In this Article
- कहानी के पात्र (Characters Of The Story)
- राजकुमारी और मटर की कहानी | Princess And The Pea Story In Hindi
- राजकुमारी और मटर की कहानी से सीख (Moral of Princess And The Pea Hindi Story)
- राजकुमारी और मटर की कहानी का कहानी प्रकार (Story Type of Princess And The Pea Hindi Story)
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- निष्कर्ष (Conclusion)
ये कहानी एक ऐसे राजकुमार की है, जिसकी परवरिश उनके माता-पिता यानी की राजा-रानी ने बहुत अच्छे से की है। ऐसे में वह अपने पुत्र के लिए एक सुयोग्य राजकुमारी चाहते थे। एक सुंदर, अच्छी और संवेदनशील राजकुमारी के लिए राजकुमार ने बहुत खोज की, लेकिन अंत में उन्हें क्या मिला और उनका विवाह कैसे हुआ ये सब के लिए कहानी पूरा विस्तार में पढ़ें।
कहानी के पात्र (Characters Of The Story)
- राजा
- रानी
- राजकुमार
- राजकुमारी (जिससे राजकुमार का विवाह हुआ)
राजकुमारी और मटर की कहानी | Princess And The Pea Story In Hindi
एक समय की बात है, किसी राज्य में एक बलवान राजा राज करता था। उस राजा की रानी भी बहुत खूबसूरत और होशियार थी। दोनों का एक पुत्र भी था। राजा-रानी ने अपने बेटे का पालन-पोषण और शिक्षा देने में कोई भी कमी नहीं रखी।
राजा-रानी का पुत्र राजकुमार दिखने में बेहद सुंदर था। राजकुमार का बर्ताव बेहद विनम्र और हर तरह से अच्छे राजकुमार व बेटे के रूप में सुयोग्य था। अलग-अलग राज्यों के राजा अपनी पुत्रियों का विवाह उनसे कराना चाहते थे। उन्होंने अपना प्रस्ताव राजा और रानी के पास भी भेजा। लेकिन राजा-रानी का मानना था कि उनके पुत्र की शादी एक ऐसी लड़की से हो जो सुंदर, समझदार और भावुक हो, जो पूरी तरह से उनके पुत्र के काबिल हो।
राजा ने राजकुमार को उन्हीं राज्यों में भेजा, जहां से उनके लिए शादी के प्रस्ताव आए थे। राजा का मानना था कि राजकुमार खुद जाकर राजकुमारियों से मिलें और जो राजकुमारी उन्हें अपने योग्य लगती है, वह उसे अपनी पत्नी चुन सकते हैं। राजकुमार भी अपने पिता का आदेश मानकर चल दिए। वह कई राज्यों में गए और वहां उनकी मुलाकात कई राजकुमारियों से हुई, लेकिन उन्हें कोई भी अपने योग्य नहीं लगी।
कुछ दिनों बाद राजकुमार बिना कोई राजकुमारी पसंद किए अपने महल वापस लौट आए। लेकिन वह बहुत दुखी थे और उन्हें लग रहा था कि शायद उनके नसीब में पत्नी का सुख ही नहीं है। यही सब सोचकर उन्होंने शादी नहीं करने का फैसला किया और अपने काम में मन लगा लिया।
एक शाम उस राज्य में बहुत तेज बारिश हो रही थी। तभी अचानक से महल के दरवाजे पर बारिश में भीगी हुई एक लड़की आई और उसके कपड़े भी पूरी तरह से गीले थे और बालों का भी बुरा हाल था। उसकी हालत बिलकुल खराब हो चुकी थी।
लड़की ने दरवाजे पर मौजूद सैनिकों से कहा कि वह पड़ोसी राज्य की राजकुमारी है, जो बारिश में भीगने की वजह से यहां फंस गई है। ऐसे मौसम में उसके लिए अपने महल जाना नामुमकिन था, इसलिए वह शरण लेने यहां आई है।
लेकिन सैनिकों को लड़की की हालत देखकर विश्वास नहीं हो रहा था कि वह सच में कोई राजकुमारी है। सैनिकों ने ये बात जाकर राजा और रानी को बताई। रानी ने लड़की को शरण देने के लिए हां कर दी, लेकिन लड़की का सच जानने के लिए रानी ने इम्तेहान लेने की योजना बनाई।
रानी ने लड़की के सोने के लिए एक पलंग तैयार करवाया। जिस पर 20 मुलायम गद्दे बिछाए और उन गद्दों के बीच में एक मटर का दाना डाल दिया था। उसके बाद ऊपर से एक रेशम की चादर बिछा दी। उसके बाद रानी ने उसे उस पलंग पर सोने के लिए कहा।
अगली सुबह जब लड़की उठी तो रानी ने बेसब्री के साथ उससे पूछा कि उसे नींद कैसी आई, इस पर लड़की ने जवाब दिया कि वह पूरी रात सही से सो नहीं पाई क्योंकि उसे पलंग में कुछ चुभ रहा था।
लड़की बात सुनकर रानी ये मानने के लिए तैयार हो गई कि वह एक राजकुमारी है और वह सच कह रही है। तभी उसे 20 गद्दों के बीच में रखा मटर भी चुभ रहा था वह बहुत ही नाजुक राजकुमारी है। उसी समय रानी ने राजकुमारी की शादी अपने पुत्र से करवाने का फैसला किया।
इसके बाद राजा और रानी दोनों मिलकर राजकुमारी को उसके राज्य छोड़ने गए और वहां जाकर उन्होंने राजकुमारी के पिता से शादी का प्रस्ताव रखा। राजकुमारी और उसके पिता ने विवाह का फैसला स्वीकार कर लिया और अंत में राजकुमार और राजकुमारी की शादी हो गई।
राजकुमारी और मटर की कहानी से सीख (Moral of Princess And The Pea Hindi Story)
राजकुमारी और मटर की इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि व्यक्ति को अपने घर से जैसी परवरिश मिलती है, वह उसके व्यवहार में साफ झलकती है।
राजकुमारी और मटर की कहानी का कहानी प्रकार (Story Type of Princess And The Pea Hindi Story)
यह कहानी राजा-रानी की कहानियों के अंतर्गत आती है जिसमें यह बताया गया है कि जो आपके योग्य होता है वो आपको देर से सही पर जरूर मिलता है जैसे राजकुमार को उसकी राजकुमारी मिली।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. राजकुमारी और मटर की नैतिक कहानी क्या है ?
राजकुमारी और मटर की कहानी की नैतिकता ये है कि आपके नसीब में जो लिखा होता है, वह आपको देर से सही लेकिन जरूर हासिल होता है। साथ में आपकी परवरिश भी एक अहम भूमिका निभाती है।
2. परिवरिश का हमारे जीवन में कितना महत्व है ?
परवरिश का हर व्यक्ति के जीवन में महत्व होता है, व्यक्ति के परवरिश से लोग उनके आचरण और व्यवहार का पता लगा सकते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
राजकुमारी और मटर की कहानी का निष्कर्ष ये निकलता है कि हमें समय से पहले कुछ भी हासिल नहीं होता है, जब जितना आपके नसीब में लिखा होगा वह आपको उसी वक्त में मिलेगा। इसमें व्यक्ति की परवरिश का भी जिक्र किया गया है और यही परवरिश आपको एक अच्छा और बुरा इंसान बनने के लिए प्रेरित करती है।