गर्भावस्था

पहली तिमाही के दौरान संभोग : प्रारंभिक गर्भावस्था में संभोग करना

गर्भावस्था एक ऐसा खूबसूरत समय है जब आप अपनी चिंताओं, संदेह, भय, अनिश्चिता के साथ-साथ अनेकों यादें भी बटोरती हैं और यह समय उन महिलाओं के लिए अत्यधिक ख़ास होता है जो पहली बार माँ बन रही हैं।एक संदेह, जो गर्भवती महिला के दिमाग में हमेशा बना रहता है कि क्या उसे पहले की तरह सेक्स करना चाहिए या नहीं? हालांकि इस बात को समझा जा सकता है कि एक महिला गर्भावस्था के अंतिम चरणों में थकान के कारण सेक्स नहीं करना चाहती है किन्तु गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में सही सावधानियों के साथ सेक्स करना संभव हो सकता है।

पहली तिमाही में आपकी सेक्स लाइफ में बदलाव

निश्चित ही यह सत्य है कि पहली तिमाही में आपके सेक्स जीवन में बदलाव होता है। आपके हॉर्मोन में उतार-चढ़ाव होते है, रक्त का प्रवाह बढ़ता है और भूख में भी वृद्धि होती है। पहली तिमाही में, शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर भी बढ़ जाता है, जबकि कुछ लोगों को इससे फर्क नहीं पड़ता और 9वें महीने तक भी वे सरलता से संभोग कर सकती हैं , दूसरी ओर अन्य लोग भी हैं, जिनकी संभोग करने की इच्छा समाप्त हो जाती है।

प्रारंभिक गर्भावस्था के लक्षण, जो आपकी यौन इच्छा को कम करने में योगदान देते हैं, वे इस प्रकार हैं:

  • हॉर्मोन में बदलाव
  • थकावट
  • उबकाई
  • स्तन में संवेदनशीलता

कुछ महिलाओं के लिए इस दौरान यौन संबंध बनानाबेहद मुश्किल हो सकता है। हालांकि, ऐसी अन्य महिलाएं हैं, जो यह जानती हैं कि गर्भावस्था उन्हें एक नई मानसिक्ता और उनके शरीर के बारे में एक सकारात्मक भावना प्रदान करती है। गर्भावस्था का मतलब है कि फूले हुए स्तन, बड़े कूल्हे और ज़्यादा कामुक फिगर, जिसमें कुछ महिलाएं अपने पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बना सकती हैं।

क्या पहली तिमाही के दौरान यौन संबंध सुरक्षित है?

यह नई माँ बनने वाली महिलाओं के बीच एक आम सवाल है। क्या पहली तिमाही के दौरान यौन संबंध बनाना सुरक्षित है या नहीं? आश्वस्त रहें – आपके गर्भाशय में मज़बूत मांसपेशियाँ होती हैं, जो गर्भपात की संभावना को समाप्त कर देती हैं। संभोग के दौरान, लिंग योनि से आगे नहीं जाता है इसलिए यह बच्चे तक नहीं पहुँचता है।बस इतना सुनिश्चित करें कि आपका पार्टनर आप पर पूरा भार न दें ।

इसके अलावा, लोकप्रिय मिथक के विपरीत, प्रसव पीड़ा शुरू होने में यौन उत्तेजना या कामोन्माद की कोई भूमिका नहीं होती है। जबकि संभोग गर्भाशय में हल्का संकुचन पैदा कर सकता है, यह हानिरहित है।

प्रारंभिक गर्भावस्था (पहली तिमाही) में यौन संबंध बनाने से कब बचें?

