जब बात आपके शिशु के लिए त्वचा की देखभाल करने वाले उत्पादों का चयन करने की हो, तो आप कुछ भी गलत नहीं करना चाहते हैं। इसकी वजह यह भी है कि शिशुओं और बच्चों को त्वचा की समस्याएं बहुत जल्दी हो सकती हैं। यही कारण है कि शिशुओं के लिए प्राकृतिक तेलों का उपयोग करने से बच्चे की त्वचा का पोषण होता है और वह मुलायम व स्वस्थ रहती है, उन विभिन्न तेलों में से एक तेल नारियल भी है। आइए, जानते हैं कि नारियल तेल शिशुओं के लिए कैसा कार्य करता है और आप इसका अधिक लाभ कैसे प्राप्त कर सकते हैं।
एक अच्छी मालिश चिड़चिड़े और रोते हुए शिशु को आराम पहुँचाती है और सबसे महत्वपूर्ण उन्हें सोने में मदद करती है। मालिश के लिए नारियल तेल का उपयोग करना एक अच्छा विकल्प है क्योंकि इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं और यह आसानी से त्वचा में अवशोषित हो जाता है। सुनिश्चित करें कि आप केवल सबसे बेहतरीन नारियल तेल का उपयोग कर रहे हैं ।
सुझाव: शिशु की मालिश के लिए, आप जैतून के तेल में शुद्ध नारियल तेल की समान मात्रा मिला सकते हैं। आप चमेली जैसे प्राकृतिक गंध वाले तेल की कुछ बूँदें भी नारियल तेल के साथ इसी मिश्रण मे उपयोग कर सकते हैं।
एक्ज़िमा एक ऐसी स्थिति है जिसमें त्वचा बहुत शुष्क और खुजलीदार हो जाती है। यह शिशुओं में आम है लेकिन उम्र बढ़ने के साथ-साथ यह खत्म हो जाती है। शिशु में एक्ज़िमा या खुजली के लिए नारियल तेल का उपयोग करने से यह सूखेपन को खत्म कर, राहत प्रदान कर सकता है।
सुझाव: यदि आप शिशु के एक्ज़िमा या खुजली के प्राकृतिक उपचार की तलाश कर रहे हैं, तो नहाने से पहले या बाद में अपने बच्चे की नारियल के तेल से मालिश करें, शरीर मे पर्याप्त नमी के लिए सोते समय भी एक बार मालिश करें। नारियल तेल में जीवाणुरोधी गुण होते हैं और आप इसके नियमित उपयोग से बच्चे में उत्पन्न एक्ज़िमा की स्थिति को ठीक होते देखेंगे।
क्या नारियल तेल शिशुओं के बालों के लिए अच्छा है? हम में से बहुत से लोग इस बात से परिचित नहीं हैं कि नारियल तेल मध्यम चेन फैटी एसिड (एम.सी.एफ.ए.) से भरपूर होता है। इस तरह के फैटी एसिड में जीवाणुरोधी और रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो सिर की त्वचा को पोषित करते हैं और बालों के रोम से त्वग्वसा को खत्म करने में मदद करते हैं। यह एम.सी.एफ.ए. की सी12 शृंखला में भी उच्च मात्रा में मौजूद है जिसे लौरिक एसिड कहा जाता है। यह गुण, बालों मे से प्रोटीन के नुकसान को रोकने में भी मदद करता है।
सुझाव: यह शिशु की रूखे सिर के लिए एक प्रभावी उपाय है। स्नान करने से पहले यदि नारियल तेल से मालिश करें, तो यह त्वचा को फिर से स्वस्थ करने में मदद करता है और बालों के विकास को बढ़ावा देता है।
ज़्यादातर बच्चे डायपर के कारण होने वाले चकत्तों से पीड़ित होते हैं जो लगातार पेशाब करने की वजह से पेट और जांघ के बीच के भाग में दिखाई देते हैं। नारियल तेल में उपस्थित मॉइस्चराइजिंग और एंटी-फंगल गुण डायपर के कारण शिशु की त्वचा पर होने वाले चकत्तों को ठीक करने और बढ़ने से भी रोकने में मदद करते हैं।
कैंडिडा एल्बिकैंस के लिए भी नारियल का तेल एक प्रभावी इलाज हो सकता है। यह एक प्रकार का फंगस है जो कवक संक्रमण का कारण बनता है। डायपर के कारण बच्चे की त्वचा पर दाने होना, शिशुओं में एक आम बीमारी है जिसका इलाज नारियल के तेल द्वारा बहुत प्रभावी ढंग से हो सकता है, और यह गंदे डायपर और प्रभावित त्वचा के बीच एक अवरोध के रूप में कार्य करता है।
सुझाव: हर बार डायपर बदलने पर अपने बच्चे के डायपर लगाने वाले स्थान पर तेल की एक परत लगाएं। इससे शिशु की कमर और त्वचा की सिलवटों में धीरे-धीरे मालिश करें।
नारियल का तेल विटामिन और स्वस्थ वसा से समृद्ध होता है और त्वचा के लिए एक प्राकृतिक मॉइश्चइज़र के रूप में कार्य करता है।
सुझाव: बस इसे शिशु की रूखी त्वचा पर थपथपा कर लगाएं। नारियल का तेल त्वचा को मॉइश्चराइज़ तब तक करता है जब तक आप बच्चे को स्नान नहीं कराते। हालांकि, यदि त्वचा लगातार रूखी है, तो डॉक्टर से सम्पर्क करें।
शिशुओं में कभी-कभी छोटे और लाल चक्कते या फुंसियाँ होती है जिनमें सूजन या खुजली भी हो सकती हैं। इस तरह के मुँहासे फूट सकते हैं और अगर इन्हें छुआ गया, तो संक्रमण होने की संभावना होती है। शिशु में मुँहासों के लिए नारियल तेल एक आज़माया और परखा हुआ उपाय है।नारियल में मौजूद लॉरिक एसिड, मुँहासे पैदा करनेवाले बैक्टीरिया को मारता है और बाद में निशान पड़ने से भी भी रोकता है।
