गर्भावस्था

क्या गर्भावस्था के दौरान निफेडिपीन लेना चाहिए?

यदि आपको लेबर पेन जल्दी हो जाता है तो इससे बचने के लिए निफेडिपीन एक प्रभावी दवाई है। यदि बिना किसी कारण से ही आपका प्रीटर्म लेबर हो रहा है तो संभव है कि डॉक्टर आपको निफेडिपीन देंगे। हालांकि, इस दवाई को लेने से पहले आपको इसका उपयोग और साइड इफेक्ट्स समझना चाहिए। कई महिलाओं में यह दवाई एक जादू की तरह काम करती है पर ऐसा जरूरी नहीं है कि यह दवाई आपके लिए भी उतनी ही फायदेमंद हो। 

निफेडिपीन क्या है?

निफेडिपीन एक एंटी-कॉन्ट्रैक्शन दवाई है। यह गर्भाशय के संकुचन को कम करने में मदद करती है जिसके बदले में प्रीटर्म लेबर देर से होता है। यह कैल्शियम के चैनल को ब्लॉक करता है जिसकी वजह से कुछ मेडिकल समस्याएं ठीक हो जाती हैं, जैसे हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी। 

गर्भावस्था में निफेडिपीन कैसे काम करती है?

निफेडिपीन शरीर में कैल्शियम के चैनल को ब्लॉक करता है और गर्भाशय में संकुचन के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है इसलिए निफेडिपीन गर्भाशय के संकुचन को कम करने में मदद करता है। निफेडिपीन गर्भाशय के रास्तों को रोककर उसमें कैल्शियम को जाने से रोकता है। तो आप सोच रही होंगी कि इससे लेबर में देरी कैसे होती है, हैं न? निफेडिपीन शरीर में कैल्शियम को ब्लॉक करता है और गर्भाशय व सॉफ्ट टिश्यू को आरामदायक स्थिति में लाता है जिसकी वजह से लेबर में देरी होती है।

गर्भावस्था में निफेडिपीन कब लेनी चाहिए?

यदि आपको बिना कारण के ही प्रीटर्म लेबर होता है तो डॉक्टर निफेडिपीन दे सकते हैं। निम्नलिखित कारणों से डॉक्टर आपको निफेडिपीन की दवा प्रिस्क्राइब करते हैं, आइए जानें; 

  • यदि डायग्नोसिस में आपका सर्विक्स पतला दिखाई देता है और यदि ड्यू डेट से पहले ही सर्विक्स 4 सेंटीमीटर तक बढ़ जाता है।
  • यदि गर्भवती महिला में एमनियोटिक थैली सही है पर मेम्ब्रेन की क्षति होती है।
  • बच्चे को कोई भी खतरा न होने पर और ड्यू डेट आने में समय होने पर भी यदि अचानक से लेबर शुरू हो जाता है।
  • यदि गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय के संकुचन को रोकने के लिए अन्य दवाएं, जैसे टरबुटलीन (बीटा सिम्फेटेटिक दवाई) प्रभावी रूप से काम नहीं करती हैं।
  • यदि कुछ साइड इफेक्ट्स होने की वजह से अन्य दवाएं लेनी बंद कर दी गई हैं।
  • यदि समस्याओं को ठीक करने के लिए आप लेबर 24 से 48 घंटे देरी से चाहती हैं, जैसे कॉर्टिकोस्टेरॉइड ट्रीटमेंट (यह इलाज बच्चे के लंग्स को ठीक करने के लिए किया जाता है)।

गर्भावस्था में निफेडिपीन लेने के साइड इफेक्ट्स

यद्यपि ज्यादातर महिलाओं में निफेडिपीन की वजह से प्रीटर्म लेबर देरी से हो जाता है तो अन्य दवाओं की तरह ही इसके भी कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि इससे महिला या बच्चे में कोई भी डैमेज या साइड इफेक्ट नहीं होता है पर कुछ गंभीर मामलों में इस ददवाई के साइड इफेक्ट्सभी होते हैं। गर्भावस्था के दौरान निफेडिपीन लेने के कुछ साइड इफेक्ट्स निम्नलिखित हैं, आइए जानें;

