गर्भावस्था

गर्भवती महिलाओं के लिए बाबा रामदेव द्वारा बताए गए 7 योगासन

गर्भावस्था के 9 महीनों में एक महिला का एक्टिव रहना बहुत जरूरी है। पर जब आप गर्भवती हैं तो आपको बहुत ज्यादा कठिन एक्सरसाइज करने की सलाह नहीं दी जाती है तो आपको क्या करना चाहिए? इसमें हल्के योगासन आपकी मदद कर सकते हैं! यहाँ पर गर्भवती महिलाओं के लिए बाबा रामदेव द्वारा बताए हुए 7 योगासन के बारे में चर्चा की गई है। आप हेल्दी रहने के लिए रोजाना निम्नलिखित आसन कर सकती हैं, आइए जानें;

गर्भवती महिलाओं के लिए योगाभ्यास

योग एक्सरसाइज का ही एक भाग है जिसे हर आयु के लोग कर सकते हैं। योग शरीर और आत्मा को अनुशासित करता है जिसकी जड़ें हमारे भारत की पौराणिक परंपराओं में लिप्त हैं। योग सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में लोकप्रिय है इसलिए हम 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाते हैं पर इसके अलावा लोगों ने योग को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना लिया है और इसे अच्छी सेहत का एक मुख्य कारण मानते हैं। गर्भवती महिलाओं में भी योग बहुत ज्यादा लोकप्रिय है क्योंकि इसके बहुत सारे फायदे हैं और कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। 

गर्भावस्था के दौरान महिलाएं बहुत ज्यादा भावनात्मक होती हैं – इस समय कभी आप बहुत खुश होंगी तो कभी बिना किसी कारण के आपको जल्दी से रोना भी आ सकता है। यह सब हॉर्मोनल बदलाव की वजह से होता है और इस समय आपको मॉर्निंग सिकनेस, मतली, मानसिक थकान, मूड स्विंग्स और शारीरिक रूप से थकान का अनुभव होता है। 

गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में पहुँचते ही गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास तेजी से होने लगता है और इससे आपके गर्भाशय, पीठ और रीढ़ पर दबाव पड़ता है। इसलिए आप इस तिमाही में पीठ में दर्द, क्रैंप्स और एड़ियों में सूजन के लिए तैयार रहें। यद्यपि योग करने से यह दर्द पूरी तरह खत्म नहीं होता है पर यह दर्द को काफी हद तक कम करने में आपकी मदद कर सकता है। 

गर्भावस्था के दौरान योग करने से महिलाओं को अपने शारीरिक और भावनात्मक बदलावों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।आमतौर पर डॉक्टर गर्भावस्था में योग करने की सलाह देते हैं क्योंकि यह शरीर के लिए बहुत आरामदायक है और सौम्यता के साथ दर्द को ठीक करने में मदद करता है। ऐसा कहा गया है कि गर्भावस्था के दौरान कुछ योगासन करने से लेबर व डिलीवरी आसानी से होने में मदद मिलती है। 

गर्भवती महिलाओं के लिए बाबा रामदेव द्वारा बताए गए योगासन

बाबा रामदेव एक प्रसिद्ध योग गुरु हैं जिन्होंने योग के प्रति लोगों के नजरिए को बदला है। योग गुरु बाबा रामदेव ने योग को इतना सरल बना दिया है कि इसे करना हमारे लिए संभव है। उन्होने कई बार इस बात पर जोर डाला है गर्भवती महिलाओं के लिए भी योग करना पूरी तरह से सुरक्षित है पर फिर भी इस विषय पर गर्भवती महिलाओं के कई सवाल होंगे। आप कोई भी शंका न रखें क्योंकि गर्भावस्था के दौरान आप कौन से आसन कर सकती हैं उन्हीं में से 7 सरल योगासन यहाँ बताए गए हैं, आइए जानें;

1. ताड़ासन (माउंटेन पोज)

ताड़ासन एक ऐसा योगासन है जिसे कोई भी कर सकता है। यह आसन आमतौर पर सुबह के समय करना चाहिए। वैसे तो इसे करने का कोई भी सख्त नियम नहीं है पर यदि आप अन्य योगासन करने के साथ इसे भी करती हैं तो आपको इसे खाली पेट ही करना चाहिए।

कैसे करें:

