In this Article
- कहानी के पात्र (Characters Of The Story)
- स्लीपिंग ब्यूटी की कहानी | Sleeping Beauty Story In Hindi
- स्लीपिंग ब्यूटी की कहानी से सीख (Moral of Sleeping Beauty Hindi Story)
- स्लीपिंग ब्यूटी की कहानी का कहानी प्रकार (Story Type of Sleeping Beauty Hindi Story)
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- निष्कर्ष (Conclusion)
ये कहानी एक ऐसी राजकुमारी कि है जिसे काली परी के शार्प की वजह से 15 साल की उम्र न जाने कितने साल सोना पड़ा था। राजकुमारी के माता-पिता राजा और रानी बहुत अच्छे थे। वह अपनी प्रजा बहुत ख्याल रखते थे और प्रजा भी उनसे बहुत खुश थी। लेकिन राजकुमारी को मिले इस श्राप की वजह से पूरा राज्य सालों सोता रहा। फिर एक दिन सुंदर राजकुमार ने इस श्राप का अंत किया। श्राप का अंत कैसे हुआ ये जानने के लिए आपको कहानी पूरी पढ़नी पड़ेगी ताकि आप जान सके आखिर इसका स्लीपिंग ब्यूटी क्यों रखा गया है।
कहानी के पात्र (Characters Of The Story)
इस कहानी के मुख्य पात्र इस प्रकार हैं:
- राजा
- रानी
- राजकुमारी (स्लीपिंग ब्यूटी)
- सफेद परी
- काली परी
- राजकुमार
स्लीपिंग ब्यूटी की कहानी | Sleeping Beauty Story In Hindi
एक समय की बात है, एक बहुत बड़ा राज्य था जिसमें एक राजा अपनी रानी के साथ रहता था। राजा की प्रजा उनसे बहुत खुश थी। राजा अपनी प्रजा का बहुत ध्यान रखता था और इसलिए ही राज्य के सभी वासी दोनों राजा-रानी को बहुत दुआएं देते थे।
लेकिन सब कुछ होने के बाद उन्हें एक बात का गम था कि उनकी कोई भी संतान नहीं थी। रानी सूर्य देव की पूजा करती थी और उन्हें पूरा भरोसा था कि सूर्य देवता एक दिन उनकी जरूर सुनेंगे और उन्हें संतान प्राप्ति का आशीर्वाद जरूर मिलेगा।
एक दिन राजा और रानी बगीचे में टहल रहे थे। दोनों लोग तालाब के पास आकर बैठ गए और प्रकृति का मजा ले रहे थे। तभी वहां पर एक मेंढक आया और उसने रानी से बोला कि सूरज देवता की तुम पर जल्द कृपा होगी और तुम्हें संतान के रूप में बेटी होगी।
मेंढक की बात सच हो गई और उसी साल रानी ने एक खूबसूरत बेटी को जन्म दिया। राजा और रानी को सूरज देवता की वजह से पुत्री की प्राप्ति हुई इसलिए उन्होंने उसका नाम ‘सनशाइन’ रखा। राजा ने अपनी बेटी के पैदा होने की खुशी में बहुत बड़ा उत्सव रखा और उसमें सभी लोगों को बुलाया लेकिन वह उत्सव में काली परी को बुलाना भूल गए।
उत्सव में सभी लोग राजा और रानी को आशीर्वाद दे रहे थे कि तभी वहां काली परी आ गई और उसने गुस्से में राजा को श्राप दिया कि जब तुम्हारी बेटी 15 साल की हो जाएगी तब चरखे की कील चुभने से उसकी मृत्यु हो जाएगी। ये बोलकर काली परी वहां से चली गई।
काली परी के श्राप से राजा और रानी बहुत दुखी हो गए थे। उनका दुख देखकर सफेद परी ने उन्हें सांत्वना दी कि वह काली परी का दिया हुआ श्राप खत्म तो नहीं कर सकती हैं लेकिन कम जरूर कर सकती हैं। सफेद परी ने उनसे कहा कि कील चुभने से तुम्हारी बेटी 100 साल के लिए सो जाएगी और उसके साथ आप दोनों और प्रजा के बाकी लोग भी सो जाएंगे। लेकिन जब एक सुंदर राजकुमार इसे चूमेगा, तो सभी लोग जग जाएंगे। सफेद परी ये बोलकर वहां से चली गई।
