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बच्चों में डायपर से रैश पड़ना बहुत आम बात है। विशेष तौर पर जननांगों, नितंबों और बच्चों के डायपर पहने जाने वाली जगह लाल निशान या चकत्ते पड़ जाते हैं। यद्यपि बच्चों से जुड़ी यह एक आम परेशानी है, लेकिन इसके लिए उपचार की आवश्यकता होती है। डायपर रैश से राहत दिलाने के लिए कई घरेलू उपाय हैं। यदि आपके शिशु को भी यह समस्या होती है और आप उसे इस तकलीफ से निजात दिलाना चाहती हैं तो आपको इन उपायों की जानकारी लेनी चाहिए ।
नीचे दिए गए कारणों से शिशुओं को डायपर से रैशज होते हैं:
१. डायपर से होने वाली रगड़
२. बहुत लंबे समय तक गीले या गंदे डायपर को न बदलना
३. यीस्ट संक्रमण
४. बैक्टीरियल संक्रमण
५. साबुन, सुगंधित डायपर और वाइप्स
गीले और गंदे डायपर शिशुओं में डायपर रैश का मुख्य कारण होते हैं। डायपर से होने वाले रैश का यदि कोई उपचार न किया जाए तो शिशुओं में बैक्टीरिया संक्रमण फैल सकता है, जिससे फफोले और खुजली से लेकर छोटी-छोटी फुंसियां और त्वचा के छिलने जैसी परेशानी का कारण बन सकता है। आइए आपको डायपर से होने वाले रैशेज से शिशु को राहत दिलाने के लिए 15 प्राकृतिक उपचार बताते हैं।
नारियल तेल अपने एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरिअल गुणों के लिए जाना जाता है और बच्चों में डायपर से होने वाले रैश के लिए सबसे प्रभावी उपचारों में से एक है। अपने बच्चे के शरीर का डायपर वाला भाग हल्के गर्म पानी से धोएं और एक नरम तौलिए से सुखाएं। इसके बाद, आधा चम्मच नारियल का तेल लें और इसे बच्चे को हुए रैशेज पर लगाएं। यीस्ट से होने वाले डायपर रैश के इलाज में भी नारियल तेल प्रभावी होता है ।
क्योंकि मूत्र क्षारीय प्रकृति का होता है, इसलिए अगर वही डायपर बच्चा बहुत लंबे समय तक पहने तो यह बच्चे की त्वचा को जला सकता है। नहाने के पानी में डेढ़ कप सिरका मिलाएं और अपने बच्चे के शरीर को इससे धोएं। आप एक कप पानी में एक छोटा चम्मच सफेद सिरका मिलाकर इससे अपने बच्चे के निचले अंगों को पोंछ भी सकती हैं। जब भी डायपर बदलने का समय हो, आप इसका उपयोग कर सकती हैं।
डायपर के रैश पर माँ का दूध एक प्रभावी उपाय है। आपको बस रैश वाली जगह पर अपने दूध की कुछ बूंदें लगानी हैं, उन्हें अपने आप सूखने दें। अच्छे परिणामों के लिए इस उपाय को आजमाने के बाद बच्चे को नया डायपर पहनाएं ।
डायपर रैश वास्तव में गीले डायपर से पैदा होते हैं। सुनिश्चित करें कि आप अपने बच्चे के निचले पृष्ठ भाग को रगड़ें नहीं और हल्के हाथ से पोंछते हुए सुखाएं । उसे नहलाते समय सौम्य साबुन का प्रयोग करें और बच्चे के लंगोट को हलके हाथों से साफ करें। डायपर को समय पर बदलना याद रखें और अल्कोहल-आधारित वाइप्स का उपयोग न करें।
बच्चे के निचले अंगों को सूखा रखने और नमी को अवशोषित करने में कॉर्नस्टार्च अच्छा काम करता है। सबसे पहले अपने बच्चे के शरीर के निचले हिस्से को गुनगुने पानी से धो लें और फिर उसे एक साफ कपड़े से सुखा लें । प्रभावित जगह पर थोड़ा कॉर्नस्टार्च लगाएं और एक नया डायपर पहनाएं । रैश ठीक होने तक ऐसा प्रतिदिन करें।
शिशु अपने डायपर को बार-बार गंदा कर लेते हैं, जिससे उनके रैश और भी बदतर हो जाते हैं। रैश का इलाज करने के लिए अपने बच्चे के निचले अंगों को धोकर, एक सूती तौलिए से सुखाएं और प्रभावित जगहों पर पेट्रोलियम जेली की एक पतली परत लगा दें। पेट्रोलियम जेली प्रभावित क्षेत्र को मूत्र और मल के कारण होने वाले नुकसान से सुरक्षित रखेगी और इस प्रकार डायपर रैश से बचाव होगा । अपने बच्चे के डायपर को समय पर बदलें और पेट्रोलियम जेली का उपयोग तब तक करें जब तक कि रैश गायब न हो जाएं ।
