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शिशु की बोतल का कीटाणुनाशन (स्टेरलाईजेशन) – तरीके व महत्वपूर्ण सुरक्षा युक्तियाँ

गर्भावस्था और प्रसव एक ऐसा अनुभव है जिसमें खुशियाँ और पीड़ा एक साथ मिलती हैं। आप अचानक ही खुद को उस नन्हे और नाज़ुक शिशु की देखभाल के लिए पूरी तरह से तैयार पाती हैं, जिसे आपने अपने गर्भ में संरक्षित किया था और अब बाहरी दुनिया के संपर्क में आने से, वह वातावरण की अन्य चीजों के संपर्क में भी आता है! आपके शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली धीरे-धीरे विकसित होती है और इसलिए, उसके शरीर में प्रवेश करने वाले किसी भी जीवाणु और अन्य हानिकारक पदार्थों से उसे बचाने की आवश्यकता होती है।

शिशु की बोतल को स्टेरलाइज करने के निम्नलिखित कारण है

जब एक शिशु इस दुनिया में प्रवेश करता है, तब से वह बाहरी वातावरण के प्रति संवेदनशील हो जाता है। नीचे कुछ कारण दिए गए हैं जो आपको बताएंगे कि शिशु की बोतल को स्टेरलाइज करने की आवश्यकता क्यों है:

  • हानिकारक सूक्ष्मजीव बोतल पर जमा होते हैं और यही कीटाणु आपके शिशु के शरीर में प्रवेश करते हैं जिस कारण उसे उल्टी और दस्त की समस्या हो सकती है। इसलिए शिशु के लिए बोतल का उपयोग करने से पहले उसे स्टेरलाइज करना आवश्यक है ।
  • जब एक शिशु जन्म लेता है, तो रोग प्रतिकारकों का उसका भंडार वहीं तक सीमित होता है जो गर्भावस्था के आखिरी तीन महीनों के दौरान उसे अपनी माँ से मिले थे। यह सुरक्षा उसके जीवन के पहले कुछ महीनों में खत्म हो जाती है।
  • घर पर मिलने वाला पानी दूषित हो सकता है और इसमें रोग पैदा करने वाले रोगाणु या कीटाणु हो सकते हैं। इसलिए बिना भूले, आपको अपने शिशु की बोतल को स्टेरलाइज करना जरुरी है।

शिशु क्या खाते हैं, इस बात का खयाल रखना बहुत महत्वपूर्ण है और आपको इस पर अत्यधिक सावधानी बरतने की भी आवश्यकता है क्योंकि मुँह शरीर का प्राथमिक प्रवेश होता है। बोतल को स्टेरलाइज करने से उसमें जमे सभी कीटाणु व रोगाणु नष्ट हो जाते हैं और आपके शिशु की बोतल भी अच्छी तरह से साफ हो जाती है।

दूध की बोतल को कितनी बार स्टेरलाइज करें?

हर कोई इससे सहमत है कि बोतल को स्टेरलाईज करना महत्वपूर्ण है लेकिन यह प्रक्रिया कितनी बार की जानी चाहिए, इस पर विशेषज्ञों की राय अलग-अलग है। शिशु विशेषज्ञ इस विषय में अपने विचारों की दो अलग धाराएं रखते हैं।

हर उपयोग के बाद सफाई : ‘अमेरिकन अकादमी ऑफ पेडियाट्रिक्स’ के अनुसार, आप बस शिशु को हर बार दूध पिलाने के बाद बोतल को साबुन और गर्म पानी से धो लें, उसे बार-बार स्टेरलाइ ज करने की ज़रूरत नहीं है । इस सुझाव के पीछे तर्क यह है कि पानी और बर्तन जो आपके खाने-पीने के लिए उपयोग में आते है, वे पर्याप्त रूप से साफ होते है, और वह शिशु के लिए भी उपयुक्त है।

साप्ताहिक सफाई: कुछ डॉक्टर के अनुसार बोतल को सिर्फ एक बार स्टेरलाइज करना सुरक्षित नहीं है। शिशु के स्वास्थ्य के मामलों को नज़रअंदाज़ न करें। स्टेरलाइजेशन आपके शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली को विकसित करने में मदद कर सकता है और साथ ही जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित रखता है।

शिशु की बोतल को स्टेरलाइज कैसे करें?

