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गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार लेना होने वाली माँ और बच्चा दोनों के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। लेकिन गर्भावस्था में अक्सर गर्भवती महिलाओं को अजीबोगरीब फूड क्रेविंग होती हैं, कभी भी कुछ भी खाने का मन होता है। सभी क्रेविंग में से एक है – मकई, उन्हें मकई खाने का भी मन होता है । लेकिन क्या गर्भावस्था के दौरान मकई खाना चाहिए? इसका उत्तर हम आपको इस लेख में देंगे ।
मकई, मक्का, भुट्टे या मकई, एक बेहद लोकप्रिय अनाज है, जो खनिज और विटामिन से भरपूर होता है। इसमें विटामिन सी, बी1, बी5, डायट्री फाइबर और मैग्नीशियम शामिल हैं। यह न केवल पौष्टिक है, बल्कि बहुत स्वादिष्ट भी है। कई गर्भवती महिलाओं को स्वीट मकई का रसदार और कुरकुरा स्वाद बेहद प्रिय होता है।
गर्भावस्था में मकई खाने के कुछ पोषण संबंधी लाभ हैं, जो इस प्रकार हैं:
मकई फाइबर का एक उत्कृष्ट स्रोत है और कब्ज जैसे पाचन समस्याओं को कम करने में मदद करता है।
मकई में फॉलिक एसिड होता है, जो स्पाइना बिफिडा जैसे जन्मदोष के जोखिम को कम करता है।
मकई खाने से आपकी याददाश्त अच्छी होती है और खरीददारी करने जाते समय आपको सूची बनाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी! यह भ्रूण के मस्तिष्क के विकास में भी मदद करता है।
गर्भावस्था के दौरान मकई का सेवन आपके बच्चे को उसके जन्म के बाद मांसपेशियों के विकृति से बचाता है क्योंकि मकई में ज़ियेजैंथिन होता है।
मकई, ल्यूटिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट से समृद्ध होता है जो आपके अजन्मे बच्चे की आंखों की रोशनी को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि मकई में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट स्तन कैंसर सहित कुछ प्रकार के कैंसर को रोकने में मदद कर सकता है।
मकई में फेरुलिक एसिड जैसे फेनोलिक कम्पाउंड होते हैं जो ट्यूमर के खतरे को कम करते हैं।
मकई विटामिन बी12 का एक उत्कृष्ट स्रोत है जो रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायता है और गर्भवती महिलाओं में एनीमिया को रोकने में मदद करता है।
मकई विटामिन ‘ए’ से समृद्ध है, इसलिए यह आपकी त्वचा को स्वस्थ रखता है, इम्युनिटी में सुधार करता है तथा गर्भावस्था के दौरान स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।
गर्भावस्था के दौरान मकई की भूसी के तेल का सेवन प्लाज्मा एलडीएल को कम करने में मदद करता है और शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल की उपस्थिति को भी बढ़ाता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए मकई के कई स्वास्थ्य लाभ हैं और इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मकई का सेवन अत्यधिक न करें। मकई में फैटी एसिड होते हैं, अगर जरुरत से ज्यादा सेवन की जाए तो यह गर्भवती महिलाओं को दिल की बीमारियों के खतरे में डाल सकता है और साथ ही अपच का भी कारण बन सकता है।
निम्नलिखित बिंदु बताते हैं कि गर्भावस्था के दौरान मकई का सेवन कैसे करें ताकि आपको उससे सबसे ज्यादा फायदा हो।
मकई को पकाने के लिए उसे उबालना सबसे सही प्रक्रिया है। उबालने के लिए, मकई को छीलें, उसके रेशे निकालें और एक पतीले में डालें।अब उस पतीले में पानी डालें और थोड़ा नमक भी और पैन को ढक दें। ताजे मकई को उबलने में केवल 3-4 मिनट ही लगते हैं। मकई को ज्यादा न पकाएं नहीं तो वह सख्त हो जाते हैं।
व्यस्त दिनों में एक कप गरमा–गर्म मकई का सूप सबसे बेहतर है।
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विधि
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विधि
गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में मकई को शामिल जरूर करना चाहिए। आप इसे कैसे भी खा सकती हैं, जैसे उबालकर, स्टीम करके, ग्रिल करके, आग में पकाकर इत्यादि। अगली बार, जब भी आपको छोटी–छोटी भूख लगे, मकई को जरूर याद करें।
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