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एक गर्भवती महिला के लिए स्वास्थ्य सबसे ज्यादा जरूरी होता है जिसे कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस महत्वपूर्ण समय में महिला जो भी खाती है, उसके आहार में सभी आवश्यक मिनरल और न्यूट्रिएंट्स होना आवश्यक है। इससे गर्भवती महिला का सिर्फ स्वास्थ्य ही ठीक नहीं रहता है बल्कि उसके गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास भी ठीक से होता है।
गर्भावस्था के दौरान आहार में सिर्फ जिंक की बात की जाए तो यह एक प्रकार का मिनरल है जिसमें बहुत सारे फायदे होते हैं और इसलिए गर्भवती महिलाओं को इसके बारे में सब कुछ जानना जरूरी है।
जिंक हमारे शारीरिक विकास और उसके फंक्शन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि सरल शब्दों में कहा जाए तो यह एक आवश्यक मिनरल है जो गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चे को स्वास्थ्य संबंधी फायदे प्रदान करता है। कुछ विशेष खाद्य पदार्थों में ‘जिंक’ प्राकृतिक रूप से पाया जाता है या आप आहार में इसके सप्लीमेंट्स भी ले सकती हैं। किसी भी प्रकार से यह मिनरल गर्भवती महिलाओं को अनेकों फायदे प्रदान करता है।
जिंक इम्यून सिस्टम को हेल्दी बनाने में मदद करता है, शारीरिक विकास करता है, डी.एन.ए. मेटाबॉलिज्म में मदद करता है और चोट को जल्दी ठीक होने में मदद भी करता है।
जहाँ तक गर्भावस्था में जिंक की भूमिका का सवाल है तो इसके फायदे एक गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए अलग-अलग हैं।
गर्भावस्था में जिंक का सेवन करना पूरी तरह से महिला की आयु पर निर्भर करता है। यहाँ दिया हुआ है कि गर्भावस्था के दौरान किस आयु में कितना जिंक लेना चाहिए, आइए जानते हैं;
यहाँ पर कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ दिए हुए हैं जिनमें जिंक की पर्याप्त मात्रा होती है, आइए जानें;
चॉकलेट्स खाना हर किसी को पसंद है, कोई इसके मीठे स्वाद को मना नहीं कर सकता है। परंतु इसमें शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को हानि भी पहुँचा सकती है। हालांकि डार्क चॉकलेट थोड़ी अलग होती हैं क्योंकि इसमें शुगर का स्तर कम होता है और जिंक की मात्रा ज्यादा होती है।
दाल में भी विटामिन और मिनरल की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इसमें जिंक भी आसानी से पाया जा सकता है। दाल प्रोटीन और फाइबर से भी भरपूर होती है जो आपके रोजाना के आहार का एक विशेष भाग होना चाहिए।
कद्दू के बीज सिर्फ जिंक से ही भरपूर नहीं होते हैं बल्कि इसमें ओमेगा-3 फैट्स और मैग्नीशियम भी उच्च मात्रा में होता है। आप कद्दू के बीजों को सलाद में मिलाकर या रोस्ट करके भी खा सकती हैं।
काबुली चने में प्रोटीन व फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और इसलिए इसे अक्सर गर्भावस्था के दौरान शाकाहारी महिलाओं को खाने की सलाह दी जाती है। छोले खाने से पाचन में सुधार होता है और इसलिए यह खाद्य पदार्थ गर्भवती महिलाओं से एसिडिटी या पाचन संबंधी अन्य समस्याओं को दूर रखता है।
100 ग्राम तिल में लगभग 7.8 ग्राम जिंक होता है। तिल में फायटोस्टेरॉल्स और सीसमिन की मात्रा अधिक होती है। फायटोस्टेरॉल्स एक ऐसा कंपाउंड है जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है और सीसमिन हॉर्मोन्स को नियंत्रित करने में मदद करता है।
यदि आप शाकाहारी हैं तो आपके लिए राजमा सबसे बेहतरीन खाद्य पदार्थ है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है और साथ ही एक संतुष्ट आहार भी प्रदान करता है।
दही को एक प्रोबायोटिक डेयरी प्रोडक्ट माना जाता है जिसमें जिंक की मात्रा पर्याप्त होती है। लगभग 1 कप दही में 1.4 मिलीग्राम जिंक पाया जाता है। दही खाने से इम्युनिटी मजबूत होने में मदद मिलती है जिसकी वजह से मूड स्विंग्स कम होते हैं और यह कार्डियोवस्कुलर स्वास्थ्य को ठीक रखने में भी मदद करता है।
लैम्ब या बीफ को बेशक जिंक का एक बेहतरीन स्रोत माना जाता है। वैसे यदि एक गर्भवती महिला मीट का सेवन करती है तो उसमें जिंक की कमी नहीं होती है। परंतु मीट को अच्छी तरह से फ्राई करके खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि कच्चे मीट से गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।
29 ग्राम काजू में लगभग 1.6 मिलीग्राम जिंक होता है। इसके अलावा यह खाद्य पदार्थ अनसैचुरेटेड फैटी एसिड और प्रोटीन से भी भरपूर है। गर्भावस्था के दौरान काजू खाने से सूजन कम होती है, हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है और भूख में भी संतुष्टि मिलती है क्योंकि इसे खाने के बाद पेट लंबे समय तक भरा रहता है।
अक्सर गर्भवती महिलाएं जिंक के सेवन से संबंधित कुछ सामान्य सवाल पूछती हैं, आइए जानें;
जो गर्भवती महिलाएं मीट का सेवन करती हैं उनमें जिंक की कमी होने की संभावना कम होती है और जो शाकाहारी महिलाओं के लिए ऐसा नहीं कहा जा सकता है। यदि सामान्य आहार में जिंक की पर्याप्त मात्रा नहीं मिलती है तो सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दी जा सकती है।
शरीर में जिंक की मात्रा हमेशा नियंत्रित होनी चाहिए। हम सभी जानते हैं कि ‘अधिक मात्रा में कोई भी चीज हानिकारक होती है’ और यही जिंक के साथ भी है। यदि गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में जिंक की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है तो इस वजह से उसे को उल्टी, मतली, डायरिया या पेट में दर्द भी हो सकता है।
वास्तव में रिसर्च के अनुसार एक व्यस्क को एक दिन में 40 मिलीग्राम से ज्यादा जिंक नहीं लेना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं में जिंक की कमी के निम्नलिखित संकेत दिखाई दे सकते हैं, आइए जानें;
अब जब भी आपके दिमाग में यह सवाल आए कि ‘क्या गर्भावस्था के दौरान आप जिंक ले सकती हैं?’ तो आपके पास जवाब है है ‘हाँ’ आप गर्भावस्था में भी जिंक ले सकती हैं। यह आपके और आपके बच्चे का स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा आप हमेशा ध्यान रखें कि गर्भावस्था के दौरान जिंक-युक्त आहार, सप्लीमेंट्स या कोई भी आहार का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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