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यदि आपके कंधों पर सफेद परत दिखाई देती है, तो आपके सिर की त्वचा रूखी हो सकती है जो रूसी यानि डैंड्रफ होने की तरफ इशारा करती है। यदि रूसी की समस्या सार्वजनिक रूप से दिखने लग जाए तो यह शर्मिंदगी का एक कारण भी बन सकती है। यदि आप गर्भवती हैं और रूसी की समस्या भी उत्पन्न हो गई है तो और एक ही समय में दोनों बातें संभालने में कठिनाई हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान रूसी को रोकने और इसे दूर करने के उपायों का पता लगाना ही इसका समाधान है।
रूसी, सिर की त्वचा से संबंधित समस्या है जिसके परिणामस्वरूप सिर में पपड़ी जम जाती है और साथ ही खुजली भी होती है। हालांकि ज्यादातर लोग सोचते हैं कि यह स्वच्छता न रखने से होता है परंतु ऐसा जरूरी नहीं है। नई कोशिकाओं को जगह देने के लिए मृत त्वचा झड़ जाती है, यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो हमारे जीवन भर चलती है। इस प्रक्रिया के तेज होने पर मृत त्वचा, पपड़ी के रूप में आपके सिर में दिखने लगती है, जिसे रूसी कहा जाता है। डॉक्टर अक्सर गर्भवती रोगियों के इस सवाल का सामना करते हैं “क्या गर्भावस्था के कारण रूसी हो सकती है?” और इसका उत्तर सरल है। गर्भावस्था के दौरान रूसी होना काफी आम है और इसमें चिंता की कोई भी बात नहीं है क्योंकि ज्यादातर महिलाओं को यह समस्या होती है। यदि आपको पहले यह समस्या नहीं थी, तो इस दौरान यह आपके हार्मोन के प्रभावों के कारण होती है और यह इसका एक मुख्य कारक हो सकता है।
रूसी तब होती है जब त्वचा में कोशिकाओं की अत्यधिक वृद्धि होती है और यह कई कारणों से हो सकता है, जिसका संबंध आपकी गर्भावस्था की वर्तमान स्थिति से नहीं भी हो सकता है। आइए इस पर विस्तार से चर्चा करें:
गर्भावस्था के दौरान, हार्मोन में परिवर्तन काफी आम है और यह आपकी त्वचा को अनेक तरीकों से प्रभावित करता है। इन महीनों में आपकी त्वचा से अत्यधिक प्राकृतिक तेल उत्पन्न होता है जिसके परिणाम-स्वरुप नई कोशिकाओं में तेजी से वृद्धि होती है। यह स्थिति त्वचा की मृत कोशिकाओं के निर्माण को बढ़ा सकती है, जिस कारण से सिर की त्वचा एक परत से ढक जाती है।
गर्भावस्था के दौरान रूसी होने में प्रमुख योगदान हेयर केयर उत्पाद, जैसे बालों का तेल, शैंपू और कंडीशनर का है। इस अवधि में आपका शरीर रसायनों व योगजों के प्रति अति-संवेदनशील होता है और मृत कोशिकाओं का अनियंत्रित रूप से रूसी बनना आपकी त्वचा से एक सुरक्षात्मक प्रतिक्रिया का परिणाम है। यद्यपि आपकी त्वचा इन उत्पादों की आदी है और आपने गर्भावस्था के दौरान ब्रांड को नहीं बदला है, तो आपके सिर की त्वचा ने कुछ अलग तरीके से प्रतिक्रिया की है जिससे सिर में पपड़ी पड़ सकती है।
हमारे शरीर की त्वचा हमेशा ही विभिन्न सूक्ष्मजीवों का घर होती है जिनसे किसी भी प्रकार की शारीरिक प्रतिक्रिया नहीं होती है। किंतु गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की त्वचा संवेदनशील होने के कारण शरीर इन सूक्ष्म-जीवों को अपने भाग से अलग समझता है और इनसे मुक्त होने का प्रयास करता है जिसके परिणाम-स्वरुप शारीरिक प्रतिक्रिया होती है और हमारे सिर में मृत त्वचा की परत जमती है या खुजली होती है।
