गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को धुंधला दिखना

गर्भावस्था एक महिला के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। इस समय महिला के शरीर के हर भाग में बहुत सारे बदलाव होते हैं जिसकी वजह से निश्चित ही आप में शारीरिक और भावनात्मक बदलाव भी हो सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान बहुत सारे बदलाव होने के साथ-साथ महिलाओं को कुछ समस्याएं या असुविधाएं भी हो सकती हैं। 

गर्भावस्था में धुंधला दिखाई देना एक आम समस्या है जिसकी वजह से कुछ महिलाएं प्रभावित हो सकती हैं। इससे भी शरीर में बहुत सारे बदलाव हो सकते हैं और यह समस्या गर्भावस्था के 20वें सप्ताह में महिलाओं को प्रभावित कर सकती है। इस आर्टिकल में यह बताया गया है कि गर्भावस्था के दौरान अक्सर महिलाओं को धुंधला क्यों दिखाई देता है और वे इसे कैसे ठीक कर सकती हैं, आइए जानें। 

गर्भावस्था के दौरान धुंधला दिखना क्या है?

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को धुंधला तब दिखाई देने लगता है जब उनके देखने की क्षमता कम हो जाती है। इसमें महिलाओं को कोई भी पिक्चर साफ नहीं दिखाई देती है या धुंधली दृष्टि होने की वजह से कठिनाई होती है। इसका प्रभाव हर महिला में अलग-अलग होता है। गर्भावस्था के दौरान यह समस्या एक गर्भवती महिला को कभी भी प्रभावित कर सकती है और यहाँ तक कि आपको गर्भावस्था के बारे में पता लगने से पहले भी आप प्रभावित हो सकती हैं। कई मामलों में डिलीवरी का समय आने तक यह समस्या ज्यादा गंभीर भी हो जाती है जिसकी वजह से आपकी आँखों में खुजली, इन्फेक्शन या अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। किसी भी मामले में धुंधला दिखाई देने का मतलब है कि गर्भवती महिला के देखने की क्षमता कम हो गई है।

गर्भावस्था में धुंधला दिखना कब शुरू होता है?

एक गर्भवती महिला में यह समस्या कब होने लगती है इसका कोई भी विशेष समय नहीं है। यह समस्या फर्टिलाइजेशन के कुछ सप्ताह बाद शुरू हो सकती है और यहाँ तक कि यह तकलीफ आपको अपनी गर्भावस्था के बारे में पता लगने से पहले भी शुरू हो सकती है। कई मामलों देखा गया है कि गर्भावस्था का आधा समय होने के बाद महिलाओं को धुंधला दिखना शुरू हो जाता है। समय के साथ यह समस्या भी गंभीर होने लगती है जिसमें आपको इन्फेक्शन हो सकता है और साथ ही आँखों के आसपास खुजली भी महसूस होती है। ज्यादातर महिलाओं का कहना है कि धुंधला दिखाई देने की समस्या बच्चे की डिलीवरी तक रहती है और बाद में यह ठीक हो जाती है और इसमें जल्द ही सुधार आने लगता है। 

गर्भावस्था में धुंधला दिखने के कारण

गर्भवती महिलाओं को अक्सर धुंधला क्यों दिखाई देने लगता है, इसके कई कारण हैं जिनमें से कुछ यहाँ भी बताए गए हैं, आइए जानें;

1. आँखों की नमी खत्म होने लगती है

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के खून में बहुत सारे हॉर्मोन्स बहते हैं। इससे आँखों के साथ-साथ शरीर के सभी अंगों पर प्रभाव पड़ता है। हॉर्मोन्स की वजह से आँखों में पानी का उत्पादन कम हो जाता है और इससे आँखें सूखने लगती हैं। यह समस्या गर्भावस्था के दौरान इरिटेशन और असुविधाओं का कारण बनती है। 

