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यदि आप गर्भवती हैं और हेल्दी डाइट भी ले रही हैं, लेकिन इसके साथ-साथ आपको बहुत सारा पानी पीना भी बहुत जरूरी है। डॉक्टर ने आपको इस समय हाइड्रेटेड रहने की सलाह जरूर दी होगी और यह आपके लिए अच्छा ही है। डिहाइड्रेशन के लक्षणों को समझ पाना थोड़ा सा कठिन हो सकता है पर इससे गर्भवती महिलाओं को कई सारी समस्याएं होती हैं। डिहाइड्रेशन से किसी को भी समस्या हो सकती है पर यह एक गर्भवती महिला को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर महिलाओं को डिहाइड्रेशन माइल्ड ही होता है पर यदि यह समस्या गंभीर रूप से हो जाती है तो इससे माँ और बच्चे दोनों को तकलीफ हो सकती है।
शरीर में पानी की बहुत ज्यादा कमी होने से डिहाइड्रेशन हो सकता है। यदि आप जितना पानी पीती हैं वह आपके शरीर की आवश्यकता को पूरा नहीं कर पा रहा है तो आप डिहाइड्रेटेड हो सकती हैं। डिहाइड्रेशन होने की वजह से अन्य समस्याएं भी होती हैं, जैसे हीट क्रैंप्स (पानी की कमी से मांसपेशियों में क्रैम्प आना), हीट एक्जॉशन (शरीर में ओवरहीटिंग की वजह से पल्स तेज हो जाना और पसीना आना) और स्ट्रोक। इससे आपके शरीर के सामान्य फंक्शन में भी कठिनाई हो सकती है। शरीर में खून और फ्लूइड की अधिक मात्रा के लिए गर्भावस्था के दौरान आपका पानी पीना बहुत जरूरी है ताकि आप हाइड्रेटेड रह सकें।
गर्भावस्था के दौरान डिहाइड्रेशन होने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं। यदि गर्भावस्था में आपको निम्नलिखित कारणों से डिहाइड्रेशन होता है तो आप इसके लिए आवश्यक उपचार कर सकती हैं। वे कारण कौन से हैं, आइए जानें;
डिहाइड्रेशन होने का एक सामान्य संकेत प्यास लगना है। यदि गर्भवती महिला को ओवरहीटिंग होती है तो यह भी डिहाइड्रेशन का एक महत्वपूर्ण संकेत है। यदि आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीती हैं तो शरीर को हीट रेगुलेट करने में कठिनाई होती है और इसके परिणामस्वरूप आपको ओवरहीटिंग की समस्या हो सकती है। डिहाइड्रेशन के और भी बहुत सारे कारण है जिनके बारे में आपको जानना चाहिए। आपको डिहाइड्रेशन की समस्या माइल्ड से मॉडरेट और मॉडरेट से गंभीर तक भी हो सकती है, आइए जानते हैं कि इसके कारण क्या हैं;
यदि गर्भावस्था के दौरान आपको ऊपर दिए हुए कोई भी लक्षण या संकेत मिलते हैं तो आप अपने बच्चे को इसके प्रभाव से बचाने के लिए तुरंत डॉक्टर से मिलें
गर्भावस्था के दौरान डिहाइड्रेशन से होने वाले खतरे निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
डिहाइड्रेशन की समस्या एक गर्भवती महिला में अलग-अलग तरह से प्रभाव डाल सकती है और यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसकी गर्भावस्था को कितना समय हुआ है। गर्भावस्था की 3 तिमाही में डिहाइड्रेशन से संबंधित जोखिम यहाँ बताए गए हैं, आइए जानें;
गर्भावस्था के दौरान यदि आपको माइल्ड या मॉडरेट डिहाइड्रेशन होता है तो इसे ठीक करने का सबसे सही तरीका यही है कि आप ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। यदि आपको मतली और उल्टी की वजह से डिहाइड्रेशन होता है तो आप मतली की दवा लेने के लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इससे आपके शरीर में पानी की कमी नहीं होगी और मतली की समस्या भी कम हो सकती है। आप डॉक्टर से इलेक्ट्रोलाइट का सप्लीमेंट पीने के लिए भी पूछ सकती हैं क्योंकि यह समस्या को कम कर सकता है। हालांकि यदि आपकी समस्या गंभीर है तो आप तुरंत हॉस्पिटल जाएं और इसके लिए आईवी फ्लुइड्स लें।