समय बीतता चला गया और राजकुमारी अब बड़ी हो गई थी। अब वो वक्त आ गया जब राजकुमारी 15 साल की होने वाली थी। इसी समय राजा और रानी को किसी जरूरी काम से राज्य से बाहर जाना पड़ा। वह लोग राजकुमारी को एक दासी के भरोसे छोड़कर गए थे।
जिस दिन राजकुमारी का जन्मदिन था, वह महल में अकेले खेल रही थी और वह खेलते-खेलते तहखाने में पहुंच गई। वहां पर एक पुराना चरखा था और जैसे ही राजकुमारी ने उसे हाथ लगाया तो उसे कील चुभ गई और वो वहीं गिर गई। सेवकों ने राजकुमारी को बहुत ढूंढा और उसे तहखाने में सोता हुआ पाया। उन लोगों ने जैसे ही उसे बिस्तर पर लिटाया और उसके बाद सभी एक-एक कर के सोने लगे।
कई साल बीत गए थे। महल चारों तरफ से जंगल और कांटों भरी झाड़ियों से घिर गया था। कोई भी महल तक आसानी से पहुंच नहीं सकता था। उस महल तक पहुंचने की बहुत से राजकुमारों ने कोशिश की, लेकिन वह वापस लौटकर कभी नहीं आए। वह सभी लोग काली परी के श्राप की वजह से वहां पहुंचते ही सो जाते थे।
एक सुंदर राजकुमार ने भी महल की कहानी सुनी और वह महल की तरफ बढ़ गया। ये राजकुमार पहले भी कई राज्यों को जीत चुका था। राजकुमार को महल जाने से सभी ने रोका और ये भी बताया की जो वहां जाता है लौटकर नहीं आता है। लेकिन राजकुमार ने किसी की बात नहीं मानी और महल चला गया। जैसे वह महल के पास पहुंचा, वहां की कांटों भरी झाड़ियां अपने आप दूर होने लगी थी। राजकुमार वहां से निकलता हुआ सीधे राजकुमारी के कमरे में पहुंच गया और रास्ते में उसने सभी को सोते हुए देखा।
राजकुमार ने जैसे ही राजकुमारी को देखा वह उसकी सुंदरता से मंत्रमुग्द हो गया और खुद को संभाल नहीं सका और राजकुमारी को चूमा, चूमते ही काली परी का श्राप खत्म हो गया। इसके बाद सभी लोग नींद से उठ गए। सभी लोग दोनों को देख कर बहुत खुश हुए और बाद में दोनों की शादी करवा दी।
स्लीपिंग ब्यूटी की कहानी से सीख (Moral of Sleeping Beauty Hindi Story)
स्लीपिंग ब्यूटी की इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि यदि हम किसी का बुरा नहीं चाहेंगे तो भगवान हमारे साथ भी बुरा नहीं करेगा, क्योंकि दूसरा का भला चाहने वालों के साथ गलत नहीं होता है।
स्लीपिंग ब्यूटी की कहानी का कहानी प्रकार (Story Type of Sleeping Beauty Hindi Story)
यह कहानी परी की कहानियों के अंतर्गत आती है जिसमें यह बताया गया है कि दूसरों के साथ अच्छा करने वालों के साथ बुरा नहीं होता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. स्लीपिंग ब्यूटी की नैतिक कहानी क्या है?
इस कहानी की नैतिकता ये है कि यदि आपका मन साफ है तो कोई जितना भी चाहे आपका बुरा नहीं कर सकता है।
2. हमें अच्छाई के मार्ग पर क्यों चलना चाहिए?
हमें हमेशा अच्छाई के रास्ते पर चलना चाहिए क्योंकि अच्छे और सच्चे इंसान के साथ कभी बुरा नहीं होता है और अगर कोई आपके साथ करना चाहता भी होगा तो आपकी अच्छाई की वजह से अंत अच्छा ही होगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
इस कहानी का निष्कर्ष ये है राजा-रानी की अच्छाई की वजह से उनकी बेटी के श्राप को सफेद परी ने कम कर दिया था। जिसकी वजह से राजकुमारी की जान बच सकी। इसलिए कहते हैं की आपके अच्छे कर्मों का फल आपको इसी जन्म में किसी न किसी रूप में मिल ही जाता है।
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