रागी एक प्रकार का अनाज है जो कई एशियाई और अफ्रीकन देशों में उगाया जाता है। गर्भावस्था के दौरान रागी या नाचनी खाने से महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी बहुत सारे फायदे होते हैं। रागी के आटे की रोटियां या इसका पॉरिज, चीला/चिल्ला, डोसा या लड्डू बनाकर भी खाया जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान रागी खाने के कुछ फायदे यहाँ भी बताए गए हैं, आइए जानते हैं।
गर्भावस्था के दौरान रागी खाना क्या वास्तव में फायदेमंद होता है? एक गर्भवती महिला के लिए रागी से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं, आइए जानते हैं;
रागी में कैल्शियम उच्च मात्रा में होता है जो बच्चे के दाँत और हड्डियों के विकास में मदद करता है। गर्भ में पल रहे बच्चे को उसका न्यूट्रिशन सिर्फ उसकी माँ से मिलता है इसलिए एक गर्भवती महिला के शरीर में कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में होनी चाहिए। कैल्शियम आपके और आपके बच्चे के दाँत, हड्डियां और नाखूनों को मजबूत बनाता है।
वैसे तो गर्भावस्था के दौरान फैट-युक्त खाद्य पदार्थों को न खाने की सलाह दी जाती है। इससे महिलाओं को डायबिटीज, हाइपरटेंशन और हार्ट के रोग हो सकते हैं। पर रागी में प्राकृतिक फैट मौजूद है स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है और इससे ज्यादा वजन भी नहीं बढ़ता है।
गर्भावस्था के दौरान रागी खाना अच्छा होता है क्योंकि इसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर मौजूद है। इसलिए इसके सेवन से बोवेल मूवमेंट और कब्ज जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है।
गर्भवती महिलाओं को अक्सर रात में नींद बहुत कम आती है। इस अवधि में यदि आप रागी का सेवन करती हैं तो आपको रात में गहरी नींद आ सकती है। इसमें मौजूद एमिनो एसिड ट्रिप्टोफैन होता है जो अनिद्रा को कम करने में मदद करता है।
कई महिलाओं को ग्लूटेन से एलर्जी होती है और उन्हें अपने आहार में इसे शामिल करने के लिए सख्त मना किया जाता है। रागी में ग्लूटेन नहीं होता है और गर्भावस्था के दौरान रागी खाना पूरी तरह से सुरक्षित है। यदि आपको एलर्जी है तो आपको इससे बना हुआ कोई भी खाद्य पदार्थ नहीं खाना चाहिए। जिन खाद्य पदार्थों में ग्लूटेन नहीं होता है वे गर्भ में पल रहे बच्चे को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।
जन्म के बाद बच्चे को दूध पिलाने के लिए माँ को दूध उत्पादन की आश्यकता होती है। रागी में पाए जाने वाले गुण, जैसे कैल्शियम, एमिनो एसिड और आयरन एक माँ के दूध को बढ़ाने में मदद करते हैं। यदि आप अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग ही कराना चाहती हैं तो आपको गर्भावस्था के दौरान रागी खाना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान बढ़ा कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से हायपरटेंशन हो सकता है और यह नॉर्मल डिलीवरी की संभावना को भी कम करता है। रागी में मौजूद लेसिथिन और मेथिओनाइन शारीरिक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावी रूप से नियंत्रित कर सकते हैं।
रागी में कई प्रकार के मिनरल होते हैं, जैसे आयरन, कैल्शियम और इत्यादि। गर्भावस्था के दौरान बच्चे के विकास के लिए यह मिनरल बहुत जरूरी होते हैं। डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लेने के बाद गर्भावस्था की पहली तिमाही की आहार योजना में आप रागी को शामिल कर सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान शरीर में प्रोटीन की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। यह गर्भ में पल रहे भ्रूण के विकास में भी मदद करता है। वेजिटेरियन लोगों के लिए रागी एक सबसे ज्यादा जरूरी खाद्य पदार्थ है क्योंकि यह बच्चे में प्रोटीन की आवश्यकताओं को पूरा करता है।
रागी में बहुत सारा आयरन होता है जो गर्भावस्था में माँ और बच्चे को पोषित करने के लिए बहुत जरूरी है। यह इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं और माँ को पूरा दिन एनर्जी से भरपूर रखता है।
रागी डोसा स्वादिष्ट होने के साथ-साथ यह आपको न्यूट्रिशन भी प्रदान करता है इसलिए जब भी आपको साउथ-इंडियन फूड खाने की क्रेविंग हो तब आप अपने लिए रागी का डोसा पका कर खा सकती हैं।
सामग्री
विधि
गर्भावस्था के दौरान रागी खाने से महिलाओं को इससे गर्भावधि में और डिलीवरी के बाद भी बहुत सारे फायदे होते हैं। यह सेल और टिश्यू को ठीक करने में मदद करता है और एनर्जी भी प्रदान करता है। गर्भावस्था के लिए रागी और रागी का आटा दोनों ही फायदेमंद हैं और गर्भवथा की पहली तिमाही में इसे अपने आहार में शामिल करने से आपको बहुत सारे लाभ मिल सकते हैं।
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