  • आप पैरों को थोड़ा सा अलग रखकर सीधी खड़ी हो जाएं।
  • खड़े होते समय आपकी रीढ़ सीधी होनी चाहिए, आपके हाथ, शरीर के पास होने चाहिए और आपकी हथेली जांघों की ओर होनी चाहिए।
  • आप नमस्कार मुद्रा में अपने हाथों को जोड़ें।
  • गहरी सांस लें और अपनी रीढ़ की हड्डी को ऊपर की ओर करते हुए अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं।
  • आप अपनी पीठ को स्ट्रेच करें और सिर को हल्का सा पीछे की ओर ले जाएं ताकि आप नमस्कार मुद्रा में जुड़े हुए हाथों की उंगलिओं को देख सकें।
  • आप इस पोजीशन में लगभग 10-15 सेकण्ड्स तक रहें। अंत में आप धीरे-धीरे सांस छोड़ें और नॉर्मल मुद्रा में आ जाएं।

फायदे:

गर्भवती महिलाओं के लिए ताड़ासन एक सबसे अच्छा योग है। इस आसन को करने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, शरीर का पोस्चर ठीक होता है और जांघें व पैरों में मजबूती आती है। यह आसन पीठ के दर्द को भी कम करने में मदद करता है। 

2. त्रिकोणासन (ट्राइएंगल पोज)

गर्भावस्था के लिए त्रिकोणासन भी एक बेहतरीन योगासन है। यह आसन गर्भावस्था की पूरी अवधि में आपकी मदद करता है। 

नोट: गर्भावस्था के दौरान त्रिकोणासन करना बहुत अच्छा होता है और आप इसे दूसरी तिमाही में कर सकती हैं। यह आसन हिप्स की मांसपेशियों ढीला करता है जिससे लेबर के दौरान आपको मदद मिलती है। 

कैसे करें:

  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप जमीन पर सीधी खड़ी हो जाएं और अपने दोनों पैरों को थोड़ी दूरी पर रखें।
  • आप अपने दाएं पैर को 90 डिग्री पर रखें और बाएं पैर को लगभग 15 डिग्री के एंगल में रखें।
  • इस पोजीशन में आप अपने शरीर के वजन को बराबर से दोनों पैरों पर डालें और बाएं हाथ को ऊपर की ओर सीधा उठाएं।
  • आप सिर को उठाते हुए ऊपर की ओर देखें और आपके दोनों हाथ एक सीध में रखें।
  • आप कुछ देर के लिए इस पोजीशन में रखें और साथ ही सांस लें व सांस छोड़ें।
  • अब आप दूसरे पैर से भी इस आसन को करें।

फायदे: 

त्रिकोणासन जांघों, घुटनों, एड़ियों, हाथों और सीने को मजबूत बनाने में मदद करता है। इससे गर्भावस्था के दौरान पाचन में भी मदद मिलती है। यह आसन हिप्स, हैमस्ट्रिंग और ग्रोइन क्षेत्र को स्ट्रेच व ढीला करने में मदद करता है। आप गर्भावस्था के बाद भी त्रिकोणासन कर सकती हैं। 

3. वीरभद्रासन (वॉरियर पोज)

शरीर के निचले हिस्से को मजबूत बनाने के लिए वीरभद्रासन एक बेहतरीन योग है।

कैसे करें:

  • इसे करने के लिए आप सबसे पहले सीधी खड़ी हो जाएं और अपने हाथों को शरीर के साइड में रखें व हथेलियों को जांघों की तरफ करें।
  • अब आप अपने पैरों को थोड़ा सा दूर करें।
  • आप अपने सीधे पैर के घुटने को इस प्रकार से मोड़ें कि आपका घुटना और एड़ी सीधी एक लाइन में रहे।
  • आप धीरे-धीरे अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर स्ट्रेच करें और आपके दोनों हाथ नमस्कार मुद्रा में होने चाहिए।
  • आप इस वॉरियर पोज को थोड़ी देर के लिए बनाए रखें और फिर नॉर्मल पोजीशन में आ जाएं।
  • आप इसे पोज को दूसरे पैर से भी दोहराएं।

फायदे:

वीरभद्रासन करने से पीठ, कंधे, काव्स, एड़ियां और जांघें मजबूत होती हैं। यह शरीर के बैलेंस में सुधार करता है और साथ ही स्टेमिना भी बढ़ाता है। 

4. सुखासन (इजी पोज)

सुखासन मेडिटेशन का एक पोज है और इसे सुबह के समय में करना चाहिए। शुरूआत करने वालों के लिए यह योग सबसे बेस्ट है।

कैसे करें:

  • पहले आप योगा मैट पर सामने की तरफ पैर फैलाकर सीधे बैठ जाएं।
  • आप अपने घुटनों को मोड़ते हुए पालथी की अवस्था में आएं और पैर के पंजों को घुटनों के अंदर रहें।
  • हाथ की हथेलियों को आप अपने घुटनों में रखें।
  • आप ढृंढ बैठते हुए अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधे रखें।
  • सामान्य रूप से सांस लें और शरीर को आराम करने दें।
  • आप इस पोजीशन में लगभग 10-15 मिनट तक रहें।

