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यदि आप पहली बार माँ बनी हैं, तो आपको ‘सोर निप्पल’ यानी कि निप्पल में दर्द या घाव का अनुभव हो गया होगा। यह स्तनपान के दौरान बच्चे को गलत अवस्था में रखने के कारण होता हैं। हर नई माँ को यह समझने में समय लगता है कि स्तनपान के दौरान अपने बच्चे को किस स्थिति में रखें। हर बार बच्चे को स्तनपान कराने के बाद लगातार आपके मन में इस बात को लेकर चिंता हो सकती है कि आपने शिशु को प्रभावी ढंग से दूध नहीं पिलाया या फिर कहीं आपका बच्चा अभी भी भूखा न रह गया हो। हम आपको इस लेख में पीड़ादायक निपल्स के लिए जिम्म्मेदार विभिन्न कारणों के और उनके उपचार के लिए कुछ घरेलू उपायों के बारे में बताएंगे।
कुछ लोगों को लगता है कि स्तनपान के दौरान निप्पल में दर्द आम बात है और यह परेशानी वक्त के साथ ठीक हो जाती है, लेकिन यह एक मिथक है। वास्तव में, यदि आप इस दिक्कत से जूझ रही हैं तो आपको एक प्रशिक्षित लैक्टेशन कंसल्टेंट संपर्क करना चाहिए जो आपको निप्पल पर लगाने के लिए क्रीम या कोई दवाई देंगे, जिससे यह समस्या खत्म हो जाए। यदि आप दवाइयां नहीं अपनाना चाहती हैं, तो निप्प्पल में दर्द की समस्या के लिए कई घरेलू उपचार भी हैं।
निप्पल में दर्द की समस्या का इलाज घर पर किया जा सकता है। नीचे कुछ घरेलू उपचारों की सूची दी गई है, जो कि स्तनपान के कारण निप्पल में हुए घाव पर कारगर साबित होंगे:
एक कप पानी में एक बड़ा चम्मच एप्पल साईडर सिरका मिलाएं। बच्चे को स्तनपान कराने के बाद, एक रुई का फाहा लेकर इस मिश्रण में डुबोएं और रूई को निचोड़ लें। अब इसे अपने निप्पल और उसके आस-पास के भाग पर धीरे-धीरे लगाएं । यह मिश्रण किसी भी बैक्टीरिया को नष्ट कर देगा और निप्पल को साफ रखेगा। इसके बाद, एक चम्मच कच्चा नारियल का तेल लें और इसे अपने निप्पल पर धीरे से लगा लें। इससे निप्पल सूखे नहीं होंगे और न ही उनकी त्वचा फटेगी।
टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदें गुनगुने पानी के साथ मिलाएं । इस मिश्रण में एक सूती कपड़ा भिगोएं और धीरे से अपने निप्पल पर लगाएं। इन्हें सूखने दें और फिर साफ पानी से धो लें। यह निप्पल में दर्द की समस्या के लिए एक प्रभावी उपाय है।
यह एक अनोखा तरीका है लेकिन कभी-कभी माँ का दूध भी इसमें अच्छा उपाय हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दूध में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो निप्पल में दर्द, सूखे या फटे निप्पल को ठीक करने में मदद करते हैं । बच्चे को दूध पिलाने के बाद दिन में लगभग 4-5 बार अपने निप्पल पर थोड़ा सा दूध लगाएं ।
बर्फ पीड़ादायक निप्पल में दर्द को कम करने का काम करती है। एक सूती कपड़े में कुछ बर्फ के टुकड़े लें और धीरे से इसे अपने निप्पल के आस-पास लगभग दस मिनट तक लगाएं। राहत के लिए नियमित रूप से आप इस विधि का उपयोग कर सकती हैं।
