शिशु

शिशुओं के लिए चावल का पानी, मांड या माड़: रेसिपी और स्वास्थ्य लाभ

चावल का पानी, उबले हुए चावल का बचा पानी है जिसे मांड या माड़ भी कहा जाता है। ज्यादातर माएं अपने बच्चे को मैश किया हुआ चावल देने से पहले, माड़ पिलाना पसंद करती हैं। चावल एक कम एलर्जी पैदा करने वाले भोजन के रूप में जाना जाता है और शिशुओं के लिए यह एक बेहतरीन व पहला आहार हो सकता है। इसे शिशुओं को आमतौर पर माँ का दूध छुड़ाते समय दिया जाता है। माड़ अत्यधिक पौष्टिक होता है और यह पचाने में भी आसान है इसलिए इसे 6 महीने से अधिक आयु के बच्चों को दिया जा सकता है। माड़ से बच्चे को ऊर्जा मिलती है और साथ ही पोषण तत्वों से भरपूर यह पेय पदार्थ दस्त, एक्जिमा और बुखार से राहत देने में मदद करता है। इसके और भी अन्य फायदे हैं, चावल के पानी के बारे में विस्तार से जानने के लिए यह लेख पढ़ें।

बच्चों के लिए माड़ के लाभ

मांड या माड़ को सरलता से बनाया जा सकता है और इसमें अनेक पौष्टिक लाभ होते हैं। यह खासकर बच्चों के लिए अत्यधिक फायदेमंद है, चावल के पानी के लाभ कुछ इस प्रकार हैं;

1. माँ का दूध छुड़ाने के लिए

शिशु का स्तनपान छुड़ाने के लिए चावल का पानी एक सही शुरुआती पेय है। कई एशियाई समुदाय आहार में ठोस खाद्य पदार्थ शुरू करने से पहले बच्चे को चावल का पानी पिलाना शुरू करते हैं। यह पेय पदार्थ पोषक तत्वों से भरपूर और पचाने में आसान होता है इसलिए ठोस खाद्य पदार्थ के रूप में इसे बच्चों के पेट के लिए सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, इसमें माँ के दूध में निहित कोई भी आवश्यक पोषक तत्व नहीं पाए जाते है और शिशु को यह पेय माँ के दूध के बदले में नहीं दिया जा सकता है।

2. विटामिन से भरपूर

चावल विटामिन का एक अच्छा स्रोत है, जैसे नियासिन, राइबोफ्लेविन, थियामिन और विटामिन बी6। यह आवश्यक विटामिन – तंत्रिका तंत्र, दृष्टि, त्वचा, पाचन तंत्र के विकास में मदद करते हैं और ग्रहण किए गए भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं। यह पोषक तत्व अपने घुलनशील गुण होने के कारण चावल को उबालते समय पानी में घुल जाते हैं।

3. दस्त को ठीक करता है

शिशु में दस्त का इलाज करने के लिए ओ.आर.एस. और माड़ अधिक प्रभावी है। यह मल त्याग को कम करता है और उसे गाढ़ा बनाता है। इसमें ओ.आर.एस. की तुलना में अधिक कैलोरी भी होती है और यह आंतों में धीरे-धीरे कार्बोहाइड्रेट को स्रावित करता है। इसका उपयोग ठोस खाद्य पदार्थों और ओ.आर.एस. के साथ किया जा सकता है, ताकि बच्चे को दस्त से उबरने में मदद मिल सके। शिशु को कब्ज होने पर माड़ देना अत्यधिक उपयोगी हो सकता है। बच्चे को पर्याप्त मात्रा में मांड पिलाने से उनमें कब्ज की समस्या ठीक हो सकती है।

4. एक्जिमा को ठीक करता है

एक्जिमा की समस्या में बच्चे की सूखी और पपड़ीदार त्वचा को आराम देने के लिए माड़ का उपयोग किया जा सकता है। ऐसा देखा गया है कि मांड को पानी में मिलाकर स्नान करने या त्वचा को धोने से एक्जिमा की समस्या काफी हद तक ठीक हो सकती है। बहुत सारी क्रीम और मरहम का उपयोग करने से चिंतित रहने वाली मांओं के लिए मांड का उपचार सर्वोत्तम है और इससे कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है।