बोतल को स्टेरलाइज करना रोगाणुओं को नष्ट करने की प्रक्रिया है जो बोतल, ढक्कन, निप्पल, चुसनी आदि की सतह से चिपके हो सकते हैं। बोतल को स्टेरलाइज करना उबालने, भाप देने या बोतल को माइक्रोवेव में रखने जैसी पद्धतियों के माध्यम से भी किया जा सकता है। उपरोक्त सभी पद्धति समान रूप से प्रभावी हैं और आप व्यक्तिगत पसंद व उलब्धता के आधार पर इसे करने का अपना तरीका चुन सकती हैं।

शिशु की बोतल को स्टेरलाइज करने के तरीके

शिशु की बोतल को स्टेरलाइज करने के कुछ तरीके निम्नलिखित दिए हुए हैं: :

1. उबालना: शिशु की दूध की बोतल को उबालना, यह बोतल को स्टेरलाइज करने का दुनिया भर में उपयोग किया जानेवाला सबसे आम तरीका है। यह सबसे आसान तरीका भी है और ऐसा करके आप बोतल में स्तन का दूध और डिब्बे का दूध भी भर कर रख सकती हैं। लेकिन, आपको पहले बोतल को साफ करना चाहिए। बोतलको उबालकर कीटाणु-रहित करने के लिए इन चरणों का पालन करें:

  • सबसे पहले, आप जिस बोतल, ढक्कन और निप्पल को स्टेरलाइज करने वाली हैं उन्हें बर्तन साफ़ करने वाले सामान्य साबुन से धो लें।
  • शिशु की बोतल को पर्याप्त पानी से भरें, फिर एक बड़े बर्तन में रखें ताकि सारी सामग्री पूरी तरह से पानी मे डूब जाए, साथ ही, इसमें हवा के बुलबुले नहीं होने चाहिए।
  • पानी में उबाल आने पर इसे पाँच मिनट तक तेज़ आंच में उबलने दें। फिर, गैस बंद कर दें और पानी को प्राकृतिक रूप से ठंडा होने दें।
  • यदि आप बोतल का तुरंत उपयोग कर रही हैं, तो अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें और उस जगह को भी साफ कर लें जहाँ आप शिशु के लिए दूध तैयार करेंगी। स्टेरलाइज की गई बोतल को पोंछने के लिए कपड़े का उपयोग ना करें क्योंकि कपड़े में चिपके दूषित पदार्थ बोतल में जाने का खतरा हो सकता है, टपकते पानी को साफ़ करने के लिए बोतल को अच्छी तरह से हिला लें।
  • अगर आप बोतल का तुरंत उपयोग नहीं कर रही हैं तो स्टेरलाइज किए गए सभी वस्तुओं को एक साफ, सूखे डिब्बे में डालकर उस डिब्बे को रेफ्रिजरेटर में रख दें।

2. रासायनिक स्टेरलाईजेशन: आप विशेष रूप से शिशु के दूध पिलाने की बोतल को स्टेरलाईजेशन करने वाले जीवाणुनाशक रसायन खरीद सकती हैं। रासायनिक स्टेरलाईजेशन घोल को बनाने के लिए इन रसायनों को विशिष्ट अनुपात में पानी के साथ मिलाया जाता है। इसमें कमरे के तापमान वाले पानी का उपयोग किया जाता है और इसलिए यह निप्पल के लिए सुरक्षित है, जो लंबे समय तक उच्च तापमान के संपर्क में आने पर कट या फट सकते है। हालांकि, आप गर्माहट की पुष्टि के लिए स्टेरलाईजर में लिखे निर्देशों का पालन करें, रासायनिक स्टेरलाईजेशन की प्रक्रिया, कुछ इस प्रकार है:

  • घोल बनाते समय, विशेष रूप से पानी और रसायन के अनुपात से संबंधित दिए हुए निर्देशों का सावधानी से पालन करें
  • बस उबालने की प्रक्रिया की तरह ही आपके शिशु की बोतल व अन्य वस्तुओं को हवा के बुलबुलों के बगैर, पूरी तरह से घोल में डुबो दें।
  • वस्तुओं को घोल में रखने का न्यूनतम समय पैकेट में लिखे निर्देशों (आमतौर पर आधा घंटा) में बताई गई होगी। यदि आप वस्तुओं का उपयोग तुरंत नहीं कर रही हैं तो इसे घोल में तब तक रहने दें जब तक आप इसका उपयोग न करें।
  • वस्तुओं का उपयोग करने से पहले, उसमें टपकते पानी को हिलाकर हटा दें और इसे प्राकृतिक रूप से सूखने दें। शिशु की वस्तुओं को सुखाने के लिए किसी भी प्रकार का कपड़ा या नैपकिन का उपयोग न करें क्योंकि यह आपके स्टेरलाइज किए गए वस्तुओं को दूषित कर सकता है।
  • स्टेरलाईजेशन की इस विधि का उपयोग करने से पहले, बड़ा डिब्बा, आपकी बोतल, निप्पल आदि गर्म पानी और साबुन से साफ़ करें।

3. भाप स्टेरलाईजेशन: कई उत्पादक, बोतल को स्टेरलाइज करने के लिए भाप स्टेरलाईजेशन की सलाह देते हैं । जिस प्रकार से उबालने की प्रक्रिया है बिलकुल वैसे ही इसमें भी हानिकारक कीटाणुओं को नष्ट करने के लिए गर्माहट का उपयोग किया जाता है। यह विकल्प शहरों में रहने वाले माता-पिता के लिए और उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो गैस स्टोव का उपयोग नहीं करते हैं। भाप जीवाणुनाशकों को प्लग में लगाकर बिजली से संचालित किया जा सकता है! आप, स्टेरलाइजर का उपयोग इस प्रकार से कर सकती हैं:

  • स्टेरलाइजेशन करने की प्रक्रिया से पहले बोतल, ढक्कन, निप्पल आदि को गर्म पानी और साबुन से धोएं।
  • डिब्बों को स्टेरलाइजरके अंदर रखते समय, ध्यान दें कि उनका मुँह नीचे की ओर रहे ताकि अंदर की सतहों को अधिक भाप मिल सके।
  • स्टेरलाइजर में पानी डालने की मात्रा के बारे में निर्देश उत्पादकों द्वारा दिया जाता है। भाप देने की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद यह स्टेरलाइजर अपने आप बंद हो जाता है।
  • जब तक आपको इसका उपयोग करने की आवश्यकता ना हो तब तक आप शिशु की बोतल व अन्य वस्तुओं को स्टेरलाइजर के अंदर रख सकती हैं। लेकिन, दोबारा वस्तुओं को स्टेरलाईज किए बिना उन्हें कितने समय तक अंदर रखा जा सकता है उस बारे में निर्देशों की जाँच करें।

4. माइक्रोवेव: आपके शिशु दूध पिलाने की बोतल व अन्य वस्तुओं को स्टेरलाइज करने के लिए माइक्रोवेव का उपयोग भी कर सकती हैं, यह भाप के समान ही कार्य करता है। किन्तु सबसे पहले माइक्रोवेव को अंदर से अच्छी तरह साफ कर लें, हालांकि जो घर के भोजन को गर्म करने के लिए नियमित रूप से उपयोग किया जाता है, उन माइक्रोवेव में यह लगभग असंभव है। माइक्रोवेव में स्टेरलाईज करने के लिए, इन निर्देशों का पालन करें:

  • शिशु की बोतल को पानी से आधा भरें और एक अलग कांच के कटोरे में पानी लेकर उसमें निप्पल, और अन्य सहायक वस्तुओं को डुबो दें और इन्हें माइक्रोवेव में रखें।
  • अब डेढ़ मिनट के लिए उच्च तापमान पर माइक्रोवेव करें।
  • जब तक वे उपयोग के लिए निकाले जाने लायक पर्याप्त रूप से ठंडे न हो जाएं, तब तक उन्हें अंदर ही रखें।

शिशु की बोतल को स्टेरलाइज करने के लिए क्या करें?

