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यदि गर्भवती महिला स्वस्थ है तो उसके गर्भ में पल रहा बच्चा भी स्वस्थ होगा। हर गर्भवती महिला को विशेषकर इस बात का ध्यान रखना चाहिए की उसे हमेशा संतुलित व हेल्दी डायट ही लेना है। गर्भावस्था के दौरान एक महिला के शरीर में बहुत सारे हॉर्मोनल बदलाव होते हैं और इस समय पाचन संबंधी समस्याएं होना आम है। कई गर्भवती महिलाओं को कब्ज, बवासीर और डायरिया हो सकता है। गर्भावस्था में फाइबर-युक्त खाना खाने से ये समस्याएं बहुत कम हो जाती हैं।
फाइबर सिर्फ प्लांट्स में होता है और यह वो चीज नहीं है जो मनुष्य का शरीर पचाता है। इससे कोई भी न्यूट्रिएंट नहीं प्राप्त होता पर यह शरीर के मुख्य फंक्शन के लिए जरूरी है। डायट में फाइबर की पर्याप्त मात्रा पाचन तंत्र को हेल्दी रखती है और इसका फंक्शन सही तरीके से होता है क्योंकि यह शरीर से उन सभी पदार्थों को खत्म कर देता है जो हानिकारक हो सकते हैं। फाइबर को रफेज भी कहा जाता है।
फाइबर-युक्त डायट का सिर्फ एक ही साइड-इफेक्ट है कि आपकी सामान्य से अधिक गैस पास होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि आमतौर पर हमारे शरीर में फाइबर नहीं पचता है और कोलन व आंतों में मौजूद बैक्टीरिया काफी हद तक इसे पचा सकते हैं।
फाइबर दो प्रकार के होते हैं, आए जानें;
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्टेरोन नामक हॉर्मोन्स उत्पन्न होते हैं जो पेट की मांसपेशियों को आराम देते हैं और पाचन को धीमा कर देते हैं। डायट में फाइबर-युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करने से सभी समस्याएं व असुविधाएं ठीक हो सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान फाइबर का सेवन करने से अन्य फायदे भी होते हैं, आइए जानें;
कब्ज और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने के लिए आप अपने आहार में फाइबर-युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें। इससे आपके पाचन में बहुत फर्क पड़ेगा। गर्भावस्था के दौरान निम्नलिखित खाद्य पदार्थों भरपूर मात्रा में फाइबर में होता है, आइए जानें;
फाइबर-युक्त सब्जियां
फाइबर-युक्त फल
फाइबर-युक्त सीरियल और ग्रेन्स
फाइबर-युक्त दलहन और नट्स
एक रात पहले से ही ओट्स तैयार करके रखना आपके लिए कठिन हो सकता है पर सेब और दालचीनी से बनी हुई यह रेसिपी आपके नाश्ते को फाइबर से भरपूर बनाती है और इसे सुबह-सुबह खाना आसान भी है।
सामग्री
विधि
गर्भावस्था के दौरान यदि आप फाइबर-युक्त आहार की मात्रा बढ़ा देती हैं तो आपके लिए रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी बहुत जरूरी है। इससे आपका पाचन तंत्र सही तरीके से काम करता है व आपका शरीर हाइड्रेटेड रहता है। आपको लगभग 10 से 12 गिलास पानी पीना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान नारियल पानी पीना भी अच्छा है क्योंकि इसमें आवश्यक न्यूट्रिएंट्स, डायटरी फाइबर और लॉरिक एसिड होता है जो शरीर को इन्फेक्शन से बचाए रखता है।
हरी सब्जियों में मौजूद फाइबर की प्रचुर मात्रा गर्भवती महिलाओं के लिए हेल्दी होती है क्योंकि इसमें एनिमल प्रोडक्ट से कम टॉक्सिक वेस्ट होता है। हरी सब्जियों में मौजूद फाइबर से आंतों में बैक्टीरिया कम होते हैं और यह खराब बैक्टीरिया को कम करने में भी मदद करता है। गर्भवती महिलाओं को यह भी सलाह दी जाती है कि उन्हें सोयाबीन या सोया के प्रोडक्ट्स नहीं खाने चाहिए क्योंकि इसे आमतौर पर मैन्युअली तैयार किया जाता है।
एक महिला के जीवन में गर्भावस्था सबसे सुंदर समय होता है और ज्यादातर महिलाएं इस समय की सभी खुशियां बटोर लेना चाहती हैं। पर यदि आप वास्तव में अपनी गर्भावस्था को एन्जॉय करना चाहती हैं तो आपको अपने व बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित मात्रा में सही आहार लेना बहुत जरूरी है। इस दौरान आप ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां खाएं और खूब सारा पानी पिएं ताकि आपका शरीर जितना संभव हो उतना ज्यादा ठीक से फंक्शन करे जिससे आप और आपका बच्चा स्वस्थ रहे।
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