शिशु

शिशुओं के लिए १५ सर्वश्रेष्ठ सब्जी और फलों के रस

हम सभी जानते हैं कि माँ का दूध हर शिशु के लिए आवश्यक है। यह उसके छोटे से शरीर को पोषण प्रदान करता है और इम्युनिटी का निर्माण करने में भी सहायता करता है। किसी विशेष स्थिति में यदि शिशु को माँ का दूध न मिल पा रहा हो तो उसे फार्मूला दूध दिया जाता है। पहले 6 माह तक शिशु के लिए माँ का दूध या फार्मूला दूध ही संपूर्ण आहार होता है। 6 माह की आयु पूर्ण होने के बाद शिशु के भोजन में विविधता लाने की शुरुआत होती है और ठोस आहार और फल व सब्जियों से उसका परिचय कराया जाता है।

क्या बच्चों के आहार में फलों और सब्जियों का रस शामिल करना चाहिए

हाँ, आपके बच्चे को सब्जी और फलों के रस से मिलने वाले पोषण के कारण इन्हें उसके आहार में शामिल करना महत्वपूर्ण है । हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि फलों या सब्जियों का रस ठोस आहार की जगह नहीं ले सकता क्योंकि शिशु के विकास और वृद्धि के लिए उसे अच्छी मात्रा में प्रोटीन, वसा, कैल्शियम आदि की आवश्यकता होती है ।

बच्चों को किस आयु में फलों और सब्जियों का रस देना शुरू करना चाहिए

बच्चे कब से रस पी सकते हैं, यह एक प्रश्न अक्सर माता-पिता को परेशान करता है। शुरुआती छह महीनों के दौरान, उसे रस न देना ही बेहतर है। ऐसा इसलिए है क्योंकि स्तनपान, जो उसे पोषण के साथ इम्युनिटी प्रदान करता है, वह करने के लिए उसे अपने छोटे से पेट में जगह चाहिए । उसके बाद, जन्म के छह महीने होने पर ही शिशु को ठोस आहार के साथ-साथ फलों व सब्जियों का रस दिया जा सकता है।

बच्चों को रस देते समय याद रखने योग्य बातें

  • शिशु को रस देने के लिए एक कप और चम्मच का उपयोग करें। थोड़ी मात्रा से शुरू करें, जैसे एक दिन में दो बड़े चम्मच रस पिलाएं ।
  • सुनिश्चित करें कि आप उसे शुरू में रस पतला करके दें क्योंकि यह पेट पर हल्का रहता है। शुरू में 1 भाग सब्जी या फल के रस में 3 भाग पानी मिलाएं ।
  • किसी एक फल या सब्जी से शुरुआत करें ताकि उसके पाचन तंत्र को इसकी आदत हो सके।
  • किसी भी एलर्जी के लिए बारीकी से ध्यान रखें और अगर कोई एलर्जी दिखाई दे तो रस तुरंत बंद कर दें।
  • फल/सब्जियों को हमेशा उबाल कर दें और बच्चे को किसी भी तरह का कच्चा रस न दें।
  • शुरुआत सेब, नाशपाती, गाजर या मूली जैसे सादे फलों या सब्जियों से कीजिए।
  • केला या नारंगी जैसे फलों को उबाला नहीं जा सकता है और इनका रस भी कच्चा ही निकाला जाता है, इन्हें बच्चों को ठोस आहार की शुरूआत में नहीं दिया जाना चाहिए।
  • बच्चों के प्रोसेस्ड रस उत्पादों के पीछे दी गई जानकारी हमेशा पढ़ें और सुनिश्चित करें कि रस पाश्चरीकृत है।
  • पानी या ठोस भोजन की जगह रस को कभी भी पूरक के रूप में प्रयोग न करें।
  • सात महीने के बच्चों को उबले हुए फल और सब्जियों का रस देना चाहिए। किसी भी तरह की एलर्जी की प्रतिक्रिया पर ध्यान रखें। कृपया एक ही फल या सब्जी का उपयोग करें और एक दिन में एक या दो बड़े चम्मच रस से अधिक मात्रा न दें।
  • आठ महीने के बच्चों को कच्चा रस दिया जा सकता है लेकिन पूरी तरह से साफ किया हुआ और अब आप उन्हें मिश्रित रस पिलाने का भी प्रयास कर सकते हैं।
  • दोपहर के आहार में ठोस खाद्य पदार्थों के साथ रस देना सुनिश्चित करें, ताकि वह अधिक पोषण को आसानी से अवशोषित कर सके।
  • उबले हुए सेब या नाशपाती का रस, बच्चों के लिए पहला सबसे अच्छा रस होता है। सेब को काटकर उबालें और पीसकर रस निकाल लें।

