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गर्भावस्था के दौरान गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए आपको अपने शरीर का खयाल रखना आवश्यक है यदि आपके शरीर को विटामिन और मिनरल की आवश्यक मात्रा नहीं मिलती है तो शिशु के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है। कैल्शियम भी एक ऐसा पोषक तत्व है जो आपके और आपके गर्भ में पल रहे शिशु के लिए अत्यधिक आवश्यक है। गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम का महत्व जानने और सलाह के अनुसार पोषक तत्वों का सेवन कैसे करें यह समझने के लिए इस लेख को पढ़ें।
गर्भावस्था से पहले, दौरान और बाद में हर महिला को लगभग 1000 एम.जी. कैल्शियम का सेवन करने की आवश्यकता होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र का खाद्य एवं कृषि संगठन एक गर्भवती महिला को नियमित आहार में लगभग 1200 एम.जी. कैल्शियम का सेवन करने की सलाह देते हैं।
कैल्शियम एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, पहली तिमाही में कैल्शियम लेने से भ्रूण का विकास, नसों में तीव्रता, मांसपेशियों में विकास और हृदय स्वास्थ्य में विकास होने के साथ–साथ हड्डियां व दाँत मजबूत भी होते हैं। अपर्याप्त कैल्शियम के सेवन से बच्चे को रिकेट्स हो सकता है या उसके अंग कमजोर हो सकते हैं और यहाँ तक कि भ्रूण की वृद्धि में भी कमी आ सकती है।
दूसरी तिमाही में कैल्शियम का पर्याप्त सेवन करने से प्रीक्लेम्पसिया का खतरा कम हो सकता है, क्योंकि पोषक तत्व मांसपेशियों के संकुचन में सहायक होते हैं और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। दूसरी तिमाही में कैल्शियम का सेवन करने से पैर और मांसपेशियों में ऐंठन कम हो सकती है जो इस स्तर पर एक आम समस्या है।
तीसरी तिमाही में हड्डियों में विकास व प्रसव के लिए गर्भस्थ शिशु तेजी से विकसित होता है इसलिए इस दौरान गर्भवती महिला को भरपूर कैल्शियम का सेवन करने की आवश्यकता होती है।
जैसा कि पहले भी बताया गया है कि कैल्शियम गर्भवती महिला और बच्चे के स्वास्थ्य में अनेक लाभ प्रदान करता है। यहाँ कुछ ऐसे लाभ दिए हुए हैं जो गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम को आहार का एक आवश्यक भाग बनाते हैं, आइए जानें;
कैल्शियम के गुण गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में हाइपरटेंशन व प्री–एक्लेम्पसिया जैसी जटिल समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं। पोषक–तत्वों में कमी, आपके व आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डाल सकती है, ऑस्टियोपीनिया जैसी समस्या उत्पन्न कर सकती है, कंपकंपी, मांसपेशियों में ऐंठन, टिटनेस, भ्रूण के विकास में देरी, जन्म के वक्त बच्चे का कम वजन और भ्रूण में मिनरल की कमी जैसी अनेक समस्याओं का कारण बनती है। गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम का सेवन करने से हाइपरटेंशन का खतरा कम हो जाता है।
गर्भस्थ शिशु में हड्डियों की मजबूती दाँतों के लिए कैल्शियम की आपूर्ति माँ द्वारा ही होती है। गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम युक्त भोजन करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हृदय गति को सामान्य रखता है और रक्त के थक्के बनाने की क्षमता को विकसित करने में मदद करता है।
फलों सहित कई खाद्य पदार्थों में कैल्शियम उपलब्ध होता है। यहाँ कुछ कैल्शियम–युक्त खाद्य पदार्थों के बारे में बताया गया है जिन्हें आप चुन सकती हैं, आइए जानें;
दूध और डेयरी उत्पाद कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत हैं और कैल्शियम फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों में अनाज, जूस, डिब्बाबंद मछली, सोया और ब्रेड शामिल होते हैं। लेकिन सभी उत्पाद कैल्शियम फोर्टिफाइड नहीं हैं इसलिए सुनिश्चित करें कि आप दूध या डेयरी उत्पादों का चयन करने से पहले लेबल की जांच कर लें। गर्भावस्था के लिए कैल्शियम से भरपूर कुछ खाद्य पदार्थों में शामिल हैं:
यदि आप लैक्टोज इनटॉलेरेंट हैं या आप दुग्ध उत्पादों का सेवन नहीं कर सकती हैं तो गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम–युक्त फलों का सेवन करना शुरू करें;
कैल्शियम को अवशोषित करने के लिए आपके शरीर को विटामिन ‘डी’ की आवश्यकता होती है। तो, सुनिश्चित करें कि आप अपने आहार में पर्याप्त विटामिन ‘डी’ का सेवन भी करती हैं।
गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम के सप्लीमेंट लेना एक तर्क–वितर्क का विषय भी हो सकता है। आवश्यक होने पर डॉक्टर कैल्शियम सप्लीमेंट की टेबलेट निर्धारत कर सकते हैं किंतु इस दौरान कैल्शियम को अवशोषित करने के लिए आपके शरीर की क्षमता एक समय पर 500 एम.जी. तक होनी चाहिए। गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम का अधिक सेवन करने से इसका प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है इसलिए इसे लेने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
कैल्शियम विभिन्न रूपों में मौजूद है और इसे गर्भावस्था के दौरान कैप्सूल, चबाने वाली गोलियां,, तरल पदार्थ, पाउडर या कैल्शियम की गोलियों के रूप में लिया जा सकता है। कैल्शियम के सामान्य स्रोत कार्बोनेट और साइट्रेट हैं, जो आसानी से शरीर में अवशोषित होते हैं।
गर्भावस्था के दौरान दुष्प्रभावों के कारण, कैल्शियम के सेवन को नियंत्रित करने की आवश्यकता है। बहुत अधिक कैल्शियम का सेवन करने से कब्ज हो सकता है, मूत्र में पथरी का खतरा बढ़ सकता है और मूत्र पथ में संक्रमण हो सकता है। यह आपके शरीर में अन्य आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों के अवशोषण में भी बाधा डाल सकता है। इसलिए डॉक्टर द्वारा गई कैल्शियम सप्लीमेंट की निर्धारित खुराक का ही सेवन करें।
गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम–युक्त आहार का सेवन करना, माँ और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होता है। इस पोषक तत्व का सेवन गर्भावस्था के बाद भी अपने और बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए करें।
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