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गर्भावस्था और प्रसव एक ऐसा अनुभव है जिसमें खुशियाँ और पीड़ा एक साथ मिलती हैं। आप अचानक ही खुद को उस नन्हे और नाज़ुक शिशु की देखभाल के लिए पूरी तरह से तैयार पाती हैं, जिसे आपने अपने गर्भ में संरक्षित किया था और अब बाहरी दुनिया के संपर्क में आने से, वह वातावरण की अन्य चीजों के संपर्क में भी आता है! आपके शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली धीरे-धीरे विकसित होती है और इसलिए, उसके शरीर में प्रवेश करने वाले किसी भी जीवाणु और अन्य हानिकारक पदार्थों से उसे बचाने की आवश्यकता होती है।
जब एक शिशु इस दुनिया में प्रवेश करता है, तब से वह बाहरी वातावरण के प्रति संवेदनशील हो जाता है। नीचे कुछ कारण दिए गए हैं जो आपको बताएंगे कि शिशु की बोतल को स्टेरलाइज करने की आवश्यकता क्यों है:
शिशु क्या खाते हैं, इस बात का खयाल रखना बहुत महत्वपूर्ण है और आपको इस पर अत्यधिक सावधानी बरतने की भी आवश्यकता है क्योंकि मुँह शरीर का प्राथमिक प्रवेश होता है। बोतल को स्टेरलाइज करने से उसमें जमे सभी कीटाणु व रोगाणु नष्ट हो जाते हैं और आपके शिशु की बोतल भी अच्छी तरह से साफ हो जाती है।
हर कोई इससे सहमत है कि बोतल को स्टेरलाईज करना महत्वपूर्ण है लेकिन यह प्रक्रिया कितनी बार की जानी चाहिए, इस पर विशेषज्ञों की राय अलग-अलग है। शिशु विशेषज्ञ इस विषय में अपने विचारों की दो अलग धाराएं रखते हैं।
हर उपयोग के बाद सफाई : ‘अमेरिकन अकादमी ऑफ पेडियाट्रिक्स’ के अनुसार, आप बस शिशु को हर बार दूध पिलाने के बाद बोतल को साबुन और गर्म पानी से धो लें, उसे बार-बार स्टेरलाइ ज करने की ज़रूरत नहीं है । इस सुझाव के पीछे तर्क यह है कि पानी और बर्तन जो आपके खाने-पीने के लिए उपयोग में आते है, वे पर्याप्त रूप से साफ होते है, और वह शिशु के लिए भी उपयुक्त है।
साप्ताहिक सफाई: कुछ डॉक्टर के अनुसार बोतल को सिर्फ एक बार स्टेरलाइज करना सुरक्षित नहीं है। शिशु के स्वास्थ्य के मामलों को नज़रअंदाज़ न करें। स्टेरलाइजेशन आपके शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली को विकसित करने में मदद कर सकता है और साथ ही जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित रखता है।
बोतल को स्टेरलाइज करना रोगाणुओं को नष्ट करने की प्रक्रिया है जो बोतल, ढक्कन, निप्पल, चुसनी आदि की सतह से चिपके हो सकते हैं। बोतल को स्टेरलाइज करना उबालने, भाप देने या बोतल को माइक्रोवेव में रखने जैसी पद्धतियों के माध्यम से भी किया जा सकता है। उपरोक्त सभी पद्धति समान रूप से प्रभावी हैं और आप व्यक्तिगत पसंद व उलब्धता के आधार पर इसे करने का अपना तरीका चुन सकती हैं।
शिशु की बोतल को स्टेरलाइज करने के कुछ तरीके निम्नलिखित दिए हुए हैं: :
1. उबालना: शिशु की दूध की बोतल को उबालना, यह बोतल को स्टेरलाइज करने का दुनिया भर में उपयोग किया जानेवाला सबसे आम तरीका है। यह सबसे आसान तरीका भी है और ऐसा करके आप बोतल में स्तन का दूध और डिब्बे का दूध भी भर कर रख सकती हैं। लेकिन, आपको पहले बोतल को साफ करना चाहिए। बोतलको उबालकर कीटाणु-रहित करने के लिए इन चरणों का पालन करें:
2. रासायनिक स्टेरलाईजेशन: आप विशेष रूप से शिशु के दूध पिलाने की बोतल को स्टेरलाईजेशन करने वाले जीवाणुनाशक रसायन खरीद सकती हैं। रासायनिक स्टेरलाईजेशन घोल को बनाने के लिए इन रसायनों को विशिष्ट अनुपात में पानी के साथ मिलाया जाता है। इसमें कमरे के तापमान वाले पानी का उपयोग किया जाता है और इसलिए यह निप्पल के लिए सुरक्षित है, जो लंबे समय तक उच्च तापमान के संपर्क में आने पर कट या फट सकते है। हालांकि, आप गर्माहट की पुष्टि के लिए स्टेरलाईजर में लिखे निर्देशों का पालन करें, रासायनिक स्टेरलाईजेशन की प्रक्रिया, कुछ इस प्रकार है:
3. भाप स्टेरलाईजेशन: कई उत्पादक, बोतल को स्टेरलाइज करने के लिए भाप स्टेरलाईजेशन की सलाह देते हैं । जिस प्रकार से उबालने की प्रक्रिया है बिलकुल वैसे ही इसमें भी हानिकारक कीटाणुओं को नष्ट करने के लिए गर्माहट का उपयोग किया जाता है। यह विकल्प शहरों में रहने वाले माता-पिता के लिए और उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो गैस स्टोव का उपयोग नहीं करते हैं। भाप जीवाणुनाशकों को प्लग में लगाकर बिजली से संचालित किया जा सकता है! आप, स्टेरलाइजर का उपयोग इस प्रकार से कर सकती हैं:
4. माइक्रोवेव: आपके शिशु दूध पिलाने की बोतल व अन्य वस्तुओं को स्टेरलाइज करने के लिए माइक्रोवेव का उपयोग भी कर सकती हैं, यह भाप के समान ही कार्य करता है। किन्तु सबसे पहले माइक्रोवेव को अंदर से अच्छी तरह साफ कर लें, हालांकि जो घर के भोजन को गर्म करने के लिए नियमित रूप से उपयोग किया जाता है, उन माइक्रोवेव में यह लगभग असंभव है। माइक्रोवेव में स्टेरलाईज करने के लिए, इन निर्देशों का पालन करें:
शिशु की बोतल को स्टेरलाईज करना कोई कठिन कार्य नहीं है, लगभग कोई भी व्यक्ति यह कार्य कर सकता है। किन्तु इसे करने से पहले कुछ बातें हैं जिनका सावधानी से खयाल रखना जरुरी है, वे इस प्रकार हैं:
शिशु की बोतल को स्टेरलाईज करते समय सुरक्षा की इन तरीकों पर ध्यान दें:
शिशु की बोतल को सप्ताह में एक बार स्टेरलाईज करना आवश्यक है ए। यदि आपके घर के पानी की आपूर्ति दूषित है, तो इसे दो या तीन दिनों में एक बार किया जा सकता है। जब तक आपका शिशु 12 महीने का नहीं हो जाता, तब तक नियमित रूप से इस प्रक्रिया को करने की आवश्यकता होती है। उसके बाद, आपके शिशु के स्वास्थ्य और वातावरण के आधार पर यह पद्धति कम की जा सकती है या पूरी तरह बंद की जा सकती है।
आपके शिशु की दूध पिलाने की बोतल और सहायक वस्तुओं को स्टेरलाईज करना आवश्यक है। हालांकि, हानिकारक कीटाणुओं को नष्ट करने की इस प्रक्रिया में आपकी रातों की नींद खराब हो सकती है और नए माता-पिता के लिए तो यह अत्यधिक मुश्किल दौर भी हो सकता है जैसा कि आप में से अधिकांश ने पहले ही सुना या फिर अनुभव किया होगा! उचित समय-सारणी, उचित सामग्री और एक व्यवस्थित दृष्टिकोण के साथ, बिना रुके आप यह आसानी से कर सकती हैं!
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