शिशु

शिशुओं और बच्चों में सर्दी और खांसी होने पर इन खाद्य पदार्थों से उनका बचाव करें !

अगर आपका बच्चा बीमार है,, भले ही यह सिर्फ सामान्य सर्दी और खांसी हो, आपके लिए और साथ ही छोटी सी जान के लिए कठिन समय होता है। संभव है कि आपके बच्चे को इस दौरान भूख न लगे और वह ठीक से खाने से मना करे। लेकिन पर्याप्त पोषण नहीं मिलने से संक्रमण से लड़ने के लिए उसके शरीर की प्राकृतिक प्रतिक्रिया धीमी हो सकती है। इसी वजह से यह जानना जरूरी है कि इस दौरान आपके बच्चे के लिए कौन से खाद्य पदार्थ अच्छे होंगे।

शिशुओं, छोटे बच्चों और बड़े बच्चों के लिए खांसी और सर्दी होने पर अनुशंसित खाद्य पदार्थ

जब वह बीमार हो तो आसानी से पचने वाला पौष्टिक भोजन आपके बच्चे के लिए उचित आहार होगा। यहाँ सर्दी और खांसी से पीड़ित बच्चों के लिए कुछ खाद्य पदार्थ बताए गए हैं:

1. माँ का दूध

नवजात शिशुओं और छह महीने से कम उम्र के शिशुओं के लिए, बीमार होने पर स्तनपान कराना सबसे अच्छा विकल्प है। माँ का दूध एंटीबॉडी का एक अच्छा स्रोत है और बच्चे की प्रतिरक्षा को बढ़ाता है। दूध पिलाने से पहले जांच कर लें कि आपके शिशु का गला जाम तो नहीं है, क्योंकि जमाव के कारण शिशु पर्याप्त दूध नहीं पी सकेगा।

2. जौ (बार्ली) का पानी

जौ का पानी 6 माह से ज्यादा उम्र के शिशुओं के लिए ही उपयुक्त है। यह बुखार, सर्दी और खांसी के लिए एक बढ़िया उपाय है। लेकिन यह ग्लूटेन के प्रति एलर्जी वाले बच्चों को देने से बचना चाहिए और सावधानी बरतनी चाहिए, अगर परिवार के किसी सदस्य को ऐसी एलर्जी हो। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपके बच्चे में भी ऐसी एलर्जी आनुवंशिक रूप से हो सकती है और आप इस तथ्य से अभी भी अनजान हो सकते हैं।

3. सेब प्यूरी

स्ट्यूड ऐप्पल के नाम से जाना जाने वाला यह आहार आसानी से पच जाता है और एक बच्चे के शरीर में तरल की आवश्यक मात्रा बनाए रखने में मदद करता है। खांसी और सर्दी के दौरान यह उपयोगी है क्योंकि ये शरीर की तरल आपूर्ति की भरपाई करते हैं।

4. चावल का पानी या मांड़

छह महीने से अधिक उम्र के बच्चों के लिए अनुशंसित चावल का मांड़, खांसी और सर्दी के लिए एक राहत देने वाला घरेलू उपाय है। चावल का पानी बच्चे की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है जिससे उसे किसी भी संक्रमण से निपटने में मदद मिलती है।

5. शकरकंद

शकरकंद पोषक तत्वों से भरपूर हैं और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देते हैं। यह श्वेत रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी शरीर की मदद करते हैं। शकरकंद का सेवन हलवे के रूप में किया जा सकता है या आप अपने छह महीने और उससे अधिक उम्र के बच्चों को शकरकंद को मसल कर और उसे प्यूरी करके दे सकते हैं।

6. गाजर

यह एक जाना-माना तथ्य है कि गाजर में औषधीय गुण होते हैं। गाजर प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है और बैक्टीरिया और वायरस को दूर रखता है। छह महीने से अधिक उम्र के बच्चों के लिए गाजर को स्टीम करके उसे मसल लें, प्यूरी बनाकर या उसका सूप बना कर अपने बच्चे को पिलाएं।

7. अनार का रस

अनार के रस में मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट आपके बच्चे की सर्दी को कम करने में मदद कर सकता है। छह महीने से ज्यादा की उम्र के बच्चों में सर्दी और खांसी से छुटकारा पाने के लिए अनार का रस बनाएं और थोड़ी सी काली मिर्च पाउडर और सोंठ पाउडर मिला कर पिलाएं।

