In this Article
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की आँखों में इन्फेक्शन होना सामान्य है। गर्भावस्था में बच्चे के जन्म व नर्सिंग की तैयारी के लिए महिलाओं के शरीर में बहुत सारे बदलाव होते हैं। इस समय हॉर्मोन्स के बदलाव और बढ़ते ब्लड सर्कुलेशन की वजह से महिलाओं को इन्फेक्शन बहुत जल्दी होता है और इससे उनकी आँखें सूख सकती हैं या उनमें पानी भी आ सकता है। वैसे तो गर्भावस्था के दौरान यदि आपको आँखों में इन्फेक्शन हो भी जाता है तो डिलीवरी के बाद यह ठीक हो जाएगा पर इससे गर्भवती महिलाओं को बहुत सारी असुविधाएं हो सकती हैं। इस आर्टिकल में हमने चर्चा की है कि गर्भावस्था के दौरान आँखों में किस प्रकार के इन्फेक्शन हो सकते हैं और आप उन्हें कैसे ठीक कर सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान शारीरिक व हॉर्मोन्स में बदलावों के कारण अक्सर महिलाओं को आँखों में इन्फेक्शन हो जाता है। यहाँ पर ऐसे ही कुछ इन्फेक्शन के बारे में दिया हुआ है, आइए जानें;
गर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं की आँखों में कम पानी आता है जिसकी वजह से उनकी आँखें सूख जाती हैं और लाल पड़ जाती हैं। इससे कभी-कभी उन्हें अपनी आँखों में जलन भी महसूस हो सकती है या इन्हें लाइट सेंस्टिविटी भी हो सकती है। इस समस्या को ठीक करने के लिए डॉक्टर आपको माइल्ड आई ड्रॉप का उपयोग करने की सलाह भी दे सकते हैं। यदि आई ड्रॉप का उपयोग करने के बाद भी आपकी आँखों में समस्या रहती है तो इसे ठीक करने के लिए आप दोबारा डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं।
यह समस्या अक्सर महिलाओं को गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में होती है जब उनकी दृष्टी कमजोर होने लगती है। गर्भावस्था के दौरान हॉर्मोन्स में उतार-चढ़ाव के कारण शरीर में पानी ठहर जाता है जिसकी वजह से अक्सर महिलाओं को यह समस्या होती है। इस दौरा यदि आप लेन्सेस का उपयोग करती हैं तो इसकी जगह आपको चश्मा लगाना चाहिए। जब आपकी आँखें पूरी तरह से ठीक हो जाएं तो आप दोबारा से लेंस का उपयोग कर सकती हैं। आप इसके अन्य उपचारों के लिए डॉक्टर से सलाह भी ले सकती हैं पर अक्सर यह समस्या बच्चे के जन्म के बाद ठीक हो जाती है।
कंजंक्टिवाइटिस में कंजंक्टिवा नामक एक मेम्ब्रेन होती है जो आई लिड के शेप की एक पतली सी मेंब्रेन बनती है और आँखों के सामने वाले कार्नर पर सूजी हुई नजर आती है। इसमें आँखें लाल दिखाई दे सकती हैं क्योंकि आँखों के ब्लड वेसल्स बढ़ते हैं जिससे आँखों में अतिरिक्त खून बढ़ जाता है। अक्सर कंजंक्टिवाइटिस या पिंक आई होने के कुछ लक्षण हैं, जैसे आँखों में दर्द होना, खुजली, जलन या इन्फेक्टेड आई में सूजन और पानी का डिस्चार्ज होना। गर्भावस्था के दौरान कंजंक्टिवाइटिस एलर्जी, इन्फेक्शन (बैक्टीरियल या वायरल), आँखों में स्ट्रेस, तैयार डक्ट्स या आँखें बहुत ज्यादा सूख जाने की वजह से हो सकता है। कंजंक्टिवाइटिस होना एक गंभीर समस्या भी हो सकती है और इसका उपचार समय पर ही कर लेना चाहिए। डॉक्टर आपको इस समस्या का कारण जानकर यदि आवश्यक है तो कुछ एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा यदि आप अपनी आँखों में साफ और भीगा हुआ कपड़ा भी रखती हैं तो इससे आपकी आँख में जलन और खुजली कम होगी।
