गर्भावस्था

क्या गर्भावस्था के दौरान च्युइंग गम खाना चाहिए?

च्युइंग गम बहुत सामान्य चीज है और लोग इसका पैकेट खरीदने से पहले एक भी बार नहीं सोचते हैं। इसे अक्सर माउथ फ्रेशनर के रूप में या ऐसे ही खाया जाता है पर आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि च्युइंग गम खाना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। कई गर्भवती महिलाओं का मानना है कि फ्लेवर्ड च्युइंग गम खाने से मॉर्निंग सिकनेस की समस्या कम होने में मदद मिलती है और यह बहुत सामान्य है। हालांकि च्युइंग गम एक नेचुरल खाद्य पदार्थ नहीं है। इसमें बहुत सारे आर्टिफिशियल फ्लेवर्स और अन्य पदार्थ होते हैं इसलिए यह जानना जरूरी है कि गर्भावस्था के दौरान च्युइंग गम खाना बच्चे के लिए सुरक्षित है या नहीं। 

क्या गर्भावस्था के दौरान क्या आप च्युइंग गम खा सकती हैं?

सामान्य तौर पर यदि आपकी गर्भावस्था में कोई भी कॉम्प्लीकेशंस या डिलीवरी में कोई खतरा नहीं है तो आपके लिए कभी-कभी च्युइंग गम खाना सुरक्षित है। यदि आप अपने शरीर में कैलोरी या शुगर के स्तर को कम रखने के लिए कोई विशेष डायट ले रही हैं तो आपको च्युइंग गम बहुत कम खाना चाहिए। 

च्युइंग गम को किससे बनाया जाता है?

च्युइंग गम में कई केमिकल्स और सिंथेटिक इंग्रेडिएंट्स डालकर इसे आर्टिफिशियली तैयार किया जाता है। च्युइंग गम का फ्लेवर और रंग अर्टिफिशियल तरीके से बनाया जाता है और इसमें स्वाद के लिए स्वीटनिंग एजेंट या यहाँ तक कि कॉर्न सिरप भी डाला जाता है। गर्भावस्था के दौरान च्युइंग गम खाने से गर्भ में पल रहे बच्चे को हानि हो सकती है पर महिलाएं इसे कभी-कभी खा सकती हैं। गर्भावस्था में कभी-कभी च्युइंग गम खाने से माँ और बच्चे को ज्यादा हानि नहीं होती है। 

गर्भावस्था के दौरान च्युइंग गम खाने के फायदे

गर्भावस्था के दौरान च्युइंग गम खाने के कुछ फायदे निम्नलिखित हैं, आइए जानें;

  • यदि आप अपना वजन कम करने के लिए डायट पर हैं तो च्युइंग गम खाने से आपकी भोजन करने की क्रेविंग्स कम हो सकती हैं। च्युइंग गम शरीर में खाना खाने की इच्छा को खत्म करता है जिससे कुछ समय के लिए कुछ भी खाने की क्रेविंग्स कम हो सकती है।
  • गर्भावस्था के दौरान सुबह या शाम को लगातार मतली होती है। इसे कम करने के लिए बहुत सारे तरीके हैं, जैसे आप साबुन सूंघ सकती हैं या डीप ब्रीदिंग की एक्सरसाइज कर सकती हैं। च्युइंग गम में स्टीविया होता है जो सिकनेस को कम करने में मदद करता है। इसे चबाने से आपको आराम मिल सकता है और आप फिर से नॉर्मल महसूस कर सकती हैं और साथ ही इसका स्वाद व सुगंध भी आपकी मदद करती है।
  • गर्भावस्था के दौरान खाना खाने के बाद अक्सर महिलाओं हार्टबर्न की समस्या होती है। च्युइंग गम खाने से मुँह में सलाइवा उत्पन्न होता है जिससे एसिडिटी की समस्या को कम करने में मदद मिलती है।

गर्भावस्था के दौरान च्युइंग गम खाने के साइड इफेक्ट्स

गर्भावस्था के दौरान च्युइंग गम खाने से महिलाओं को कई फायदे होने के साथ-साथ निम्नलिखित हानि भी हो सकती हैं, आइए जानें;