8. मूंग दाल की खिचड़ी

सर्दी से पीड़ित बच्चों के लिए मूंग की दाल की खिचड़ी एक स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन है। यह दोपहर के भोजन या रात के भोजन में दी जा सकती है। सात महीने और उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त है। यह एक राहत देने वाला व्यंजन है जो बच्चे पसंद करेंगे।

9. दही चावल

जब आपका बच्चा आठ महीने से अधिक उम्र का हो जाता है, तो अस्वस्थ होने पर उसे आप अदरक और जीरे के साथ दही चावल खिला सकती हैं। जब आपके बच्चे को खांसी या सर्दी होती है, तो सुनिश्चित करें कि दही घर का बना हो, सामान्य तापमान पर हो और बहुत ठंडा या खट्टा न हो।

10. इडली और डोसा

जब आपका बच्चा अस्वस्थ हो तो स्टीम की हुई इडली और डोसे अच्छे सुपाच्य आहार सिद्ध होते हैं। आठ महीने या उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए इन्हें दिन में किसी भी समय दिया जा सकता है। आप चटनी या घर पर बनाया गया जैम भी उसके साथ दे सकती हैं।

11. साबूदाने के व्यंजन

सागू’ के नाम से भी जाना जाने वाला यह खाद्य पदार्थ स्टार्च का एक अच्छा स्रोत है और आपके बच्चे में ऊर्जा भर सकता है। पचाने में आसान होने के कारण, यह एक पसंदीदा विकल्प है जब बच्चे बीमार होते हैं। आप विभिन्न प्रकार के व्यंजन बना सकती हैं, जैसे कि साबुदाने की खिचड़ी, इसे सब्जियों के साथ मिला कर खिलाएं या आप बस पानी में इसे बनाएं। यह सात महीने या उससे अधिक उम्र के शिशुओं के लिए अच्छा है।

12. ब्रोकोली

एंटी-ऑक्सिडेंट से भरा ब्रोकोली संक्रमण से निपटने के लिए एक अच्छा विकल्प है। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करता है और आठ महीने से अधिक उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त है। सूप और प्यूरी कुछ तरीके हैं जिससे आपके बच्चे के आहार में इस सब्जी को शामिल कर सकती हैं।

13. टमाटर का सूप

टमाटर का सूप सभी उम्र के लोगों द्वारा पसंद किया जाता है; यह आठ महीने से ज्यादा उम्र के बच्चों को दिया जा सकता है। यह विटामिन सी का अच्छा स्रोत है और आप अपने बच्चे को इसे देने से पहले इसमें कुछ मसले हुए चावल भी मिला सकती हैं।

14. मसले हुए आलू

उबला और मसला हुआ आलू कुछ छिड़के मसालों के साथ बच्चे का पेट आसानी से भर देता है और यह स्वादिष्ट भी लगता है । उबले हुए आलू से बना यह व्यंजन आमतौर पर सभी उम्र के बच्चों को पसंद आते है और यह आठवें महीने से ही दिया जा सकता है।

15. दलिया की खिचड़ी

नरम खाना होने के कारण, इसे आसानी से निगला जा सकता है, खासकर यदि आपके बच्चे को गले में जलन या दर्द हो। बच्चे के बीमार होने पर खाने को आसानी से पचाने के लिए इसे दूध के बिना भी बनाया जा सकता है। दलिया की खिचड़ी उन बच्चों को दी जा सकती है जो आठ महीने और उससे अधिक उम्र के हैं।

16. सिटरस फल

संतरे और नींबू जैसे सिटरस फलों से बने रस, कोशिकाओं की क्षतिपूर्ति में उपयोगी होते हैं और साथ ही साथ बलगम के जमाव को कम करते हैं और उसे पतला करते हैं। गुनगुने पानी के साथ रस बनाएं और उसमें थोड़ा शहद मिलाएं। यह आमतौर पर एक वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए अनुशंसित है।

17. हल्दी वाला दूध

गर्म दूध में थोड़ी सी हल्दी पाउडर और काली मिर्च डालकर देने से लाभकारी है। यह प्राकृतिक एंटीबायोटिक के रूप में काम करता है, जो 1 वर्ष या इससे ज्यादा उम्र के बच्चों के गले के संक्रमण के साथ-साथ सभी प्रकार के जुकाम को भी ठीक करता है।

