गर्भावस्था

गर्भावस्था में अचार का सेवन – फायदे और जोखिम

गर्भावस्था के दौरान कुछ विशेष खाद्य पदार्थों की क्रेविंग होना आम बात है। कभी-कभी, गर्भवती महिलाओं को चॉकलेट या मिठाइयों की क्रेविंग होती है और कभी-कभी ये क्रेविंग कई अलग-अलग चीजों को एकसाथ खाने के लिए होती है। गर्भावस्था की क्रेविंग हर महिला में अलग होती है। प्रेगनेंसी हार्मोन्स में बदलाव के कारण महिला को अचार खाने की क्रेविंग भी हो सकती है जो दरअसल गर्भावस्था की एक बहुत प्रचलित क्रेविंग है। जबकि कुछ औरतें अचार की क्रेविंग से उनकी मसालेदार भोजन की इच्छा पूरी करती हैं, वहीं कुछ औरतों को ये मॉर्निंग सिकनेस जैसे गर्भावस्था के लक्षणों को कम करने का एक उपाय लगता है।

यहाँ याद रखने योग्य बात यह है कि क्रेविंग को बहुत ज्यादा न होने दें। रोज चटपटा अचार न खाने की सलाह दी जाती है। क्रेविंग से निपटने के लिए संतुलित मात्रा में खाने से बाद में कोई समस्या होने से बचा जा सकता है।

गर्भवती महिलाएं अचार क्यों खाती हैं?

गर्भावस्था के दौरान अचार की क्रेविंग बेहद टिपिकल लक्षण है। कुछ लोग गर्भावस्था के दौरान एक महिला की क्रेविंग्स के आधार पर बच्चे के लिंग की भविष्यवाणी करने लग जाते हैं, लेकिन इसे साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। गर्भवती महिलाओं को निम्नलिखित कारणों से अचार की क्रेविंग हो सकती है:

  1. हार्मोनल प्रभाव – एस्ट्रोजन या गर्भावस्था के दौरान बदलते अन्य हार्मोन गंध और स्वाद की इंद्रियों को प्रभावित करते हैं। इसलिए, एक महिला को अपनी गर्भावस्था के दौरान खाने की चीजों का स्वाद पहले से अलग लगता है। अचार जैसे कुछ खाद्य पदार्थ स्वाद या गंध की उसकी तीव्र इच्छा को तृप्त कर सकते हैं, यही वजह है कि गर्भवती महिलाओं अचार खाने की इच्छा हो सकती है।
  2. भावनात्मक प्रभाव – कई बार, गर्भावस्था के दौरान भावनात्मक तनाव भी एक महिला को अचार जैसे कम्फर्ट फूड की क्रेविंग करा सकता है।

अचार के न्यूट्रिशनल फैक्ट्स

अचार में न्यूट्रिशनल वैल्यू अनिवार्य रूप से ज्यादा नहीं होती है। अचार में बहुत कम कोलेस्ट्रॉल होता है और इसमें प्रोटीन और फैट भी बहुत कम मात्रा में होता है। अचार आयरन और सोडियम के अच्छे स्रोत हो सकते हैं।  यह कैल्शियम, डाइटरी फाइबर और विटामिन सी भी प्रदान कर सकते हैं। हर अचार में सोडियम, फैट और कैलोरी की एक अलग मात्रा हो सकती है। इसलिए, प्रोडक्ट के लेबल पर न्यूट्रिशन संबंधी तथ्यों के विवरण की जांच करना महत्वपूर्ण है। हालांकि अचार में बहुत अधिक मिनरल्स और विटामिन नहीं होते हैं, लेकिन भोजन के साथ अचार खाने से उस भोजन की प्रोबायोटिक सामग्री बढ़ सकती है।

क्या गर्भावस्था में अचार का सेवन सुरक्षित है?

गर्भावस्था के दौरान अचार का सीमित मात्रा में सेवन करना हानिकारक नहीं हो सकता है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान अचार को अपने दैनिक आहार का हिस्सा बनाना उचित नहीं है। गर्भावस्था के दौरान अचार के अति सेवन से स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, जब भी आपके हाथ अचार के जार तक जाने के लिए ललचाएं तो सीमित मात्रा के बारे में याद रखना चाहिए!

इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान, अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ अपने बच्चे के स्वास्थ्य के लिए अपने आहार पर विशेष ध्यान देना जरूरी होता है। अचार की न्यूट्रिशनल वैल्यू ज्यादा नहीं है। इसलिए, इसे कम मात्रा में खाएं। इसके अलावा, बहुत मसालेदार अचार खाने से बचें। किसी भी संदेह के मामले में, अपने डॉक्टर से परामर्श करना सबसे बेहतर है।

गर्भावस्था के दौरान अचार खाने के फायदे

गर्भवती महिलाओं के लिए अचार की क्रेविंग कोई नई बात नहीं है। गर्भावस्था के दौरान सीमित मात्रा में अचार खाना निम्नलिखित तरीकों से लाभकारी साबित हो सकता है:

1. शरीर में इलेक्ट्रोलाइट लेवल को संतुलित रखने में मदद कर सकता है

सोडियम और पोटैशियम जैसे मिनरल्स हमारे शरीर में महत्वपूर्ण इलेक्ट्रोलाइट होते हैं। गर्भावस्था के दौरान, आपके शरीर को गर्भ में बढ़ रहे बच्चे की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अधिक मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट्स की आवश्यकता हो सकती है। थोड़ी मात्रा में अचार का सेवन इस आवश्यकता को पूरा कर सकता है क्योंकि अचार में काफी मात्रा में सोडियम और पोटैशियम होता है।

2. डाइजेशन को बढ़ा सकता है

अचार को कुछ हद तक पाचन और यहाँ तक ​​कि इम्यून फंक्शन में सुधार करने के लिए माना जाता है। अचार में हेल्दी बैक्टीरिया होते हैं जो इसे खराब होने से बचाते हैं। इसलिए अचार खाने से आपके डाइजेस्टिव सिस्टम में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद मिल सकती है, जो पाचन से जुड़ी बहुत सारी समस्याओं से निपटने में मदद कर सकता है।

3. फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद कर सकता है

माना जाता है कि अचार में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। अचार बनाने के लिए फल या सब्जियां आमतौर पर पकाई नहीं जाती हैं, जिससे एंटीऑक्सिडेंट संरक्षित रहते हैं। ये एंटीऑक्सिडेंट इस प्रकार फ्री रेडिकल्स के खिलाफ आपके शरीर की रक्षा करने में मदद कर सकते हैं।

4. आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकता है

आंवला जैसे कई सब्जियों और फलों के ताजे अचार से आपके शरीर को आवश्यक विटामिन जैसे विटामिन ए, सी, के, और मिनरल्स जैसे कैल्शियम, आयरन और पोटैशियम मिल सकते हैं। ये विटामिन और मिनरल्स आपकी इम्युनिटी को मजबूत कर सकते हैं और गर्भावस्था के दौरान बीमारियों के शिकार होने के जोखिम को कम कर सकते हैं।

गर्भवती होने पर अचार खाने के जोखिम

लगभग सभी तरह के अचार में नमक काफी मात्रा में होता है। अचार में नमक मिलाया जाता है क्योंकि यह एक एंटी-माइक्रोबियल एजेंट के रूप में स्वाद और फंक्शन को बढ़ाता है, और अवांछनीय फंगी, यीस्ट और बैक्टीरिया को दूर रखकर अचार को प्रिजर्व रखने में सहायता करता है। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान अचार के माध्यम से ज्यादा नमक खाने से जेस्टेशनल हाइपरटेंशन हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप हार्ट अटैक और स्ट्रोक हो सकता है।

इसके अलावा, ज्यादातर भारतीय अचार के प्रकारों में तेल अधिक होता है, जो गर्भावस्था के दौरान शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर और फैट को बढ़ा सकता है। केमिकल प्रिजर्वेटिव्स डालकर बनाया हुआ या बहुत मसालेदार अचार खाने से गर्भवती महिला को ब्लोटिंग या गैस हो सकती है।

अचार खाते समय सावधानियां

गर्भवती होने पर अचार खाने की क्रेविंग होने पर कुछ सावधानियां बरतना आवश्यक है, जानिए वे क्या हैं:

