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गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार होने वाली माँ और बच्चा, दोनों के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। लेकिन गर्भावस्था में अक्सर गर्भवती महिलाओं को अजीबोगरीब खाने की इच्छा होती है, कभी भी कुछ भी खाने का मन होता है। जहां क्रेविंग होना अच्छी बात है वहीं जरूरी नहीं कि हर चीज आपके लिए सही हो। अगर आप सोच रही हैं कि क्या गर्भावस्था के दौरान मक्का, भुट्टा या मकई खाना चाहिए तो यह जरूर जानिए कि यह एक बेहद लोकप्रिय अनाज है, जो खनिज और विटामिन से भरपूर होता है। इसमें विटामिन सी, बी1, बी5, डाइटरी फाइबर और मैग्नीशियम शामिल हैं। यह न केवल पौष्टिक बल्कि बहुत स्वादिष्ट भी होता है। कई गर्भवती महिलाओं को स्वीट कॉर्न का रसदार और कुरकुरा स्वाद बेहद अच्छा लगता है।
गर्भावस्था के दौरान मक्के का सेवन आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है, जब इसे संतुलित आहार में शामिल किया जाए। मक्का में फोलेट, फाइबर और विटामिन जैसे आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो मां और भ्रूण दोनों के स्वास्थ्य में सहायक होते हैं। हालांकि, खाद्य सुरक्षा के उचित उपाय अपनाना बहुत जरूरी है। हमेशा ताजा और अच्छी तरह से पका हुआ मक्का ही खाएं, कच्चे या अधपके मक्के से बचें। साथ ही, इसका सेवन सीमित मात्रा में करें, क्योंकि अत्यधिक सेवन से पोषक तत्वों के संतुलन में गड़बड़ी हो सकती है। व्यक्तिगत आहार संबंधी आवश्यकताओं और संभावित एलर्जी के बारे में सलाह लेने के लिए डॉक्टर से परामर्श करना उचित होता है। संक्षेप में, मक्का गर्भावस्था के लिए फायदेमंद है। कुल मिलाकर, मक्का को एक विविध और पौष्टिक आहार का हिस्सा बनाकर गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित और संतोषजनक रूप से खाया जा सकता है।
मक्का, जिसे मकई भी कहा जाता है, एक लोकप्रिय अनाज है जो खनिजों और विटामिनों से भरपूर होता है। मक्का न केवल पोषक तत्वों से भरपूर होता है, बल्कि इसका स्वाद भी बहुत स्वादिष्ट होता है। कई गर्भवती महिलाओं को स्वीट कॉर्न का रसीला और कुरकुरा स्वाद बहुत पसंद आता है।
नीचे 100 ग्राम मक्का में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की जानकारी दी गई है।
| पोषक तत्व | मात्रा |
| कैलोरी | 86 किलो कैलोरी |
| प्रोटीन | 3.27 ग्राम |
| कार्बोहाइड्रेट | 18.7 ग्राम |
| डाइटरी फाइबर | 2 ग्राम |
| शुगर | 6.26 ग्राम |
| फैट | 1.35 ग्राम |
| थियामाइन (बी1) | 0.155 मिलीग्राम |
| नियासिन (बी3) | 1.77 मिलीग्राम |
| पायरीडॉक्सीन (बी6) | 0.093 मिलीग्राम |
| फोलेट (बी9) | 42 माइक्रोग्राम |
| विटामिन सी | 6.8 मिलीग्राम |
| विटामिन ई | 0.07 मिलीग्राम |
| विटामिन के | 0.3 माइक्रोग्राम |
| मैग्नीशियम | 37 मिलीग्राम |
| फास्फोरस | 89 |
| पोटैशियम | 270 मिलीग्राम |
| जिंक | 0.46 मिलीग्राम |
| आयरन | 0.52 मिलीग्राम |
| कैल्शियम | 2 मिलीग्राम |
| सोडियम | 15 मिलीग्राम |
गर्भावस्था के दौरान मक्का खाने से होने वाले पोषण संबंधी लाभ इस प्रकार हैं:
मक्का पोषण से भरपूर फाइबर का बेहतरीन स्रोत है और यह कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
मक्के में फोलिक एसिड होता है, जो अजन्मे बच्चे में स्पाइना बिफिडा जैसी जन्मजात समस्याओं के जोखिम को कम करता है।
गर्भावस्था के दौरान मक्का खाने से हो सकता है कि आपको खरीदारी के लिए अलग से लिस्ट बनाने की जरूरत ही न पड़े! साथ ही, यह भ्रूण के मस्तिष्क के विकास को भी बढ़ावा देता है।
मक्का ल्यूटिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो आपके अजन्मे बच्चे की दृष्टि को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि मक्का में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स कुछ प्रकार के कैंसर, जैसे स्तन कैंसर, की रोकथाम में मदद कर सकते हैं।
मक्का में फेनोलिक यौगिक जैसे फेरेलिक एसिड पाए जाते हैं, जो ट्यूमर के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।
