In this Article
गर्भावस्था के दौरान खांसी की समस्या किसी भी प्रकार की चिंता का विषय तब तक नहीं है जब तक गर्भ में पल रहे शिशु पर इसका प्रभाव नहीं पड़ता है। यद्यपि इस अवधि में सर्दी, जुकाम व खांसी जैसी समस्याओं को ठीक करने के लिए दवाओं के सेवन से भी बच्चे को नुकसान पहुँच सकता है। इसलिए इसका खासतौर पर खयाल रखा जाना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान शारीरिक परिवर्तन आपकी इम्युनिटी सिस्टम की कार्य क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं और यही कारण है कि इस दौरान आप सर्दी, खांसी व जुकाम जैसी समस्याओं से ग्रसित होती हैं। गर्भावधि में सर्दी व खांसी की दवाएं, जैसे टॉइलेनॉल से गर्भ में पल रहे शिशु को ए.डी.एच.डी. (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर) का खतरा हो सकता है। अपने शिशु को किसी भी प्रकार की समस्या या असुविधा से बचाने के लिए गर्भावस्था के दौरान दवाओं का सेवन अत्यधिक सावधानी और डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करें।
फिलहाल आप अपनी सर्दी व खांसी की बिलकुल भी चिंता न करें, इस समस्या के लिए दादी माँ के नुस्खे आपकी बहुत मदद कर सकते हैं। अपनी गर्भावधि में सर्दी व खांसी के कीटाणुओं से निजात पाने के लिए घरेलू उपचार संबंधित पूर्ण जानकारी इस लेख से प्राप्त करें।
लहसुन में एंटी-ऑक्सडेंट, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-बायोटिक गुण इसे अनेक रोगों के लिए एक बेहतरीन प्राकृतिक उपचार बनाते हैं। कच्चे लहसुन में मौजूद एक प्रकार का पीला व तैलीय पदार्थ अत्यधिक प्रभावी एंटी-बैक्टीरियल होता है जो सर्दी व खांसी जैसी समस्याओं को खत्म करने में मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान यदि आप सर्दी व खांसी से ग्रसित हैं तो थोड़ा सा कच्चा लहसुन खाएं। इसका स्वाद भले ही अच्छा न हो किंतु यह आपकी सर्दी, खांसी व सीने की जकड़न को खत्म करने में निश्चित रूप से मदद कर सकता है। लहसुन में कच्चे स्वाद को कम करने के लिए आप इसे काटकर शहद के साथ भी ले सकती हैं। खांसी को प्रभावी रूप से खत्म करने के लिए इसे दिनभर में कम से कम 3 बार लेने की सलाह दी जाती है।
एप्पल साइडर विनेगर के सेवन से शरीर क्षारीय हो जाता है जिससे सर्दी और खांसी के कीटाणुओं को खत्म करने में मदद मिलती है । यह पेय पदार्थ गर्भावस्था के दौरान खांसी की समस्या को प्रभावी रूप से खत्म कर सकता है। जुकाम के शुरूआती लक्षणों के साथ ही आप इसे पीना शुरू कर सकती हैं और इसे तब तक लेती रहें जब तक आपकी यह समस्या पूरी तरह से ठीक न हो जाए। थोड़े से पानी या बिना दूध की चाय में 1-2 चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर दिन भर में लगभग 3 बार लेने की सलाह दी जाती है।
शहद जुकाम और खांसी के लिए अत्यधिक प्रभावी उपचारों में से एक है। यह प्राकृतिक पदार्थ सर्दी-जुकाम की समस्याओं को खत्म करने के साथ-साथ इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है और गले की खराश को भी ठीक करता है। शहद का मीठा स्वाद बहुत स्वादिष्ट होता है और यह सामान्यतः हर जगह उपलब्ध भी है। यदि आप सर्दी व खांसी के घरेलू उपचारों को ढूंढ़ रही हैं तो शहद आपके लिए एक प्रभावी उपचार है, एक बार आजमा कर जरूर देखें।
यह आपको पता ही होगा कि सर्दी-जुकाम के लिए हाइड्रेटेड रहना अनिवार्य है। खांसी जैसी समस्याओं के कारण शरीर में अत्यधिक पानी की कमी हो जाती है। खांसी के दौरान अत्यधिक गुनगुना पानी पिएं, इससे आपको हाइड्रेटेड रहने में और सीने की जकड़न को ठीक करने में मदद मिल सकती हैं। गुनगुने पानी में नींबू डालकर पीने से भी आपको फायदा मिल सकता है।
नींबू में विटामिन ‘सी’ प्रचुर मात्रा में होता है जिसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुण हैं। नींबू में मौजूद पर्याप्त मात्रा में पोटैशियम गुर्दे (लंग्स) को सही ढंग से कार्य करने में मदद करता है। गुर्दे विषाक्त पदार्थों व अन्य रोगाणुओं को शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं और शरीर से रोगाणुओं के नष्ट हो जाने से सर्दी-जुकाम में भी आराम मिलता है। नींबू की मदद से शरीर एल्कलीन हो जाता है जो जुकाम व खांसी के अतिरिक्त बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करते हैं।