2. आँखों पर दबाव पड़ता है

आपने नोटिस किया होगा कि गर्भावस्था के दौरान एड़ियों और पैरों में पानी या फ्लूइड ठहरने लगता है। उसी तरह से आँखों में भी फ्लूइड बनना शुरू हो जाता है जिस वजह से इस समय आँखों पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है। इससे आँखों के कर्व में प्रभाव पड़ता है और आपकी दृष्टि धुंधली हो जाती है। इस समय कॉर्निया की थिकनेस भी बदल जाती है और इसके परिणामस्वरूप आँखें अधिक सेंसिटिव हो जाती हैं और इनमें खुजली होती है। 

3. इम्यून सिस्टम कमजोर होता है

गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर के सभी भाग बढ़ते बच्चे के लिए फंक्शन करते हैं – इसमें इम्यून सिस्टम भी शामिल है। इसका मतलब यह है कि आपका शरीर बच्चे को सुरक्षित रखने का पूरा प्रयास करता है और इसके परिणामस्वरूप गर्भवती महिलाओं का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। इसलिए उन्हें ज्यादातर पिंक आई और इससे संबंधित इन्फेक्शन हो जाता है। 

4. पेरिफेरल दृष्टि (साइड विजन) कमजोर हो जाती है

गर्भावस्था के दौरान आपकी पेरीफेरल दृष्टि (साइड विजन) भी कमजोर हो सकती है। 

5. रंगीन पलकें

गर्भावस्था के दौरान मेलाज्मा नामक एक प्रकार का पिग्मेंटेशन आँखों के चारों तरफ बनने लगता है जिसमें कभी-कभी खुजली भी होती है। 

गर्भावस्था में धुंधला दिखने के संकेत और लक्षण

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को धुंधला दिखाई देने के लक्षण निम्नलिखित हैं, आइए जानें;

  • आँखों में जलन होना
  • असुविधाएं होना
  • आँखों में सूखापन होना
  • दृष्टि में बदलाव
  • आँखों में फ्लोटर्स होना
  • आँखों में स्पॉट्स होना
  • डबल दिखाई देना

गर्भावस्था के दौरान धुंधली दृष्टि को कैसे ठीक करें?

गर्भावस्था के दौरान धुंधला दिखाई देने की समस्या आम है इसलिए डॉक्टर डिलीवरी के बाद लंबे समय तक इसका उपचार नहीं करते हैं। यदि गर्भावस्था के दौरान दृष्टि में हुए बदलाव डिलीवरी के दो महीने बाद तक भी रहते हैं तो डॉक्टर डायग्नोसिस करने के बाद इसे ठीक करने के लिए आपको सर्जरी करवाने की सलाह दे सकते हैं। 

गर्भावस्था में धुंधली दृष्टि से बचाव के टिप्स

गर्भावस्था के दौरान अपनी समस्या को ठीक करने के लिए कुछ चीजें कर सकती हैं, आइए जानें; 

  • लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप की मदद से आँखों का सूखापन कम हो जाता है जिसकी वजह से इरिटेशन और खुजली भी कम हो जाती है। हालांकि आपको किसी भी आई ड्रॉप का उपयोग करने से पहले इसके बारे में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और साथ ही यह जानना चाहिए कि आपके लिए कौन सा आई ड्रॉप बेहतर है।
  • गर्भावस्था के दौरान आप अपनी आँखों पर बिलकुल भी जोर न दें। यदि आप लेंस का उपयोग करती हैं तो बच्चे के जन्म तक आपको इसके बजाय चश्मे का उपयोग करना चाहिए। अपनी आँखों को पर्याप्त रूप से आराम दें और पढ़ते समय भरपूर रोशनी रखें।
  • गर्भावस्था के दौरान भले ही आपकी आँखों में कितना भी बदलाव हो पर आपको जल्दबाजी में कोई भी दवाई या चश्मा लेने की जरूरत नहीं है। कई मामलों में बच्चे के जन्म के बाद आँखें दोबारा से नॉर्मल हो जाती हैं और महिलाओं को फिर से ठीक दिखाई देने लगता है।
  • जल्दबाजी में आप अपनी आँखों की सर्जरी भी न करवाएं। डॉक्टर गर्भावस्था से लगभग 6 महीने पहले और बच्चे को दूध पिलाना रोकने के लगभग 6 महीने बाद तक कोई भी सर्जरी कराने के लिए नहीं कहते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस समय शरीर खुद को ठीक करता है जिस वजह से सर्जरी सफल नहीं भी हो सकती है।

