शिशु

शिशुओं के लिए दाल का पानी – फायदे और बनाने की विधि

जिस समय आपका बच्चा एक ऐसी उम्र में पहुंच जाता है, जब वह ठोस खाद्य पदार्थ लेना शुरू कर देता है, तब सभी आस-पड़ोस की भाभी और चाचियाँ तथा परिवारजन आप पर सभी ओर से सलाहों की बौछार शुरु देते हैं। लेकिन इस पूरे आदान-प्रदान में, एक सुझाव लगभग हर स्रोत से सुनने को मिलेगा और वह है ‘दाल का पानी’। लेकिन क्या आपको पता है, दाल से जो पानी मिलता है, उसमें केवल स्वाद होता है, कोई पोषण नहीं होता जिससे बच्चे को लाभ मिले। इसलिए दाल के पानी के साथ थोड़े दाल भी मैश करके बच्चे को देना चाहिए। उसके अच्छे पोषण के लिए अन्य वस्तुओं के साथ भी ऐसा ही संतुलन बनाना उतना ही अनिवार्य है जिससे मिलने वाले फायदे लंबी अवधि तक टिक सकें।

शिशुओं को तुवर या मूंग की दाल का पानी क्यों दें

शिशुओं के लिए मूंग दाल का पानी एक ऐसा सुझाव है जो पीढ़ियों से चला आ रहा है और इसके लिए एक बहुत अच्छा कारण भी है। एक बच्चे को इसके कारण होने वाले अनेक फायदे हैं और वे सभी उसके लिए आवश्यक हैं।

  • दाल का पानी पचाने में आसान होता है और इसी कारण ये आपके बच्चे के लिए सबसे योग्य पहला भोजन है।
  • इसमें प्रोटीन, विटामिन और विभिन्न खनिजों की मात्रा काफी होती है, लेकिन केवल जब मसले हुए दाल के साथ इसे मिलाया जाता है।
  • पीली मूंग दाल सबसे बेहतर विकल्प है क्योंकि इसके साथ एलर्जी की संभावना कम होती है।
  • जिंक, आयरन, मैंगनीज जैसे कई तत्वों के अवशेष बच्चे के विकास के लिए फायदेमंद होते हैं और इम्युनिटी को मजबूत करने में भी मदद करते हैं।

बच्चों को दाल का पानी देना कब शुरू करें

जब बच्चा 6 महिने का हो जाए तब उसे दाल का पानी तैयार करके बच्चे को दिया जा सकता है। कुछ लोग इसे माँ के दूध के साथ देना पसंद करते हैं तो अन्य बच्चे की दूध की आदत छुड़ाने के एक तरीके की तरह दाल के पानी का उपयोग करते हैं। फिर भी, 6-8 महीने की न्यूनतम आयु आवश्यक है, जबकि आप इसे एक वर्ष के पूरा होने के आसपास भी शुरू कर सकते हैं।

दाल के पानी का न्यूट्रिशनल वैल्यू (प्रति मात्रा)

परोसे गए एक कप दाल के पानी में मौजूद पोषण तत्वों का वितरण इस प्रकार होता है।

पोषण मात्रा
ऊर्जा 130 कैलोरी
कार्बोहाइड्रेट 22.4 ग्राम
प्रोटीन 9.1 ग्राम
फाइबर (रेशा) 3.1 ग्राम
वसा 0.5 ग्राम
विटामिन ए 18.3 एमसीजी
विटामिन बी 9 52.3 मिग्रा
नियासिन 0.9 मिग्रा
राइबोफ्लेविन 0.1 मिग्रा
थियामिन 0.2 मिग्रा
जिंक 1 मिग्रा
सोडियम 10.2 मिग्रा
फास्फोरस 1.7 मिग्रा
पोटैशियम 429 मिग्रा
मैग्नीशियम 41.4 मिग्रा
लौह 1.5 मिग्रा
कैल्शियम 28 मिग्रा

 

शिशुओं के लिए दाल का पानी कैसे तैयार करें?

