गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान मूत्र मार्ग संक्रमण (यू.टी.आई.) के 10 घरेलू उपचार

गर्भावस्था के दौरान मूत्र पथ में बदलाव आने के कारण संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है जिसे मूत्र मार्ग संक्रमण अर्थात् UTI (Urinary Tract Infection) के नाम से जाना जाता है। सामान्यत:, यू.टी.आई. होने की वजह से पेट के निचले हिस्से में दर्द, बार-बार पेशाब आना तथा कभी-कभी पेशाब में खून आने की भी शिकायत हो सकती है। इसके लिए तत्काल उपचार की आवश्यकता होती है जिससे कि संक्रमण गुर्दे या किडनी को कोई क्षति न पहुँचाए ।

गर्भावस्था के दौरान मूत्र संक्रमण से निजात पाने के लिए यहाँ कुछ घरेलु उपचार बताए गए हैं जो कुछ पारंपरिक उपचारों में से एक हैं । पारंपरिक उपचार के अलावा कुछ प्राकृतिक उपचार भी बताए गए हैं जो यू.टी.आई. की रोकथाम और इलाज में मदद कर सकते हैं।

गर्भावस्था में यू.टी.आई. के उपचार के प्राकृतिक उपाय

निचला मूत्र मार्ग संक्रमण अक्सर अपने आप ही हो जाता है। शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा के बावजूद, कुछ फंगस, बैक्टीरिया और वायरस स्वयं ही मूत्र मार्ग के संपर्क में आते हैं और मूत्राशय (ब्लैडर) तथा मूत्रमार्ग (यूरेथ्रा) में प्रवेश कर जाते हैं। यू.टी.आई. के उपचार के लिए  सबसे पहले एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह दी जाती है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान इसे लेने की सख्त मनाही रहती है । अतः गर्भावस्था में यू.टी.आई. के उपचार का सबसे अच्छा विकल्प है प्राकृतिक और घरेलू उपचार।

गर्भावस्था में यू.टी.आई. के लिए कुछ घरेलू उपचार इस प्रकार है:

1. तरल पदार्थों का सेवन अधिक करें

दिनभर में अधिक पानी और तरल पदार्थ पीना, शरीर से बैक्टीरिया को साफ करने का सबसे अच्छा तरीका है। शरीर को हाइड्रेटेड बनाए रखने के लिए, आपको भोजन के बाद हमेशा एक गिलास पानी पीना चाहिए, ताकि बैक्टीरिया को शरीर से बाहर निकाला जा सके, जिससे संक्रमण की संभावना भी कम हो जाएगी।

2. बार-बार पेशाब करें

गर्भावस्था के दौरान, आपको अक्सर पेशाब करना चाहिए जिससे मूत्राशय के अंदर बैक्टीरिया ना बढ़ें। यदि कोई व्यक्ति लंबे समय तक मूत्र को रोक कर रखता है, तो बैक्टीरिया मूत्र मार्ग में बढ़ कर सकता है, जिससे संक्रमण हो सकता है।

3. शरीर को साफ और सूखा रखें

हमेशा ढीले-ढाले व हल्के कपड़े तथा अंदरूनी परिधान पहनने की कोशिश करें, जो हवा को पास होने दें और मूत्र मार्ग को सूखा रखने में मदद करें। पेशाब या मल त्याग के बाद अंदरूनी भाग को सामने से पीछे की ओर पोंछना चाहिए ताकि बैक्टीरिया मूत्र मार्ग में ना जाए।

4. शुक्राणुनाशक (स्पर्मीसाइड) के उपयोग से बचें

आपको गर्भनिरोध के लिए चिकनाई वाला कंडोम का उपयोग करना चाहिए जिसमें शुक्राणुनाशक नहीं होते हैं। यू.टी.आई. के मामलें में उन महिलाओं में अधिक पाए जाते हैं जो यौन-क्रिया में अधिक सक्रिय होती हैं या जिन्होंने हाल ही में संभोग किया है।

5. प्रोबायोटिक्स

प्रोबायोटिक्स मानव शरीर में वनस्पतियों को बढ़ावा देते हैं जो शरीर के लिए एक प्रतिरक्षा प्रणाली के रूप में काम करता है। फर्मेन्टेड खाद्य पदार्थ जैसे किमची, प्रोबायोटिक योगर्ट, कच्चा चीज़ सबसे स्वास्थ्यवर्धक प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ हैं। फर्मेन्टेड खाद्य पदार्थ खाने से शरीर के प्राकृतिक बैक्टीरिया बिना किसी बीमारी के पुन: स्थापित हो जाते हैं।

6. करौंदा (क्रैनबेरी)

करौंदे का रस किसी व्यक्ति में एक वर्ष में विकसित हुए सारे यू.टी.आई. संक्रमण को कम करने में मदद करता है। करौंदे यू.टी.आई. की रोकथाम के लिए उपयोग में लाए जाते हैं। ये बैक्टीरिया के विकास को कम करने में भी मदद करते हैं, जो संक्रमण का कारण बन सकते हैं।

7. लहसुन

कच्चे लहसुन जो ताजे पिसे हुए हैं, उनमें कई प्रकार के रोगाणुरोधी गुण होते हैं। लहसुन के फंगस विरोधी गुण कवक या यीस्ट को खत्म करने में मदद करते हैं।

8. विटामिन सी

विटामिन सी, ई. कोलाई बैक्टीरिया के वृद्धि को कम करता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है और मूत्र को अधिक अम्लीय बनाता है। यदि तीन महीने की अवधि के लिए विटामिन सी लिया जाए, तो गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार होता है और मूत्र संक्रमण कम हो जाता है।

9. लौंग का तेल

लौंग का तेल एंटीमाइक्रोबियल, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुणों के लिए जाना जाता है। लौंग के तेल का एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण एक अतिरिक्त लाभ है। हालांकि, इससे आपके शरीर पर कुछ प्रतिकूल प्रतिक्रियाएँ हो सकती हैं इसलिए कृपया अपने चिकित्सक के सलाह के अनुसा इसका सेवन करें।

10. अजवाइन (ओरिगैनो) का तेल

बैक्टीरिया संक्रमण को ठीक करने के लिए अजवाइन के तेल का उपयोग सफलतापूर्वक किया जा सकता है। यह ई.कोलाई के विकास को रोकता है जो यू.टी.आई. में पाया जाने वाला सबसे आम बैक्टीरिया है। यह डॉक्टर की सलाह के बाद ही रोगी को दिया जाना चाहिए।

यू.टी.आई. आमतौर पर बैक्टीरिया के कारण होता है, जो मूत्र पथ के माध्यम से प्रवेश करता है और दर्द तथा परेशानी का कारण बनता है। इसलिए इसका तुरंत इलाज करना चाहिए खासकर गर्भावस्था के दौरान। अन्य दवाओं के दुष्प्रभाव से बचने के लिए आप इन घरेलु उपचारों  का ही प्रयोग करें। हम आशा करते हैं कि इस लेख में आपको गर्भावस्था के दौरान होने वाले मूत्र मार्ग संक्रमण के बारे में सभी जानकारियां मिल गई होंगी।लेकिन फिर भी अगर कोई अन्य सवाल हैं जिसके जवाब जानने हैं, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में हमसे जरूर पूछें ।

जया कुमारी

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