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बच्चों और शिशुओं को जुकाम सामान्यतः संक्रमण के कारण होता है और लगभग 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों को जुकाम के लिए बिना डॉक्टर की पर्ची के दवा देने की सलाह नहीं दी जाती है। इसलिए अक्सर लोग बच्चों व शिशुओं में सर्दी-जुकाम को ठीक करने के लिए घरेलू उपचारों का उपयोग करते हैं। आप अपने बच्चे को विषाणुओं के कारण हुए संक्रमण को खत्म करने के लिए निम्नलिखित उपचारों का चयन कर सकती हैं। तथापि इन्हें जानने से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि इन सभी उपचारों को एक बार में सभी या एक साथ इस्तेमाल न करें और साथ ही इस बात का भी खयाल रखें कि आपके बच्चे को किसी भी घरेलू सामग्री से कोई एलर्जी या संवेदनशीलता न हो। बच्चे के जुकाम के लिए घरेलू उपचार का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से यह अवश्य जान लें कि इन उपचारों का उपयोग बच्चे के लिए किस उम्र में करना चाहिए व आपके बच्चे के लिए कौन सा घरेलू उपचार बेहतर होगा।
यदि आपके बच्चे पर निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं तो आप इस लेख में बताए हुए उपचारों का उपयोग कर सकती हैं:
शिशु का ध्यान भटकाने का प्रयास करें ताकि वह बेहतर महसूस कर सके। हो सकता है आपके शिशु को बुखार के कारण प्यास न लगे परंतु वह डिहाइड्रेशन से ग्रसित हो सकता है इसलिए उसे पर्याप्त पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें।
जुकाम या बुखार के कारण 3 माह से कम आयु के शिशुओं को डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है, जिसके लक्षण कुछ इस प्रकार हैं;
यदि आपका शिशु स्तनपान करता है तो शिशु को सामान्य से अधिक बार दूध पिलाने का प्रयास करें। बीमार होने के कारण शिशु स्तनपान करने में सक्षम नहीं होगा इसलिए आप उसे थोड़ा-थोड़ा करके ही दूध पिलाएं। ऐसा करने से आपका शिशु पर्याप्त तरल पदार्थ ले सकेगा। डॉक्टर की सलाह अनुसार आप अपने बच्चे को ओ.आर.एस. दे सकती हैं।
बड़े बच्चों में हाइड्रेशन के लिए अधिक विकल्प हैं। ऐसी स्थिति में अपने बच्चे को ताजे फलों का रस, सूप आदि दें। 12 महीने से अधिक आयु के बच्चे को, आप दिन में दो बार 2-5 मिलीलीटर शहद खिला सकती हैं। यह उसकी खांसी को कम करने में मदद कर सकता है और साथ ही इस बात का खयाल रखें कि वह अधिक से अधिक आराम करे।
बच्चों और शिशुओं में सर्दी व जुकाम का इलाज करने के लिए निम्नलिखित उपचारों का उपयोग करें;
माँ के दूध में मौजूद एंटीबॉडी जुकाम और बुखार के विषाणुओं सहित सभी प्रकार के कीटाणुओं व विषाणुओं को नष्ट करके शारीरिक इम्यून सिस्टम को अच्छा करता है और साथ ही यह बच्चे को हाइड्रेटेड रखता है। यह शिशुओं में बुखार को खत्म करने के लिए सर्वोत्तम प्राकृतिक उपचारों में से एक है।
उपचार का तरीका
माँ का दूध 6 महीने से कम आयु के शिशुओं को पिलाया जा सकता है और इसे पिलाने के बाद बच्चे को किसी भी प्रकार की दवा खिलाने की आवश्यकता नहीं होगी।
सावधानियां
कैफीन के सेवन से बचें क्योंकि यह शिशु की नींद को प्रभावित कर सकता है।
लहसुन और अजवाइन, खांसी व जुकाम के लिए शक्तिशाली इलाज हैं क्योंकि इनमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं। यह मिश्रण बच्चों में जुकाम के लिए एक बेहतरीन उपचार है ।
उपचार का तरीका
2 लहसुन की कली और 1 चम्मच अजवाइन लेकर उन्हें सूखा भून लें। ठंडा होने के बाद, भुने हुए लहसुन व अजवाइन को एक मलमल के कपड़े में रखकर कसकर बांध लें। इस पोटली को शिशु के पालने के पास रखें ताकि अजवाइन और लहसुन की सुगंध शिशु को आराम प्रदान करे। शिशु को जुकाम के कारण होने वाली किसी भी समस्या का उपचार इस पोटली से किया जा सकता है।