गर्भावस्था के दौरान रूसी को नियंत्रित करना संभव है, हालांकि सही समाधान मिलने तक आप अनेक तरीकों का उपयोग कर सकती हैं। डॉक्टर द्वारा दी हुई विभिन्न दवाओं के अलावा, शैंपू भी हल्की रूसी के लिए उपयोगी हो सकता है। आप पर दवाओं का दुष्प्रभाव न हो इसलिए खयाल रहे कि किसी भी प्रकार की दवा या रासायनिक क्रीम का खुद से उपयोग न करें और डॉक्टर से सलाह जरूर लें। बाजार में अनेक प्रकार के जेल, रासायनिक क्रीम व स्प्रे उपलब्ध हैं जो समस्या से राहत प्रदान कर सकते हैं। किन्तु इन उत्पादों का उपयोग करने से पहले चिकित्सीय सलाह लें और उपचार की अवधि व मात्रा पर ध्यान दें।
यदि आपके नियमित शैंपू से रूसी खत्म नहीं होती है तो मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध एंटी-डैंड्रफ शैंपू एक बेहतरीन विकल्प है। ध्यान रहे सभी शैंपू अलग-अलग होते हैं और अपने लिए फायदेमंद व प्रभावी शैंपू चुनने से पहले जांच के लिए शैंपू की थोड़ी मात्रा उपयोग करके देख लें। शैंपू के उपयोग से यदि किसी भी तरह की जलन, जैसे खुजली, आँखों में जलन या लाल होने की स्थिति होती है तो इसका उपयोग न करें और इस बारे में डॉक्टर से सलाह लें।
1. केटोकोनाज़ोल शैंपू
केटोकोनाज़ोल एक एंटिफंगल एजेंट होता है और यह तब काम करता है जब अन्य शैंपू अप्रभावी साबित हो जाते हैं। इसे आप कभी भी खरीद सकती हैं या अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
2. पाइरिथियोन जिंक शैंपू
शैंपू में मौजूद जिंक पाइरिथियोन में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं। यह शैंपू आपके सिर पर जमे हुए फंगस को कम करता है जो रूसी और सेबोरिक डर्मेटाइटिस (सीबम-युक्त त्वचाशोथ) का कारण बनता है।
3. सेलेनियम सल्फाइड शैंपू
यह शैंपू त्वचा की कोशिकाओं के नष्ट होने की गति को धीमा करने में मदद करता है और रासायनिक रूप से रंग किए हुए बालों को फीका कर सकता है। इस शैंपू का उपयोग सिर्फ दिए हुए निर्देश के अनुसार ही करें और उपयोग के बाद बालों को अच्छी तरह से धोएं।
4. तारकोल आधारित शैंपू
यह आपके सिर की त्वचा-कोशिकाओं के नष्ट होने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है और परत जमने से रोकता है। तारकोल, कोयले के निर्माण में मिलने वाला एक उप-उत्पाद है जो रूसी, सेबोरिक डर्मेटाइटिस और सोराइसिस जैसी समस्याओं में सहायक है।
जहाँ तक गर्भावस्था के दौरान रूसी और पपड़ी जमने का संबंध है समय के साथ जांचे हुए निम्नलिखित उपाय फायदेमंद साबित हुए हैं। आपके लिए ये तरीके कितने फायदेमंद हो सकते हैं इसका पता लगाने के लिए नीचे पढ़ें।
