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शेखचिल्ली की कहानी: सात परियां और मूर्ख शेख चिल्ली | Sheikh Chilli’s Story: Seven Fairies and the Fool Sheikh Chilli In Hindi

यह कहानी शेख चिल्ली नाम के लड़के की है, जो बचपन से ही बहुत आलसी था और किसी भी तरह का काम करना उसे बिलकुल पसंद नहीं था। इस बात से उसकी माँ भी बहुत परेशान रहती थी। लेकिन एक दिन अचानक से उसके जीवन में 7 परियां आई और उनके जादुई घड़े ने शेख चिल्ली और उसकी माँ की जिंदगी बदल दी। इस कहानी में ये बताया गया कि यदि आप मूर्खता से कोई कार्य करते हैं तो लोग आप पर जल्दी विश्वास नहीं करेंगे भले ही आप सच क्यों न बोल रहे हो। इसलिए उम्र के साथ आपको खुद में बदलाव लाना चाहिए और समाज के हिसाब से चलना चाहिए।

कहानी के पात्र (Characters Of The Story)

  • शेख चिल्ली
  • शेख चिल्ली की माँ
  • 7 परियां

शेखचिल्ली की कहानी: सात परियां और मूर्ख शेख चिल्ली | Sheikh Chilli’s Story: Seven Fairies and the Fool Sheikh Chilli

एक समय की बात है एक गांव में शेख चिल्ली नाम का लड़का था जो बहुत गरीब था और उसका मन पढ़ाई और लिखाई में बिलकुल नहीं लगता था। वह सिर्फ एक चीज में माहिर था, तो बस दिनभर खेलना-कूदना और फालतू समय बर्बाद करना। वह दिन भर अपने मोहल्ले के लड़कों के साथ कंचे खेलता रहता था। उसने अपना बचपन ऐसे ही बिता दिया। समय के साथ वह बड़ा हुआ लेकिन उसकी आदतें वैसी की वैसी ही थी।

शेख चिल्ली की इन्ही हरकतों की वजह से उसकी माँ उससे बहुत परेशान हो चुकी थी। वह चाहती थी कि उसका बेटा अब बड़ा हो गया और उसे काम-धाम करना चाहिए, ताकि उनके घर का खर्चा अच्छे से चल सके। एक दिन शेख चिल्ली की माँ ने उसे गुस्से में बुलाया और खूब डांटा और बोला, “कितने दिनों तक तुम ऐसे ही मोहल्ले के आवारा लड़कों के साथ कंचे खेलोगे? अब तुम बड़े हो गए हो और लंबे-चौड़े भी हो, कोई नौकरी क्यों नहीं कर लेते? कब तक घर में ऐसे फालतू बैठा रहेगा और मुफ्त की रोटियां खाएगा?”

अपनी माँ की बातों को सुनकर भी शेख चिल्ली ने कुछ नहीं कहा, बस उनके आदेशों का पालन करते हुए अगले दिन नौकरी ढूंढने के लिए दूसरे गांव की तरफ निकल पड़ा। शेख चिल्ली के रास्ते के लिए उसकी माँ ने थैले में 7 रोटियां बांध दी थी ताकि जब उसे रास्ते में भूख लगे तो वह कुछ खा सके।

आधा रास्ता ही निकला था कि शेख चिल्ली को भूख लगने लगी। वह एक कुएं के पास रुका और अपने थैले से रोटियां निकालकर खाने के लिए बैठ गया। माँ द्वारा दी गई सातों रोटियों को देख कर वह कहने लगा- “एक खाऊं, दो खाऊं, तीन खाऊं कि पूरी सात खा जाऊं।”

संयोग की बात ये थी जिस कुएं के पास वो बैठा था उसमें 7 परियां रहती थीं। शेख चिल्ली की खाने की बातों को सुनकर परियां घबरा गई, उन्हें लगा वह उनको खाने की बात कर रहा है। डर की वजह से सभी 7 परियां कुएं से बाहर आ गई और शेख चिल्ली के आगे हाथ जोड़कर विनती करने लगी कि उन्हें बक्श दिया दाय और खाया नहीं जाए।

परियां शेख चिल्ली से बोली – “हमें मत खाओ। हम तुम्हें एक जादुई घड़ा देंगे, उससे तुम्हे जो इच्छा हो वो मांग सकते हो तुम्हारी हर ख्वाइश पूरी होगी।”

शेख चिल्ली खुश हो गया और परियों से वह जादुई घड़ा लेकर अपने घर वापस लौट गया। परियों की सारी बातें उसने अपनी माँ को भी बताया। माँ शेख चिल्ली की बातें सुनकर हैरान हो गई थी। माँ ने सोचा क्यों न परियों के इस जादुई घड़े को आजमाया जाए, इसी के चलते उसने घड़े से खूब सरे स्वादिष्ट व्यंजनों की मांग की और इतना कहते ही वहां पर कई तरह के व्यंजन थालियों में लग गए। उस रात दोनों माँ बेटे ने पेट भरकर खाना खाया।

अगले दिन शेख चिल्ली की माँ ने जादुई घड़े से खूब सारे धन की मांग की और क्या फिर वह दोनों बहुत अमीर हो गए थे। इतना सब अच्छा होने की वजह से शेख चिल्ली की माँ बहुत खुश हुई, लेकिन वो मन ही मन में डरती भी थी कि कहीं उसका मुर्ख बेटा गांव वालों को जादुई घड़े की सच्चाई न बता दे।

