अब सर्दियों का मौसम आने ही वाला है इसलिए बच्चे के स्वास्थ्य के लिए आपकी चिंताएं अब ज्यादा बढ़ जाएंगी। सर्दियों में बच्चे की देखभाल कैसे करनी चाहिए इस बारे में रिश्तेदारों व अन्य पेरेंट्स से आपको कई सलाह मिलेंगी जिसकी वजह से यह काम उतना कठिन नहीं लगेगा पर आप कन्फ्यूज हो सकती हैं।
बच्चे बहुत ज्यादा नाजुक होते हैं और चूंकि इस समय बच्चों के इम्यून सिस्टम का विकास हो रहा होता है इसलिए वे अधिक बीमार पड़ सकते हैं और विशेषकर ठंड के दिनों में मौसम बदलने से उन पर प्रभाव पड़ता है। आपको इस मौसम की ठंडी हवाएं अच्छी लग सकती हैं और आपको घर से बाहर जाने का भी मन करेगा पर यह आपके बच्चे के लिए सही नहीं है। निश्चित ही आप हर संभव तरीके से अपने बच्चे का पूरा खयाल रख रही हैं पर सर्दियों में उसे ज्यादा देखभाल व प्यार की जरूरत है। आइए जानते हैं की ठंड में आप अपने बच्चे का पूरा खयाल कैसे रख सकती हैं।
ठंड में तापमान कम होने की वजह से बच्चों को इन्फेक्शन होने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं और वे जल्दी ही बीमार पड़ जाते हैं। इसकी वजह से पेरेंट्स होने के नाते आपको बच्चे की अच्छी सेहत के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है। ठंड के दिनों में आप अपने बच्चे की देखभाल कैसे कर सकती हैं और उसे हमेशा सुरक्षित कैसे रखें, यह जानने के लिए आगे पढ़ें;
बच्चे को ठंड से बचाने के लिए जाहिर है आप उसे मोटा स्वेटर, मिटेंस, मोजे और न जाने क्या कुछ पहनाती ही होंगी। यद्यपि सर्दियों के दिनों में बच्चे के लिए यह सभी चीजें बहुत जरूरी हैं पर बहुत ज्यादा गर्माहट होने की वजह से भी बच्चे को असुविधा हो सकती है। सबसे पहले आप कमरे के तापमान को नियंत्रित करें और फिर उसी के अनुसार बच्चे को कपड़े पहनाएं। आप बच्चे को ऐसे कपड़े पहनाएं जिससे उसका पूरा शरीर ढक जाए पर उसके मूवमेंट में रुकावट न आए। बच्चे को बिस्तर में लिटाते समय आप उसे मिटेंस और मोजे पहनाकर रखें ताकि उसके हाथों व पैरों में गर्माहट बनी रहे और वह शांति से सो सके।
आप अपने घर विशेषकर बच्चे के कमरे का तापमान गर्म ही रखें। अत्यधिक ठंड पड़ने से पहले इस बात का भी खयाल रखें कि आपके घर में सभी हीटर, ह्युमिडिफायर और गीजर सही तरीके से काम कर रहे हैं। यदि आपने घर में कोई ऐसी जगह चुनी है जहाँ पर विशेषकर रात में बहुत ज्यादा ठंड लगती है तो खिड़कियां बंद रखें और हीटर ऑन कर दें। यदि आप अपने बच्चे के कमरे में हीटर का उपयोग करती हैं तो एक बार यह जरूर जांच लें कि तापमान बच्चे के अनुकूल है या नहीं – यह बहुत ज्यादा गर्म नहीं होना चाहिए। आप अपने बच्चे के कमरे को वेन्टीलेटेड भी रखें।
सर्दियों में बच्चे की मालिश से संबंधित कोई भी दूसरा खयाल न रखें क्योंकि मालिश करने से उसके स्वास्थ्य और त्वचा को कई फायदे हो सकते हैं। यदि आप अपने बच्चे की मालिश विक्स बेबी रब से करती हैं तो इससे उसकी त्वचा पर नमी बनी रहेगी और वह रूखी नहीं होगी। नियमित मालिश करने से शरीर के भीतर खून का बहाव बढ़ता है और इम्यून सिस्टम के फंक्शन में सुधार होता है। इसलिए आप अपने बच्चे की मालिश करने भी न भूलें। हालांकि आप उसे मालिश करने के समय और जगह को निर्धारित जरूर कर लें। बच्चा जब खेलने के मूड में होता है तब उसकी मालिश करना सबसे सही है और आप उसकी मालिश एक सुविधाजनक कमरे में ही करें जहाँ पर हल्की गर्माहट भी हो।