  • च्युइंग में मौजूद आर्टिफिशियल स्वीटनर और फ्लेवर्स से आपके दाँतों में समस्याएं हो सकती हैं और गर्भावस्था के दौरान यह समस्या बहुत ज्यादा असुविधाजनक होती है।
  • च्युइंग गम्स में सोर्बिटॉल का उपयोग भी किया जाता है जिससे आंतों में इन्फ्लेशन भी हो सकता है। कभी-कभी यह बच्चे को प्रभावित करता है और उसके विकास को रोकता है।
  • कुछ प्रकार की च्युइंग गम्स में सुक्रालोस होता है जिससे डायबिटीज से संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं।
  • च्युइंग गम लगातार मुँह की कार्टिलेज मांसपेशियों को कमजोर करता है। यह मांसपेशियां जबड़े को हर समस्या से दूर रखती हैं। यदि इनमें कोई भी क्षति आती है तो आपके मुँह में लगातार दर्द हो सकता है।
  • फेनाइयललकेटोनुरिया से ग्रसित महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे पर च्युइंग गम में मौजूद एस्पार्टेम नामक केमिकल सीधा प्रभाव डालता है और इस ज्यादा हानि हो सकती है।
  • जो महिलाएं बच्चे के स्वास्थ्य के लिए स्मोकिंग कम करने के लिए निकोटिन च्युइंग गम लेती हैं, उन्हें यह जानना बहुत जरूरी है कि निकोटिन च्युइंग गम खाना हेल्दी नहीं है। निकोटिन बहुत ज्यादा एडिक्टिव होता है और यदि यह पदार्थ बच्चे के खून तक पहुँच जाता है तो इससे उसे बाद में कार्डियोलॉजिकल समस्याएं भी हो सकती हैं।

गर्भवती महिलाओं के लिए कौन सी च्युइंग गम खाना सुरक्षित है?

गर्भावस्था के दौरान निम्नलिखित प्रकार की  च्युइंग गम खाना सुरक्षित है, आइए जानें; 

1. जिन च्युइंग गम में जाइलिटॉल डाला जाता है

कई प्रसिद्ध ब्रांड में जायलिटॉल नामक शुगर का ऐल्कोहॉल मोलेक्यूल होता है। यदि इसकी यह एक मुख्य सामग्री है तो गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ मात्रा में च्युइंग गम्स खाना सुरक्षित है।

2. जिन च्युइंग गम में स्वीटनर के रूप में एस्पर्टेम डाला जाता है

एस्पर्टेम एक स्वीटनर होता है जिसका उपयोग बहुत सारी च्युइंग गम में किया जाता है। चूंकि यह एक आर्टिफिशियल पदार्थ होता है इसलिए इसमें किसी भी प्रकार का न्यूट्रिशन नहीं होता है। यह च्युइंग गम सिर्फ उन महिलाओं को खाने के लिए मना की जाती हैं जिन्हें पीकेयू की समस्या है। यह मुख्य रूप से शरीर की असक्षमता के कारण एस्परटेम में मौजूद फेनिलएलनिन को विभाजित करता और शरीर में ही इकट्ठा हो जाता है। शरीर में जमे हुए इस पदार्थ से बच्चे को हानि भी हो सकती है।

3. जिन च्युइंग गम में स्वीटनर के रूप में सुक्रालोस डाला जाता है

एस्पर्टेम की तरह ही सुक्रालोस भी एक आर्टिफिशियल स्वीटनिंग एजेंट है जिसमें कैलोरीज नहीं होती है और यह च्युइंग गम की कई ब्रांड में होता है। चूंकि या पदार्थ खून में शुगर लेवल को प्रभावित करता है और स्वास्थ्य को बनाए रखता है इसलिए इसके थोड़े बहुत सेवन से हानि नहीं होती है। 

4. जिन च्युइंग गम में निकोटिन होता है

महिलाओं को यह च्युइंग गम खाने की सलाह कभी नहीं दी जाती है क्योंकि महिलाएं यह अक्सर अपनी स्मोकिंग की इच्छा को दूर करने के लिए लेती हैं। यद्यपि यह च्युइंग गम बच्चे का वजन बढ़ाने में मदद करती है पर इसमें निकोटिन की मात्रा हमेशा कम से कम होनी चाहिए। 

गर्भवती महिलाओं के लिए कौन से च्युइंग गम खाना असुरक्षित है

गर्भावस्था के दौरान निम्नलिखित प्रकार की  च्युइंग गम खाना असुरक्षित है, आइए जानें; 

1. जिन च्युइंग गम में सैकरीन होता है

इस सामग्री के बारे में बहुत सारे तर्क वितर्क हुए हैं चूंकि कई फूड ऑर्गेनाइजेशन इसे सुरक्षित मानती हैं पर इसे वास्तविक परिणाम कुछ अलग ही होते हैं। वैसे यह पदार्थ कई प्रकार के खाने और ड्रिंक्स में होता है। यदि आप इसे गलती से भी खा लेती हैं तो यह बहुत आसानी प्लेसेंटा के माध्यम से बच्चे के शरीर में जा सकता है और उसके विकास को हानि पहुँचा सकता है। 