सावधानियां
पोटली को शिशु के बहुत पास न रखें क्योंकि इसकी तीव्र महक से बच्चे का गला चोक हो सकता है। इसके बजाय यह पोटली शिशु के पैरों के तलवों में रगड़ सकती हैं।
यह उपचार शिशु की वायुनली से बलगम को खत्म करके उसे जुकाम और खांसी से राहत दिलाता है।
उपचार का तरीका
पाथर चूर का पौधा बारामासी होता है और यह भारत के दक्षिणी भाग में पाया जाता है। इसकी पत्तियां खुशबूदार होती हैं जिन्हें आप गर्म कर सकती हैं जिससे यह पत्तियां कुंहला जाएंगी। कुंहलाने और ठंडा होने के बाद आप इन पत्तियों को शिशु के माथे पर रख दें। पत्तियां आपके बच्चे के शरीर की नमी व तापमान को सोख लेंगी जिससे उसकी खांसी ठीक हो जाएगी और और वह जल्द ही रोग-मुक्त हो सकेगा।
सावधानियां
अजवाइन के पत्तों का उपयोग करने के कोई दुष्प्रभाव ज्ञात नहीं हैं।
सरसों का तेल, लहसुन और अजवाइन में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं। इसके मिश्रण से शिशु के सीने में व पैरों के तलवे में मालिश करने से उसे अधिक आराम मिलता है।
उपचार का तरीका
1/4 कप में सरसों के तेल को गर्म करें और इसमें दो कुटी हुई लहसुन की कलियां और अजवाइन मिलाएं। इस मिश्रण को भूरा होने तक पकाने के बाद, इस तेल से शिशु की छाती और उसके पैरों के तलवों की मालिश करें।
सावधानियां
इस बात का खयाल रखें कि शिशु इस तेल का बिलकुल भी सेवन न करे क्योंकि इससे बच्चे को पेट की बीमारियां हो सकती हैं।
यह लेप शिशु के माथे से नमी को अवशोषित करने और राहत प्रदान करने में मदद करता है।
उपचार का तरीका
केसर का लेप बनाएं और इसे अपने शिशु के पैरों के तलवों पर मलें और साथ ही उसके माथे पर तिलक लगाएं।
सावधनियां
यद्यपि केसर खाने के लिए सुरक्षित है किंतु फिर भी कुछ शिशुओं में मतली, अतिसंवेदनशीलता और सिरदर्द जैसी प्रतिकूल समस्याएं हो सकती हैं। बच्चे को लगाने से पहले सुनिश्चित करें कि उसको केसर से कोई भी एलर्जी नहीं है और लगाते समय खयाल रखें कि यह लेप उसके मुंह में न जाए।
हल्दी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं जिससे बच्चे को सर्दी और जुकाम से राहत मिलती है।
उपचार का तरीका
एक कच्ची हल्दी को आंच में भूनकर पीस लें और इसे शिशु की नाक के ऊपर लगाने से उसे बंद नाक, बहती हुई नाक और सर्दी व जुकाम से राहत मिलती है।
सावधानियां
हल्दी का यह लेप शिशु की नाक के अंदर लगाने से बचें क्योंकि इससे घुटन हो सकती है।
गाजर में आवश्यक पोषक तत्व और विटामिन होते हैं जो इम्यून सिस्टम की क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। यह बच्चों में जुकाम के लिए सर्वोत्तम घरेलू उपचारों में से एक है।
उपचार का तरीका
ताजा गाजर के जूस में थोड़ा पानी मिलाकर पतला करें और 6 माह से अधिक आयु के बच्चों को ही यह जूस पिलाएं। इससे जुकाम से ग्रसित बच्चे को बहुत आराम मिलेगा।
सावधानियां
सुनिश्चित करें कि बच्चे को किसी भी प्रकार की एलर्जी न हो।
सरसों का गुनगुना तेल शारीरिक गर्माहट प्रदान करता है जिससे बंद नाक और गले में खराश जैसी समस्याओं को ठीक होने में मदद मिलती है।
उपचार का तरीका
सरसों के गुनगुने तेल में एक चम्मच सेंधा नमक डालें और इससे शिशु की छाती व पीठ पर हल्की मालिश करें। बच्चे की छाती पर गर्माहट मिलने के लिए उसे एक सूती चादर ओढ़ा दें।
सावधानियां
सुनिश्चित करें कि तेल बहुत गर्म न हो।
आपके शिशु को बंद नाक और जुकाम से राहत प्रदान करने के लिए सलाइन ड्रॉप का उपयोग करना सुरक्षित है।