गर्भावस्था के दौरान वाटर रिटेंशन के कारण आँखों में सूजन होना एक आम समस्या है। ज्यादा कॉफी या नमक के सेवन से भी गर्भवती महिलाओं की आँखों में पफीनेस यानि सूजन हो सकती है।
यदि आपको आँखों में इन्फेक्शन होता है तो हम सलाह देंगे कि इसके इलाज के लिए आप तुरंत डॉक्टर से चर्चा करें। हालांकि इसे जल्दी ठीक करने के लिए और यह आपको दोबारा न हो इसलिए अलग से देखभाल करने की भी आवश्यकता है।
गर्भावस्था के दौरान आँखों में इन्फेक्शन को ठीक करने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकती हैं, आइए जानें;
आँखों में इन्फेक्शन होने से बचने के लिए स्वच्छता बनाए रखना बहुत जरूरी है। इस बात का ध्यान रखें कि आप अपने हाथों को बार-बार धोएं, आँखों को न तो छुएं और न ही रगड़ें। अपनी तौलिया भी किसी से शेयर न करें।
दिन में कई बार अपनी आँखों को ठंडे पानी से धोएं। ऐसा करने से आपकी आँखों में मौजूद बाहरी गंदगी साफ हो जाती है और आपको आँखों में जलन व सूजन में आराम मिल सकता है। आप अपनी इन्फेक्टेड आँख में कोल्ड पैक या आइस पैक भी रख सकती हैं। इससे आपकी आँखों की ब्लड वेसल्स विस्तृत होंगी और उनमें आराम मिलेगा।
यदि आपकी आँखों में इन्फेक्शन हुआ है तो आप थोड़ी-थोड़ी देर में प्रभावित आँख पर वॉर्म कंप्रेस से सिकाई करें। इससे आपको दर्द व सूजन में मिलेगा।
यदि आपको अक्सर आई इन्फेक्शन होता रहता है तो गर्भावस्था के दौरान आँखों में इन्फेक्शन से बचने के लिए आप आई मेक अप से दूर रहें।
यदि आप कहीं बाहर जा रही हैं तो अपनी आँखों को हानिकारक अल्ट्रा वायलेट किरणों और अन्य गंदगी से सुरक्षित रखने के लिए सनग्लासेस या काला चश्मा लगाएं।
यदि आपकी आँखों में इन्फेक्शन हुआ है तो जितना संभव हो कोशिश करें कि आप कांटेक्ट लेंस का उपयोग न करें। क्योंकि यदि आपकी आँखें सूख गई हैं या इन्फेक्शन है तो इससे आपकी असुविधाएं और दर्द बढ़ सकता है। इसलिए जब तक आपकी आँखें पूरी तरह से ठीक न हो जाएं तब तक आप चश्मा लगा सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान अक्सर आँखों में इन्फेक्शन बहुत कम समय के लिए होता है और यह डिलीवरी के बाद जल्दी ठीक भी हो जाता है। गर्भावस्था के दौरान खुद से दवाई लेने या मेडिकल स्टोर से आई ड्रॉप लेने से बचना चाहिए। गर्भावस्था में आप विशेषकर एंटीबायोटिक्स न लें क्योंकि इससे आपको काफी परेशानी हो सकती हैं। यदि आपको गर्भावस्था के दौरान आँखों में इन्फेक्शन हुआ है तो इसे ठीक करने के लिए हमेशा डॉक्टर से सलाह लेने के लिए कहा जाता है।
यह भी पढ़ें:
प्रेगनेंसी के दौरान गले में खराश होना
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…