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च्युइंग गम बहुत सामान्य चीज है और लोग इसका पैकेट खरीदने से पहले एक भी बार नहीं सोचते हैं। इसे अक्सर माउथ फ्रेशनर के रूप में या ऐसे ही खाया जाता है पर आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि च्युइंग गम खाना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। कई गर्भवती महिलाओं का मानना है कि फ्लेवर्ड च्युइंग गम खाने से मॉर्निंग सिकनेस की समस्या कम होने में मदद मिलती है और यह बहुत सामान्य है। हालांकि च्युइंग गम एक नेचुरल खाद्य पदार्थ नहीं है। इसमें बहुत सारे आर्टिफिशियल फ्लेवर्स और अन्य पदार्थ होते हैं इसलिए यह जानना जरूरी है कि गर्भावस्था के दौरान च्युइंग गम खाना बच्चे के लिए सुरक्षित है या नहीं।
सामान्य तौर पर यदि आपकी गर्भावस्था में कोई भी कॉम्प्लीकेशंस या डिलीवरी में कोई खतरा नहीं है तो आपके लिए कभी-कभी च्युइंग गम खाना सुरक्षित है। यदि आप अपने शरीर में कैलोरी या शुगर के स्तर को कम रखने के लिए कोई विशेष डायट ले रही हैं तो आपको च्युइंग गम बहुत कम खाना चाहिए।
च्युइंग गम में कई केमिकल्स और सिंथेटिक इंग्रेडिएंट्स डालकर इसे आर्टिफिशियली तैयार किया जाता है। च्युइंग गम का फ्लेवर और रंग अर्टिफिशियल तरीके से बनाया जाता है और इसमें स्वाद के लिए स्वीटनिंग एजेंट या यहाँ तक कि कॉर्न सिरप भी डाला जाता है। गर्भावस्था के दौरान च्युइंग गम खाने से गर्भ में पल रहे बच्चे को हानि हो सकती है पर महिलाएं इसे कभी-कभी खा सकती हैं। गर्भावस्था में कभी-कभी च्युइंग गम खाने से माँ और बच्चे को ज्यादा हानि नहीं होती है।
गर्भावस्था के दौरान च्युइंग गम खाने के कुछ फायदे निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
गर्भावस्था के दौरान च्युइंग गम खाने से महिलाओं को कई फायदे होने के साथ-साथ निम्नलिखित हानि भी हो सकती हैं, आइए जानें;
गर्भावस्था के दौरान निम्नलिखित प्रकार की च्युइंग गम खाना सुरक्षित है, आइए जानें;
कई प्रसिद्ध ब्रांड में जायलिटॉल नामक शुगर का ऐल्कोहॉल मोलेक्यूल होता है। यदि इसकी यह एक मुख्य सामग्री है तो गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ मात्रा में च्युइंग गम्स खाना सुरक्षित है।
एस्पर्टेम एक स्वीटनर होता है जिसका उपयोग बहुत सारी च्युइंग गम में किया जाता है। चूंकि यह एक आर्टिफिशियल पदार्थ होता है इसलिए इसमें किसी भी प्रकार का न्यूट्रिशन नहीं होता है। यह च्युइंग गम सिर्फ उन महिलाओं को खाने के लिए मना की जाती हैं जिन्हें पीकेयू की समस्या है। यह मुख्य रूप से शरीर की असक्षमता के कारण एस्परटेम में मौजूद फेनिलएलनिन को विभाजित करता और शरीर में ही इकट्ठा हो जाता है। शरीर में जमे हुए इस पदार्थ से बच्चे को हानि भी हो सकती है।
एस्पर्टेम की तरह ही सुक्रालोस भी एक आर्टिफिशियल स्वीटनिंग एजेंट है जिसमें कैलोरीज नहीं होती है और यह च्युइंग गम की कई ब्रांड में होता है। चूंकि या पदार्थ खून में शुगर लेवल को प्रभावित करता है और स्वास्थ्य को बनाए रखता है इसलिए इसके थोड़े बहुत सेवन से हानि नहीं होती है।
महिलाओं को यह च्युइंग गम खाने की सलाह कभी नहीं दी जाती है क्योंकि महिलाएं यह अक्सर अपनी स्मोकिंग की इच्छा को दूर करने के लिए लेती हैं। यद्यपि यह च्युइंग गम बच्चे का वजन बढ़ाने में मदद करती है पर इसमें निकोटिन की मात्रा हमेशा कम से कम होनी चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान निम्नलिखित प्रकार की च्युइंग गम खाना असुरक्षित है, आइए जानें;
इस सामग्री के बारे में बहुत सारे तर्क वितर्क हुए हैं चूंकि कई फूड ऑर्गेनाइजेशन इसे सुरक्षित मानती हैं पर इसे वास्तविक परिणाम कुछ अलग ही होते हैं। वैसे यह पदार्थ कई प्रकार के खाने और ड्रिंक्स में होता है। यदि आप इसे गलती से भी खा लेती हैं तो यह बहुत आसानी प्लेसेंटा के माध्यम से बच्चे के शरीर में जा सकता है और उसके विकास को हानि पहुँचा सकता है।
सोर्बिटॉल में भी स्वीटनिंग गुण होते हैं पर इसमें प्राकृतिक रूप से लैक्सेटिव भी होता है। इस प्रकार की च्युइंग गम खाने से डायरिया और आंतों में समस्याएं भी हो सकती हैं। कभी-कभी यह न्यूट्रिएंट को एब्सॉर्ब करने के लिए भी जाना जाता है और या पदार्थ न्यूट्रिएंट को बच्चे तक जाने से भी रोकता है।
यदि आपको निम्नलिखित संकेत दिखाई देते हैं तो आप च्युइंग गम से दूर रहें। वे कौन से संकेत हैं, आइए जानें;
गर्भावस्था के दौरान च्युइंग गम खाने से पहले या बाद में निम्नलिखित सावधानियों को ध्यान में जरूर रखें, आइए जानते हैं;
गर्भावस्था के दौरान सामान्य तौर पर च्युइंग गम नहीं खाना चाहिए। यद्यपि कई महिलाओं का मानना है कि च्युइंग गम खाने से मॉर्निंग सिकनेस की समस्या कम होती है पर यह अन्य तरीकों और नेचुरल सुगंध से भी हो सकता है जो आपके लिए ज्यादा सुरक्षित हैं और इनसे आपकी गर्भावस्था में कोई भी कॉम्प्लीकेशंस नहीं होंगी।
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