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गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में बहुत सारे बदलाव होते हैं हालांकि सभी बदलाव आरामदायक नहीं होते हैं – इनमें से कुछ बहुत ज्यादा असुविधाएं भी पैदा कर सकते हैं। कभी-कभी महिलाओं को ज्यादातर रात में वजायना या रेक्टल एरिया के पास खुजली होती है। अक्सर शरीर में जलन या इरिटेशन के कारण अचानक से खुजली हो सकती है पर यदि यह लगातार होती है तो आपको पिनवर्म इन्फेक्शन भी हो सकता है। पिनवर्म इन्फेक्शन आंतों में पैरासाइट का एक आम इन्फेक्शन है और इसे थ्रेडवर्म भी कहा जाता है। पिनवर्म इन्फेक्शन और इसके प्रभाव गर्भावस्था व बच्चे पर क्या प्रभाव डाल सकते हैं, इस बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं। यदि आप पिनवर्म इन्फेक्शन के बारे में पूरी जानकारी लेना चाहती हैं तो इस लेख को पूरा पढ़ें।
पिनवर्म पैरासिटिक वर्म्स होते हैं जो व्यक्ति के लार्ज इंटेस्टाइन में रहते हैं। यह वर्म्स नर और मादा दोनों प्रकार के होते हैं। यदि महिला को वजायना के क्षेत्र में बहुत ज्यादा खुजली होती है तो इसका मतलब है कि उनके गुदा/ऐनस में पिनवर्म हो सकते हैं और इनमें मादा पिनवर्म वजायना के पास अंडे देती हैं। यह अंडे हैच होने के बाद महिला में पिनवर्म बढ़ जाते हैं।
गर्भावस्था की वजह से पिनवर्म इन्फेक्शन नहीं होता है पर गर्भावस्था के दौरान यह समस्या होना बहुत आम है। गर्भावस्था के दौरान घर में पैरासाइट होने की वजह से आपको यह इन्फेक्शन हो सकता है। इसके अलावा पिनवर्म एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता भी है और यदि किसी को पिनवर्म होता है तो यह समस्या दूसरों को भी होने की संभावना है। आपके घर में आने वाले लोगों को भी यह इन्फेक्शन हो सकता है और यदि आपके आसपास स्वछता नहीं होगी तो यह समस्या आपको भी हो सकती है।
पिनवर्म मुख्य रूप से शरीर के जेनिटल और ऐनल क्षेत्र में रहते हैं। हालांकि यह इन्फेक्शन सिर्फ स्वच्छता न रखने की वजह से होता है। इसके होने के और क्या कारण हो सकते हैं, आइए जानें;
गर्भावस्था के दौरान आप निम्नलिखित लक्षण से पिनवर्म के इन्फेक्शन का पता लगा सकती हैं, आइए जानते हैं;
यदि आप गर्भवती हैं और आपको पिनवर्म का इन्फेक्शन है तो जाहिर है आप सोचती होंगी कि इसके परिणामस्वरूप आपकी गर्भावस्था में भी कॉप्लिकेशन्स हो सकती हैं। पर आपको चिंता करने की जरूरत नहीं क्योंकि पिनवर्म होने से आपके गर्भ में पल रहे बच्चे को कोई भी हानि नहीं होगी। यह इन्फेक्शन सिर्फ आंतों के क्षेत्र तक ही रहता है और इससे गर्भवती महिला को सिर्फ असुविधा व खुजली होती है। इसलिए डॉक्टर इस समस्या के लिए एक गर्भवती महिला को दवाई देने से बचते हैं और उन्हें स्वच्छता रखने की सलाह देते हैं।
गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर पिनवर्म को डायग्नोज करने के लिए निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकते हैं, आइए जानें;
इस टेस्ट में पिनवर्म डायग्नोज करने के लिए सेलो टेप का उपयोग किया जाता है। इसमें गुदा के पास त्वचा में थोड़ा सा टेप चिपकाया जाता है और फिर उसी टेप को माइक्रोस्कोप में रखकर पिनवर्म की जांच होती है। इस टेस्ट को घर में भी किया जा सकता है। आप घर में टेप से पिनवोर्म का टेस्ट करें और उस टेप को डॉक्टर के पास ले जाकर यह कन्फर्म कर लें कि पिनवर्म इन्फेक्शन है या नहीं।
डॉक्टर या नर्स पिनवर्म को चेक करने के लिए मॉयस्टनेड स्वैब को आपकी गुदा या ऐनल क्षेत्र के आसपास ले जाते हैं। पर कई बार इसका ट्रीटमेंट तभी होता है जब इसकी जांच के बाद इसके इन्फेक्शन के बारे में पता चलता है।
गर्भावस्था के दौरान पेट में कीड़े या पिनवर्म को ठीक करने के लिए कुछ होम रेमेडीज हैं जिसका उपयोग आप कर सकती हैं और यदि यह समस्या कुछ ज्यादा ही गंभीर है तो डॉक्टर भी आपको कुछ दवाएं लेने की सलाह दे सकते हैं।
यदि आपको पिनवर्म इन्फेक्शन है तो आप दवाएं ले सकती हैं। हालांकि गर्भावस्था के दौरान पिनवर्म होने पर आप सीधे मेडिकल से दवाई न लें और पहले डॉक्टर से सलाह लें। कभी-कभी पिनवर्म की समस्या के लिए डॉक्टर परिवार में सभी जनों को दवाई देते हैं ताकि घर में किसी से भी यह समस्या दोबारा से न फैले। इसके ट्रीटमेंट के लिए डॉक्टर सबसे पहले एल्बेंडाजोल, मेबेंडजोल और पैरंटल पमोट दवाएं देते हैं। इन दवाइयों से ज्यादातर आराम मिल जाता है। कुछ सप्ताह के बाद डॉक्टर आपको इन दवाइयों का एक और डोज देते हैं ताकि यदि आप में वर्म्स दोबारा आ गए हों या पैदा हो गए हों तो वो भी नष्ट हो जाएं। हालांकि डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही यह दवाइयां लेनी चाहिए।
पिनवर्म की समस्या को होम रेमेडीज की तुलना में दवाइयों से प्रभावी रूप से ठीक किया जा सकता है क्योंकि इसका प्रभाव देर से पड़ता है। कुछ लोग सलाह देते हैं कि आंतों में मौजूद वर्म्स को नष्ट करने के लिए वुडवर्म्स का उपयोग करना चाहिए, यह बहुत प्रभावी होता है पर गर्भावस्था के दौरान इसका उपयोग करना हानिकारक भी हो सकता है। आप चाहें तो इसके इलाज के लिए सब्जी व सलाद में लहसुन और लौंग डालकर भी इसका सेवन कर सकती हैं। इससे भी पिनवर्म को खत्म करने में मदद मिलती है।
यदि आपको पिनवर्म या पेट में कीड़े होने की समस्या है तो आप सबसे पहले दवाएं लें और हाइजीन बनाएं रखें। हालांकि कुछ सावधानियां बरतकर आप इस इन्फेक्शन को खत्म कर सकती हैं, आइए जानें;
गर्भावस्था के दौरान पिनवर्म या थ्रेडवर्म होना एक महिला के लिए इरिटेशन और समस्या का कारण भी हो सकता है। पर इससे बच्चे को कोई भी हानि नहीं होती है। आप इस समय कुछ होम रेमेडीज या घरेलू उपचार की मदद से इसे ठीक कर सकती हैं और डिलीवरी होने के बाद इसका प्रभावी रूप से इलाज करवाएं।
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