पुरुष और महिलाओं में प्रजनन क्षमता के लिए विटामिन ‘ई’ | Purushon Aur Mahilaon Mein Fertility Ke Liye Vitamin E

हम जानते हैं कि शरीर के लिए सभी विटामिन जरूरी होते हैं। इनमें से विटामिन ‘ई’ हमारे शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है। यह हमारी त्वचा, लाल रक्त कोशिकाओं और नसों की रक्षा करता है। इतना ही नहीं यह हमारे शरीर को कमजोरी, खून की कमी यानी एनीमिया और वायरस से होने वाली बीमारियों से बचाता भी है। साथ ही, यह इंसानों को रोगों से लड़ने की ताकत (इम्युनिटी) देता है और शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है। इसके अलावा, विटामिन ‘ई’ गर्भधारण और प्रजनन क्षमता (फर्टिलिटी) में भी मदद करता है। कैसे? आइए इसे आगे और विस्तार से समझते हैं।

प्रजनन क्षमता से जुड़े विटामिन ‘ई’ के फायदे

विटामिन ‘ई’ की एक खास बात यह है कि इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को हानिकारक पदार्थों से लड़ने में मदद करते हैं। ये हानिकारक पदार्थ जैसे कि लेड, बेंजीन, कार्बन टेट्राक्लोराइड और पारा से बचाता है। इसके अलावा, विटामिन ‘ई’ हार्मोन के संतुलन को भी सही रखता है। आइए अब आगे विटामिन ‘ई’ के कुछ और फायदों के बारे में जानते हैं।

पुरुषों के लिए विटामिन ‘ई’ के फायदे

पुरुषों को प्रजनन क्षमता के लिए विटामिन ‘ई’ क्यों लेने की सलाह दी जाती है, इसके पीछे के कुछ कारण यहां दिए गए हैं।

1. शुक्राणुओं की गतिशीलता में सुधार

विटामिन ई शुक्राणुओं की तैरने की क्षमता को बेहतर बनाता है। शुक्राणु को अंडाणु तक पहुंचने के लिए एक दूरी तय करनी होती है, जिससे वे अंडाणु तक पहुंचकर उसे निषेचित कर सकें। इसके लिए उनका अच्छी तरह से चलना जरूरी है। विटामिन ई इसमें मदद करता है क्योंकि यह रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज (आरओएस) से हुए नुकसान को कम करता है, जो शुक्राणुओं की गतिशीलता को कमजोर बनाती हैं। इस तरह, विटामिन ई से शुक्राणुओं को अंडाणु तक पहुंचने में आसानी होती है।

2. शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाता है

पुरुषों में कम शुक्राणुओं की संख्या बांझपन का एक सामान्य कारण हो सकता है। अगर एक मिलीलीटर वीर्य (सीमेन) में 20 मिलियन यानी 2 करोड़ से कम शुक्राणु होते हैं, तो इसे कम माना जाता है। ज्यादातर मामलों में, शुक्राणु की संख्या कम होने की वजह कोई संक्रमण या शारीरिक नुकसान होता है। वहीं विटामिन ‘ई’ शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे यह समस्या कम होती हैं।

3. यौन इच्छा को बढ़ाता है

शोध के मुताबिक विटामिन ‘ई’ खाने से शरीर में टेस्टोस्टेरोन नाम का हार्मोन बढ़ता है। इसलिए पुरुषों को विटामिन ई से भरपूर चीजें खानी चाहिए। यह हार्मोन पुरुषों की यौन इच्छा और ताकत को बढ़ाने में मदद करता है। अगर आपकी यौन इच्छा कम है, तो इससे भी गर्भावस्था में दिक्कत हो सकती है। इसलिए, अपने आहार में विटामिन ई शामिल करें, जिससे यौन जीवन बेहतर होता है।

4. गर्भाधान की दर में सुधार

एक शोध के अनुसार, जो पुरुष नियमित रूप से विटामिन ई का सेवन करते हैं, उनकी प्रजनन की संभावना 29% तक बढ़ जाती है, उन पुरुषों की तुलना में जो इसका उपयोग कम करते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि विटामिन ई शुक्राणु की गुणवत्ता (क्वालिटी) को बेहतर करता है।

महिलाओं के लिए विटामिन ‘ई’ के फायदे

महिलाओं को अपनी प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन ‘ई’ लेने की सलाह क्यों दी जाती है, इसके कुछ कारण यहां दिए गए हैं।

