गर्भावस्था

गर्भावस्था में आयरन सप्लीमेंट्स – कब लें और उसके साइड इफेक्ट्स

गर्भ में पल रहा बच्चा आपके शरीर में मौजूद न्यूट्रिशन और एनर्जी से ही विकसित होता है। इसलिए आपको विशेष रूप से इस बात का खयाल रखना चाहिए कि आप अपनी डायट में क्या ले रही हैं और क्या नहीं। गर्भावस्था के दौरान सिर्फ सही प्रकार का न्यूट्रिशन ही जरूरी नहीं है बल्कि आपके और आपके बच्चे की आवश्यकता के अनुसार इसे सही मात्रा में लेना भी जरूरी है। सभी न्यूट्रिएंट्स में से एक महत्वपूर्ण न्यूट्रिएंट आयरन है जो बच्चे के विकास में बहुत ज्यादा मदद करता है। गर्भावस्था में आयरन सप्लीमेंट्स लेने के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें। 

क्या गर्भावस्था के दौरान आयरन की गोली लेनी चाहिए?

शरीर में हीमोग्लोबिन को बढ़ाने के लिए आयरन की आवश्यकता होती है, यह आपके और बच्चे के शरीर में रेड ब्लड सेल्स में एक प्रकार का प्रोटीन है जो सभी अंगों और टिश्यू तक ऑक्सीजन पहुँचाने का काम करता है। इस दौरान गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के लिए शरीर में खून बनना शुरू हो जाता है और इसमें शरीर को ज्यादा आयरन की जरूरत पड़ती है। यदि आपको अपनी डायट से पर्याप्त आयरन नहीं मिल पा रहा है तो इस समय डॉक्टर शरीर में खून बढ़ाने के लिए आपको आयरन सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दे सकते हैं। 

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कितना आयरन लेने की आवश्यकता है?

गर्भावस्था के दौरान एक महिला को कितना आयरन लेने की सलाह दी जाती है। इससे संबंधित जानकारी नीचे टेबल में बताई गई है, आइए जानते हैं;

कितना डोज लें कम से कम 60 mg
कितनी बार लें रोजाना एक बार
कब लेना शुरू करें पहली तिमाही के बाद

गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर आयरन सप्लीमेंट लेने की सलाह कब देते हैं?

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को जो मल्टीविटामिन्स लेने की सलाह दी जाती है उसमें आयरन की पर्याप्त मात्रा होती है। इसके अलावा आप अपनी बैलेंस्ड डायट में आयरन-युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करके भी आयरन की आवश्यकताओं को पूरा कर सकती हैं। कभी-कभी ऐसा भी हो सकता है कि डॉक्टर आपको ज्यादा मात्रा में आयरन लेने के लिए कह सकते हैं। इसका कारण हर महिला में अलग है पर यह ज्यादातर उन महिलाओं को होता है जो ऐसी जगह में रहती हैं, जहाँ पर एनीमिया की समस्याएं अक्सर होती हैं और वहाँ ज्यादा से ज्यादा आयरन सप्लीमेंट्स की जरूरत पड़ती है। 

यदि आप शाकाहारी हैं तो अन्य की तुलना में आपको आयरन सप्लीमेंट्स लेने की ज्यादा जरूरत पड़ सकती है क्योंकि आपकी डायट में रोजाना पर्याप्त आयरन नहीं होता है। गर्भावस्था के तीसरे महीने के बाद ही महिलाओं को अक्सर आयरन की टेबलेट लेने की सलाह दी जाती है। यदि आपके साथ भी ऐसा है तो इस बारे में डॉक्टर से जरूर कहें ताकि वे रेगुलर चेकअप के दौरान आपके शरीर में आयरन व हीमोग्लोबिन का स्तर भी जांच सकें। ऐसा करने से डॉक्टर बता पाएंगे कि आपको आयरन टेबलेट्स लेने की आवश्यकता है या नहीं और गर्भावस्था में आपको आयरन सप्लीमेंट्स लेना कब शुरू करना चाहिए। 

गर्भावस्था के दौरान आयरन टेबलेट्स लेने की सलाह कब दी जाती है?

गर्भावस्था के दौरान यदि आपको आयरन सप्लीमेंट्स लेने के लिए कहा भी जाता है तो डॉक्टर आपको बता सकते हैं कि आपको यह कैसे लेनी है। कई डॉक्टर महिलाओं को गर्भावस्था के 12वें सप्ताह के बाद आयरन सप्लीमेंट्स लेने के लिए कहते हैं। गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में इसे पचा पाना कठिन होता है और इसलिए ही पहली तिमाही में आयरन सप्लीमेंट्स नहीं लेना चाहिए। 

गर्भावस्था के दौरान आपको खाने से 1 या 2 घंटे पहले या बाद में आयरन सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दी जाती है। आप इसे चाय, कॉफी और दूध के साथ लेने से बचें क्योंकि यह सभी चीजें आयरन सप्लीमेंट्स के प्रभाव को कम कर सकते हैं। इन सप्लीमेंट्स को आप सादे पानी के साथ ले सकती हैं। 

गर्भावस्था के दौरान आयरन टेबलेट लेने के साइड इफेक्ट्स

यद्यपि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने आहार में आयरन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है पर इसे बहुत ज्यादा मात्रा में लेने से कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। वे कौन से साइड इफेक्ट्स हैं, आइए जानें;

1. गाढ़े रंग का मूत्र और पॉटी आना

आयरन सप्लीमेंट्स लेने की वजह से कई महिलाएं अपने मूत्र का रंग गाढ़ा होने की शिकायत करती हैं। इसके अलावा कुछ अन्य महिलाएं पॉटी का रंग हरा या काला होने की शिकायत भी करती है। वैसे तो गर्भावस्था के दौरान यह बहुत सामान्य है और जब आप आयरन की टेबलेट लेना छोड़ देंगी तो यह समस्या ठीक भी हो जाएगी। 