5. एनर्जी बढ़ाता है

माड़, आराम से पचने योग्य होने के साथ ही शिशुओं के लिए कार्बोहाइड्रेट और ऊर्जा का एक बेहतरीन स्रोत है। कार्बोहाइड्रेट को धीरे-धीरे स्रावित करते हुए, मांड के गुण पूरे दिन बच्चे की ऊर्जा के स्तर को स्थिर रखते हैं।

6. बुखार के लिए लाभदायक

बुखार से ग्रसित बच्चों में भूख न लगने की समस्या अधिक होती है, इस समस्या में बच्चों के लिए मांड ऊर्जा व पोषक तत्वों का बेहतरीन स्रोत है। माड़, बच्चों को ताकत प्रदान करने के साथ, बुखार को कम करने में भी मदद कर सकता है।

7. किफायती है

माड़ बाजार में उपलब्ध सभी प्रकार के चावल से बनाया जा सकता है क्योंकि चावल की लगभग सभी किस्मों में ज्यादातर समान पोषक तत्व होते हैं। इस प्रक्रिया में कुछ भी बेकार नहीं जाता है, घर के बड़े चावल का सेवन कर सकते हैं जबकि शिशु को मांड पिलाया जा सकता है।

चावल का पोषण मान

चावल – एशिया के बहुत से हिस्सों में प्रमुख भोजन है, इसमें बहुत सारे आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। चावल में पाया जाने वाला अनुमानित पोषण मान निम्नलिखित तालिका में दिए गए हैं; आइए जानते हैं।

पोषण सामग्री पोषण मान प्रति 100 ग्राम पोषण सामग्री पोषण मान प्रति 100 ग्राम
पानी 13.29 ग्राम मैग्नीशियम 23 मिग्रा
कार्बोहाइड्रेट 79.15 ग्राम पोटैशियम 76 मिग्रा
प्रोटीन 6.5 ग्राम सोडियम 1 मिग्रा
कुल लिपिड 0.52 ग्राम जिंक 1.1 मिग्रा
ऊर्जा 358 किलो कैलोरी थायमिन 0.565 मिग्रा
फाइबर 2.8 ग्राम राइबोफ्लेविन 0.048
आयरन 4.23 मिग्रा नियासिन 4.113 मिग्रा
कैल्शियम 3 मिग्रा फोलेट 389 माइक्रोग्राम
फास्फोरस 95 मिलीग्राम विटामिन ‘बी6’ 0.171 मिग्रा

बच्चों में माड़ से नुकसान

1. इसमें पर्याप्त पोषण की कमी होती है

मांड में ज्यादातर चावल के घुले हुए पोषक तत्व होते हैं, इसलिए इसका पोषकीय गुण लगभग पूरे चावल जितना नहीं होता है। इसलिए ही यह दस्त के दौरान खोई हुई कैलोरी की पर्याप्त मात्रा प्रदान करने में सक्षम नहीं है। चूंकि इसमें सोडियम और पोटैशियम की कमी होती है जो शरीर के लिए महत्वपूर्ण है। दस्त के इलाज के लिए इसका उपयोग केवल ओ.आर.एस. के साथ ही किया जा सकता है।

2. यह माँ के दूध का विकल्प नहीं है

शिशुओं को माँ के दूध के बदले में माड़ नहीं पिलाया जा सकता है। क्योंकि इसमें बच्चे के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व नहीं होते हैं।

3. इससे एलर्जी हो सकती है

यदि आपके बच्चे को चावल से एलर्जी का खतरा हो, तो उन्हें मांड पिलाने से पहले परीक्षण के लिए त्वचा पर थोड़ा सा मांड लगाने की सलाह दी जाती है। यदि उन्हें ओट्स और जौ से एलर्जी है, तो चावल से भी एलर्जी होने की अधिक संभावना है। एलर्जी के कुछ लक्षणों में सूजन, पेट दर्द, उल्टी, सांस की कमी, सांस लेने में कठिनाई, चकत्ते और इत्यादि शामिल हैं।