रूसी से पीड़ित लोगों के सिर की त्वचा के उपचार के लिए इसका उपयोग किया जाता है, सेब का सिरका या एप्पल साइडर विनेगर सिर की त्वचा को साफ करने के उत्पाद के रूप में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसमें बेहतरीन एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो रूसी पैदा करने वाले फंगस को दूर करके सिर को साफ रखते हैं।सर्वोत्तम परिणाम के लिए इसे पानी की दुगनी मात्रा में मिलाकर रातभर के लिए अपने सिर पर लगाएं और सुबह साफ करें।
गर्भावस्था के दौरान रूसी की समस्या को एलोवेरा के उपयोग से दूर किया जा सकता है। इसके प्राकृतिक एंटी-फंगल गुण, सिर पर जमे किण्व (यीस्ट) और कवक (फंगस) को हटाने में मदद करते हैं जो रूसी का मुख्य कारण हैं। यह सिर की त्वचा के लिए सौम्य होता है और इसे मॉइस्चराइज करता है जिससे मृत कोशिकाएं कम हो जाती हैं। एलोवेरा में अनेक एंजाइम होते हैं जो सिर को साफ रखने में मदद करते हैं और सिर की मृत त्वचा की ऊपरी परत को हटाने के लिए पर्याप्त उपयोगी साबित हुए हैं। यह सिर की मृत कोशिकाओं को कम करने का एक प्राकृतिक उपचार है जिसका उपयोग ऐसे ही अकेले या किसी अन्य प्राकृतिक उपचार के साथ भी किया जा सकता है। सर्वोत्तम परिणाम के लिए ताजे एलोवेरा को सीधे अपने सिर पर लगाएं और मालिश करें।
लहसुन सिर के रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है और हमारे बालों में जमी धूल, गंदगी और अन्य अशुद्धियों को हटाता है। प्रभावी उपचार के लिए अपने सिर में इसे कच्चा ही लगाकर मालिश करें। आर्गन के तेल में बारीक-कटा हुआ लहसुन डालकर एक डिब्बे में स्टोर करके रख लें और कभी भी उपयोग करें। यह तेल लहसुन के गुणों को आपके बालों की जड़ों तक प्रभावी रूप से पहुँचाने में मदद करता है।
इस तेल का उपयोग व्यापक रूप से किया जाता है और यह गर्भवती महिलाओं में रूसी की समस्या को खत्म करने का सबसे सुरक्षित तरीका है। यह तेल रूसी की समस्या को खत्म करने के लिए जाना जाता है और चूंकि इसमें कोई हानिकारक रसायन नहीं होते हैं, इसका उपयोग बिना किसी चिंता के सुरक्षित रूप से किया जा सकता है। इसका उपयोग करने के लिए सबसे पहले इस तेल को गुनगुना करें फिर इसमें रुई डुबोकर अपने सिर की त्वचा पर लगाएं और एक घंटे तक ऐसे ही लगा रहने दें और अंत में धो लें।
तेल में मिले हुए शैंपू (ऑइल इंफ्यूज़्ड शैंपू) में 2-3 बड़े चम्मच नमक मिलाएं और धीरे-धीरे अपने सिर को एक्सफोलिएट करें। एक्सफोलिएट करने के बाद अपने सिर पर मॉइस्चराइजर का उपयोग करें। यह उपचार सिर की रूखी त्वचा का इलाज करने में मदद करता है जो रूसी का कारण बनता है।
चूंकि रोकथाम इलाज से बेहतर है, आप रूसी को रोकने के लिए पहले से ही उचित उपायों का उपयोग कर सकती हैं ताकि बाद में इसके इलाज के झंझटों से बचा जा सके। आप अपनी गर्भवस्था को डैंड्रफ-मुक्त रखने के लिए इसे पहले ही कैसे रोक सकती हैं, इसके उपयोगी सुझाव निम्नलिखित हैं;
दैनिक आधार पर बालों की देखभाल, हमारे शरीर की पूर्ण देखभाल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह गर्भावस्था के दौरान बहुत आवश्यक है। सिर और बालों को साफ रखना, सही आहार लेना और तनाव के स्तर को कम से कम रखना रूसी के इलाज में मददगार साबित हो सकता है।
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