की समस्या है, यदि आपको प्रीक्लेम्पसिया है, यदि आपको समय से पहले ही संकुचन होता है यदि आपको ब्लीडिंग होती है।

तीसरी तिमाही में आप कौन सी एक्सरसाइज कर सकती हैं?

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में आप निम्नलिखित एक्सरसाइज कर सकती हैं, आइए जानें;

1. स्क्वाट्स

गर्भावस्था से डिलीवरी तक फिट रहने के लिए स्क्वाट सबसे सही एक्सरसाइज है। कई डॉक्टर और नर्स गर्भवती महिला को ग्रेविटी का उपयोग करते हुए स्क्वाट करने में मदद करते हैं। इससे बच्चा पेल्विस के निचले हिस्से में चला जाता है और पेल्विक क्षेत्र को खुलने में मदद मिलती है। स्क्वाट्स करने के लिए आप कुर्सी के पिछले हिस्से को दोनों हाथों से पकड़ें और सीधी खड़ी हो जाएं। यदि आपको मैट या कुशन की आवश्यकता है तो आप उसका भी उपयोग कर सकती हैं। आप कुर्सी को पकड़ कर इस प्रकार से खड़ी हों कि आपके पैर के पंजे आपके कन्धों की सीध में रहें और दोनों पंजों का ऊपरी भाग हल्का सा अलग-अलग दिशा में झुका हुआ हो व एक दूसरे के पैरलल में न हो। अब आप इसी प्रकार से कुर्सी का सहारा लेकर नीचे बैठने का प्रयास करें और अपने हिप्स को नीचे की तरफ जहाँ तक ले जा सकती हैं ले जाएं। इस पोजीशन में आप लगभग 10 सेकेंड्स तक रहें और कुर्सी को पकड़े-पकड़े धीरे से ऊपर की ओर उठें। इस एक्सरसाइज को आप 5 से 7 बार दोहराएं। स्क्वाट्स करने से आपके पैरों की मांसपेशियां, पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियां और पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। 

यदि आपको ग्रोइन या प्यूबिक क्षेत्र में दर्द होता है तो आप स्क्वाट्स न करें। यदि आपको प्लेसेंटा प्रिविया है तो डॉक्टर गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में स्क्वाट्स करने की सलाह नहीं देते हैं क्योंकि इससे मिसकैरेज होने का खतरा होता है। 

2. स्विमिंग और पूल एक्सरसाइज

क्या आपके लोकल क्लब में पूल है? यदि हाँ, तो आप इसका अच्छा उपयोग कर सकती हैं! पानी के प्रवाह से शरीर हल्का होता है और जोड़ों व मांसपेशियों से तनाव कम हो सकता है, इससे आप वो एक्सरसाइज करने में भी मदद मिलती है जो आप नहीं कर पाती हैं। स्विमिंग शुरू करने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि पूल का पानी आपके सीने तक होना चाहिए ताकि वह आपके वजन को सपोर्ट कर सके। स्विमिंग के दौरान आप निम्नलिखित दो एक्सरसाइज कर सकती हैं;

  • बैक फ्लोट: यह एक्सरसाइज करने से आपके शरीर का तनाव कम होता है और आपको आराम करने व जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है। इसे करने के लिए आप पानी में पीठ के बल लेट जाएं और तैरते हुए अपने हाथों को स्ट्रेच करें व दोनों पैरों को ऊपर की ओर करने का प्रयास करें। एक बार तैरने के बाद आप 2-3 मिनट के लिए आराम करें और लंबी सांस लें।
  • सीजर लेग स्ट्रेच: यह एक्सरसाइज आपको ग्रोइन की मांसपेशियों, जांघों के आंतरिक हिस्से की मांसपेशियों और पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों के लिए अच्छी है। इसे करने के लिए आप पूल में ही दीवार के सहारे खड़ी हो जाएं और अपने हाथों को दोनों तरफ स्ट्रेच करके दीवार के कोनों को पकड़ लें। अब दोनों पैरों को ऊपर की ओर उठाकर शरीर के ऊपरी हिस्से के साथ ‘एल’ शेप बनाने का प्रयास करें। फिर दोनों पैरों को जितना संभव हो उतना फैलाकर ‘वी’ शेप बनाएं और फिर वापस सामान्य हो जाएं। इस एक्सरसाइज को आप 10 से 12 बार कर सकती हैं।

3. मार्जरी आसन (कैट-काऊ पोज)

मार्जरी आसान (कैट-काऊ पोज) बहुत आरामदायक एक्सरसाइज है जिसे आप गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में भी कर सकती हैं। कैट पोज एक्सरसाइज से पीठ के दर्द में आराम मिलता है और यह जन्म के लिए बच्चे को सही पोजीशन में आने में मदद करता है। इसे करने के लिए आप सबसे पहले जमीन पर एक मैट बिछाएं और घुटनों के बल बैठ जाएं। ध्यान रखें कि आप अपने घुटनों पर ज्यादा जोर न दें। अब आप जमीन के बल अपने दोनों हाथ और पैरों को कंधों के बराबर लाइन में रखें और सिर नीचे जमीन की तरफ कर लें। आप सांस अंदर की ओर खींचते हुए अपनी पीठ में रीढ़ के ऊपर आर्क बनाने का प्रयास करें जैसे एक बिल्ली की पीठ में होता है। आर्क बनाते समय आपके सिर व हिप्स में हल्का सा खिंचाव आएगा और आप इस पोजीशन को कुछ सेकेंड्स के लिए इसी प्रकार से बनाएं रखें। अंत में सांस छोड़ते समय अपनी पीठ और हिप्स को धीरे-धीरे सीधा कर लें। इस एक्सरसाइज को 5 बार दोहराएं। 

4. पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज

पेल्विक क्षेत्र में मौजूद मांसपेशियां गर्भाशय, यूरिनरी ब्लैडर और वजाइना को सपोर्ट करती हैं। गर्भावस्था के दौरान गर्भ में बच्चे के बढ़ने से पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों में तनाव आता है और वे स्ट्रेच होती हैं। इन मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए कीगल एक्सरसाइज करना सबसे ज्यादा फायदेमंद है। 

पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों को पहचानने का तरीका है कि जब आप बाथरूम जाती हैं तब अपने मूत्र को बीच में रोकने का प्रयास करें, जिन मांसपेशियों को आप मूत्र रोकने के लिए स्ट्रेच करती हैं, वही है पेल्विक फ्लोर मांसपेशियां। आप इस एक्सरसाइज को दो तरीकों से कर सकती हैं;

  • रैपिड कॉन्ट्रैक्शंस: यह एक्सरसाइज करने के लिए आप पेल्विक की मांसपेशियों को तेजी से अंदर की ओर स्ट्रेच करें और फिर सामान्य कर दें। शुरूआत में यह एक्सरसाइज लगभग 10 बार दोहराएं और फिर आगे आप इसे 50 बार भी कर सकती हैं।
  • स्लो होल्ड्स: पेल्विक की मांसपेशियां मजबूत हो जाने पर आप इन्हें अंदर की ओर तेजी से स्ट्रेच करें और ऊपर की ओर 5 गिनने हो रोक कर रखें। इस एक्सरसाइज को लगभग 15 बार करें।

5. टहलना और सीढ़ियां चढ़ना

सभी एक्सरसाइज में टहलना एक सबसे आसान एक्सरसाइज है विशेषकर तब जब आप अन्य कोई भी एक्सरसाइज नहीं कर सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान टहलने से आपको फिट रहने में मदद मिलती है। इसके लिए आपको सिर्फ कम्फर्टेबल जूते पहनकर पार्क में जाने की आवश्यकता है। गर्भावस्था के दौरान धीरे-धीरे चलना ही आपके लिए एक सबसे सुरक्षित एक्सरसाइज है। इसे आप गर्भावस्था के 38वें सप्ताह में भी कर सकती हैं। बस आप किसी ऐसी जगह पर टहलें जो आपके लिए सुविधाजनक और टहलने में आसान हो। 

गर्भावस्था के दौरान धीरे-धीरे सीढ़ियां चढ़ने से शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियां मजबूत रहती हैं और इससे डिलीवरी में सरलता होती है। आप इसे भी कर सकती हैं पर सीढ़ियां चढ़ते समय इस बात का ध्यान रखें कि वो एक दम सीधी न हों और सपोर्ट के लिए रेलिंग भी लगी हो ताकि आपको सीढ़ियां चढ़ने में सरलता और सुरक्षित महसूस हो। 

6. योगा

एक गर्भवती महिला के लिए तीसरी तिमाही में कम कठिन और क प्रभावी एक्सरसाइज करना ही फायदेमंद है और इन एक्सरसाइज में योगा शामिल है। योगा में सिर्फ स्ट्रेचिंग करने से ही मांसपेशियों को आराम नहीं मिलता है और वे मजबूत होती हैं बल्कि ध्यान करने से भी गर्भवती महिलाओं को शांत रहने में मदद मिलती है। इस समय याद रखने के लिए एक जरूरी बात यह है कि गर्भावस्था के दौरान आपको योगा इंस्ट्रक्टर की मदद से इसे करना चाहिए। 

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में एक्सरसाइज की कुछ सावधानियां

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में वर्कआउट के दौरान यदि आपको निम्नलिखित समस्याएं होती हैं तो तुरंत एक्सरसाइज करना बंद कर दें और डॉक्टर से संपर्क करें। वे कौन से लक्षण हैं, आइए जानते हैं; 

  • यदि एमनियोटिक फ्लूइड लीक होने लगता है।
  • यदि आपको चक्कर आते हैं, सिर में हल्कापन लगता है या मतली होती है।
  • यदि आपको सीने में दर्द होता है
  • यदि आपके दिल की धड़कनें अचानक से तेज होती हैं और कम नहीं होती हैं।
  • यदि आपको सांस लेने में तकलीफ होती है।
  • यदि आपकी काफ की मांसपेशियों में दर्द या पैरों में अचानक से सूजन होने लगती है।
  • यदि आपको वजाइनल ब्लीडिंग होती है।
  • यदि आपके सिर में बहुत तेज दर्द होता है।
  • यदि आपके पेट में गंभीर दर्द होता है।
  • यदि आपको संकुचन होने लगता है और वह गर्भावस्था के 36वें सप्ताह तक बंद नहीं होता है।
  • यदि गर्भ में पल रहा बच्चा किक नहीं करता है या बहुत कम किक करता है।

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में एक्सरसाइज करते समय आपको पूरी सावधानी रखनी चाहिए, इससे आप फिट रहेंगी और डिलीवरी में आपको मदद भी मिल सकती है। ऊपर दी हुई एक्सरसाइज करने का प्रयास करें और यदि आपको कोई भी असुविधा होती है तो तुरंत एक्सरसाइज करना बंद कर दें। आप तीसरी तिमाही में एक्सरसाइज शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

स्रोत और सन्दर्भ:

स्रोत १
स्रोत २
स्रोत ३

यह भी पढ़ें:

प्रेगनेंसी में संभोग (सेक्स) करने के 10 फायदे
नॉर्मल डिलीवरी के लिए प्रेगनेंसी के 9वें महीने में एक्सरसाइज

सुरक्षा कटियार

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