सुझाव: मुँहासे पर लगाने से पहले तेल को अपनी उंगलियों के बीच हल्के से रगड़ें ताकि यह गर्म हो जाए । आप बाद में इसे गुनगुने पानी से धो सकते हैं या इसे ऐसे ही छोड़ सकते हैं। उपयोग करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपने बाल रोग विशेषज्ञ से जाँच करवाई है।
अगर आपने पहले कभी नारियल के तेल में खाना नहीं बनाया है, तो आप सोच रहे होंगे कि क्या नारियल तेल खाने के लिए सुरक्षित है? नारियल के तेल को घर पर ही बच्चे के भोजन में शामिल करने के कई फायदे हैं। यह तेल आपके बच्चे के लिए वसा और कैलोरी का एक अच्छा स्रोत है और यह उपयोग के लिए भी सुरक्षित माना जाता है। यदि आप इसका उपयोग करने के बारे में आशंकित हैं, तो ऐसा करने से पहले आप डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं।
सुझाव: आप सामान्य तेल की तरह ही खाना पकाने में इस तेल का उपयोग कर सकते हैं।
नारियल तेल हाइपोएलर्जेनिक होता है और इसमें लॉरिक एसिड भी मौजूद है जो पाचन को आसान बनाता है और कब्ज़ से राहत देता है।
सुझाव: आप अपने बच्चे के नाश्ते में आधा चम्मच प्राकृतिक नारियल तेल मिला सकते हैं लेकिन यह सुनिश्चित कर लें कि शिशु की ठीक से पॉटी होने के लिए वह पर्याप्त तरल पदार्थ । आप पेरिनम (मलद्वार और अंडकोश के बीच का क्षेत्र) में भी थोड़ी मात्रा में तेल से मालिश कर सकते हैं और इसे रात भर के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
अधिकांश नवजात शिशुओं में क्रैडल कैप या सिर में सूखापन की शिकायत हो जाती हैं। यह स्थिति में आमतौर पर गर्भावस्था के अंत में होने वाले हॉर्मोनल परिवर्तनों के कारण होती है और त्वचा पर एक सूखी परत बनती है जो कि रूसी की तरह दिखती है। इस स्थिति को सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस या सेबोर्रहिया के रूप में भी जाना जाता है। नारियल तेल के एंटी-बैक्टीरियल गुण, इसे ठीक करने का अद्भुत कार्य करते हैं।
सुझाव: सिर पर तेल लगाने के बाद इसे 20 मिनट तक लगा रहने दें। फिर शिशु नर्म ब्रश का उपयोग करके पपड़ी को साफ करें। एक बार जब फ्लेक्स निकल जाएं, तो आप गुनगुने पानी से तेल को धो सकते हैं।
बच्चो में दाँतों का निकलना एक तकलीफ-देह चरण है, नारियल के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन और इस समय होने वाले दर्द और परेशानी को कम करने में मदद करते हैं।
सुझाव: अपनी उंगलियों से बच्चे के मसूड़ों पर नारियल तेल से धीरे-धीरे मालिश करें। शिशु के दाँतों में आराम के लिए आप दाँत के खिलौनों पर थोड़ा सा नारियल तेल भी लगा सकते हैं।
सही बेबी वॉश न केवल शिशु की त्वचा को साफ करता है, बल्कि उसमें नमी की मात्रा को भी बनाए रखता है। इस लाभकारी तेल का उपयोग स्टोर से खरीदे गए बेबी वॉश के बजाय जिसमें एलर्जी के घातक हो सकते हैं, बच्चे के स्नान के लिए किया जा सकता है।
सुझाव: नारियल तेल और अरंडी के तेल को बराबर मात्रा में मिला लें और इस मिश्रण को अपने बच्चे के शरीर और चेहरे पर लगाएं। किसी भी मैल को हटाने के लिए मालिश करें और नियमित स्नान के पानी से धोएं। आप नारियल तेल, ऑर्गेनिक साबुन व पानी बराबर मात्रा में ले सकते हैं और स्नान करते समय त्वचा पर लगा सकते हैं।
फटे और सूखे होंठ शिशुओं के लिए दर्दनाक हो सकते हैं जिस कारण स्तनपान कठिन हो सकता है। यदि शिशु दर्द को कम करने के लिए लगातार अपने होंठ चाटता है, तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
सुझाव: अपनी उंगलियों को तेल में डुबोएं और अपने बच्चे के होठों और उसके आस-पास के क्षेत्र पर हल्के से लगाएं।
यदि आप शिशुओं के लिए नारियल तेल का अधिक लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप इस तेल के रिफाइंड संस्करण के बजाय ऑर्गनिक, असली नारियल तेल का उपयोग करें।
आसानी से उपलब्ध और फायदेमंद, शिशुओं के लिए नारियल तेल का लाभ हर माँ की पसंद है। सुनिश्चित करें कि आपके पास यह बहु-उद्देश्यीय तेल उपलब्ध हो जो आपके बच्चे में होनेवाली कई बीमारियों को आसानी से दूर कर सकता है। यदि आपके परिवार में किसी को भी नारियल तेल से एलर्जी होती है या होती थी, तो अपने बच्चे के लिए नारियल तेल का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से जाँच करा लें।
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