बच्चे को माड़ देने से पहले बरती जाने वाली सावधानियां

  • अपने बच्चे के आहार में माड़ शामिल करने से पहले, हमेशा डॉक्टर से सलाह लें कि शिशु को माड़ देना कब शुरू करना है।
  • शिशु को माड़ पिलाने से पहले हमेशा यह पता लगाएं कि इससे बच्चे को कोई एलर्जी तो नहीं है। एलर्जी का पता लगाने के लिए उसकी त्वचा पर थोड़ा सा मांड लगाएं या पहली बार थोड़ी मात्रा में माड़ पिलाएं और देखें कि बच्चे को उल्टी, चकत्ते या सांस लेने में कठिनाई और इत्यादि जैसे लक्षण तो नहीं दिखाई दे रहे हैं।
  • चावल के पानी को कभी भी दूध या फॉर्मूला से न बदलें। आप अतिरिक्त लाभ के लिए हमेशा फार्मूला पाउडर में माड़ मिला सकती हैं।
  • चावल को उबालने से पहले उसे अच्छी तरह से धोना और साफ करना महत्वपूर्ण है। चूंकि चावल की चक्कियों से इनमें प्रदूषक या संदूषक घुल-मिल सकते हैं, इसलिए चावल को गर्म पानी से भी अच्छी तरह से धोएं।
  • अच्छे चावल का चुनाव करना इस बात को भी सुनिश्चित करता है कि बच्चे तक उचित पोषण पहुँचे। यद्यपि चावल की लगभग सभी किस्मों में एक जैसे ही पोषक मान मौजूद होते हैं इसलिए मध्यम या छोटे दाने वाले चावल चुनें क्योंकि इसकी कीमत कम होती है।
  • माड़ में सोया का दूध न मिलाएं क्योंकि यह एलर्जी की संभावना को बढ़ा सकता है। इसमें गाय का दूध मिलाया जा सकता है, बशर्ते कि आपका बच्चा पहले से ही इसका आदी हो।
  • बच्चे को ब्राउन राइस न दें, यद्यपि यह सफेद चावल की तुलना में अधिक पौष्टिक होता है किन्तु इसमें फाइबर की अनेक परतें होती हैं। मांड बनाते समय इन फाइबर की परतों को प्रभावी रूप से छानना आवश्यक है क्योंकि यह बच्चे या शिशु के पाचन में असुविधा उत्पन्न कर सकती हैं।

माड़ या चावल का पानी कैसे तैयार करें

माड़ बनाना एक आसान प्रक्रिया है और इसके लिए केवल दो सामग्रियों की आवश्यकता होती है।

सामग्री:

  • 2 बड़े चम्मच चावल
  • 1 कप पानी

विधि:

  • चावल को गुनगुने पानी में ठीक से धोएं, ताकि उसमें मौजूद सारी गंदगी साफ हो सके।
  • फिर धुले हुए चावल को सॉस पैन में रखें और पानी डालें। इसे तब तक उबालें जब तक कि चावल नर्म न हो जाए।
  • पके हुए चावल को छान लें और पानी को एक कप में इकट्ठा कर लें।
  • माड़ तैयार है, यदि आपका बच्चा 1 वर्ष या अधिक आयु का है तो आप स्वाद के लिए इसमें चुटकी भर नमक भी मिला सकती हैं।
  • शिशु को माड़ पिलाने से पहले इसे अधिक पतला कर लें।

आपका शिशु चाहे दूध पीता हो या फिर ठोस आहार का सेवन करता हो उसके आहार में चावल के पानी को शामिल करना एक सरल व सुरक्षित उपाय है। यदि आप बच्चे को पहली बार माड़ देने जा रही हैं तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

स्वतंत्रता सेनानियों पर निबंध (Essay on Freedom Fighters in Hindi)

हमारा भारत आजाद देश है। लेकिन हमें यह आजादी बहुत आसानी से नहीं मिली है,…

1 day ago

बाग पर निबंध (Essay on Park in Hindi)

हर बच्चे की जिंदगी में पार्क की अपनी ही एक खास जगह होती है। पार्क…

1 day ago

मेरी पसंदीदा जगह पर निबंध (Essay On My Favourite Place In Hindi)

हर किसी के जीवन में एक ऐसी जगह होती है जो शांति, खुशी और अपनापन…

2 days ago

मुझे अपने परिवार से प्यार है पर निबंध ( Essay On I Love My Family In Hindi)

परिवार किसी के लिए भी सबसे अनमोल होता है। यही वह पहली जगह है जहाँ…

2 days ago

बस की यात्रा पर निबंध (Essay On Journey By Bus In Hindi)

बच्चों के लिए निबंध लिखना बहुत मजेदार और सीखने वाला काम है। यह उन्हें अपनी…

2 days ago

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (APJ Abdul Kalam Essay In Hindi)

ऐसी शख्सियत बहुत कम होती है जिनके होने से देश को उन पर गर्व हो,…

4 days ago