उपचार का तरीका
सलाइन ड्रॉप का उपयोग करने के लिए ड्रॉपर की मदद लें।
सावधानियां
यदि बच्चे की नाक में अत्यधिक बलगम जम जाता है या उसकी नाक पूरी तरह से बंद हो जाती है तो नेसल सक्शन बल्ब का उपयोग करें।
यह हवा के रूखेपन को खत्म करके नमी लाने में मदद करता है और बच्चे की खांसी में आराम पहुँचाता है।
उपचार का तरीका
शिशु के सोते समय उसके कमरे में ह्युमिडिफायर रखें।
सावधानियां
ह्युमिडिफायर को नियमित रूप से साफ करने की आवश्यकता होती है, अन्यथा उसमें फंगस और बैक्टीरिया बनने शुरू हो जाते हैं जो आपके बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।
बच्चे को स्टीम देने से उसके सीने का बलगम खत्म हो जाएगा और उसकी बंद नाक में आराम मिल सकता है।
उपचार का तरीका
थोड़ी देर के लिए बाथरूम में गर्म पानी का शावर चलाएं और उसमें भाप इकट्ठा होने दें। फिर शावर बंद करके लगभग 15 मिनट के लिए आप शिशु को लेकर बाथरूम में बैठ जाएं और उसे हल्की-हल्की स्टीम लगने दें।
सावधानियां
यह उपचार करने से पहले और बाद में अपने बच्चे को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड करें क्योंकि भाप लेते समय उसके शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
नींबू में विटामिन सी और शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण बच्चे को सर्दी के संक्रमण व जुकाम से आराम देने में मदद करते हैं।
उपचार का तरीका
एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस निचोड़ें और इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर बच्चे को पिलाएं। इससे बच्चे को सर्दी व जुकाम से पूर्णतः आराम मिल सकता है।
सावधानियां
यह मिश्रण अधिक पीने से बच्चे को पेट में दर्द हो सकता है।
गुनगुने पानी में नमक मिलाकर गरारा करने से गले का बलगम और सूजन दोनों कम हो जाते हैं।
उपचार का तरीका
बच्चे को दिन में कई बार गरारा करवाएं, विशेषकर जब उसके गले में दर्द हो तो।
सावधानियां
गरारा करने से पहले इस बात का खयाल रखें कि पानी का तापमान बहुत कम गर्म हो और उपयोग से पहले इसकी खुद जांच करें।
बच्चे की निरंतर नींद उसके शरीर को ठीक रखने के लिए आवश्यक है इसलिए उसे गहरी नींद में सोने का समय दें। बच्चे के सोते समय उसके सिर को थोड़ा ऊंचा रखें, ऐसा करने से उसे सांस लेने में मदद मिलेगी और गले के बलगम से भी आराम मिल सकेगा।
उपचार का तरीका
एक तौलिए को मोड़ कर या एक नर्म तकिए को अपने बच्चे के सिर के नीचे रखें और सिर को थोड़ा ऊंचा करके सुलाएं।
सावधानियां
सुनिश्चित करें कि तकिए की ऊंचाई अनुकूल हो क्योंकि यदि तकिया बहुत ऊंचा होगा तो आपके बच्चे की गर्दन में परेशानी हो सकती है।
बच्चे में सर्दी व जुकाम के लिए घरेलू उपचारों का उपयोग करते समय उसमें एलर्जी होने पर या किसी भी प्रकार की असुविधा होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यदि उपचारों का उपयोग करने के बाद भी आपके बच्चे में निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, वे लक्षण इस प्रकार हैं:
उपरोक्त सभी लक्षण सामान्य सर्दी के अलावा कोई अन्य समस्या होने के संकेत हैं और इसके लिए तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
ऊपर बताए गए उपचार आपके शिशु को जुकाम से राहत दिलाने में मदद करेंगे। आप उपचारों की जांच करके यह पता लगाने का प्रयास कर सकती हैं कि कौन सा उपाय उसके लिए सर्वोत्तम है। बच्चे का जुकाम या बुखार ठीक हो जाने पर आवश्यक सावधानियों का अनुसरण करना अनिवार्य है।
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