गर्भावस्था के दौरान आपको कितना पानी पीना चाहिए यह जानने के लिए आप अपनी पेशाब के रंग की जांच कर सकती हैं। पेशाब का रंग हल्का पीला या बिलकुल साफ होना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान यदि पेशाब का रंग गाढ़ा पीला या ऑरेंज है तो आपको दिन में बहुत सारा पानी पीने की आवश्यकता है। यदि आप दिन में कई हल्के कामों में व्यस्त हैं तो आपको काम के बीच हर एक घंटे में एक कप पानी पीना चाहिए। यदि आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करती हैं तो आपको पानी की कमी पुरी करने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की जरूरत है।
कई महिलाओं को यह महसूस नहीं होता है कि उन्हें प्यास लगी है। यदि आप पाने पीना भूल जाती हैं और आपको जल्दी प्यास नहीं लगती है तो आप नोट करें कि आपने कब कितना पानी पिया है। यह आप किसी ऐप में भी कर सकती हैं क्योंकि यह आपको रिमाइंडर दे सकता है कि आपको कब कितना पानी पीना है, या फिर होने परिवारजन को बोले की वह आपको पानी पीना याद दिलाते रहें। आप खाना खाने से पहले और बाद में एक गिलास पानी जरूर पिएं। इससे आप याद रख सकती हैं कि आपको कब पानी पीना है और इससे कब्ज जैसी समस्याएं भी ठीक हो सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान डिहाइड्रेशन से बचने के लिए आप निम्नलिखित टिप्स का उपयोग कर सकती हैं, आइए जानते हैं;
गर्भावस्था के दौरान डिहाइड्रेशन होने की वजह से आपको कई गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं। यदि आपकी पल्स रेट धीमी है या आपको चक्कर आते हैं तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा यदि आपकी दिल की धड़कनें बहुत तेज हो रही हैं या आपकी पॉटी में खून आता है तो भी आपको डॉक्टर से मदद लेनी चाहिए। यदि आपको 8 घंटे से ज्यादा समय तक पेशाब नहीं आती है तो भी आपको डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत है।
गर्भावस्था के दौरान डिहाइड्रेशन होने से संबंधित अक्सर महिलाएं बहुत से सवाल पूछती हैं। उनमें से कुछ के जवाब यहाँ दिए हुए हैं, आइए जानते हैं;
यदि आपको डिहाइड्रेशन है तो आपके शरीर में खून की कमी होने लगेगी और ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन्स का स्तर बढ़ सकता है। इस हॉर्मोन की वजह से गर्भाशय में संकुचन होता है। यदि आपको गर्भावस्था के अंतिम दिनों में डिहाइड्रेशन होता है तो इससे संकुचन इतना बढ़ जाता है कि आपकी प्री-मैच्योर डिलीवरी हो सकती है।
डिहाइड्रेशन होने पर आपके शरीर का तापमान बढ़ सकता है और इससे आपकी मांसपेशियों में क्रैम्प आ सकता है। आपको यह समस्या गर्भावस्था के किसी भी चरण में हो सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि आप हाइड्रेटेड रहने के लिए लगातार फल खाएं और ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।
डिहाइड्रेशन एक ऐसी समस्या है जो आपको अनजाने में भी हो सकती है। इसलिए आप लगातार पानी पीती रहें और जब भी आप पेशाब जाती हैं तो उसका रंग जरूर चेक करें। दिनभर में आपकी कितना पानी पीना चाहिए इसका ध्यान रखने के लिए आप ऐप्स का उपयोग कर सकती हैं या आप रिमाइंडर भी लगा सकती हैं। इस बात का ध्यान रखें कि आप सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए भी पानी पी रही हैं। इसलिए हाइड्रेटेड रहें और यदि इस समय आपको कोई गंभीर कॉम्प्लिकेशन होती है तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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