6 महीने की आयु तक के बच्चे को माँ के दूध से ही सभी आवश्यक न्यूट्रिएंट्स व एंटीबॉडीज मिलते हैं। ब्रेस्ट मिल्क से बच्चे की इम्युनिटी भी बढ़ती है जिसकी वजह से उसे जुकाम या अन्य इन्फेक्शन नहीं होता है। इसलिए बच्चे को जितना संभव हो उतना अधिक माँ का दूध ही पिलाएं। यदि आपका बच्चा 6 महीने से ज्यादा का हो गया है तो आप उसकी डायट में गुनगुने तरल पदार्थ भी शामिल कर सकती हैं। इससे उसे अन्य न्यूट्रिएंट्स भी मिलेंगे और वह ठंड के दिनों में सुरक्षित भी रहेगा।
ठंड में बच्चों की इम्युनिटी का स्तर कम रहता है जिसकी वजह से उन्हें बहुत जल्दी इन्फेक्शन हो सकता है। यदि आपको लगता है कि सोते समय बच्चा घरघराने की आवाज कर रहा है, गंभीर रूप से खांस रहा है या उसे सांस लेने में कठिनाई होती है तो उसे इन्फेक्शन हो सकता है। ऐसी स्थिति में आप अपने बच्चे को डॉक्टर के पास तुरंत लेकर जाएं। यदि उसे गंभीर रूप से सामान्य जुकाम हुआ है तो आप घरेलू उपचारों का उपयोग भी कर सकती हैं। सामान्य सर्दी जुकाम की वजह से बच्चे की नींद का पैटर्न खराब हो सकता है, उसे थकान हो सकती है या वह चिड़चिड़ा भी हो सकता है। यदि आप चाहती हैं कि बच्चे को रात में आराम मिले तो आप उसके सीने, गले और पीठ में विक्स वेपोरब* (यह 2 साल से अधिक बच्चे के लिए अच्छा होता है) लगाएं और फिर एक हल्का ब्लैंकेट उढ़ा दें। 3 महीने से अधिक आयु के बच्चों के लिए आप विक्स बेबी रब का उपयोग भी कर सकती हैं जो बच्चे की त्वचा को मॉइस्चराइज करता है, आराम देता है और साथ ही शांत भी रखता है। बेबी रब के साथ आपके प्यार के स्पर्श से बच्चे की त्वचा मॉइस्चराइज होती है और इसमें मौजूद लैवेंडर व रोजमेरी की सुगंध से उसे आराम मिलने के साथ अच्छी नींद भी आती है।
ठंड में बच्चों की इम्युनिटी कम हो जाती है जिसकी वजह से उसे जुकाम या इन्फेक्शन हो सकता है। इसलिए आप बचाव के लिए उसे समय से इम्युनाइज्ड करवाती रहें। सही समय पर उचित इंजेक्शन लगवाने से आपका बच्चा हमेशा हेल्दी रहेगा और उसे कोई भी बीमारी नहीं होगी। इसलिए आप बच्चे को समय पर वैक्सीन देना बिलकुल भी न भूलें।
सर्दियों में बच्चे को ठंड न लगे इसलिए अक्सर मांएं सुलाते समय उस पर कई सारे ब्लैंकेट उढ़ा देती हैं और भारी ब्लैंकेट डाल देती हैं पर यह आपके बच्चे के लिए सही नहीं है। हालांकि मोजे और मिटेंस से बच्चे को इतनी गर्माहट मिल जाती है जितनी एक ब्लैंकेट से नहीं मिलती है – भारी ब्लैंकेट से बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है और इससे उसे एसआईडीएस होने का खतरा बढ़ता है। इसलिए आप अपने बच्चे के लिए हल्के ब्लैंकेट का उपयोग करें और कमरे का तापमान सामान्य बनाए रखें।
