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हर् एक गर्भवती महिला के लिए मिसकैरेज दर्दनाक अनुभव होता है। मिसकैरेज आपको मातृत्व के एहसास को अनुभव करने और उसका आनंद लेने से रोक सकता है, इसलिए कई डॉक्टर और गायनोलॉजिस्ट अक्सर गर्भवती महिलाओं को प्रोजेस्टेरोन के सप्लीमेंट्स देते हैं ताकि उसकी डिलीवरी सुरक्षित रूप से हो सके।
प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन गर्भावस्था और पीरियड्स से संबंधित है पर गर्भावस्था के दौरान प्रोजेस्टेरोन के सप्लीमेंट्स का उपयोग करने से मिसकैरेज को रोका जा सकता है इसमें कई तर्क-वितर्क होते रहते हैं। सामान्य रूप से प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन शरीर में उत्पन्न होता है और इसका मुख्य फंक्शन गर्भाशय की परत को मोटा करना और गर्भावस्था के लिए तैयार करना है। मिसकैरेज और प्रोजेस्टेरोन का कम होना एक दूसरे से संबंधित है पर इस बात का कोई भी प्रमाण नहीं है कि यह दोनों चीजें एक दूसरे से संबंधित कैसे हैं। यह आर्टिकल इसी विषय पर प्रकाश डालता है ताकि आप यह निर्णय ले पाएं कि आपको प्रोजेस्टेरोन के सप्लीमेंट्स लेने चाहिए या नहीं।
रिसर्च के अनुसार थ्रेटेन्ड मिसकैरेज के मामलों में गर्भावस्था के दौरान प्रोजेस्टेरोन लेने से मिसकैरेज को रोका नहीं जा सकता है। हालांकि एक रिसर्च में बताया गया है कि जब गर्भावस्था किसी मेथड के परिणामस्वरूप होती है, जैसे इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) की वजह से तो प्रोजेस्टेरोन के सप्लीमेंट्स लेना बहुत जरूरी है।
जब किसी कारण से गर्भाशय बढ़ते बच्चे को सपोर्ट नहीं कर पाता है तो प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है और इसके परिणामस्वरूप मिसकैरेज हो सकता है। अन्य विचारकों के अनुसार यदि बच्चे में क्रोमोसोमल समस्या की वजह से गर्भावस्था खत्म हो जाती है तो इससे भी प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है और यह भी मिसकैरेज का एक संकेत है। इन मामलों में प्रोजेस्टेरोन के सप्लीमेंट्स भी किसी काम नहीं आते हैं।
कई विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार होने वाले मिसकैरेज के मामलों में प्रोजेस्टेरोन सप्लीमेंट्स की वजह से गर्भावस्था सफलतापूर्वक हुई है। प्रोजेस्टेरोन सप्लीमेंट्स लेने की सलाह उन महिलाओं को भी दी जाती है जिनमें प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम होता है। प्रोजेस्टेरोन सप्लीमेंट्स का स्ट्रक्चर केमिकली आइडेंटिकल होता है जिसे शरीर ही बनाता है। कई सारे डॉक्टर का मानना है कि यह सिर्फ एक हॉर्मोन का सप्लीमेंट है जो शरीर में पहले से ही उत्पन्न होता है और वे इसे लेने की सलाह भी देते हैं।
पहले मिसकैरेज को रोकने के लिए डॉक्टर महिलाओं को नियमित रूप से डीइएस नामक दवाई देते थे पर बाद में पता लगा कि इसके परिणामस्वरूप बच्चे में अब्नॉर्मेलिटीज हो सकती हैं। यद्यपि कई डॉक्टर्स आज यह मानते हैं कि प्रोजेस्टेरोन का उपयोग सुरक्षित होता है पर इसका कोई भी प्रमाण नहीं है।
