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गर्भधारण से पहले देखभाल की जरूरत और उपयोगिता अच्छी तरह प्रमाणित हैं, क्योंकि यह होने वाली माँ और उसके बच्चे के बारे में जानकारी देता हैं। गर्भावस्था के दौरान कई बार जांच होती है तथा डॉक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञ भी लंबे समय के लिए इसकी सलाह देते आए हैं। हालांकि, आजकल, ज्यादातर विशेषज्ञ गर्भधारण से पहले देखभाल करने का सुझाव देते हैं।
गर्भधारण से पहले की जाने वाली जांच में डॉक्टर आपके और आपके साथी के स्वास्थ्य का परीक्षण करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आप उन बीमारियों से मुक्त हैं, जो आपके गर्भवती होने की संभावनाओं को प्रभावित कर सकती है। इन जांच परिणामों के आधार पर डॉक्टर आपको व्यायाम, बेहतर जीवन शैली और जरूरी आहार लेने आदि की सलाह और निर्देश देंगे। सुरक्षित गर्भावस्था और स्वस्थ बच्चे के लिए वे आपको धूम्रपान और शराब के सेवन जैसी कुछ आदतों में बदलाव लाने की भी सलाह देंगे।
गर्भधारण से पहले जांच करवाना जरूरी इसलिए होता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि एक महिला बच्चे के पालन-पोषण और उसे धारण करने के लिए पूरी तरह स्वस्थ और शारीरिक रूप से तैयार है। किसी भी जोड़े के लिए गर्भधारण से पहले जांच करवाना जरूरी होता है क्योंकि इससे महिला के गर्भधारण की संभावना बढ़ सकती है। यदि गर्भधारण के पहले जांच की जाए, तो शिशु में जन्मजात विकलांगता, गर्भपात का खतरा भी कम हो जाता है। यह आगे चल कर महिला या पुरुष के स्वास्थ्य कारणों की वजह से गर्भावस्था के दौरान होने वाली संभावित परेशानियों को कम करने में मदद करता है।
प्रसव पूर्व देखभाल के लिए आप उसी विशेषज्ञ के पास जा सकती हैं जिनके पास आप गर्भावस्था के दौरान भी जाना चाहें। इस तरह से आप गर्भावस्था के पहले, उसके दौरान और प्रसव के बाद एक ही विशेषज्ञ के पास जा सकती हैं। गर्भावस्था के पहले होने वाली जांच के लिए आपको इन सेवा प्रदाताओं के पास जाना होगा:
आपके पारिवारिक चिकित्सक गर्भावस्था के पहले, उसके दौरान, और प्रसव के बाद होने वाली बीमारियों का इलाज करने और आपकी देखभाल करने में सक्षम होते हैं।
प्रसाविका अथवा दाई एक प्रशिक्षित और पेशेवर रूप से शिक्षित महिला होती है, जो गर्भवती अथवा अन्य परिस्थिति में महिलाओं की देखभाल कर सकती है, फिर चाहे उनकी उम्र जो भी हो।
यह वे डॉक्टर हैं जो गर्भवती महिलाओं की देखभाल के लिए प्रशिक्षित होते है और प्रसव के दौरान उनकी मदद करते हैं।
मैटर्नल-फीटल मेडिसिन स्पेशलिस्ट वे प्रसूती विशेषज्ञ होते हैं जो उच्च जोखिम का सामना करने वाली महिलाओं की देखभाल में मदद करते हैं। यदि आपको प्रसव के दौरान या उसके बाद स्वास्थ्य से जुड़ी जटिलताएं हो, तो आप इनके पास जा सकती हैं।
ये ऐसी पेशेवर नर्स होती हैं जो गर्भवती महिलाओं की देखभाल करने में प्रशिक्षित होती हैं।
डब्ल्यू.एच.एन.पी. के रूप में जाने जाने वाले, इन प्रैक्टिशनर्स को विशेष रूप से महिलाओं की देखभाल करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, और जिन्हें गर्भावस्था से संबंधित समस्याओं के बारे में जानकारी होती है।
गर्भधारण से पहले होने वाली जांच के दौरान, आपके डॉक्टर या स्वास्थ्य विशेषज्ञ यह जानने के लिए कुछ परीक्षण करते हैं कि आप गर्भधारण के लिए तैयार हैं या नहीं। उनमें से कुछ हैं:
यह जानना आवश्यक है कि क्या आपके शरीर का वजन आपके शरीर के आकार और प्रकार के लिए आदर्श है। यदि ऐसा नहीं है, तो डॉक्टर वजन को घटाने या बढ़ाने के लिए आपके आहार में कुछ बदलावों का सुझाव देंगे या कुछ दवाएं लिखेंगे। जब तक आपका वजन गर्भधारण करने के अनुसार सही नहीं होगा, तब तक डॉक्टर गर्भधारण न करने का सुझाव देंगे। 18.5 और 22.9 के बीच का बॉडी मास इंडेक्स (बी.एम.आई.) महिलाओं के लिए आदर्श माना जाता है।
चिंता, अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां या खाने से संबंधित विकार गर्भधारण के समय समस्या पैदा कर सकते हैं। चूंकि मूड स्विंग्स होते रहेंगे, इसलिए ये आपकी समस्याओं और मुश्किलों को बढ़ा सकते हैं, जिससे गर्भधारण में परेशानियां पैदा हो सकती हैं। मूड के विकारों को कम करने के लिए, परीक्षण के दौरान या उसके बाद डॉक्टर आपके गर्भधारण से पहले के मानसिक स्वास्थ्य की जांच करेंगे।
मूत्र पथ के संक्रमण और गुर्दे की बीमारियों की जांच के लिए गर्भावस्था से पहले मूत्र की जांच की जाती है।
गर्भाशय फाइब्रॉएड, सिस्ट, ट्यूमर या किसी भी तरह की श्रोणि सूजन की बीमारी (पी.आई.डी.) आदि का पता लगाने के लिए यह जांच की जाती है। इसके तहत गर्भाधान को बाधित कर सकने वाले कारणों जैसे अनियमित मासिक धर्म और पी.सी.ओ.एस. (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम) या अन्य स्त्री रोग से संबंधित समस्या की जांच भी की जाती है
यीस्ट या ट्राइकोमोनियासिस जैसे संक्रमण, जो गर्भधारण करने के दौरान समस्या पैदा कर सकते हैं, उसका पता लगाने के लिए श्रोणि की जांच की जाती है। पेट की जांच करके यह पता लगाया जाता है कि कहीं किसी तरह की शारीरिक विसंगतियाँ तो नहीं हैं। स्तनों का परीक्षण किया जाता है, यह देखने के लिए कि क्या कोई गांठ है जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है।
बहुत अधिक या बहुत कम बी.पी. का पता लगाने के लिए रक्तचाप की जांच की जाती है क्योंकि ये दोनों ही स्थितियाँ जटिलताओं का कारण बन सकती हैं।
पी.ए.पी. स्मीयर टेस्ट आपके डॉक्टर से आपकी पहली मुलाकात का एक अभिन्न अंग है। इसके तहत गर्भाशय ग्रीवा का परीक्षण करने के लिए योनि में स्पेकुलम डालकर परीक्षण किया जाता है। डॉक्टर तब गर्भाशय ग्रीवा के ऊपर रूई का फाहा फेरता है और रूई पर जमा हुई कोशिकाओं को आगे की जांच और विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला भेजता है। इस परीक्षण के जरिए इस बात का आंकलन किया जाता है कि आप किसी यौन-संक्रमित रोग (एस.टी.डी.) से संक्रमित तो नहीं हैं जैसे कि सूजाक, सिफलिस, एच.आई.वी. या हेपेटाइटिस बी । यदि चिकित्सक को इस परीक्षण के दौरान असामान्य कोशिकाओं का पता चलता है, तो उसके बाद कोल्पोस्कोपी की जाएगी।
विभिन्न स्थितियों की जांच के लिए निम्नलिखित रक्त परीक्षण किए जाते हैं:
यदि आपके परिवार में किसी को थैलेसीमिया, सिस्टिक फाइब्रोसिस या डाउन सिंड्रोम था या है, तो अपने डॉक्टर से बात करें, ताकि आगे की जांच की जा सके।
