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आपकी गर्भावस्था आपको कभी कुछ बेहद अद्भुत अनुभवों से सामना करा सकती है और कभी आप इसके कुछ बहुत ही विचित्र अनुभवों की साक्षी हो सकती हैं। शिशु के गर्भ में पलने के सुंदर अहसास की अनुभूति के साथ-साथ आपको शरीर में तेजी से हो रहे बदलावों और हार्मोन के संतुलन में परिवर्तनों के कारण, अपने शरीर में कई अप्रिय प्रतिकियाओं का सामना करना पड़ सकता है। योनि के माध्यम से कुछ स्रावित होना या शरीर से बाहर निकलना इन प्रतिक्रियाओं में से एक है। गर्भावस्था के दौरान योनि से पीले रंग के रिसाव के कई संभावित कारण हो सकते हैं। यह किसी संक्रमण का परिणाम हो सकता है जिसका अगर उपचार न किया जाए तो वह आपके सर्विक्स यानि गर्भाशय ग्रीवा के माध्यम से गर्भनाल में फैल सकता है और एम्निओटिक द्रव को संक्रमित कर सकता है।
गर्भावस्था के दौरान आपके हार्मोन में बदलावों के अंतर्गत शरीर के भीतर एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर में वृद्धि होती है। इससे योनि में अतिरिक्त रक्त प्रवाह होता है जिसके कारण ल्यूकोरिया (गर्भावस्था के दौरान योनि से होने वाला स्राव) होता है। इस निर्वहन में सर्विक्स से स्राव के साथ योनि की दीवारों से सामान्य जीवाणु और पुरानी योनि कोशिकाओं के साथ योनि से रिसाव शामिल होता है । स्राव की मात्रा और आवृत्ति प्रत्येक महिला के लिए भिन्न-भिन्न होती है।
योनि को स्वच्छ और स्वस्थ रखने के लिए योनि द्वारा स्राव शरीर का स्वयं का अपना एक ऐसा तंत्र है जो मृत कोशिकाओं और जीवाणुओं को बाहर निकालकर योनि की सफाई करता है। ल्यूकोरिया, जिसमें योनि द्वारा अधिक मात्रा में म्यूकस स्रावित होता है, गर्भावस्था का एक सामान्य लक्षण है। रिसाव की मात्रा तीसरी तिमाही के दौरान सबसे अधिक होती है। यदि स्राव में किसी प्रकार की दुर्गंध और गहरा रंग हो तो अपने डॉक्टर से सलाह लें।
उच्च एस्ट्रोजन स्तर के अलावा पीले स्राव के कुछ अन्य कारण हैं जो आप को गर्भवती होने पर दिखाई दे सकते हैं।
एस्ट्रोजन के बढ़े हुए स्तर का मतलब है बड़ी मात्रा में योनि स्राव। एस्ट्रोजन स्तर बढ़ने के कारण हैं शरीर में अधिक फैट, तनाव व कम फाइबर वाला आहार या कमजोर इम्युनिटी । यदि एस्ट्रोजन की अधिकता असामान्य स्राव का कारण है तो आपका डॉक्टर आपको दवाई दे सकता है।
गर्भावस्था की दूसरी तिमाही के दौरान यीस्ट संक्रमण होना आम बात है क्योंकि हार्मोन योनि के पी.एच. स्तर को प्रभावित करते हैं, जिससे कैंडिडा एल्बीकंस नामक यीस्ट बढ़ने लगते हैं। इसके कारण एक गाढ़ा और दुर्गंध भरा स्राव, योनि में खुजली, लालिमा और योनि में सूजन आ सकती है! स्राव का रंग प्रत्येक महिला में भिन्न हो सकता है। आपके डॉक्टर ऐसी दवा दे सकते हैं जिससे संक्रमण जल्दी खत्म हो जाए और आपके बच्चे को नुकसान भी ना पहुँचे।