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन द्वारा की गई स्टडीज से पता चला है कि प्रोजेस्टेरोन वास्तव में मिसकैरेज को रोकने में मदद नहीं करता है। 2015 की स्टडीज के अनुसार कई महिलाओं में कई कारणों की वजह से मिसकैरेज हुआ था। प्रोजेस्टेरोन सप्लीमेंट्स के परिणामस्वरूप ज्यादा जीवित बच्चों का जन्म नहीं हुआ था। हालांकि कई महिलाओं का कहना है कि अधिक प्रोजेस्टेरोन की वजह से कई मिसकैरेज के बाद भी उन्हें गर्भवती रहने में मदद मिलती है। इसलिए मिसकैरेज को रोकने के लिए प्रोजेस्टेरोन की भूमिका से संबंधित कई तर्क-वितर्क होते हैं।
थ्रेटेन्ड मिसकैरेज, गर्भावस्था के 20वे सप्ताह में महिला के गर्भ में बच्चे की मृत्यु हो जाने से होता है। स्टडीज के अनुसार प्रोजेस्टेरोन मिसकैरेज के रेट को कम करने में मदद करता है। हालांकि प्रोजेस्टेरोन के उपयोग से थ्रेटेन्ड मिसकैरेज बहुत ज्यादा कम नहीं हुए हैं।
कुछ डॉक्टर मिसकैरेज को रोकने के लिए गर्भावस्था में प्रोजेस्टेरोन का इंजेक्शन लगवाने की सलाह देते हैं क्योंकि इस हॉर्मोन का स्तर बढ़ने से गर्भावस्था सफलतापूर्वक बनी रह सकती है।
निम्नलिखित मामलों में डॉक्टर आपको प्रोजेस्टेरोन सप्लीमेंट्स लेने की सलाह देते हैं, आइए जानें;
गर्भावस्था की शुरूआत में मिसकैरेज को रोकने के लिए महिलाओं को प्रोजेस्टेरोन देना बहुत जरूरी है। हालांकि यदि प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है तो गर्भावस्था सफलतापूर्वक नहीं हो पाती है और इसके परिणामस्वरूप मिसकैरेज हो जाता है।
प्रोजेस्टेरोन ट्रीटमेंट इंजेक्शन की मदद से या वजायना के द्वारा दिया जाता है। हालांकि यह माना जाता है कि इंजेक्शन वजायनल सपोजिटरी से ज्यादा प्रभावी होते हैं। यह इंजेक्शन हिप्स के ऊपरी क्षेत्र में लगाया जाता है। पर यदि आप इसे खुद लगाती हैं तो आपको इसे अपनी जांघ के ऊपरी क्षेत्र में लगाना चाहिए।
प्रोजेस्टेरोन का इंजेक्शन देने के कुछ सामान्य साइड इफेक्ट्स निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
प्रोजेस्टेरोन के कुछ साइड इफेक्ट्स निम्नलिखित हैं, आइए जानें (यदि किसी और रूप में लिया गया है तो);
प्रोजेस्टेरोन के उपयोग से ब्लड क्लॉट होता है और यह इसका सबसे मुख्य साइड इफ्फेक्ट है। हालांकि यदि आपको निम्नलिखित संकेत भी दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें;
यद्यपि प्रोजेस्टेरोन से एलर्जी नहीं होती है पर इसके सॉल्यूशन को बनाने के लिए उपयोग किए गए पदार्थ से आपको एलर्जी जरूर हो सकती है। यदि आपको इंजेक्शन दिए गए जगह पर रैशेज, खुजली, लालपन या आपको सांस लेने में तकलीफ होती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
प्रोजेस्टेरोन का विषय थोड़ा सा कॉम्प्लेक्स है। विशेषकर यदि महिला के पहले कई मिसकैरेज हो चुके हैं तो कोई भी नहीं कह सकता है कि इसमें प्रोजेस्टेरोन मदद कर पाएगा या नहीं। यदि फिर भी आप प्रोजेस्टेरोन के सप्लीमेंट्स लेना चाहती हैं तो इसके उचित विकल्पों के बारे में जानने के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
डिस्क्लेमर:
इस आर्टिकल में गर्भावस्था के दौरान प्रोजेस्टेरोन सप्लीमेंट्स के उपयोग को बढ़ावा देने या कम करने के बारे में नहीं बताया गया है। गर्भावस्था के दौरान यदि आप इसके सप्लीमेंट्स का उपयोग करना चाहती हैं तो पहले इस बारे में डॉक्टर से चर्चा करने की सलाह दी जाती हैं।
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