अपने चिकित्सक को उन गर्भनिरोधक विधियों के बारे में बताएं, जिनका आप उपयोग करती आ रही हैं। हालांकि, अधिकांशतः गर्भनिरोधकों से इस बात पर कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप उनका उपयोग बंद करने के बाद गर्भधारण करने के लिए कितना समय लेती हैं। तथापि यदि आप गर्भनिरोधक इंजेक्शन का उपयोग कर रही हैं, तो आपकी प्रजनन क्षमता के सामान्य अवस्था पर वापस आने में एक साल तक का समय लग सकता है।
आपको पहले हुए किसी भी गर्भपात के बारे में, गर्भ की समाप्ति या एक्टोपिक गर्भधारण के बारे में डॉक्टर से चर्चा करने की सलाह हमेशा दी जाती है। यद्यपि यह आपके लिए कठिन हो सकता है लेकिन यह डॉक्टर को बेहतर तरीके से परीक्षण करने में मदद करेगा।
आप डॉक्टर से अपने आहार, सामान्य रूप से अपने स्वास्थ्य, आपकी जीवन शैली, आपके व्यायाम की दिनचर्या और अपने जारी व्यवसाय के बारे में चर्चा की उम्मीद कर सकती हैं। अपने मासिक धर्म की किसी भी प्रकार की जटिलता को साझा करें। परीक्षण के दौरान अस्थमा या मधुमेह जैसी कोई भी मौजूदा स्वास्थ्य परेशानियां भी आपके डॉक्टर के लिए ध्यान में रखने वाली बात है।
गर्भधारण करने का निर्णय लेने से पहले निम्नलिखित रक्त परीक्षण किए जाने चाहिए। बेशक, आपका डॉक्टर सही परीक्षणों का सुझाव देने के लिए सबसे उचित व्यक्ति है, इसलिए उसके साथ परामर्श करना आपके लिए और भी बेहतर है:
आपको लौह संपूरकांग लेने की जरुरत है या नहीं, यह निर्धारित करने के लिए, पूर्ण रक्त गणना (सी.बी.सी.) एक अनिवार्य परीक्षण है। अगर शरीर में लौह की कमी है और उस दौरान आप गर्भवती हो जाती हैं, तो आप एनिमिया यानी रक्ताल्पता की शिकार हो सकती हैं।
यदि डॉक्टर को लगता है कि आपको इस बीमारी का खतरा है, तो इस जांच की सलाह दी जाती है। इसलिए गर्भधारण करने से पहले बीमारी से बचाव के लिए आप हेपेटाइटिस ‘बी’ का टीका लगवा सकती हैं।
अगर आपको या आपके साथी को कभी हर्पीज़ था, तो गर्भधारण करने से पहले इस परीक्षण को करना होगा। अगर आप में हर्पीज़ के लक्षण कभी न दिखे हों, तब भी यह जांच करानी चाहिए।
चिकन पॉक्स या रूबेला के लिए आपकी प्रतिरक्षक क्षमता कैसी है, रक्त परीक्षण से इसका पता किया जा सकता है।
यह जांच इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कि जाती है कि यदि माता सिफिलिस से संक्रमित हो तो यह बीमारी बच्चे को न हो। अगर सिफलिस का इलाज समय पर न कराया जाए तो गर्भपात या मरा हुआ बच्चा पैदा हो सकता है, ऐसे में आपके डॉक्टर इस परीक्षण को कराने की सलाह देंगे।
ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस का पता करने के लिए यह जांच अनिवार्य है, क्योंकि एच.आई.वी. शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करके संक्रमण से लड़ने की शरीर की क्षमता को कम करता है। यह वायरस जन्म के दौरान और स्तनपान कराते समय भी आपके बच्चे में जा सकता है।
जैसे ही आप एक माँ बनने और परिवार शुरू करने की जिम्मेदारी लेने की योजना बनाती हैं, आपके दिमाग में विचारों और शंकाओं की भरमार पैदा होने लगती है। निम्नलिखित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न आपके दिमाग को शांत करने और जानकारी प्राप्त करने में मदद करेंगे:
संपूर्ण रुप से दाँतों की जांच अन्य गर्भधारण से पूर्व परीक्षण की तरह ही महत्वपूर्ण है। अपने मसूड़ों में बैक्टीरिया की संभावना को खत्म करने से आप इस बात को लेकर सुनिश्चित हो सकती हैं कि एम्नियोटिक फ्लूइड के जरिए आपके बच्चे में बैक्टीरिया स्थानांतरण न हो। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान हो सकता है कि साधारण सी दंत समस्या से आपको परेशानी हो जाए क्योंकि इस समय आपकी प्रतिरक्षण क्षमता कम होती है।
