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बहती नाक छोटे बच्चों में एक आम समस्या है। उनकी इममैच्योर इम्युनिटी के वजह से ज्यादातर ऐसा होता है और एक बच्चे की नई चीजों को छूने या अपने मुँह में डालने की निरंतर इच्छा उसे इन्फेक्शन होने के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती है। जहाँ बड़े दवाई की बस एक गोली खाकर सर्दी या फ्लू को खत्म कर सकते हैं, वहीं हो सकता है कि शिशुओं के लिए ऐसा मुमकिन न हो। डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन के बिना बच्चों को दवाएं देना सही नहीं है। यदि आप अपने बच्चे की बहती नाक के लिए कुछ प्रभावी घरेलू उपचार खोज रही हैं, तो यह आपके लिए बिल्कुल सही पोस्ट है! आइए पढ़ें।
शिशुओं में एक वर्ष में 6-8 बार ज़ुकाम या फ्लू होना सामान्य बात है। जैसा कि ऊपर बताया गया है, यह आपके बच्चे की कमजोर इम्युनिटी के कारण होता है; हालांकि, जैसे-जैसे आपका बच्चा बड़ा होगा और अच्छा आहार लेना शुरू कर देगा, यह मजबूत होता जाएगा। यहाँ शिशुओं में बहती नाक के कुछ सामान्य कारण दिए गए हैं। आइए देखें;
ये शिशुओं में नाक बहने के कुछ सामान्य कारण हैं; हालांकि, यदि आपको लगता है कि ऊपर दिए गए कारणों में से कोई भी आपके बच्चे पर लागू नहीं होता है, तो आगे की सहायता के लिए तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें।
जब बच्चे अस्वस्थ होते हैं तो वे बहुत चिड़चिड़े और असहज हो जाते हैं। बहती हुई नाक ऐसी ही एक तकलीफ है जो आपके बच्चे को बहुत अन-कम्फर्टेबल महसूस करा सकती है। बच्चों में नाक बहने की समस्या को रोकने के कुछ प्रभावी तरीके यहाँ दिए गए हैं। आइए जानें;
नाक बहने की समस्या से पीड़ित बच्चा अपने मुँह से साँस लेना शुरू कर सकता है। मुँह से साँस लेने के कारण शिशुओं में डिहाइड्रेशन हो सकता है या उनका मुँह सूख सकता है। इसलिए, आपके शिशु का स्तनपान या फॉर्मूला दूध का सेवन बढ़ाना महत्वपूर्ण है। यदि आपका शिशु छः महीने से अधिक का है, तो आप उन्हें पानी और अन्य तरल पदार्थ भी दे सकती हैं। आप अपने बच्चों के डॉक्टर से भी पूछ सकती हैं कि अपने शिशु को कौन कौन से तरल पदार्थ दे सकती हैं।
बहती हुई नाक आपके शिशु की नाक में बहुत अधिक बलगम पैदा कर सकती है, जिससे उसको साँस लेने में प्रॉब्लम हो सकती है। शिशु की नाक से बलगम निकालने के लिए एक सक्शन बल्ब का उपयोग किया जा सकता है जिससे वह बेहतर तरीके से साँस ले सके। यह बल्ब किसी भी मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध होती है और बिना किसी डॉक्टर के पर्चे के भी खरीदा जा सकता है। सुनिश्चित करें कि आप हर उपयोग के पहले और बाद में बल्ब को साफ करें।
शिशु के सिर को ऊपर उठाना उसको बेहतर महसूस कराने के प्रभावी तरीकों में से एक है। यह न केवल बलगम के बेहतर स्राव में मदद करता है, बल्कि बलगम को गले में जाने से भी रोकता है, जिसके परिणामस्वरूप खाँसी की समस्या हो सकती है। एक या दो तौलिए लें और अपने बच्चे के सिर को 18 इंच तक ऊँचा करें। सुनिश्चित करें कि बच्चे का सिर इससे अधिक ऊँचा नहीं हो, क्योंकि यह उसके लिए बहुत असुविधाजनक हो सकता है।
लगातार नाक बहने की वजह से बच्चे की नाक में दर्द हो सकता है, और यह आपके शिशु की संवेदनशील त्वचा को भी तकलीफ भी दे सकता है। उस जगह की सुरक्षा के लिए नाक के नीचे पेट्रोलियम जेली की एक मोटी परत लगाएं। वहाँ पर वेपोरब लगाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे जलन हो सकती है या यहाँ तक कि बच्चे को साँस लेने में तकलीफ हो सकती है।
ये बच्चों में नाक बहना रोकने के कुछ आसान तरीके हैं।
छोटे बच्चों और बड़े बच्चों में बहती नाक के कुछ प्राकृतिक घरेलू उपचार इस प्रकार हैं:
ऊपर बताए गए उपायों के अलावा, सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा पूरी तरह से कपड़े पहने हुए है और सर्दियों में पर्याप्त गर्म कपड़े पहन रहा है। भाप आपके बच्चे की बहती नाक की समस्याओं को दूर करने का एक और अच्छा तरीका है।
यदि आपका बच्चा ऊपर बताए गए किसी भी घरेलू उपचार के उपयोग से बेहतर महसूस नहीं करता है, तो डॉक्टर को दिखाने की आवश्यकता हो सकती है।
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