शिशु की बोतल को स्टेरलाईज करना कोई कठिन कार्य नहीं है, लगभग कोई भी व्यक्ति यह कार्य कर सकता है। किन्तु इसे करने से पहले कुछ बातें हैं जिनका सावधानी से खयाल रखना जरुरी है, वे इस प्रकार हैं:

  • स्टेरलाईज करने की प्रक्रिया के पहले, शिशु की बोतल और अन्य वस्तुओं को अच्छी तरह से साफ पानी में साबुन से धोएं।
  • अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ करें और उस मेज या स्थान को धोएं और स्टेरलाईज करें, जिस पर बोतल तैयार की जाएगी।
  • अगर तौलिया या रुमाल साफ न हो तो उसका इस्तेमाल न करें।
  • उपयोग के लिए आवश्यक होने तक स्टेरलाईज किए गए वस्तुओं को स्टेरलाइजर या पानी में ही रहने दें।यदि शिशु की बोतल को उबलते हुए पानी में स्टेरलाईज किया गया है तो उसे ढक कर रखें ।
  • यदि आप स्टेरलाईज की हुई बोतल का अधिक समय तक उपयोग नहीं करने वाली हैं (लगभग 15 – 24 घंटे से अधिक) तो फिर उसे सुखाने के लिए किसी साफ जगह पर रखें, बोतल का ढक्कन व निप्पल किसी डिब्बे में रखकर फ्रिज में रखना एक सर्वोत्तम उपाय है।

सुरक्षा के तरीके

शिशु की बोतल को स्टेरलाईज करते समय सुरक्षा की इन तरीकों पर ध्यान दें:

  • दुर्घटनाओं से बचने के लिए, स्टेरलाइजेशन में उपयोग किए जानेवाले गर्म बर्तन और स्टीमर को बच्चों से दूर रखें। भाप में अव्यक्त ऊर्जा के रूप में अत्यधिक गर्माहट होती है जो उबलते पानी की तुलना में अधिक विनाशकारी हो सकती है।
  • निप्पल पर दिए गए निर्देशों को पढ़ना ना भूलें। चूंकि यह लचीले सामग्री से बना होता है, इसके स्टेरलाईजेशन की गर्मी का सामना करने की क्षमता आपकी बोतल की तुलना में कम होती है। बहुत अधिक गर्माहट निप्पल को ख़राब सकती है।
  • हमेशा टोक्सिन व बी.पी.ए. मुक्त बोतल ही खरीदें अन्यथा ये रसायन आपके भोजन में घुलकर हॉर्मोनल असंतुलन का खतरा पैदा कर सकते हैं ।
  • कांच की बोतल, प्लास्टिक की बोतल की तुलना में ज़्यादा समय तक चलती है और ज्यादा तापमान में स्टेरलाईज करने के लिए भी ज़्यादा सुरक्षित होती है। हालांकि, उनमें मामूली दरार आने पर बदलने की आवश्यकता पड़ सकती है।
  • यदि आपका शिशु किसी विशेष बोतल और निप्पल को पसंद नहीं करता है, तो उन्हें बदलना अच्छा रहेगा है। लगातार घिसाव के कारण निप्पल से दूध का तेज़ स्राव भी हो सकता है।

शिशु की बोतल को कब तक स्टेरलाईज करें?

शिशु की बोतल को सप्ताह में एक बार स्टेरलाईज करना आवश्यक है ए। यदि आपके घर के पानी की आपूर्ति दूषित है, तो इसे दो या तीन दिनों में एक बार किया जा सकता है। जब तक आपका शिशु 12 महीने का नहीं हो जाता, तब तक नियमित रूप से इस प्रक्रिया को करने की आवश्यकता होती है। उसके बाद, आपके शिशु के स्वास्थ्य और वातावरण के आधार पर यह पद्धति कम की जा सकती है या पूरी तरह बंद की जा सकती है।

आपके शिशु की दूध पिलाने की बोतल और सहायक वस्तुओं को स्टेरलाईज करना आवश्यक है। हालांकि, हानिकारक कीटाणुओं को नष्ट करने की इस प्रक्रिया में आपकी रातों की नींद खराब हो सकती है और नए माता-पिता के लिए तो यह अत्यधिक मुश्किल दौर भी हो सकता है जैसा कि आप में से अधिकांश ने पहले ही सुना या फिर अनुभव किया होगा! उचित समय-सारणी, उचित सामग्री और एक व्यवस्थित दृष्टिकोण के साथ, बिना रुके आप यह आसानी से कर सकती हैं!

सुरक्षा कटियार

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