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गर्भावस्था की तीनों तिमाहियों में से किसी भी एक में आपको साइनस इन्फेक्शन हो सकता है। साइनस में चेहरे और नाक के आस-पास हवा भर जाती है और आपके साइनस की परत में सूजन आती है जिसकी वजह से आपको समस्याएं होने लगती है। यह इन्फेक्शन होने से आमतौर पर नाक बह सकती है, कान में इन्फेक्शन, नेजल कंजेशन हो सकता है और यहाँ तक कि बुखार भी आ सकता है। ज्यादातर महिलाएं इस समस्या को ठीक करने के लिए होम रेमेडीज का उपयोग करती हैं पर कभी-कभी इसके लिए दवाई भी लेनी पड़ सकती है। साइनसाइटिस के लक्षण भी सामान्य रूप से सर्दी व जुकाम की तरह ही होते हैं। यदि आपको साइनस बहुत गंभीर रूप से हुआ है तो यह समस्या लगभग 4 से 12 सप्ताह तक रह सकती है। साइनस इन्फेक्शन के परिणामस्वरूप आपको सर्दी व एलर्जी कॉम्प्लीकेशंस हो सकते हैं। नाक में सूजन होने से म्यूकस साइनस कैविटी को ब्लॉक कर सकता है जिसके परिणामस्वरूप इन्फेक्शन होता है।
साइनसाइटिस सिर्फ एक इन्फेक्शन है और साइनस में नाक में म्यूकस आने के साथ-साथ सूजन भी होती है जिसकी वजह से इसे बाहर निकलने में कठिनाई हो सकती है। यदि आप गर्भवती नहीं है तो इस समस्या से आपको काफी तकलीफ हो सकती है और यदि आप गर्भवती हैं तो इस समस्या से आपको तकलीफ होने के साथ-साथ नुकसान भी हो सकता है।
गर्भावस्था के दौरान साइनस होना एक आम बात है। हालांकि इसके बारे में कह पाना थोड़ा मुश्किल है कि यह वास्तव में एक इन्फेक्शन है या गर्भावस्था से संबंधित तकलीफ है। गर्भावस्था में यदि महिला बीमार नहीं है तब भी, उसकी नाक के ब्लड वेसल्स और मेमब्रेन में सूजन हो सकती है जिसकी वजह उसे सांस लेने में तकलीफ होती है। इस समस्या को समझने के लिए डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है।
प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन्स की वजह से साइनस में सूजन होती है और इससे इन्फेक्शन हो जाता है। आपको वायरल, बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन से भी साइनस हो सकता है। इससे रायनाइटिस एलर्जी और हे फीवर का खतरा बढ़ सकता है।
साइनस इन्फेक्शन में आपको निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं, आइए जानें;
नेजल एंडोस्कोपी से डॉक्टर को नाक के अंदर जांच करने में मदद मिलती है और इसमें यदि किसी भी प्रकार की एलर्जी का पता लगता है तो आपको अन्य जांच करवाने की सलाह भी दी जा सकती है।
साइनस से बच्चे पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है पर इस बात का ध्यान रखें कि इस दौरान आप जल्दी ठीक होने के लिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन्स के सप्लीमेंट्स लें और और हेल्दी डायट का सेवन करें।
एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल) साइनस की दवाई होती है जिसे गर्भावस्था में भी लिया जा सकता है। इससे साइनस की वजह से सिर में दर्द और गले में खराश की समस्या में बहुत आराम मिलता है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान आप डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका सेवन करें।
आप नाक की नलिका को साफ करने के लिए टिश्यू पेपर में दो बूंद नीलगिरी का तेल डालकर सूंघें। इसके अलावा एक कटोरे में गर्म पानी में ऊपर से तौलिया ढककर स्टीम लें।