ओट्स का आटा शिशुओं में डायपर से होने वाले रैश के लिए एक आजमाया और परखा हुआ उपाय है। इससे दर्द से राहत मिलती है। एक बड़ा चम्मच ओट्स का आटा लेकर इसे स्नान के पानी में मिलाएं । अपने बच्चे को 5-10 मिनट के लिए स्नान करने दें। फिर उसकी त्वचा को हल्के हाथों से सुखाएं । शिशु की त्वचा को रगड़ें नहीं क्योंकि इससे स्थिति बिगड़ सकती है। यदि डायपर रैश गंभीर हैं तो दिन में 2 बार इस उपाय का इस्तेमाल करें ।
शिशुओं में डायपर रैश का मुख्य कारण उनके निचले अंगों के हवा न लगना भी होता हैं। इसलिए अपने बच्चे कुछ समय बिना डायपर के रहने दें। डायपर बदलने के बीच के समय में उसे थोड़ी देर डायपर-मुक्त रखें । हवा लगने से रैश बहुत तेजी से ठीक हो जाएंगे।
कैमोमाइल चाय और शहद का मिश्रण डायपर रैश के इलाज में एंटीसेप्टिक के रूप में काम करता है। यह रैश को खत्म करता है और त्वचा को ठीक करता है। लगभग दो कप कैमोमाइल चाय को एक चम्मच शहद के साथ मिलाएं और इसे रैश पर प्रतिदन स्प्रे करें।
यदि आपके बच्चे को डायपर रैश के साथ सूजन आती है तो आपको एलोवेरा का उपयोग करना चाहिए। आप पत्तियों से निकाला हुआ ताजा एलोवेरा या डिब्बाबंद एलोवेरा किसी का भी उपयोग कर सकती हैं – दोनों प्राकृतिक हैं। इससे आपके बच्चे को राहत मिलेगी।
बेकिंग सोडा पी.एच. स्तर को संतुलित करने में मदद करता है और बच्चे की त्वचा से अवांछित बैक्टीरिया और फंगस को हटाता है। गुनगुने पानी में दो बड़े चम्मच बेकिंग सोडा मिलाएं और इस घोल से अपने बच्चे के रैश को नियमित रूप से धोएं । इसे हवा में सूखने दें। यह उपाय एक चमत्कार की तरह काम करेगा।
टी ट्री ऑयल के एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरिअल गुण इसे शिशुओं में डायपर से होने वाले रैश के लिए एक उत्कृष्ट उपाय बनाते हैं। इस तेल की लगभग तीन बूंदें लें और इसे नारियल तेल या इसकी तरह किसी तेल के साथ मिलाएं । तेल के इस मिश्रण को रैशेज पर धीरे से लगाएं और उन्हें ठीक होता देखें।
एसेंशियल ऑयल का मिश्रण भी शिशु में डायपर से होने वाले रैश को दूर करने का काम करता है। बादाम का तेल, टी ट्री ऑयल और लैवेंडर जैसे एसेंशियल तेल को थोड़े से पानी के साथ मिलाएं और इसे स्प्रे वाली बोतल में भर लें। प्रभावी परिणाम के लिए रैश से प्रभावित हिस्सों पर इस स्प्रे का उपयोग करें।
दही डायपर रैश और सूजन के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रभावित हिस्से पर प्रतिदिन दही लगाएं, कुछ ही दिनों में आपको असर दिखने लगेगा। आप जैसे डायपर से हुए रैश पर क्रीम का उपयोग करती हैं उसी तरह दही लगाएं । शिशु के लिए सामान्य तापमान के दही का उपयोग करें और फिर डायपर पहना दें ।
सेंधा नमक में मैग्नीशियम की बहुत मात्रा होती है और यह सूजन कम करने के गुणों के लिए जाना जाता है। एक टब में गुनगुना पानी लेकर उसमें आधा कप सेंधा नमक मिलाएं और अपने बच्चे को 10 से 15 मिनट के लिए उसमें बिठा दें । इसके बाद बच्चे को नहलाएं। रैश को दूर करने के लिए सप्ताह में दो से तीन बार इस उपाय का इस्तेमाल करें ।
डायपर के रैश आमतौर पर कुछ दिनों के भीतर ही ठीक हो जाते हैं और गायब हो जाते हैं। अधिकांश माता-पिता डायपर के रैश के लिए घरेलू उपचार का सहारा लेते हैं, लेकिन वे हमेशा प्रभावी साबित नहीं होते हैं। यदि आपको अपने बच्चे में निम्न लक्षण दिखें तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
डायपर से रैश का इलाज घर पर किया जा सकता है। घरेलू उपचार आमतौर पर शिशुओं में डायपर से रैश के लिए अच्छी तरह से काम करते हैं। इन उपायों को आजमाएं आपका बच्चा जल्द ही बेहतर महसूस करेगा। हालांकि, अगर डायपर रैशेज गंभीर हैं यानि, आप उपरोक्त लक्षणों को देखती हैं और एक सप्ताह के भीतर वे गायब नहीं होते हैं, तो बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें।
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