मक्का विटामिन ए से भरपूर होता है, इसलिए यह आपकी त्वचा को स्वस्थ रखता है, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, और गर्भावस्था के दौरान स्मरण शक्ति को बढ़ावा देता है।
गर्भावस्था के दौरान मक्का की भूसी का तेल लेने से प्लाज्मा में एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) का स्तर कम हो सकता है और शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ सकती है।
मक्का में पाया जाने वाला फाइबर कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो गर्भावस्था के दौरान हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। यह रक्तचाप को नियमित करने में सहायक होता है और हृदय संबंधी समस्याओं के जोखिम को कम करता है।
मक्के में मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स ऊर्जा का स्थिर स्रोत प्रदान करते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान थकान से लड़ने में मदद करते हैं। यह निरंतर ऊर्जा विशेष रूप से उन गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी होती है जिन्हें अपने शरीर पर बढ़ी हुई मांगों का सामना करना पड़ता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए मकई के कई स्वास्थ्य लाभ हैं और इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मकई का सेवन अत्यधिक न करें। मकई में फैटी एसिड होते हैं, अगर जरूरत से ज्यादा सेवन की जाए तो यह गर्भवती महिलाओं को दिल की बीमारियों के खतरे में डाल सकता है और साथ ही अपच का भी कारण बन सकता है।
गर्भावस्था के दौरान, मां और शिशु दोनों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए मक्के से बने उत्पादों का सेवन सोच-समझकर करना बहुत जरूरी होता है। कुछ मक्का आधारित उत्पाद पोषण के अच्छे स्रोत होते हैं, जबकि कुछ अन्य उत्पाद संभावित खतरे भी पैदा कर सकते हैं। नीचे हमने ऐसे उत्पादों के बारे में बताया है जिससे आपको सही और समझदारी से चुनाव करने में मदद मिलेगी:
निम्नलिखित बिंदु बताते हैं कि गर्भावस्था के दौरान मकई का सेवन कैसे करें ताकि आपको उससे सबसे ज्यादा फायदा हो।
गर्भावस्था के दौरान मक्के की ताजगी और सुरक्षा सुनिश्चित करना आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। मक्का खरीदते और स्टोर करते समय सही निर्णय लेने में मदद के लिए यहां कुछ उपयोगी सुझाव दिए गए हैं:
मकई को पकाने के लिए उसे उबालना सबसे सही प्रक्रिया है। उबालने के लिए, मकई को छीलें, उसके रेशे निकालें और एक पतीले में डालें।अब उस पतीले में पानी डालें और थोड़ा नमक भी और पैन को ढक दें। ताजे मकई को उबलने में केवल 3-4 मिनट ही लगते हैं। मकई को ज्यादा न पकाएं नहीं तो वह सख्त हो जाते हैं।
व्यस्त दिनों में एक कप गरमा–गर्म मकई का सूप सबसे बेहतर है।
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गर्भावस्था के दौरान कच्चा मक्का खाने की सलाह नहीं दी जाती है। मक्के को पूरी तरह से पकाना जरूरी होता है ताकि बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा कम हो सके और पोषक तत्वों का सही अवशोषण हो सके।
जब मक्का संतुलित आहार के हिस्से के रूप में सीमित मात्रा में खाया जाए, तो यह अत्यधिक वजन बढ़ाने का कारण नहीं बनता। मक्का फाइबर सहित कई पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है, जो स्वस्थ गर्भावस्था में फायदेमंद होते हैं।
अधपका मक्का बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा पैदा कर सकता है। गर्भावस्था में भोजन से होने वाली बीमारियों के जोखिम को कम करने के लिए मक्के को अच्छी तरह से पकाना बहुत जरूरी है।
सीमित मात्रा में, जेस्टेशनल डायबिटीज वाली महिला के आहार में मक्का शामिल किया जा सकता है। हालांकि, कुल कार्बोहाइड्रेट सेवन पर निगरानी रखना और ब्लड शुगर स्तर को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर या डाइटिशयन से सलाह लेना जरूरी है।
गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में मकई को शामिल जरूर करना चाहिए। आप इसे कैसे भी खा सकती हैं, जैसे उबालकर, स्टीम करके, ग्रिल करके, आग में पकाकर इत्यादि। अगली बार, जब भी आपको छोटी–छोटी भूख लगे, मकई को जरूर याद करें।
संदर्भ / स्रोत:
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