एक्युपंक्चर के प्रभावी उपचार के लिए शरीर के कुछ पॉइंट्स पर प्रेशर दिया जाता है और यह स्ट्रेस व माइग्रेन की समस्या को ठीक करने में भी मदद करता है। यदि आपको साइनस की वजह से सिर में दर्द की समस्या है जो वैसे कभी नहीं होती है तो यह उपचार प्रभावी रूप से आपकी मदद कर सकता है।
साइनस को ठीक करने के लिए होम्योपैथी में कोई भी प्रमाणित उपचार नहीं है। हालांकि आप एक योग्य होमिओपैथ की सलाह से इसका उपचार करा सकती हैं।
यदि आपको नहीं मालूम है कि गर्भावस्था के दौरान साइनस को ठीक करने के लिए दवाई लेनी चाहिए या नहीं तो आपको इसे ठीक करने के लिए हमेशा होम रेमेडीज का उपयोग ही करना चाहिए। होम रेमेडीज से आपको बहुत फायदा मिल सकता है और इससे साइड-इफेक्ट्स होने की संभावनाएं भी कम हो सकती हैं। आप साइनस इन्फेक्शन को ठीक करने के लिए निम्नलिखित होम रेमेडीज का उपयोग कर सकती हैं;
गर्भावस्था के दौरान साइनस की वजह से होनेवाले सिर में दर्द से आराम पाने के लिए आपको अपनी आँखों व नाक के पास गर्म सिकाई करनी चाहिए।
खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए दिनभर में लगभग 8 गिलास पानी पिएं। इस दौरान गर्म पेय पदार्थ, जैसे चाय या कॉफी न लें क्योंकि इससे आपको डिहाइड्रेशन हो सकता है।
आम विटामिन ‘ए’ से भरपूर होता है इसलिए आप इसका सेवन भी कर सकती हैं। इस दौरान अपनी डायट में प्याज, लहसुन और गाजर भी शामिल कर सकती हैं। लहसुन में एंटीबायोटिक गुण होते हैं और यह साइनस को ठीक करने में मदद करते हैं।
नाश्ते में गाजर का जूस पीने से साइनस में प्रभावी रूप से मदद मिलती है। इस दौरान आप पालक, खीरे और चुकंदर का जूस भी ले सकती हैं।
मेथीदाने को पानी में उबालकर दिन में 3-4 बार पिएं।
टब या एक कटोरे में गर्म पानी लेकर आप स्टीम भी ले सकती हैं। ह्युमिडिफायर और नेजल डीकंजेशन से भी आपको काफी मदद मिल सकती है। दिन में दो बार स्टीम लेने से जमी हुई नाक खुल जाती है और यह एक महत्वपूर्ण रेमेडी है।
आप गर्म पानी में नींबू निचोड़ कर दिन भर पीएं। नींबू में मौजूद विटामिन ‘सी’ आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और इससे बुखार व सर्दी भी ठीक हो सकती है।
ड्रॉपर की मदद से नाक में एक-दो बूंद नमक का पानी डालने से यह साफ हो सकती है। इस सॉल्यूशन से जमी हुई नाक खुल जाती है और तुरंत आराम मिलता है।
ऊपर बताई गई होम रेमेडीज की मदद से गर्भावस्था के दौरान आप प्राकृतिक रूप से ठीक हो सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान अच्छा खाने, बीमार लोगों से दूर रहने और प्रदूषण से बचने से आप फिट और स्वस्थ रह सकती हैं। यदि पहले कभी आपको एलर्जी हुई है तो इस बात का खयाल रखें कि आपको अपनी ज्यादा से ज्यादा देखभाल करनी चाहिए। किसी भी इन्फेक्शन से बचने के लिए ह्युमिडिफायर भी आपकी मदद कर सकता है।
घरेलू उपचार की मदद से साइनस को ठीक किया जा सकता है पर कभी-कभी आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत पड़ सकती है। गर्भावस्था के दौरान साइनस की वजह से सिर में दर्द अत्यधिक गंभीर हो सकता है और इससे कई कॉम्प्लीकेशंस भी हो सकते हैं। यदि आपको निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें;
साइनस इन्फेक्शन होना अच्छी बात नहीं है पर इसके लक्षणों को खत्म करके जल्दी रिकवर करने के बहुत सारे तरीके हैं। हाइड्रेटेड रहें और हेल्दी डायट लें। यदि साइनस के लक्षण काफी दिनों तक रहते हैं या अधिक गंभीर होते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें।
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