यह बहुत जरूर है कि आप अपने बच्चे को बाहर की ठंड और कड़क हवा के संपर्क में न लाएं और उसे घर के भीतर सुरक्षित रखें। यदि बाहर जाना बहुत जरूरी है तो बच्चे को गर्म कपड़े पहनाएं और उसकी छाती, कान, हाथ व पैरों को अच्छी तरह से ढक दें। यदि बाहर जाना बहुत जरूरी नहीं है तो आप दोपहर में या बाद में जब ठंड कम हो तो कभी भी बाहर जाएं। यदि आप बच्चे को पैदल टहलाने के लिए बाहर ले जाना चाहती हैं तो उसे आप बेबीवियरिंग स्लिंग की मदद से अपने करीब ही रखें ताकि आपके शरीर की गर्माहट उसे मिलती रहे।
यद्यपि यह ठंड में देखभाल करने की युक्ति नहीं है पर फिर भी इसके बारे में चर्चा करनी चाहिए। आप अपने बच्चे के साथ बहुत ज्यादा समय बिताती हैं इसलिए आपको बच्चे की देखभाल के लिए आपको हमेशा स्वच्छ और हेल्दी रहने की जरूरत है। आप बच्चे को छूने से पहले नियमित रूप से अपने हाथ धोएं या यदि संभव हो तो सैनिटाइज भी करें। उसे परिवार या मेहमान में किसी से भी इन्फेक्शन हो सकता है इसलिए आप सभी से अनुरोध करें कि वे भी बच्चे को लेने से पहले हाथ जरूर धोएं। बचाव ही सबसे सही देखभाल है जो आप अपने बच्चे को दे सकती हैं इसलिए हाइजीन बनाए रखें ताकि कीटाणु दूर रहें।
यदि बच्चे को नहलाने के बाद आप उसका पूरा खयाल नहीं रखेंगी तो उसको बहुत जल्दी ही सर्दी-जुकाम हो सकता है। ठंड के मौसम में आप अपने बच्चे को कभी-कभी नहलाएं। इन दिनों आप हमेशा गुनगुने पानी का उपयोग करें और बाथरूम व कमरे के तापमान में संतुलन बनाए रखें। नहलाने के बाद बच्चे के शरीर में तौलिया लपेटें और यदि मौसम बहुत ज्यादा ठंडा है तो उसे न नहलाएं।
सर्दियों में बच्चे की देखभाल करते समय आपको अधिक सावधानी रखनी होगी और कभी-कभी आप अतिसंरक्षित भी हो सकती हैं। पर यदि आपका बच्चा सुरक्षित है और उसे पर्याप्त गर्माहट मिल रही है सब ठीक है। ठंड के दिनों में बच्चे की अच्छी देखभाल के लिए आप ऊपर बताए गए टिप्स को फॉलो जरूर करें और यदि ठंड के कारण बच्चा एक दो बार छींक भी देता है तो घबराएं नहीं।
बच्चे के जन्म के बाद शुरूआती दिन पेरेंट्स के लिए सबसे ज्यादा कठिन होते हैं। बच्चे की छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने और उसके रोने को समझने में आपको समय भी लग सकता है क्योंकि वह अपनी असुविधाओं को रो कर ही व्यक्त करेगा। पर अपने अनुभवों के साथ आप यह सभी चीजें जल्दी ही सीख जाएंगी। इसके अलावा बच्चे की देखभाल के लिए कोई भी तरीके निश्चित रूप से नहीं बताया गया है। आप अपने तरीकों पर विश्वास रखें और किसी भी सवाल को जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क बनाए रखें।
*डिस्क्लेमर – जहाँ इसे लगाएं, उस जगह को कवर करें ताकि इसके पेट में जाने से या चलते समय फिसलने से बचा जा सके। लेबल को ठीक से पढ़ें और निर्देशों के अनुसार ही चीजों का उपयोग करें। यदि फिर भी आपको कोई लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
यह भी पढ़ें:
सर्दियों में बच्चों को गर्माहट कैसे दें
सर्दियों में बच्चों को सुविधाजनक रखने के टिप्स
बच्चों को सर्दियों में गर्म कैसे रखें – टिप्स और ट्रिक्स
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…