कौन से फल और सब्जियां बच्चों के लिए सर्वश्रेष्ठ हैं

यहाँ शिशुओं के लिए स्वास्थ्यवर्धक रस की सूची दी गई है:
१. उबले हुए सेब का रस
२. निविदा नारियल (टेंडर कोकोनट)
३. अंगूर का रस (कच्चा)
४. खरबूजे का रस (कच्चा)
५. तरबूज का रस (कच्चा)
६. उबले हुआ गाजर का रस
७. संतरे का रस (कच्चा)
८. उबले हुए टमाटर का रस
९. सपोटा रस (कच्चा)
१०. उबली हुई नाशपाती का रस
११. उबले हुए आड़ू का रस
१२. पपीते का रस (गर्मियों के दौरान इससे परहेज करें)
१३. केले का रस (कच्चा)
१४. लीची का रस (कच्चा)
१५. आम का रस (कच्चा)

शिशु के लिए हमेशा उबले हुए रस से शुरूआत करें। जब बच्चा नए भोजन के साथ सहज हो जाए, तो आप गाजर और सेब, सेब और केला इत्यादि जैसे मिश्रण उसे दे सकते हैं। संतरे का रस और अंगूर का रस विटामिन सी से भरपूर होता है जो शिशुओं को सर्दी-जुकाम से बचाएगा।

क्या आप बच्चों को घर में बना रस दे सकते हैं

विशेषज्ञों को जो कहना है, उस पर थोड़ा विवाद है। अमेरिकन अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स या कोई भी पश्चिमी संगठन पाश्चरीकृत की कमी के कारण घर पर बने रस की सलाह नहीं देंगे। हालांकि, नेशनल गाइडलाइन ऑन इन्फैंट एंड यंग चाइल्ड फीडिंग (इंडिया) उबला हुआ घर का बना खाना और रस देने की सलाह देता है। ऐसा पैकेज किया हुआ खाना खाने की आदत में कमी के कारण हो सकता है।

क्या प्यूरी के लिए उबाले या भाप दिए गए फलों के रस का उपयोग किया जा सकता है

हालांकि कुछ पोषक तत्व उबलते समय नष्ट हो जाते हैं, लेकिन ऐसा कोई कठोर नियम नहीं है जो इस उपयोग को रोकता हो। वास्तव में, सत्व को उबालकर रस बनाया जा सकता है।

फलों को भाप देकर/उबालकर रस बनाने के उपयोग में शामिल हैं

· रसायन मुक्त

आपके बच्चे को उन रसों का सेवन करने की आवश्यकता नहीं होगी जिनमें संरक्षक हैं।

· भंडारण

इन रसों को लंबे समय तक संग्रहीत किया जा सकता है।

· पोषण

कुछ रस, जैसे टमाटर, उबालने के बाद और भी अधिक पौष्टिक हो जाते हैं।

· बजट

घर पर उबालकर बनाया गया रस, स्टोर पर उपलब्ध रस से सस्ता पड़ता है।

· पैकेज किए गए रस से बेहतर

जो फल और सब्जियां सबसे अधिक पकी होती हैं, उनमें सबसे ज्यादा पोषक तत्व होते हैं। क्योंकि आप चुन सकते हैं कि आप क्या उबालना चाहते हैं, और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि पैक किए गए रसों की तुलना में घर पर आपके द्वारा बनाया गया रस अधिक पौष्टिक है।

क्या फलों का रस बच्चों में दंत समस्या का कारण बन सकता है

हाँ। फलों के रस के अत्यधिक सेवन से शिशुओं में दंत समस्याएं हो सकती हैं। यह उनमें मौजूद प्राकृतिक चीनी के कारण होता है। शायद रस के सेवन के बाद पानी पीने की आदत इसे रोकने के काम आ सकती है ।

क्या फलों का रस आपके बच्चे के लिए किसी अन्य नुकसान का कारण बन सकता है

  • यदि बच्चे को ठोस आहार, दूध या पानी के बजाय फलों के रस की अधिक मात्रा दी जाती है तो इससे कुपोषण हो सकता है। जन्म के पहले वर्ष के दौरान बच्चे में कुपोषण उसके संज्ञानात्मक कौशल, मन और शरीर के विकास को प्रभावित करेगा।
  • फलों के रस में बड़ी मात्रा में चीनी और कैलोरी होती है जिसके परिणामस्वरूप शिशु का वजन अधिक बढ़ सकता है।
  • कभी-कभी रस दस्त का कारण बन सकते हैं क्योंकि ये फलों और सब्जियों में मौजूद फाइबर से विरहित होते हैं।

रस भरपूर पोषण देते हैं और एक बार जब आपका बच्चा 6 महीने का हो जाए, तो उसे कुछ अतिरिक्त स्वाद चखने दें। फलों और सब्जियों के रस पौष्टिक होते हैं और बच्चे को आरम्भिक उम्र में स्वस्थ भोजन विकल्पों के प्रति स्वाद विकसित करने में सहायता करते हैं।

श्रेयसी चाफेकर

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