लेकिन ऐसा न हो इसलिए उसकी माँ ने तरकीब निकाली। वह बाजार जाकर खूब सारे बताशे ले आई। फिर वह घर के छप्पर पर चढ़कर बताशे की बारिश करने लगी। छप्पर से ऐसे बताशों की बारिश को देखकर शेख चिल्ली की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। उसे लगा ये बारिश उसी जादुई घड़े की वजह से हो रही है। उसने इकठ्ठे कर के बहुत सारे बताशे खाए।

जब से शेख चिल्ली और उसकी माँ के पास पैसा आ गया तो उनके रंग-ढंग में बदलाव आ गया था और उनके रहने का तरीका भी बदल गया था। इसी वजह से गांव वालों को भी उनपर शक होने लगा और वह लोग सोचने लगे कि आखिर ये लोग अचानक से इतने अमीर कैसे हो गए।

तभी गांव के लोग शेख चिल्ली की माँ के पास पहुंचे और उनसे पूछने लगे आखिर उनके पास इतना पैसा कहा से आ रहा है। लेकिन इतना कुछ सुनकर भी शेख चिल्ली की माँ ने कुछ नहीं बताया, तभी उन्होंने सोचा ये सवाल मुर्ख शेख चिल्ली से पूछते हैं।

गांव वालों को जैसे ही मौका मिला उन्होंने शेख चिल्ली को बुलाकर उससे पूछा कि इन दिनों तुम लोगों का रहन-सहन इतना कैसे बदल गया है। गांव वालों की बातें सुनकर शेख चिल्ली ने जादुई घड़े और 7 परियों की कहानी बता दी। ये सब सुनकर सभी गांववाले उसके घर पहुंचे और उस घड़े को दिखाने के लिए कहने लगे। ऐसे में शेख चिल्ली की माँ ने कहा उनके पास कोई घड़ा नहीं है।

माँ बोली- “तुम लोगों को पता ही है मेरा बेटा मुर्ख है। ये दिन में ही ऐसे सपने देखता है।” माँ की बातें सुनकर शेख चिल्ली बोलने लगा- “माँ याद करिए मैंने आपको वो जादुई घड़ा दिया था। क्या आप भूल गई? उसी घड़े की वजह से हमने रात में बहुत सारा स्वादिष्ट खाना खाया था और फिर घर के छप्पर से बताशे की बारिश हो रही थी।”

ये बातें सुनकर माँ हंसने लगी और बोलने लगी- “लो बताओ, भला छप्पर से कोई बताशे की बारिश होती है?” अब तो गांव वालों को भी ऐसा लगने लगा की शेख चिल्ली कोई सपना देख रहा होगा और हमें अपनी खुद की झूठी कहानी बना रहा है और उसकी माँ सच बोल रही है। इसके बाद सब अपने घर वापस लौट गए।

सात परियां और मूर्ख शेख चिल्ली की कहानी से सीख (Moral of Seven Fairies and the Fool Sheikh Chilli Hindi Story)

सात परियां और मुर्ख शेख चिल्ली की इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि मूर्ख लोगों की सच्ची बातों पर भी कोई यकीन नहीं करता है। इसलिए, उम्र व जरूरत के अनुसार खुद की कमियों को दूर करना चाहिए और होशियारी का हुनर सीखना चाहिए।

सात परियां और मूर्ख शेख चिल्ली की कहानी का कहानी प्रकार (Story Type of Seven Fairies and the Fool Sheikh Chilli Hindi Story )

यह कहानियां शेखचिल्ली की कहानियों में आती है। शेखचिल्ली की कहानियां बहुत ही मनोरंजक, जादुई और नैतिक शिक्षा वाली होती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. सात परियां और मूर्ख शेख चिल्ली की नैतिक कहानी क्या है?

इस कहानी की नैतिकता ये है कि यदि आप हमेशा से मूर्खता से काम करते आएं हैं तो आपकी सच्चाई को लोग गलत ही समझेंगे और आपकी बातों को गंभीरता से नहीं लेंगे। इसलिए समय के साथ एक परिपक व्यक्ति बने ताकि लोग आपकी इज्जत करें।

2. शेख चिल्ली कौन था?

शेख चिल्ली एक प्रसिद्ध किस्से के किरदार थे जो हिंदी और उर्दू के लोक कहानियों में प्रमुख थे। वे एक अद्भुत और अजीबोगरीब व्यक्ति थे जो अपनी बेवकूफियों और मनोरंजनीय कार्यों के लिए प्रसिद्ध थे।

निष्कर्ष (Conclusion)

इस कहानी का तात्पर्य यह है कि आपको वक्त रहते अपने आप को बदलने का प्रयास करना चाहिए क्योकि मुर्ख व्यक्ति चाहे जितनी अच्छी बाते करे या सच बोले, लोगों को उसपर बिलकुल भी विश्वास नहीं होता है। यदि कम उम्र से ही आप एक जिम्मेदार व्यक्ति बनते हैं और नए तरह की हुनर को सीखने का प्रयास करते हैं, तभी आपको लोग गंभीरता से लेना शुरू करते हैं।

समर नक़वी

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