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हम सब के लिए सोना बहुत जरूरी है और लगभग सभी डॉक्टर का भी यही मानना है कि एक्टिव रहने के लिए एक व्यक्ति को लगभग 8 घंटे सोना चाहिए। हालांकि गर्भावस्था की वजह से कुछ कॉम्प्लीकेशंस होती हैं। इस दौरान मतली होने से, हर घंटे में पेशाब लगने पर और मॉर्निंग सिकनेस की वजह से आपकी नींद खराब हो सकती है। पर क्या आपने कभी सोचा है कि गर्भावस्था के दौरान आप कौन सी पोजीशन में सो सकती हैं? आपके लिए कैसी पोजीशन में लेटना सही है और कैसी पोजीशन में लेटना सही नहीं है?
गर्भावस्था के शुरूआती समय में पेट के बल लेटना आपके लिए सही नहीं है क्योंकि इससे आपको और बच्चे, दोनों को समस्याएं हो सकती हैं।
गर्भावस्था के शुरूआती समय में पेट के बल लेटने से कॉम्प्लीकेशंस भी हो सकती हैं। इस दौरान आपका गर्भाशय प्यूबिक बोन के पीछे सुरक्षित रहता है जिससे बच्चे पर बाहरी दबाव नहीं पड़ने के कारण कोई भी समस्या नहीं होती है।
गर्भवती महिलाओं के लिए यह समय हनीमून पीरियड माना जाता है। इस दौरान गर्भावस्था के कुछ लक्षण भी होते हैं, जैसे हार्टबर्न। यह इस वजह से होता है क्योंकि गर्भाशय पाचन अंगों के विपरीत दबाव डालता है। पेट के बल लेटने से इन अंगों पर और ज्यादा दबाव पड़ता है जिसकी वजह से हार्टबर्न का खतरा बढ़ सकता है।
इस समय गर्भ में पल रहा बच्चा पहले से ज्यादा बड़ा होता है और उसकी वृद्धि तेजी से होती है। इस दौरान पेट के बल लेटने से वेना कावा (पेट की मुख्य मांसपेशियों) पर दबाव पड़ता है जो हृदय से पैरों तक खून को प्रभावित करने में मदद करती हैं। इससे आमतौर पर खून का प्रवाह रुक सकता है और बच्चे तक कम मात्रा में न्यूट्रिशन पहुँचता है।
गर्भावस्था के दौरान करवट से लेटना या सोना सबसे सही माना जाता है क्योंकि इससे खून के प्रवाह में सुधार आता है और यह किडनी में भी सुधार करता है। कई एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि गर्भावस्था में बाएं ओर लेटने से बच्चे तक उचित न्यूट्रिशन पहुँचता है।
गर्भावस्था के दौरान पीठ के बल लेटने से गर्भाशय रीढ़ पर बहुत ज्यादा दबाव डालता है। चूंकि गर्भाशय विपरीत दिशा में दबाव डालता है जिसकी वजह से पीठ में दर्द और बवासीर हो सकता है और यह खून के प्रवाह को भी रोकता है। इससे बच्चे तक न्यूट्रिशन कम पहुँचता है और साथ ही ब्लड प्रेशर में भी प्रभाव पड़ता है जिसके परिणामस्वरूप आपको चक्कर भी आ सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान पेट के बल सोना आपके लिए सही नहीं है। यहाँ कुछ टिप्स बताए गए हैं जिनकी मदद से आप अपनी नींद में सुधार ला सकती हैं, आइए जानें;
गर्भावस्था के दौरान अच्छी डायट का सेवन करने से भी नींद पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। इस समय आप मसालेदार और एसिडिक खाना न खाएं क्योंकि इससे आपको हार्टबर्न की समस्या हो सकती है और सोने में कठिनाई बढ़ सकती है। कई लोग सलाह देते हैं कि सोने से पहले प्रोटीन-युक्त आहार ही खाना चाहिए। इससे आपके ब्लड शुगर के लेवल में कमी नहीं आएगी और रात में आपकी नींद भी खराब नहीं होगी।