इस बात की पूरी संभावना है कि मुलाकात के दौरान आप अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से कटा हुआ महसूस करें। ऐसा हो सकता है कि वह आपके प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके या पहली बार बनने वाली माँ के रूप में आपके डर को नहीं समझ सके। आप उनके व्यक्तित्व को लेकर भी कुछ असहज महसूस कर सकती हैं, जो आपको चिंतित कर सकता है। हालांकि, जिसके कारण आपको ऐसा लगता है आपको उन कारणों के बारे में स्पष्ट होना चाहिए ।
अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ के चुनाव के दौरान उसके बारे में जानकारी प्राप्त करना और लोगों से सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है। महिलाएं अक्सर महिला स्त्री रोग विशेषज्ञ को चुनना पसंद करती हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि उनके साथ बात करने में महिलाओं को ज्यादा सहज और आरामदायक महसूस होता है। हालांकि, यदि आप असहज हैं तो पुरुष चिकित्सक से परामर्श लेने में कोई बुराई नहीं है। आप उस डॉक्टर के साथ ही अपना संपर्क जारी रखें, जिस पर आपको पूरी तरह से भरोसा हो, अन्यथा आप निश्चित रूप से दूसरी राय ले सकती हैं और अपने पहले डॉक्टर को बदल सकती हैं।
डॉक्टर के साथ पहले परामर्श के लिए अपने साथी या पति को साथ ले जाना हमेशा बेहतर होता है। परस्पर चर्चा करने के बाद अपने परीक्षण से संबंधित प्रश्नों और शंकाओं की सूची बनाएं। परीक्षण के लिए संयुक्त रूप से डॉक्टर से मिलने के कई फायदे हैं। डॉक्टर आपकी वर्तमान जीवन शैली और आहार आदि में बदलाव के लिए सुझाव देंगे। वह ली जाने वाली सावधानियों और जांच को भी सूचीबद्ध करेंगे, जो आप दोनों को करवानी होगी ।
यदि डॉक्टर से मुलाकात के वक्त आपका साथी मौजूद है, तो वह जान जाएगा कि आपके लिए अच्छा खाना, तनाव कम करना और आराम करना कितना महत्वपूर्ण है। एक साथ डॉक्टर के पास जाना आपके पति को गर्भावस्था के साथ अधिक जुड़ाव महसूस करने में मदद करेगा और एक जोड़े के रुप में यह आपको और करीब लाएगा। डॉक्टर से मुलाकात के दौरान अगर दोनों साथ हों तो, उसके निर्देशों को याद रखना भी आसान होगा।
गर्भावस्था से पूर्व की जांच के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जाने के दौरान आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनके पास आप को देने के लिए अधिक समय नहीं होगा। इसका मतलब है कि आपको डॉक्टर के साथ बिताए गए समय का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना होगा, क्योंकि एक व्यस्त डॉक्टर के साथ औसत परामर्श समय 15-20 मिनट से अधिक नहीं होता है। परीक्षण से अधिकतम लाभ कैसे उठाएं:
एक परिवार शुरू करना और इस दुनिया में एक नया जीवन लाना एक युगल के लिए बहुत बड़ा निर्णय होता है। हालांकि, गर्भवती होने से पहले माता-पिता की स्वास्थ्य समस्याओं को सुलझाकर बच्चे के लिए तैयार होना अधिक उचित है। स्वस्थ माँ एक स्वस्थ गर्भावस्था की संभावनाओं को बढ़ाती है और इसलिए चिकित्सक से परामर्श के बाद सभी आवश्यक परीक्षणों और जांच को पूरा करना महत्वपूर्ण हो जाता है।
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