हालांकि ज़्यादातर मामलों में संभोग महिलाओं के लिए सुरक्षित होता है, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है। कई बार उन्हें प्रारंभिक गर्भावस्था के दौरान संभोग से दूर रहना चाहिए।

  • अगर किसी महिला का पहले गर्भपात हो चुका है, तो उसे सलाह दी जाती है कि वह इस समय संभोग न करें ।
  • उल्टी जैसा महसूस होने पर या अत्याधिक थकान होने पर, संभोग से परहेज करना बेहतर है।
  • इसके अतिरिक्त, ऐसी महिला जो जुड़वाँ या कई बच्चों को जन्म देने वाली है या जिसका गर्भनाल कमज़ोर है, उसे भी संभोग नहीं करना चाहिए।

पहली तिमाही में सेक्स करने के हानिकारक प्रभाव

हालांकि कई बार, गर्भावस्था के दौरान संभोग सुरक्षित माना जाता है, पहली तिमाही में इसे करने के कुछ हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं।

  • जैसे-जैसे भ्रूण बढ़ता है, गर्भाशय ग्रीवा पर भार बढ़ता है। गर्भाशय ग्रीवा की अपर्याप्तता होने पर (गर्भाशय ग्रीवा मज़बूत नहीं है), संभोग करने से बचना ही बेहतर है क्योंकि इससे गर्भाशय ग्रीवा पर दबाव बढ़ सकता है।
  • अगर आपने गर्भनाल प्रेविया (ऐसी स्थिति जिसमें गर्भनाल का एक हिस्सा गर्भाश्य ग्रीवा को ढ़कता है) का इलाज कराया है, तो संभोग करने से खतरा हो सकता है। इस स्थिति में इसे करने से गर्भनाल को नुकसान हो सकता है और बच्चे के जीवन पर खतरा भी हो सकता है।
  • एस.टी.डी. से सावधान रहें, संभोग करने से पहले पार्टनर के यौन स्वास्थ्य और इतिहास के बारे में अच्छी तरह से पता लगाना अनिवार्य है।अगर आपके पार्टनर को हेपेटाइटिस बी या जननांग दाद है, तो यह पहले आपको और फिर आपके बच्चे को प्रेषित हो सकता है।

गर्भावस्था के पहले तिमाही के दौरान संभोग करने के लिए सबसे अच्छी पोज़िशन

१. आप ऊपर रहें

आपके ऊपर होने का मतलब है कि आपके पेट पर बिलकुल दबाव नहीं पड़ेगा। प्रारंभिक गर्भावस्था के दौरान संभोग की यह पोज़िशन सुनिश्चित करती है कि न तो आप और न ही आपका बच्चा प्रभावित होगा। आपके पास पेनट्रैशन की गहराई नियंत्रित करने का भी अधिकार है।

२.पलंग के किनारे

आप बिस्तर के किनारे पर अपने घुटनों के बल झुक सकती हैं, जबकि आपका पति आपकी ओर मुँह करके खड़ा हो सकता है । हालांकि यह क्लासिक मिशनरी पोज़िशन की तरह लगता है, लेकिन पार्टनर द्वारा आप पर अपने शरीर का भार रखने से कोई परेशानी नहीं होगी।

३. सोफे पर

अपने पेट को अंदर की ओर करते हुए सोफे पर घुटनों के बल बैठें और पीछे से उन्हें संभोग करने दें।

४. पीठ की तरफ से लिपटना

साथ-साथ अपनी पीठ की ओर अपने अपने साथी के साथ लेट जाएं, यह उथले प्रवेश की अनुमति देता है।

ऊपर लिखी संभोग की पोज़िशन आपके बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं क्योंकि इनसे उसी आपको सुरक्षा होती है ।

पहली तिमाही के दौरान किन संभोग की पोज़िशनसे बचें

अपनी गर्भावस्था में किसी भी संभावित समस्या से बचने के लिए प्रारंभिक गर्भावस्था के दौरान यहाँ कुछ संभोग की पोज़िशन दी गई हैं।

१. खड़े रहने की पोज़िशन

महिला और पुरुष दोनों एक दूसरे के सामने खड़े हो जाते हैं। पुरुष महिला को ऊपर उठाता है और महिला अपने पार्टनर के शरीर के चारों ओर बाजु और टाँगों से उसे कस लेती है। इसका मतलब है कि आपका पेट उसकी छाती से दबता है, इससे पेट पर दबाव पड़ सकता है।

२. मिशनरी पोज़िशन

अगर आप मिशनरी पोज़िशन बना रही हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप पेट के नीचे तकिया लगाएं अन्यथा आपको अत्यधिक दर्द हो सकता है।