फायदे:

सुखासन पद्मासन का एक आसान विक्लप है जिसे योगासन का एक एडवांस रूप भी माना जाता है। यह आसन आपको शरीर और मस्तिष्क में आराम प्रदान करता है, आपके घुटने व एड़ियों को स्ट्रेच करता है और आपकी पीठ को भी मजबूती प्रदान करता है। 

5. मार्जरी आसन (कैट-काऊ पोज)

मार्जरी आसन या कैट-काऊ पोज गभवस्था के पहले 6 महीनों में ही करना चाहिए और 6 महीनों के बाद आप यह आसन न करें। इस आसन से कंधे व कलाई को मजबूती मिलती है और यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है।

कैसे करें:

  • सबसे पहले आप योगा मैट पर दोनों घुटनों व हथेलियों को टिकाएं और आपकी पीठ टेबल टॉप की पोजीशन में होनी चाहिए।
  • इस दौरान आपके दोनों घुटनों के बीच थोड़ा सा गैप, आपके हाथ परपेंडिकुलर पोजीशन में सीधे जमीन पर टिके होने चाहिए और आपकी हथेलियां मैट को छूनी चाहिए।
  • आप अपनी ठोड़ी को ऊपर करते हुए धीरे-धीरे सांस लें और पीठ को हल्का सा टिल्ट करें। इसके साथ ही आप अपनी रीढ़ की हड्डी को कॉनकेव अवस्था में लाने का प्रयास करें।
  • इस अवस्था में आप अपनी सांस को रोकें और फिर सांस छोड़ते हुए अपने सिर व ठोढ़ी को धीरे-धीरे नीचे करें। इस दौरान आप अपनी पीठ का आर्क शेप बनाएं।
  • आप एक बार फिर से इस अवस्था में कुछ समय के लिए रहें और अंत में नॉर्मल पोजीशन में वापिस आएं।

फायदे:

मार्जरी आसन करने से पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और यह आसन गर्भावस्था के दौरान शरीर को अधिक वजन बनाए रखने में मदद करता है। 

6. उत्तानासन (फॉरवर्ड बेंड)

गर्भावस्था के दौरान योग में उत्तानासन करना कठिन है पर आप इसमें थोड़ा सा बदलाव करके इसे आसानी और पूरी सुविधा के साथ कर सकती हैं।

कैसे करें:

  • सबसे पहले आप अपने दोनों पैरों को थोड़ा दूर रखकर सीधे खड़ी हो जाएं।
  • आप दोनों हाथों को साइड में रखें और हथेलियों को जांघों की ओर करें।
  • अब आप धीरे-धीरे सांस लें और अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं।
  • फिर आप सांस छोड़ें और धीरे-धीरे आगे की ओर मुड़ें।
  • आप अपने दोनों हाथों को पीठ की ओर रखते हुए दोनों हथेलियों को नमस्कार की अवस्था में एक साथ जोड़ लें।
  • आप इस पोजीशन में लगभग 15-30 सेकंड तक रहें और फिर गहरी सांस लेते हुए अपनी नॉर्मल अवस्था में वापिस आ जाएं।
  • आप इस आसन को 4-5 बार दोहराएं।

फायदे:

उत्तानासन करने से पीठ दर्द में आराम मिलता है। आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान इसे करने की सलाह नहीं दी जाती है और यदि आपको असुविधा होती है या शरीरिक बैलेंस को बनाए रखने में कठिनाई होती है तो आप यह आसन न करें। 

7. शवासन (कॉर्प्स पोज)

शवासन को योग सेशन के सबसे अंतिम चरण में करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान पूरा वर्कआउट करने के बाद आप अपने मन व शरीर को ‘शवासन’ के माध्यम से आराम दें।

कैसे करें:

  • इस आसन को करने के लिए आप योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों पैरों को आरामदायक पोजीशन में अलग-अलग रखें। पहली तिमाही के बाद आप इस आसन को करवट से लेटकर भी कर सकती हैं।
  • आप अपनी आँखें बंद करें और अपने हाथों को शरीर के पास रखते हुए हथेलियों को सीधा रखें।
  • आप गहरी सांस लें व छोड़ें और अपने शरीर को शांत करें।
  • आप इस पोजीशन को लगभग 10-12 मिनट तक बनाए रखें और आपको ताजगी का अनुभव होगा।
  • आप आँखें बंद करे-करे बैठने की अवस्था में आएं।
  • अंत में आप अपने चेहरे को हथेली से ढकें और चेहरे को हल्के-हल्के मलें।

फायदे:

शवासन करने से शरीर और मन को आराम मिलता है। जैसा कि गर्भावस्था में महिलाओं को बहुत ज्यादा स्ट्रेस व एंग्जायटी होती है और यह आसन आपकी इन समस्याओं को आसानी से खत्म करने में मदद करता है। 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. क्या मैं गर्भावस्था के दौरान पहली बार योग कर सकती हूँ?