गर्भावस्था के दौरान एंग्जायटी और स्ट्रेस से भी नींद खराब हो सकती है। मेडिटेशन करने से आपका दिमाग शांत रहेगा और आप भविष्य की चिंता करने के बजाय वर्तमान पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगी। गर्भावस्था में आप कुछ ऐसे प्राणायाम कर सकती हैं जो विशेषकर गर्भवती महिलाओं के लिए ही होते हैं और उन्हें ‘प्रेगनेंसी योगा’ कहा जाता है।
नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से गर्भावस्था के कुछ लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है, जैसे हॉट फ्लैशेस (बहुत ज्यादा गर्मी लगना) जिसकी वजह से नींद खराब हो सकती है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान एक्सरसाइज करते समय दो बातों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। पहली कि आप बहुत ज्यादा कठिन या भारी एक्सरसाइज न करें, जैसे एरोबिक्स और वेट लिफ्टिंग। ऐसा करने से गर्भावस्था के दिनों में आपको बहुत ज्यादा कमजोरी हो सकती है या चक्कर भी आ सकते हैं। दूसरी, इन दिनों आप दिन के समय में एक्सरसाइज कर सकती हैं क्योंकि सुबह या शाम को एक्सरसाइज करने से आपकी नींद पर असर पड़ सकता है।
गर्भावस्था में तकिया आपकी बहुत ज्यादा मदद करती है। इस दौरान आप मदद के लिए घर से कई सारी तकियों का उपयोग कर सकती हैं या आप बाजार से भी एक मैटरनिटी तकिया खरीद सकती हैं। यह तकियां कई शेप में आती हैं और इसकी मदद से आप आराम से करवट होकर सो सकती हैं। यद्यपि कुछ तकियों का शेप किसी धातु जैसा होता है जिससे आपके पूरे शरीर को सपोर्ट मिलता है पर कुछ तकियां ओवल शेप की भी होती हैं और पेट को सपोर्ट देती हैं।
टाईम-टेबल के महत्व को बिलकुल भी कम न समझें। नियम बनाने से आपका दिमाग अपने आप ही नींद को प्रेरित करता है। कई लोग नियमित रूप से समय पर ब्रश करते हैं, सुविधाजनक कपड़े पहनते हैं और गुनगुना दूध पीते हैं। इस नियम के अनुसार ही रोजाना आपका दिमाग समय को नींद को प्रेरित करता है और आप आराम से सो सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान सुविधाजनक कपड़े पहनने से बहुत आराम मिलता है। इस समय आप अपने टाइट फिटिंग वाले और सिंथेटिक के कपड़ों को एक तरफ रख दें और अच्छे कॉटन के ढीले कपड़े खरीदें। क्योंकि कॉटन के कपड़ों में हवा का आदान प्रदान अच्छा होता है और विशेषकर हॉट फ्लैशेस से बचने के लिए ऐसे कपड़े पहनने से बहुत राहत मिलती है।
गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय ब्लैडर पर बहुत ज्यादा दबाव डालता है जिस वजह से आप इसे उस तरह से नियंत्रित नहीं कर पाती हैं जिस तरह से पहले करती थी। रात में ब्लैडर पर दबाव न पड़े इसलिए आप शाम के बाद पानी न पिएं और दिन के समय में ही ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।
बहुत सारे लोग होंगे जिन्हें पेट के बल सोने की आदत होगी। हालांकि इससे सिर्फ कुछ समय के लिए ही आपको और आपके बच्चे को फायदे हो सकते हैं। शुक्र है ऐसी बहुत सी चीजें उपलब्ध हैं, जैसे मैटरनिटी पिलो जिनकी मदद से गर्भावस्था के दौरान आराम करना आसान हो गया है।
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