बैक्टीरियल वेजाइनोसिस तब होता है जब योनि के अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का संतुलन खत्म हो जाता है। अच्छे बैक्टीरिया खराब बैक्टीरिया को नियंत्रित करते हैं, लेकिन जब खराब बैक्टीरिया अच्छे बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं तो इससे बैक्टीरियल वेजाइनोसिस हो जाता है। इसका प्रमुख लक्षण खुजली और सूजन के साथ पीला-हरा और गाढ़ा दुर्गंध युक्त स्राव है। अगर इसका समय पर उपचार नहीं किया जाए तो इस अवस्था के कारण समय से पहले प्रसव, शिशु का कम वजन और प्रसव पश्चात गर्भाशय संक्रमण भी हो सकता है।
असामान्य स्राव का सबसे आम कारण एस.टी.डी. है, जिसके कारण माँ और बच्चे दोनों को खतरा हो सकता है। एस.टी.डी. का यदि समय पर इलाज नहीं किया जाए, तो समय से पहले झिल्ली का टूटना, समय से पहले प्रसव और यहाँ तक कि कम वजन के बच्चे का जन्म भी हो सकता है। एस.टी.डी. जिनके कारण असामान्य रिसाव हो सकता है, ट्राइकोमोनिएसिस, क्लैमाइडिया और गोनोरिया हैं।
ऊपर दिए गए कारणों के अलावा आप अन्य एस.टी.डी. से भी संक्रमित हो सकती हैं जिनके मुख्य लक्षण जलन, खुजली या उत्तेजना नहीं है। दुर्गंध के साथ ग्रे, हरा या पीला रिसाव निश्चित रूप से ही चिंता का विषय है।
ऐसे कई उपाय हैं जो स्राव से होने वाली असुविधा को कम करने में मदद कर सकते हैं।
सामान्यतः महिलाओं को जो प्रश्न होते हैं उनमें से कुछ हैं:
यदि योनि से पीला स्राव होता है तो आमतौर पर यह दो प्रकार का हो सकता है गाढ़ा या पतला और पानी जैसा। पतला स्राव संकेत करता है कि महिला की माहवारी शुरू होने वाली है। हालांकि, अगर महिला को अपनी माहवारी शुरू होने के अन्य लक्षण नजर नहीं आते हैं, तो इसका मतलब यह भी हो सकता है कि उसे कोई संक्रमण है। जब स्राव गाढ़ा हो तो यह माहवारी की शुरुआत या गर्भावस्था का एक प्रारंभिक संकेत भी हो सकता है। ऐसे मामले में पीले रंग के स्राव का मतलब आरोपण की प्रक्रिया का संकेत हो सकता है। इस मामले की पुष्टि के लिए एक गर्भाधान की जांच मददगार हो सकती है।
गर्भावस्था के दौरान बिना किसी बदबू और अंडे की सफेदी जैसे गाढ़ेपन वाला हल्के पीले रंग का स्राव आम बात है।
आमतौर पर स्राव का रंग सफेद या हल्का पीला होता है। लेकिन अगर यह गहरे रंग का है और समय के साथ और गहरा होता है तो डॉक्टर की राय लेना आवश्यक है। इस पर सबसे अच्छा है अगर स्राव के रंग पर नजर रखी जाए जिससे समस्या का सही निदान करने के लिए डॉक्टर को अधिक जानकारी मिल सके।
आमतौर पर दुर्गंध वाला गाढ़ा पीला स्राव संक्रमण या बीमारी का लक्षण हो सकता है और ऐसे मामलों में डॉक्टर को दिखाने की आवश्यकता होती है।
आपकी योनि से किसी भी प्रकार का अवांछित स्राव निश्चित रूप से चिंता का विषय है और डॉक्टर के साथ इसकी चर्चा करने में आपको संकोच भी हो सकता है। योनि से किसी भी प्रकार का स्राव चाहे वह सफेद, क्रीम या हल्के पीले रंग का हो, अंडे की सफेदी जैसे गाढ़ेपन वाला हो, यह पूरी तरह सामान्य है। तथापि अगर स्राव का रंग कुछ अलग होता है और इसमें किसी प्रकार की दुर्गंध आती है तो आपको इसका इलाज करने के लिए डॉक्टर से परामर्श करने की आवश्यकता होगी।
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