शिशुओं के लिए दाल का सूप तैयार करना एक बहुत ही सीधी और सरल प्रक्रिया है। सुनिश्चित करें कि सूप तैयार करने और परोसने के लिए आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले सभी बर्तन कीटाणुरहित किए हुए हैं और किसी भी बाहरी पदार्थों से मुक्त हैं।

आवश्यक सामग्री

  • घी
  • हल्दी पाउडर
  • पानी
  • पीली मूंग की दाल, विभाजित की हुई
  • चीनी वैकल्पिक है

विधि

  • दाल को धोकर साफ कर लें और इसे कुकर में रखें, साथ ही हल्दी पाउडर, पानी और घी डालें। इसे करीब 5 सीटी के बजने तक प्रेशर कुकर में पकाएं, ताकि यह नरम हो जाए और इसे योग्य तरीके से मसला जा सके।
  • मिश्रण को अलग करने के लिए एक छलनी का उपयोग करें और केवल पानी प्राप्त करें। आपका बच्चा स्वाद को लेकर कैसे प्रतिक्रिया करता है उसके आधार पर केवल शुरु में परोसे जाने के समय एक छोटी चुटकी चीनी मिलाएं ।
  • बच्चे को देने से पहले, अपनी कलाई पर पानी का तापमान जांच लें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह बहुत गर्म नहीं है।
  • एक बार जब वह नियमित रूप से इसे लेना शुरू कर दे और बच्चा 10 महिने का हो जाए तो आप दाल के पानी को गाढ़ा कर सकते हैं। गाढ़ापन कम करने के लिए, मिश्रण में उबला हुआ पानी डालें।

शिशुओं को दाल का पानी देते समय ध्यान रखने योग्य टिप्स

4 महीने या उससे अधिक उम्र के बच्चे को दाल का पानी देने से पहले यहाँ बताए गए टिप्स को ध्यान में रखना चाहिए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चे को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो।

  • बच्चे के लिए दाल के पानी को सिप्पी कप या बोतल में न रखें, उसे हमेशा कांच या स्टील के बर्तन में ही रखें।
  • अपने बच्चे को किसी सहारे के साथ सीधा बैठने दें और फिर उसे दाल पानी दें।
  • यदि दाल पीने से बच्चे के पेट में गैस बनता है, तो दाल के पानी में एक चुटकी हिंग मिलाएं।
  • जैसे-जैसे आपका बच्चा बड़ा होता है, आप दाल के अन्य प्रकार भी दे सकते हैं।
  • अधिक स्वाद बढ़ाने के लिए पानी में नमक डालने से बचें जब तक आपका बच्चा एक वर्ष या उससे अधिक का न हो जाए।

दाल का पानी एक बेहतरीन विकल्प है जो शिशुओं के लिए अत्यधिक फायदेमंद है और उन्हें ठोस पदार्थों से परिचित कराने का एक बेहतरीन  तरीका भी है। इसका सौम्य और हल्का स्वाद उनकी संवेदनशील जीभ के लिए अच्छा हो सकता है। धीरे-धीरे, वह स्वाद में बदलावों को पसंद करना शुरू कर देगा और गाढ़ा दाल भी पी सकेगा।

जया कुमारी

Recent Posts

पुलकित नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Pulkit Name Meaning in Hindi

जब भी कोई माता-पिता अपने बच्चे का नाम रखते हैं, तो वो सिर्फ एक नाम…

7 days ago

हिना नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Heena Name Meaning in Hindi

हर धर्म के अपने रीति-रिवाज होते हैं। हिन्दू हों या मुस्लिम, नाम रखने का तरीका…

7 days ago

इवान नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Ivaan Name Meaning in Hindi

जब घर में बच्चे की किलकारी गूंजती है, तो हर तरफ खुशियों का माहौल बन…

7 days ago

आरज़ू नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Aarzoo Name Meaning in Hindi

हमारे देश में कई धर्म हैं और हर धर्म के लोग अपने-अपने तरीके से बच्चों…

7 days ago

मन्नत नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Mannat Name Meaning in Hindi

माता-पिता बच्चे के जन्म से पहले ही उसके लिए कई सपने देखने लगते हैं, जिनमें…

7 days ago

जितेंदर नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Jitender Name Meaning in Hindi

हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बेटा जिंदगी में खूब तरक्की करे और ऐसा नाम…

2 weeks ago