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नई माताएं हमेशा अपने बच्चे के भोजन को लेकर सतर्क रहती हैं। शिशुओं का पाचन तंत्र नाजुक होता हैं, जो धीरे-धीरे विकसित होता है। यही कारण है कि माता-पिता को हमेशा किसी भी प्रकार के नए खाद्य पदार्थ को लेकर सजग रहना चाहिए। लेकिन शिशु के 6 महीने का होने के बाद, आपको उसके समग्र विकास और वृद्धि के लिए उसे धीरे-धीरे ठोस खाद्य पदार्थों से परिचित कराना होगा। लेकिन क्या 6 महीने के बच्चे के लिए सूखा मेवा सही विकल्प हैं? आइए, जानते हैं:
निर्जलित फलों को ड्राई फ्रूट्स या सूखा मेवा कहते हैं। इसे बनाने के लिए फलों को प्राकृतिक ढंग से अथवा धूप दिखाकर या निर्जलीकरण का प्रयोग करके उनमें मौजूद जल की मात्रा को निकाल दिया जाता है। निर्जलीकरण के बाद भी इन फलों के पोषक तत्व बने रहते हैं। ड्राई फ्रूट्स काफी लोकप्रिय हैं, क्योंकि उन्हें ताजे फलों की तुलना में अधिक समय तक स्टोर करके रखा जा सकता है।
हाँ। सूखे मेवे बच्चों के लिए सुरक्षित है और इनके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। हालांकि, बच्चों को शुगर कोटेड ड्राई फ्रूट्स देने से बचें, ऐसा करने से उनके दाँतों में कीड़े लगने की संभावना होती है। उन्हें खाने के लिए मेवे के महीन टुकड़े करके दें और खाने के दौरान उनपर नजर बनाए रखें कि टुकड़े कहीं उनके गले में न अटके। आप चाहें तो सूखे मेवों को शिशु को देने से पहले उन्हें नर्म बनाने के लिए पानी में भिगो सकते हैं। इससे पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण में भी मदद मिलती है। बादाम का छिलका उतार दें ताकि यह शिशु के गले में अटके नहीं।
जब बच्चा 7 से 9 महीने का हो जाए तो ड्राई फ्रूट्स देने का यह सर्वोत्तम समय है। जैसे ही आप उसे ठोस पदार्थ देना शुरू करते हैं, उसी समय से आप उसे सूखे मेवे देना भी शुरू कर सकते हैं। चूंकि, सूखे मेवे पाचन तंत्र के लिए थोड़े होते हैं, इसलिए कोशिश करें बच्चों को ठोस खाद्य पदार्थों की आदत डालें।
यदि मेवों आपके बच्चे को किसी प्रकार की एलर्जी होती है तो आपको ऐसी संभावनाओं पर भी नजर रखनी होगी। कुछ बच्चों को कुछ ड्राई फ्रूट्स से एलर्जी होती है। इसलिए, आप बच्चों को पहले एक प्रकार का ड्राई फ्रूट दें और अगले 3 दिनों तक प्रतीक्षा करें और देखें कि कहीं कोई एलर्जी सम्बन्धी प्रतिक्रिया तो नहीं हो रही।
सूखे मेवों में ऐसे ढेर सारे लाभप्रद तत्व पाए जाते हैं जो आपके बच्चे के लिए स्वास्थ्यवर्धक होते हैं। उनमें से कुछ हैं,
ड्राई फ्रूट्स आयरन से भरपूर होते हैं जो रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाते हैं। परिणामस्वरूप, यह शिशुओं में एनीमिया के खतरे को कम करता है।
फाइबर, प्रोटीन, जिंक, आयरन और अन्य खनिज तत्वों का एक समृद्ध स्रोत होने के नाते, सूखे मेवे आपके शिशु को भरपूर ऊर्जा प्रदान करते हैं। इससे वे ऊर्जावान और स्वस्थ बने रहेंगे।
सूखे मेवों में फाइबर की अच्छी मात्रा होती हैं, जो शिशुओं के मलत्याग को सुचारु बनाकर कब्जियत को रोकता है।
इनमें प्रचुर मात्रा में प्रोबायोटिक्स यानि अच्छे बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो शिशुओं के पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं। प्रोबायोटिक्स पाचन तंत्र को विकसित करते हैं और भोजन के पाचन में भी सहायता करते हैं।
सूखे मेवे विटामिन ‘ए’ और कैल्शियम से भरपूर होते हैं। आँखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए विटामिन ‘ए’ की आवश्यक होती है और कैल्शियम व हड्डियों के विकास और रखरखाव में सहायता करता है।
अखरोट जैसे सूखे मेवे में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड, शिशुओं के मस्तिष्क के समुचित विकास के लिए आवश्यक है।
जैसे-जैसे शिशु के भोजन की मात्रा बढ़ती जाती है, उसके शरीर में फ्री रेडिकल बनने लगते हैं जिससे उसका डीएनए को क्षति पहुँच सकती है। फ्री रेडिकल्स कैंसर का भी कारण बनते हैं और सूखे मेवों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ऐसा होने से रोक सकते हैं।
आप निम्न विधियों का पालन करके अपने बच्चे के लिए बड़ी आसानी से घर पर ही सूखे मेवों का पाऊडर तैयार कर सकती हैं।
सामग्री
बनाने की विधि
यहाँ कुछ सरल व्यंजन दिए गए हैं जिनके माध्यम से आप अपने बच्चे के आहार में सूखे मेवों को शामिल कर सकते हैं।
सूखे मेवे देने का सबसे अच्छा तरीका है कि उनकी पाऊडर बनाकर बच्चों के एक स्वादिष्ट मिल्कशेक बनाया जाए।
सामग्री
बनाने की विधि
यह साधारण सा नुस्खा नाश्ते में दी जाने वाले सीरीयल को और भी स्वादिष्ट बना सकता है।
सामग्री
(चित्र में मोटी फलियाँ और सूखे मेवे दर्शाए गए हैं। सभी सामग्री को अच्छे से ब्लेंड करें ताकि बच्चों के गले में अटके नहीं।)
बनाने की विधि
ड्राई फ्रूट्स निःसंदेह ऐसे पोषक तत्वों से भरपूर हैं जो आपके बच्चे के लिए फायदेमंद है। शिशु को सही समय पर और सही तरीके से सूखे मेवे देने पर न केवल उसे इनके स्वाद की अनुभूति होगी बल्कि उसे इनके स्वास्थ्यवर्धक गुणों का भी पूरा लाभ मिलेगा।
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