गुनगुने पानी से गरारा करने से श्वास प्रणाली में संक्रमण को 40% तक कम करने में मदद मिलती है। गुनगुने पानी और नमक का मिश्रण गले में मौजूद ऊतकों (टिश्यू) की सूजन और दर्द को कम करता है। गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारा करने से गले में बलगम का जमाव कम होता है और साथ ही यह उपचार गले की अत्यधिक संवेदनशीलता के कारणों, बैक्टीरिया और फंगस जैसी समस्याओं को भी खत्म करता है। यह उपचार आपकी खांसी को खत्म करने के लिए उपयुक्त है और प्रभावी परिणामों के लिए आप इसे दिन में 2-3 बार कर सकती हैं।
ह्युमिडिफायर हवा में नमी की मात्रा को बढ़ाता है और नाक, गले व फेफड़ों के मार्ग को नम करने में मदद करता है। इससे वायु प्रवाह नुकसान रहित और नम रहती है जो बंद नाक को राहत पहुँचाता है।
विटामिन ‘सी’ एक महत्वपूर्ण एंटी-ऑक्सीडेंट है जो शरीर को स्वस्थ और मजबूत रखता है। अपने दैनिक आहार में विटामिन ‘सी’ से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। आप अपने दैनिक आहार में संतरे, मौसमी, और कीनू जैसे खट्टे फल और हरी सब्जियां, जैसे टमाटर और स्ट्रॉबेरी शामिल कर सकती हैं, इनमें प्रचुर मात्रा में विटामिन ‘सी’ होता है ।
ज्यादातर जुकाम राइनोवायरस के कारण होता है, यह वायरस अधिकतर गले और श्वसन मार्ग में पनपता व बढ़ता है। जिंक में मौजूद गुण इस वायरस को रोकने का कार्य करते हैं और साथ ही गले और नाक की श्लेष्म झिल्ली को इससे संक्रमित होने से बचाता है। जिंक की दवाओं व सिरप से गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव हो सकता है इसलिए आप अपनी गर्भावस्था के दौरान प्राकृतिक जिंक-युक्त खाद्य पदार्थों का ही सेवन करें। जिंक-युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे पालक, गेहूं के बीज का तेल, कद्दू के बीज, भेड़ के बच्चे का मांस व मटन का सेवन आप कर सकती हैं।
क्या आप गर्भावस्था के दौरान सूखी खांसी के लिए घरेलू उपचार ढूंढ़ रही हैं? तो, आपके लिए अदरक एक अच्छा विकल्प है। बलगम उत्पन्न करने के कारण सूखी खांसी बहुत कष्टदायी होती है। सूखी खांसी वायरल संक्रमण और संवेदनशीलता के कारण होती है। इस समस्या को ठीक करने के लिए अदरक का उपयोग अधिक फायदेमंद होता है, यह खांसी से उत्पन्न हुए बलगम और सूजन को कम करने में मदद करती है। इसके लिए आप दो गिलास पानी उबालें और उसमें 2 चम्मच किसा हुआ अदरक डालकर लगभग 15 मिनट के लिए भिगो दें। मिश्रण को ठंडा होने के बाद इसमें शहद मिलाकर पी लें।
‘रोकथाम इलाज से बेहतर है’, यह हमेशा ही गर्भावस्था के दौरान प्रमाणित हो जाता है। पोषण और देखभाल के लिए आप पर निर्भर शिशु को सही स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए आपको स्वस्थ रहने की आवश्यकता है। आप अपने और अपने गर्भ में पल रहे शिशु को स्वस्थ बनाए रखने के लिए खुद की इम्युनिटी को मजबूत बनाने का प्रयास कर सकती हैं। आपकी इम्युनिटी को मजबूत बनाने और खांसी व जुकाम जैसी समस्या को रोकने के लिए निम्नलिखित सुझावों का अनुसरण करें।
कभी-कभी स्वस्थ आहार भी बीमारियों को रोकने के लिए प्रायप्त नहीं है या तेजी से कार्य नहीं कर पाता है। ऐसी स्थिति में दैनिक आहार में मल्टी-विटामिन आपको पोषण प्रदान करता है और साथ ही यह इम्युनिटी बढ़ाने में भी मदद करता है।
पानी या तरल पदार्थ आपको आंतरिक कोशिकाओं तक ऑक्सीजन प्रवाहित करने में मदद करता है जिससे आपकी मांसपेशियां निर्मित और मजबूत होती हैं। यह आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालता है और आपकी प्रणाली को प्रभावित करता है। अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए पूरे दिन में पर्याप्त पानी या तरल पदार्थ पिएं और खुद को हाइड्रेटेड रखें।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए हाथों को साफ रखना मुख्य तरीकों में से एक है। हमारे हाथों में सबसे अधिक बैक्टीरिया होते हैं, जो भोजन करने, पकाने या सब्जियों और फलों को छूने या सेवन से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। हमेशा ध्यान रखें कुछ भी खाने से पहले या खांसने, छींकने या सार्वजानिक सतहों को छूने के बाद हाथ जरूर धोएं।
खांसी और जुकाम जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आप घर पर प्रभावी उपचारों का उपयोग कर सकती हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवाई न लें और यदि आपकी समस्या अत्यधिक गंभीर ले लेती है तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…