गर्भावस्था के दौरान धुंधली दृष्टि कब तक ठीक हो सकती है?

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान महिलाओं में कम या धुंधला दिखाई देनेवाली यह समस्या बच्चे के जन्म के तुरंत बाद ठीक होने लगती है और कई मामलों में यह डिलीवरी के 6 महीने के बाद तक पूरी तरह से ठीक हो जाती है। 

गर्भावस्था में धुंधला दिखने की समस्या को कैसे रोकें?

इस समस्या को रोकने का कोई भी तरीका नहीं है क्योंकि यह समस्या गर्भावस्था का एक साइड इफेक्ट है। इसका यही मतलब है कि आपको इससे बचाव करने की जरूरत है और आप वह सभी चीजें भी कर सकती हैं जिससे इस समस्या में सुधार आए। 

डॉक्टर से कब मिलें

आपको जैसे ही कम दिखाई देना शुरू होता है वैसे ही इस बारे में डॉक्टर से बताएं क्योंकि वे आपके ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच करेंगे। यदि इसके साथ आपको सूजन, पेट में दर्द, सिर में दर्द है या आपका तेजी से वजन बढ़ता है तो ये प्रीएक्लेम्पसिया के लक्षण भी हो सकते हैं – इसलिए इस बारे में डॉक्टर को तुरंत बताएं। 

गर्भावस्था के दौरान धुंधला दिखना एक आम समस्या है और बच्चे के जन्म के बाद अक्सर यह समस्या खत्म हो जाती है। हालांकि यदि यह समस्या अन्य तकलीफों के साथ होती है या यह डिलीवरी के दो महीने बाद तक भी रहती है तो जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी आपको डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए। 

यह भी पढ़ें:

प्रेगनेंसी में डिस्गेशिया (मुँह में मेटैलिक टेस्ट जैसा लगना)

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

मिट्टी के खिलौने की कहानी | Clay Toys Story In Hindi

इस कहानी में एक कुम्हार के बारे में बताया गया है, जो गांव में मिट्टी…

4 days ago

अकबर-बीरबल की कहानी: हरा घोड़ा | Akbar And Birbal Story: The Green Horse Story In Hindi

हमेशा की तरह बादशाह अकबर और बीरबल की यह कहानी भी मनोरंजन से भरी हुई…

4 days ago

ब्यूटी और बीस्ट की कहानी l The Story Of Beauty And The Beast In Hindi

ब्यूटी और बीस्ट एक फ्रेंच परी कथा है जो 18वीं शताब्दी में गैब्रिएल-सुजैन बारबोट डी…

4 days ago

गौरैया और घमंडी हाथी की कहानी | The Story Of Sparrow And Proud Elephant In Hindi

यह कहानी एक गौरैया चिड़िया और उसके पति की है, जो शांति से अपना जीवन…

2 weeks ago

गर्मी के मौसम पर निबंध (Essay On Summer Season In Hindi)

गर्मी का मौसम साल का सबसे गर्म मौसम होता है। बच्चों को ये मौसम बेहद…

2 weeks ago

दो लालची बिल्ली और बंदर की कहानी | The Two Cats And A Monkey Story In Hindi

दो लालची बिल्ली और एक बंदर की कहानी इस बारे में है कि दो लोगों…

2 weeks ago