2. जिन च्युइंग गम में सोर्बिटॉल होता है

सोर्बिटॉल में भी स्वीटनिंग गुण होते हैं पर इसमें प्राकृतिक रूप से लैक्सेटिव भी होता है। इस प्रकार की च्युइंग गम खाने से डायरिया और आंतों में समस्याएं भी हो सकती हैं। कभी-कभी यह न्यूट्रिएंट को एब्सॉर्ब करने के लिए भी जाना जाता है और या पदार्थ न्यूट्रिएंट को बच्चे तक जाने से भी रोकता है। 

आपको च्युइंग गम कब बिलकुल नहीं खाना चाहिए

यदि आपको निम्नलिखित संकेत दिखाई देते हैं तो आप च्युइंग गम से दूर रहें। वे कौन से संकेत हैं, आइए जानें;

  • यदि गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज है और आपका शुगर लेवल बढ़ गया है तो आपको च्युइंग गम नहीं खाना चाहिए।
  • यदि डॉक्टर के अनुसार आपका शरीर इंसुलिन का प्रतिरोधी है तो आपको च्युइंग गम बिलकुल भी नहीं खाना चाहिए।
  • सामान्य डायबिटीज जैसे डाइबिटीज मेलिटस जिसमें पूरी गर्भावस्था के दौरान शुगर सुरक्षित स्तर में होना चाहिए। च्युइंग गम खाने से शुगर के स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है और इससे आपको कॉम्प्लीकेशंस हो सकती हैं।

च्युइंग गम खाते समय ध्यान देने योग्य कुछ सावधानियां

गर्भावस्था के दौरान च्युइंग गम खाने से पहले या बाद में निम्नलिखित सावधानियों को ध्यान में जरूर रखें, आइए जानते हैं;

  • च्युइंग गम खाने के बाद अपने दाँतों को अच्छी तरह से साफ करें।
  • नियत तारीख के एक महीने पहले से किसी भी प्रकार की च्युइंग गम न खाएं।
  • च्युइंग खाने से पहले इसके एलिमेंट्स के बारे में अच्छी तरह से जांच लें।
  • ध्यान रहे च्युइंग गम खाते-खाते आप इसे निगल न लें।
  • यदि संभव हो तो अनस्वीटेंड गम ही लें।
  • ऐसी च्युइंग गम न खाएं जिसमें मिंट या मेंथोल जैसे फ्लेवर्स डाले गए हों।
  • गर्भावस्था के दौरान संयमित मात्रा में च्युइंग गम लें।
  • यदि आपको लिवर या किडनी से संबंधित समस्या है तो आप निकोटिन गम्स बिलकुल भी न लें।
  • इस दौरान आप नियमित रूप से ब्रश करें और डेंटल हाइजीन बनाए रखें।
  • गर्भावस्था के दौरान कोई भी च्युइंग खाने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर बात करें।

गर्भावस्था के दौरान सामान्य तौर पर च्युइंग गम नहीं खाना चाहिए। यद्यपि कई महिलाओं का मानना है कि च्युइंग गम खाने से मॉर्निंग सिकनेस की समस्या कम होती है पर यह अन्य तरीकों और नेचुरल सुगंध से भी हो सकता है जो आपके लिए ज्यादा सुरक्षित हैं और इनसे आपकी गर्भावस्था में कोई भी कॉम्प्लीकेशंस नहीं होंगी। 

यह भी पढ़ें:

प्रेगनेंसी में कॉर्न फ्लेक्स खाना

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

मिट्टी के खिलौने की कहानी | Clay Toys Story In Hindi

इस कहानी में एक कुम्हार के बारे में बताया गया है, जो गांव में मिट्टी…

21 hours ago

अकबर-बीरबल की कहानी: हरा घोड़ा | Akbar And Birbal Story: The Green Horse Story In Hindi

हमेशा की तरह बादशाह अकबर और बीरबल की यह कहानी भी मनोरंजन से भरी हुई…

21 hours ago

ब्यूटी और बीस्ट की कहानी l The Story Of Beauty And The Beast In Hindi

ब्यूटी और बीस्ट एक फ्रेंच परी कथा है जो 18वीं शताब्दी में गैब्रिएल-सुजैन बारबोट डी…

21 hours ago

गौरैया और घमंडी हाथी की कहानी | The Story Of Sparrow And Proud Elephant In Hindi

यह कहानी एक गौरैया चिड़िया और उसके पति की है, जो शांति से अपना जीवन…

1 week ago

गर्मी के मौसम पर निबंध (Essay On Summer Season In Hindi)

गर्मी का मौसम साल का सबसे गर्म मौसम होता है। बच्चों को ये मौसम बेहद…

1 week ago

दो लालची बिल्ली और बंदर की कहानी | The Two Cats And A Monkey Story In Hindi

दो लालची बिल्ली और एक बंदर की कहानी इस बारे में है कि दो लोगों…

2 weeks ago