हाँ, योग सुरक्षित है और इससे आपके स्वास्थ्य को कोई भी हानि नहीं होती है। यहाँ तक कि यदि आपने पहले कभी इसे नहीं किया है तो आप गर्भावस्था के दौरान भी इसकी शुरूआत कर सकती हैं। यद्यपि, यदि आप योग पहली बार कर रही हैं तो शुरूआत में आसान एक्सरसाइज करें और खुद को स्ट्रेस न दें। आपके लिए कौन सा आसन सही है यह जानने के लिए आप डॉक्टर से संपर्क करें। यदि ऊपर बताई हुई एक्सरसाइज गर्भावस्था की पहली तिमाही के लिए सुरक्षित है तो आप इसे करने का प्रयास कर सकती हैं। 

2. गर्भावस्था के दौरान मुझे योग कब करना चाहिए?

यद्यपि गर्भावस्था के दौरान योग करना सुरक्षित है पर यदि आप इसे पहली बार कर रही हैं तो इसकी शुरूआत दूसरी तिमाही में करें। गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में आपके शरीर में बहुत सारे बदलाव होंगे और नियमित योगाभ्यास करने से इसके प्रभाव कम हो सकते हैं। 

3. गर्भावस्था में योग करने के लिए मुझे क्या पहनना चाहिए?

गर्भावस्था के दौरान योग करते समय आप ढीले और सुविधाजनक कपड़े पहनें। इस बात का ध्यान रखें कि एक्सरसाइज करते समय आपके कपड़े बाधक न बनें। इस समय आप ऐसे कपड़े पहनें जिसमें आप आसानी से स्ट्रेचिंग कर सकें। 

4. गर्भावस्था में मैं योग का अभ्यास कब तक कर सकती हूँ?

गर्भावस्था की अंतिम तिमाही तक योगाभ्यास किया जा सकता है। 

5. गर्भावस्था के बाद मैं योग करना कब शुरू कर सकती हूँ?

यदि आपकी नॉर्मल डिलीवरी हुई है तो आपको ब्लीडिंग रुकने तक का इंतजार करना चाहिए और आप योगाभ्यास जन्म के 2-4 सप्ताह बाद से कर सकती हैं। यदि आपकी सिजेरियन डिलीवरी हुई है तो आपको तब तक इंतजार करना होगा जब तक आपका शरीर पूरी तरह से ठीक न हो जाए। आमतौर पर गर्भावस्था के 6 सप्ताह के बाद आपको योगाभ्यास शुरू करना चाहिए। एक्सरसाइज शुरू करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह लेना आपके लिए सुरक्षित होगा। 

6. क्या मैं गर्भावस्था के दौरान वजन कम करने के लिए बाबा रामदेव द्वारा बताए गए योगासन कर सकती हूँ?

नहीं, गर्भावस्था के दौरान वजन कम करने के लिए आप योगासन नहीं कर सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान आपको वजन कम करने के बजाय फिट रहना चाहिए। गर्भावस्था में महिलाओं को स्वस्थ रूप से वजन बढ़ाना चाहिए ताकि गर्भ में पल रहे बच्चे को पूरी तरह से पोषण मिलता रहे। 

आप गर्भवती हो या नहीं पर आपके लिए योग करना सुरक्षित हैं। पर यदि आप गर्भवती हैं और आप एक्टिव रहना चाहती हैं तो आपको योग करना शुरू कर देना चाहिए। कन्फ्यूज बिलकुल भी न हों, यदि आप चाहें तो एक बार कन्फर्म करने के लिए सलाह ले सकती हैं लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए योग करना सुरक्षित है। 

गर्भावस्था के दौरान योग करने से आप पूरे नौ महीनों तक एक्टिव रहती हैं। बाबा रामदेव द्वारा बताए गए योगासन की मदद से आप स्वस्थ रूप से अपना वजन बढ़ा सकती हैं और इससे सिजेरियन डिलीवरी करवाने की संभावनाएं भी कम हो होती हैं। इसलिए नॉर्मल डिलीवरी के लिए आप बाबा रामदेव द्वारा बताए हुए योगासन जरूर करें। 

यह भी पढ़ें:   

7 योगा पोज जिसे गर्भावस्था के दौरान नहीं करना चाहिए और क्यों?

सुरक्षा कटियार

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