1. गर्भाशय की अंदरूनी परत को मोटा करता है

अगर किसी महिला की गर्भाशय की परत पतली है, तो यह बांझपन का कारण बन सकती है। रोजाना लगभग 600 मिलीग्राम विटामिन ‘ई’ का सेवन करने से खून का प्रवाह बेहतर होता है, जिससे गर्भाशय की परत मोटी होती है और इससे गर्भधारण की संभावना बढ़ती है।

2. फाइब्रोसिस्टिक स्तन रोग का इलाज

फाइब्रोसिस्टिक रोग में स्तनों में छोटी-छोटी गांठें बन जाती हैं, जो माहवारी के दौरान सूज जाती हैं और दर्द करती हैं। विटामिन ‘ई’ इन गांठों को कम करने में मदद करता है, जिससे दर्द और सूजन से राहत मिलती है।

3. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) का इलाज

इन दिनों पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) महिलाओं में पाई जाने वाली एक आम समस्या है। इस समस्या की वजह से महिलाओं के हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं और मेटाबॉलिज्म भी धीमा हो जाता है। इस कारण से गर्भधारण में कठिनाई आती है। विटामिन ‘ई’ इस असंतुलन को ठीक करने और पीसीओएस के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।

4. एमनियोटिक सैक की सुरक्षा

एमनियोटिक सैक,महिलाओं में पाई जाने वह झिल्ली होती है जिसमें गर्भाशय में पल रहे बच्चे को सुरक्षा और तरल पदार्थ मिलता है। कभी-कभी यह झिल्ली फट जाती है, जिससे गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में विटामिन ‘ई’ इस झिल्ली को मजबूत बनाने में मदद करता है, जिससे इसके फटने की संभावना कम हो जाती है।

इस तरह, विटामिन ‘ई’ महिलाओं और पुरुषों की प्रजनन क्षमता सुधारने में काफी हद तक मददगार साबित होता है। हालांकि, एक मात्रा में सप्लीमेंट लेने से आपको इसका लाभ तो होता है, लेकिन यह आपकी प्रजनन समस्याओं का इलाज नहीं है। इसलिए, आपको डॉक्टर की सलाह लेकर ही विटामिन ‘ई’ की सही मात्रा लेना चाहिए।

विटामिन ‘ई’ का सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए

अधिक मात्रा में किसी भी चीज का सेवन हानिकारक हो सकता है, इसलिए सही मात्रा का ध्यान रखना जरूरी है। विटामिन ‘ई’ के कई फायदे हैं और रोजाना लगभग 500 से 1000 मिलीग्राम विटामिन ‘ई’ लेना ही सही माना जाता है। प्रजनन क्षमता के लिए विटामिन ‘ई’ की मात्रा 1000 मिलीग्राम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, क्योंकि अत्यधिक सेवन से दस्त, मतली, बुखार और पेट दर्द हो सकता है। इसलिए, विटामिन ‘ई’ सप्लीमेंट लेने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। ऐसी कई खाने की चीजें हैं, जिनमें विटामिन ‘ई’ भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो कि सप्लीमेंट्स का अच्छा विकल्प होते हैं। आइए जानते हैं किन चीजों में यह पाया जाता है।

विटामिन ‘ई’ के प्राकृतिक स्रोत

विटामिन ‘ई’ कई खाने की चीजों में पाया जाता है और इसका सेवन बढ़ाने के लिए आप निम्नलिखित खाने की चीजों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं:

  • हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे कि पालक, केल पत्ते और पत्ता गोभी ये सभी विटामिन ‘ई’ और फोलिक एसिड से भरपूर होते हैं, जो प्रजनन के लिए फायदेमंद है।
  • नट्स और सूरजमुखी के बीज, तिल के बीज और बादाम, ये सभी विटामिन ‘ई’ के अच्छे स्रोत हैं।
  • अंडे की जर्दी, समुद्री खाना (सीफूड) और पोल्ट्री, इनमें भी विटामिन ‘ई’ की अच्छी मात्रा में होती है।
  • एवोकाडो एक ऐसा फल है, जिसमें स्वस्थ वसा और विटामिन ‘ई’ भरपूर मात्रा में पाया जाता है और ये आपके शरीर के लिए बहुत अच्छा होता है।
  • टमाटर विटामिन ‘ई’, के, आयरन, फोलेट, और पोटेशियम से भरपूर होता है।
  • गेहूं के बीज के तेल में विटामिन ‘ई’ अच्छी मात्रा में होता है। एक चम्मच गेहूं के तेल में लगभग 20 मिलीग्राम विटामिन ‘ई’ होता है।
  • एक पपीता नियमित रूप से खाने से आपको 17% विटामिन ‘ई’ की मात्रा हासिल होती है।
  • जैतून के तेल में विटामिन ‘ई’ होता है और आप इसे सलाद पर डालकर उसे खा सकते हैं।
  • खुबानी विटामिन ‘ई’ और फाइबर का अच्छा स्रोत होता है। रात को या सोने से पहले एक या दो खुबानी  खा सकते हैं।
  • कीवी विटामिन सी के साथ-साथ विटामिन ‘ई’ का भी अच्छा स्रोत है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और प्रजनन क्षमता बेहतर में मदद करता है।
  • लाल शिमला मिर्च में विटामिन ‘ई’, सी और आयरन होते हैं, जो एनीमिया में मदद करते हैं।
  • अगर आप अपने पिज्जा पर ऑरेगैनो डालते हैं, तो जानिए कि इसमें भी अच्छी मात्रा में विटामिन ‘ई’ होता है।
  • दालों और फलियों में भी विटामिन ‘ई’ अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो आपको अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
  • 100 ग्राम रास्पबेरी में लगभग 0.9 मिलीग्राम विटामिन ‘ई’ होता है, जो दिनभर के विटामिन ‘ई’ का 6% होता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. विटामिन ई हार्मोन संतुलन को कैसे प्रभावित करता है?

विटामिन ई हार्मोन को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो प्रजनन के लिए आवश्यक है। यह सेक्स हार्मोन, जैसे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के उत्पादन को नियंत्रित करने में मदद करता है। महिलाओं में ओवुलेशन और गर्भधारण के लिए भी हार्मोन का संतुलित होना बहुत जरूरी है, साथ ही पुरुषों में शुक्राणु उत्पादन और उसकी गुणवत्ता को बेहतर करने में अहम भूमिका निभाता है।

2. क्या विटामिन ई गर्भपात होने से बचाता है?

विटामिन ई गर्भपात को रोकने में मदद कर सकता है, क्योंकि यह तनाव को कम करता है, और गर्भावस्था में तनाव मुक्त रहना बहुत जरूरी है। यह प्रजनन अंगों में बेहतर रक्त प्रवाह को बढ़ावा देता है और निषेचित अंडाणु के प्रत्यारोपण में सुधार कर सकता है। हालांकि, आपको विटामिन ई सप्लीमेंट लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

3. विटामिन ई अन्य पोषक तत्वों के साथ मिलकर प्रजनन क्षमता को कैसे बढ़ाता है?

विटामिन ई प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन सी, सेलेनियम और जिंक जैसे अन्य पोषक तत्वों के साथ मिलकर बेहतरीन काम करता है। उदाहरण के लिए, विटामिन सी ऑक्सीडाइज्ड विटामिन ई को पुनर्जीवित करने में मदद करता है, जिससे इसके एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव बढ़ते हैं। सेलेनियम और जिंक शुक्राणु और अंडे की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं, जिससे आपकी प्रजनन शक्ति और बेहतर होती है।

4. क्या विटामिन ई एंडोमेट्रियोसिस में मदद कर सकता है?

विटामिन ई उन महिलाओं के लिए सहायक है जो एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित हैं, एंडोमेट्रियोसिस प्रजनन क्षमता को प्रभावित करने वाली एक स्थिति है, जो आपकी गर्भधारण की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है। विटामिन ई के सूजन-रोधी गुण एंडोमेट्रियोसिस से जुड़े दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं।

आप और आपके साथी अगर अपना परिवार बढ़ाने का फैसला ले रहे हैं, तो आप दोनों को अपनी सेहत ख्याल रखना बहुत जरूरी है। कभी-कभी गर्भधारण करने में परेशानी हो सकती है। इसलिए, सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि आखिर समस्या क्या है। इसके लिए आपको डॉक्टर से मदद लेनी चाहिए। डॉक्टर आपको विटामिन ‘ई’ जैसे सप्लीमेंट्स लेने की भी सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा, आप अपने खाने में विटामिन ‘ई’ से भरपूर स्वादिष्ट चीजें शामिल करके भी अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।

References/Resources:

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समर नक़वी

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