ध्यान दें: बहुत से लोग सुगंधित लुब्रीकेंट (चिकनाई) का उपयोग संभोग को बेहतर बनाने के लिए करते हैं। पहली तिमाही के दौरान इनका उपयोग न करना एक अच्छा विकल्प है क्योंकि यह योनि की परत को नुकसान पहुँचा सकता है।

पहली तिमाही में संभोग करने से पहले याद रखने वाली कुछ बातें

पहली तिमाही में गर्भावस्था के दौरान संभोग करने से पहले महिलाओं को कुछ बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है,

वे प्रकार हैं:

  1. इस दौरान किया गया अधिकांश ओरल संभोग बेहद सुरक्षित होता है। बस यह सुनिश्चित करें कि आपका पार्टनर आपके जननांग क्षेत्र में फूंक न मारे क्योंकि इससे हवा का आवेश (रक्त वाहिका का वायु नली द्वारा रुकावट) महिला और उसके बच्चे दोनों को नुकसान पहुँचा सकता है।
  2. संभोग के बाद रक्तस्राव चिंता का कारण है, सुनिश्चित करें कि आप इस समय पर डॉक्टर से सलाह लें।
  3. संभोग के दौरान ऐंठन एक अम्म बात है, लेकिन इसके बाद ऐसा होना एक हानिकारक संकेत हो सकता है। कृपया ऐसे मामले में डॉक्टर से सलाह लें।
  4. सभी महिलाएं संभोग करने की इच्छा में उतार-चढ़ाव के कारण गर्भावस्था के समय संभोग नहीं करना चाहती हैं इसलिए दंपति के लिए इस पर चर्चा करना और साथ में निर्णय लेना महत्वपूर्ण हो जाता है।

कुछ महिलाओं को प्रारंभिक गर्भावस्था में संभोग करने की इच्छा क्यों नहीं होती है?

पहली तिमाही के दौरान महिला के हॉर्मोन में विभिन्नता होती है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन में अचानक वृद्धि के कारण कामेच्छा या यौन संबंध बनाने की इच्छा में कमी का कारण बनती है। यही कारण है कि कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पहली तिमाही में संभोग करने का मन नहीं करता है। सुबह-सुबह की बीमारी और थकान भी इसमें एक बड़ा योगदान करते हैं।

गर्भावस्था के दौरान संभोग हमेशा की तरह ही आनंददायक हो सकता है। संभोग करते समय इन चीज़ों की सावधानी बरतना और ध्यान रखना आवश्यक है, ताकि आप और बच्चा दोनों किसी भी नुकसान से सुरक्षित रहें। किसी भी समस्या की संभावना को समाप्त करने के लिए, इसका चुनाव करने से पहले स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना हमेशा सबसे अच्छा होता है।

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

प्रिय शिक्षक पर निबंध (Essay On Favourite Teacher In Hindi)

शिक्षक हमारे जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वह केवल किताबों से ज्ञान नहीं…

16 hours ago

मेरा देश पर निबंध (Essay On My Country For Classes 1, 2 And 3 In Hindi)

मेरा देश भारत बहुत सुंदर और प्यारा है। मेरे देश का इतिहास बहुत पुराना है…

16 hours ago

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Essay On The Importance Of Education In Hindi)

शिक्षा यानी ज्ञान अर्जित करने और दिमाग को सोचने व तर्क लगाकर समस्याओं को हल…

2 days ago

अच्छी आदतों पर निबंध (Essay On Good Habits in Hindi)

छोटे बच्चों के लिए निबंध लिखना एक बहुत उपयोगी काम है। इससे बच्चों में सोचने…

4 days ago

कक्षा 1 के बच्चों के लिए मेरा प्रिय मित्र पर निबंध (My Best Friend Essay For Class 1 in Hindi)

बच्चों के लिए निबंध लिखना बहुत उपयोगी होता है क्योंकि इससे वे अपने विचारों को…

4 days ago

मेरा प्रिय खेल पर निबंध (Essay On My Favourite Game In Hindi)

खेल हमारे जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। ये न सिर्फ मनोरंजन का साधन…

5 days ago