2. पाचन संबंधी असुविधाएं होना

गर्भावस्था के दौरान आयरन के सप्लीमेंट्स लेने से आपको पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे पेट में ऐंठन या दर्द। इससे बचने के लिए आप खाने के बाद सप्लीमेंट्स ले सकती हैं। 

3. कब्ज होना

ज्यादातर आयरन सप्लीमेंट्स लेने वाली महिलाओं को कब्ज की समस्या होती है। यदि आपको भी यह शिकायत है तो आप अपने आहार में फाइबर बढ़ाएं और ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। 

4. मतली और उल्टी होना

गर्भावस्था के दौरान बार-बार आयरन सप्लीमेंट्स लेने से उल्टी और मतली हो सकती है जिसकी वजह से मॉर्निंग सिकनेस की समस्या आपको ज्यादा प्रभावित कर सकती है। आप अपनी असुविधाओं को कम करने और एसिडिटी से बचने के लिए आयरन सप्लीमेंट्स को खाने के बाद लें। यदि आपको बुखार है तो आप डॉक्टर से संपर्क करें। 

5. यदि आपके शरीर में आयरन एब्सॉर्ब नहीं हो पा रहा है

ऐसा भी हो सकता है कि आप रोजाना लगातार आयरन सप्लीमेंट्स लेती हैं पर आपके शरीर में आयरन एब्सॉर्ब नहीं हो पा रहा है। यदि आप आयरन सप्लीमेंट्स के साथ कुछ खाद्य पदार्थ भी लेती हैं तो आपको शरीर में आयरन एब्सॉर्ब न होने की समस्या से राहत मिल सकती है। इन खाद्य पदार्थों में होल ग्रेन, डेयरी, कॉफी, दूध और चाय भी शामिल हैं। यदि आप अपनी इस समस्या को खत्म करना चाहती हैं तो आपको आयरन सप्लीमेंट्स के साथ विटामिन ‘सी’ से भरपूर खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए क्योंकि यह खून में आयरन को एब्सॉर्ब करने के लिए जाना जाता है। 

ऐसा माना जाता है कि गर्भावस्था के दौरान आयरन सप्लीमेंट्स लेने से बच्चा काला होता है। यह सिर्फ कही-सुनी बातें हैं क्योंकि बच्चे का रंग हमेशा जेनेटिक होता है। 

याद रखने योग्य बातें

गर्भावस्था के दौरान आयरन सप्लीमेंट्स लेते समय आपको निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए, आइए जानें; 

  • आप आयरन सप्लीमेंट्स लेने या आयरन-युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने के बाद खूब सारा पानी पिएं।
  • यदि आपको आयरन सप्लीमेंट्स से साइड इफेक्ट्स होते हैं तो आप इसे खाली पेट लेने के बजाय भोजन करने के बाद लें, यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
  • यदि इसके बाद भी आपको साइड इफेक्ट्स होते हैं तो आयरन सप्लीमेंट्स की खुराक बदलें।
  • डॉक्टर से पूछें कि यदि आवश्यकता है तो क्या आप गर्भावस्था के दौरान स्टूल सॉफ्टनर की दवा ले सकती हैं।

गर्भवती महिलाओं के लिए आयरन-युक्त खाद्य पदार्थ

गर्भावस्था के दौरान आयरन से भरपूर डायट जितनी जरूरी है उतना ही आयरन के सप्लीमेंट्स लेना भी है। कुछ प्रकार के आयरन-युक्त खाद्य पदार्थ निम्नलिखित हैं, आइए जानें;

  • सोयाबीन
  • सेम, हरी सब्जियां
  • दाल
  • राजमा
  • पालक
  • किशमिश, काजू
  • चिकन का लिवर, मछली

चाहे हर्बल दवा हो या कोई भी दवा हो, पर गर्भावस्था के दौरान इसे लेने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। ऐसा इसलिए है क्योंकि हर महिला की आवश्यकताएं उसके शरीर के अनुसार अलग होती हैं। 

स्रोत और सन्दर्भ:

स्रोत १
स्रोत २
स्रोत ३

यह भी पढ़ें:

क्या प्रेगनेंसी के दौरान प्रोटीन पाउडर का सेवन करना चाहिए?
प्रेगनेंसी में शतावरी यानी ऐस्पैरागस का सेवन

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

भूकंप पर निबंध (Essay On Earthquake In Hindi)

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जिसमें धरती अचानक से हिलने लगती है। यह तब होता…

1 week ago

Raising Left-Handed Child in Right-Handed World – दाएं हाथ वाली दुनिया में बाएं हाथ वाला बच्चा बड़ा करना

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है, उसके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलू उभरने लगते हैं। या…

1 week ago

माता पिता पर कविता l Poems For Parents In Hindi

भगवान के अलावा हमारे जीवन में किसी दूसरे वयक्ति को अगर सबसे ऊंचा दर्जा मिला…

1 week ago

पत्नी के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Wife In Hindi

शादी के बाद प्यार बनाए रखना किसी भी रिश्ते की सबसे खूबसूरत बात होती है।…

1 week ago

पति के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Husband In Hindi

शादी के बाद रिश्तों में प्यार और अपनापन बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। पति-पत्नी…

1 week ago

करण नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Karan Name Meaning In Hindi

ऐसे कई माता-पिता होते हैं जो अपने बच्चे का नाम इतिहास के वीर महापुरुषों के…

2 weeks ago