18. मशरूम का सूप

मशरूम के स्वास्थ्य लाभ बहुत हैं, और संक्रमण को दूर रखने की उनकी क्षमता जानी-मानी है। सर्दी और खांसी से पीड़ित छोटे बच्चों के लिए मशरूम का गर्म सूप बहुत सुपाच्य आहार है। यह आमतौर पर उन बच्चों को दिया जाता है जिनकी उम्र एक वर्ष या उससे ज्यादा की है।

19. पोहा या चिवड़ा

पोहा नरम है और आसानी से बच्चों द्वारा चबाया जा सकता है। यह भी आसानी से पचने वाला होता है और जब आपका बच्चा अस्वस्थ महसूस कर रहा हो तो यह पेट भरने के लिए अच्छा भोजन होता है। एक वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त, इसे बादाम, आदि के साथ भी बनाया जा सकता है।

20. विटामिन सी युक्त फल और सब्ज़ियाँ

यदि आप इस सोच में पड़ी हैं कि सर्दी होने पर अपने छोटे बच्चे को क्या खिलाएं, तो आप एंटीबॉडी और सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाने के लिए उन सभी प्रकार के फल और सब्ज़ियाँ उसके भोजन में शामिल कर सकती हैं जिनमें विटामिन सी होता है। ये फल और सब्ज़ियाँ संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं।

सर्दी और खांसी के दौरान इन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए

आपको अपने बच्चे को सर्दी और खांसी होने पर कुछ खाद्य पदार्थ को खिलाने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ फलों और सब्जियों की तासीर ठंडी होती है और इनके सेवन से श्वसन संक्रमण होने की संभावना रहती है। इसमें शामिल है:

1. गाय का दूध

माना जाता है कि गाय के दूध से बलगम का जमाव बढ़ता है। लेकिन यह उन बच्चों को दिया जा सकता है जो 1 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। जिस समय आपका बच्चा बीमार होता है उस समय आप उसे दिए जाने वाले दूध की मात्रा को कम कर सकती हैं या पूरी तरह से रोक सकती हैं। आप इस दौरान उसे डेयरी उत्पादों के अन्य रूप जैसे पनीर या फिर सोया दूध दे सकती हैं।

2. कुछ फल

जब आपके बच्चे को गले में संक्रमण होता है, तो अंगूर, केले, लीची, तरबूज, कच्चा नारियल, और संतरे जैसे कुछ फलों से परहेज करने से स्वास्थ्य लाभ जल्दी होता है। यह छह महीने से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त है।

3. कुछ सब्ज़ियाँ

एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खीरा, करेला, और कद्दू जैसी सब्ज़ियाँ नहीं खिलानी चाहिए क्योंकि उनके ठंडी तासीर का छोटे शिशुओं के शरीर पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए छोटे बच्चों और थोड़े बड़े बच्चों में खांसी से छुटकारा पाने के लिए इन सब्जियों से बचना चाहिए।

4. रिफाइन्ड चीनी और मिठाई

बहुत अधिक चीनी किसी के लिए भी अच्छी नहीं होती, खासकर शिशुओं और बच्चों के लिए। इसलिए निश्चित रूप से शिशुओं को खांसी होने पर इसे देने से बचना चाहिए।

5. मेवे और बादाम आदि

आपके बच्चे को सर्दी और खांसी हो तो मेवे और बादाम आदि खिलाने से बचना चाहिए क्योंकि उन्हें चबाने में कठिनाई होती है। इसके अलावा, आपके बच्चे (खासकर दो साल से कम उम्र के बच्चों में) के गले में टुकड़ों के फंसने का खतरा रहता है, अगर वे खाते समय खांसते हैं।

6. मसालेदार और तले हुए व्यंजन

भोजन जो मसालेदार है या जिनमें तेल की मात्रा ज्यादा है गले में जलन पैदा कर सकते हैं और आपके बच्चे की खांसी और सर्दी को बढ़ा सकते हैं। इस वजह से इनसे बचना अच्छा होगा।

7. दही

दही शरीर को ठंडक देती है और सर्दी और खांसी या अन्य श्वसन संक्रमण होने पर इसका सेवन करने से बचना चाहिए।