  • अत्यधिक अचार खाने से डिहाइड्रेशन हो सकता है। इसलिए ध्यान रखें कि आप पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड रहने के लिए ढेर सारा पानी और हेल्दी ड्रिंक्स पीती रहें। इसके अतिरिक्त, पीने का पानी आपके शरीर में सोडियम के स्तर को संतुलित करने में भी मदद कर सकता है।
  • यदि आप गर्भवती होने के दौरान गैस्ट्राइटिस से पीड़ित हैं, तो इस दौरान अचार से दूर रहना बेहतर है।
  • बहुत मसालेदार अचार खाने से बचना चाहिए क्योंकि यह डिसेंट्री और पाचन से जुड़ी समस्याओं जैसे हार्टबर्न और एसिडिटी को ट्रिगर कर सकता है।
  • अचार में ज्यादा सोडियम होने से जेस्टेशनल हाइपरटेंशन हो सकता है, जो गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास को नकारात्मक तरीके से प्रभावित कर सकता है।
  • जिस अचार में बहुत केमिकल प्रिजर्वेटिव्स होते हैं उसका सेवन गर्भावस्था के दौरान अनावश्यक कॉम्प्लीकेशन्स का कारण बन सकता है।
  • घर पर बने आम के अचार में लिस्टेरिया बैक्टीरिया हो सकते हैं जो गर्भावस्था के लिए खतरनाक हो सकते हैं, इसलिए गर्भावस्था के दौरान आम का अचार खाने से बचें।
  • वजन को ज्यादा बढ़ने से रोकने के लिए ऐसा अचार चुनें जिसमें चीनी का उपयोग न किया गया हो।

यदि आप गर्भावस्था के दौरान अचार खाना चाहती हैं, तो याद रखें कि सीमित मात्रा का ध्यान रखना आवश्यक है। एकाध बार क्रेविंग होना हानिकारक नहीं है, लेकिन यह ज्यादा नहीं होनी चाहिए। अचार, अगर कम मात्रा में खाया जाए, तो कुछ फायदा पहुँचा सकता है, लेकिन अगर इसका अधिक मात्रा में सेवन किया जाए, तो सेहत से जुड़े कॉम्प्लीकेशन्स हो सकते हैं। इसके अलावा, यदि आप बाजार से अचार खरीद रही हैं, तो केमिकल प्रिजर्वेटिव्स से विरहित ऑर्गेनिक अचार चुनें। साथ ही अपने आहार में किसी भी तरह के अचार को शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर बात कर लें।

यह भी पढ़ें:

प्रेगनेंसी के दौरान चाय पीना
प्रेगनेंसी में बिस्कुट खाना

श्रेयसी चाफेकर

Recent Posts

करवा चौथ के लिए सरगी की थाली में इन चीजों को शामिल करें

हिंदू संस्कृति में व्रत और उपवास का बहुत महत्व है और करवा चौथ एक ऐसा…

2 days ago

प्रेगनेंसी में करवा चौथ का व्रत कैसे रखें

भारतीय संस्कृति में उपवास की एक अहम मान्यता है। पूरे भारत में किसी न किसी…

2 days ago

2024 करवा चौथ से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां

करवा चौथ को लेकर महिलाएं हमेशा से ही उत्साहित रहती हैं। आखिर क्यों न हो?…

2 days ago

विक्रम बेताल की कहानी: अधिक साहसी कौन | Story of Vikram Betal: Who Is More Courageous In Hindi

यह कहानी बेताल की पच्चीस कहानियों से एक है, जिसमें कनकपुर के राजा यशोधन के…

1 week ago

विक्रम बेताल की कहानी: चोर हंसने से पहले क्यों रोया | Story of Vikram Betal: Why Did The Thief Cry Before Laughing In Hindi

बेताल पच्चीसी की कहानियों में ये पंद्रहवीं कहानी है। यह कहानी एक राजा वीरकेतु, धनवान…

1 week ago

विक्रम बेताल की कहानी: दगड़ू के सपने | Story of Vikram Betal: Dagdu’s Dreams In Hindi

विक्रम बेताल की दगड़ू के सपने की इस कहानी में दगड़ू नाम के व्यक्ति के…

1 week ago