  • सिर में दर्द
  • कब्ज
  • मतली
  • सिर चकराना
  • ब्लड प्रेशर कम होना
  • त्वचा पर लाल रंग के रैशेज पड़ना
  • डायरिया
  • हॉट या वॉर्म फ्लैशेस होना
  • दिल घबराना
  • बेहोश होने जैसा महसूस होना

गर्भवती महिलाओं के लिए टिप्स

हमेशा सलाह दी जाती है कि गर्भावस्था के दौरान विशेषकर यदि डॉक्टर ने दवाई प्रिस्क्राइब नहीं की है तो बिना किसी कारण से इसे नहीं लेना चाहिए। निम्नलिखित टिप्स से आप इसके बारे में अच्छी तरह से समझ पाएंगी, आइए जानें;

  • जब तक आपको अचानक से प्रीटर्म लेबर का अनुभव नहीं होगा तब तक डॉक्टर यह दवाई प्रिस्क्राइब नहीं करेंगे। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान अन्य समस्याओं के लिए भी इसका उपयोग नहीं किया जाता है।
  • गर्भावस्था बहुत नाजुक समय है। इस दौरान आपको डॉक्टर की सभी सलाह माननी चाहिए और अपनी दवाएं समय पर लेनी चाहिए।
  • डॉक्टर अत्यधिक गंभीर समस्याओं में निफेडिपीन और अन्य दवाएं भी लिख सकते हैं।
  • यदि प्रीटर्म लेबर के दौरान निफेडिपीन लेना संभव है तो समस्याओं से बचने के लिए इसके बारे में गायनेकोलॉजिस्ट से पूरी जानकारी लेना ही बेहतर है।
  • माँ और बच्चे की सुरक्षा के लिए गर्भावस्था में बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। यदि मेडिकल के अलावा किसी अन्य कारण से आपका प्रीटर्म लेबर होने की संभावना है तो आपके लिए बहुत जरूरी है कि आप अपने पूर्ण स्वास्थ्य पर ध्यान दें और स्वस्थ रहें।
  • आपकी अभी की समस्याओं को ठीक से समझने के बाद डॉक्टर को आपके पहले की समस्याओं के बारे में भी जानना होगा। इसलिए आप डॉक्टर से अपनी पहले की समस्याएं सही-सही बताएं।

डॉक्टर से कब मिलें

गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में बहुत सारे बदलाव होंगे। हालांकि, समस्याओं से बचने के लिए समय से उन बदलावों को समझना भी जरूरी है। नॉर्मल गर्भावस्था अक्सर 40 सप्ताह तक चलती है पर यदि किसी महिला का लेबर 37वें सप्ताह से या इससे पहले ही शुरू हो जाता है तो यह माँ व बच्चे के लिए हानिकारक भी हो सकता है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि आप जितना संभव हो उतना जल्दी डॉक्टर से सलाह लें। गर्भावस्था में निफेडिपीन लेने से यदि आपको निम्नलिखित समस्याएं होती हैं तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें;

  1. यदि आपको जल्दी-जल्दी संकुचन होता है।
  2. यदि आपके पेट के निचले हिस्से में दबाव पड़ता है।
  3. यदि आपको वजायनल स्पॉटिंग या ब्लीडिंग होती है।
  4. यदि पेल्विक में दबाव पड़ता है।
  5. यदि आपको वजायनल डिस्चार्ज होता है।
  6. यदि आपको डायरिया हो जाता है।
  7. यदि आपकी एमनियोटिक थैली फट जाती है।

यदि आपको ऊपर बताए हुए किसी भी लक्षण या समस्या का अनुभव हो रहा है तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। किसी भी समस्या का समाधान शुरूआत में करना ही अच्छा रहता है ताकि गर्भवती महिला और बच्चा सुरक्षित व स्वस्थ रहें। यह भी सलाह दी जाती है कि यदि विशेषकर आप निफेडिपीन जैसी दवाओं का सेवन करना चाहती हैं तो पहले इसके बारे में डॉक्टर से चर्चा जरूर करें क्योंकि इसका उपयोग सिर्फ इमर्जेन्सी में ही किया जाता है। 

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सुरक्षा कटियार

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