खांसी और सर्दी से पीड़ित शिशुओं और बच्चों के लिए भोजन संबंधी सुझाव

वे शिशु और बच्चे जो अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं, चिड़चिड़े हो जाते हैं और भोजन करने में परेशान कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि उन्हें आवश्यक पोषण मिले, इन निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें :

  • छह महीने और उससे कम उम्र के शिशुओं को केवल स्तनपान या फ़ॉर्मुला दूध ही दिया जाना चाहिए, अगर उन्हें सर्दी और खांसी हो।
  • उससे बड़े बच्चों को दिन में तीन बार पूरा भोजन खिलाने के बजाय कई बार थोड़ा थोड़ा खाना खिलाया जा सकता है। ध्यान दें कि भोजन आसानी से पच सके।
  • यदि आपके बच्चे का डॉक्टर आपके बच्चे को ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (.आर.एस) देने के लिए कहते हैं, तो बच्चे को डॉक्टर के कहे अनुसार ज़रूर दें।
  • अगर आपका बच्चा खाने को लेकर परेशान कर रहा है, तो उसे वह खिलाएं जो वो खाना चाहता है। अपने बीमार बच्चे को जोर देकर कुछ खिलाने की कोशिश न करें। उदाहरण के लिए, भोजन के बजाय, आप सर्दी से पीड़ित शिशु को एक सेब खिला सकती हैं।
  • सुनिश्चित करें कि आपका शिशु या छह महीने से अधिक उम्र के बच्चे की तरल पदार्थ की आवश्यकता की पूर्ति हो रही है । उसे विभिन्न प्रकार के तरल पदार्थ दें। इनमें पानी, दूध, शोरबा और थोड़े गर्म पानी के साथ बनाए गए ताजे फलों का रस शामिल है।

यह केवल कुछ सामान्य दिशानिर्देश हैं जिनका पालन किया जा सकता है जब आपके बच्चे को सर्दी और खांसी हो। हालांकि, अगर सांस लेने में घरघराहट हो या कान में दर्द जैसे लक्षण हों, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना उचित होगा क्योंकि यह कान का संक्रमण या कुछ असामान्य हो सकता है। इसके अलावा, जब आपका बच्चा बीमार हो तो कोई भी नया खाद्य पदार्थ उसे न खिलाएं क्योंकि ये लक्षणों को बढ़ा सकते हैं या एलर्जी का कारण बन सकते हैं। यदि आपके बच्चे की हालत में कुछ दिनों में सुधार नहीं होता है, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। चूंकि संक्रमण के कारण डीहाइड्रेशन की संभावना होती है, इसलिए अपने बच्चे पर नज़र रखें, इन शुरुआती संकेतों पर ध्यान दें, ताकि आप सुनिश्चित कर सकें कि आवश्यकता पड़ने पर आपके बच्चे को तुरंत मदद मिल सके।

अस्वीकरण:

यह जानकारी सिर्फ मार्गदर्शन के लिए है और योग्य डॉक्टर से चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है।

जया कुमारी

Recent Posts

सारिका नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Sarika Name Meaning in Hindi

क्या आप अपनी बेटी के लिए एक ऐसा नाम ढूंढ रहे हैं जो सुनते ही…

23 hours ago

जया नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Jaya Name Meaning in Hindi

हर माता-पिता यही चाहते हैं कि उनकी बेटी जिंदगी में खूब तरक्की करे और उसका…

23 hours ago

35+ पत्नी के जन्मदिन पर विशेस, कोट्स और मैसेज | Birthday Wishes, Quotes And Messages For Wife in Hindi

यह बात तो बिलकुल सत्य है कि पति के जीवन में पत्नी की भूमिका ऐसी…

23 hours ago

35+ माँ और बेटे के बंधन पर कोट्स, स्टेटस और मैसेज | Mother And Son Bonding Quotes, Status And Messages In Hindi

माँ और बच्चे का रिश्ता दुनिया के सबसे खूबसूरत और गहरे रिश्तों में से एक…

23 hours ago

बांझपन के उपचार में हल्दी के फायदे l Banjhpan Ke Liye Haldi ke Fayde

जो शादीशुदा जोड़े बच्चा करने के बारे में निर्णय लेते हैं उन्हें यह मालूम होना…

23 hours ago

तेजस्वी नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Tejasvi Name Meaning in Hindi

हर मम्मी-पापा का सपना होता है कि जब उनका बच्चा इस दुनिया में आए, तो…

23 hours ago