गुनगुने पानी में एक बूंद टी ट्री ऑयल और एक चम्मच ऑलिव ऑयल मिलाएं । इस मिश्रण में छोटा रूई का फाहा भिगोएं और इसे अपने निप्पल पर धीरे से लगाएं । इसे अपने आप सूखने दें और उसके बाद साफ पानी से धो लें और सुखा लें। यह आपके निप्पल के दर्द को कम करने में मदद करेगा।
एलोवेरा अपने शामक गुणों के लिए जाना जाता हैं। एलोवेरा के पत्ते को तोड़ दें, इसे बीच में काट कर अंदर से जेल बाहर निकालें। इसे अपने निप्पल पर धीरे से लगाएं ।
कैमोमाइल के टी बैग को थोड़ी देर के लिए गर्म पानी में भिगोएं । उसके बाद इसे पानी से बाहर निकालें और थोड़ा ठंडा होने दें। इस टी बैग को हल्का सा निचोड़ लें ताकि उसमें से पानी निकल जाए और फिर इसे अपने निप्पल पर रखें। इससे आपको काफी हद तक आराम महसूस होगा। हाँ, लेकिन बच्चे को स्तनपान कराने से पहले निप्पल को धोना न भूलें।
तुलसी के पत्तों का उपयोग कई त्वचा संक्रमणों को ठीक करने के लिए किया जाता है और इसमें उपचार के बहुत अच्छे गुण होते हैं। ये आपके निप्पल में दर्द और रूखेपन को दूर करने में मदद करेंगे। एक कप तुलसी के पत्ते लें और इन्हें अच्छे से पानी से धो लें। इसका पेस्ट तैयार करें और इस पेस्ट में एक चम्मच शहद मिलाएं । इस मिश्रण को 30 मिनट के लिए अपने निप्पल पर लगाएं और शिशु को स्तनपान कराने से पहले धो लें। बेहतर प्रभावों के लिए, इसे दिन में 3-4 बार दोहराएं ।
निप्पल में दर्द से बचाव के लिए स्वच्छता रखना बहुत महत्वपूर्ण है।हमेशा साफ और मुलायम ब्रा पहनें और हर दिन अपनी ब्रा बदलें। अपनी ब्रा को धोते समय, केवल एक सौम्य डिटर्जेंट का उपयोग करें न कि कठोर का, जो आपके निप्पल में तकलीफ पैदा करे।
स्तनपान कराने के दौरान निप्पल में दर्द का सबसे आम कारण शिशु का गलत तरीके से निप्पल को मुँह में पकड़ना होता है। सही पोजीशन सुनिश्चित करने के लिए आपको ध्यान रखना होगा कि आपका पूरा निप्पल और आसपास का भाग बच्चे के मुँह में हो ताकि दूध पीने में उसे भी आसानी हो। अगर इस पोजीशन को आप बनाए रखती हैं और अपने हाथों के आधार का कम इस्तेमाल करती हैं, तो आप देखेंगी कि ज्यादातर समय, शिशु अच्छी तरह से निप्पल को पकड़ पाएगा। यदि आप सही पोजीशन रखना चाहती हैं तो आप स्तनपान के समय सहारे के लिए तकिए का उपयोग भी कर सकती हैं।
विटामिन सी का सेवन बढ़ाने से इस समस्या से निजात पाने में मदद मिल सकती है। हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे कि केल, ब्रोकोली, शिमला मिर्च और फल जैसे संतरा, पपीता, अमरूद, कीवी, खरबूजा, आंवला आदि भरपूर खाएं।
अल्कोहल को निप्पल पर लगाने से भी राहत मिल सकती है। एक छोटे से स्पंज के टुकड़े को थोड़े से अल्कोहल में भिगोएं और इसे अपने निप्पल पर लगाएं । स्तनपान कराने से पहले इसे अच्छी तरह धोना न भूलें।
केलैन्डयुला फूलों को जकड़े और फटे हुए निप्पल में राहत देने के लिए जाना जाता हैं। 1-2 केलैन्डयुला के फूलों को अच्छी तरह से मसल लें और इनका पेस्ट बनाएं । इसे निप्पल पर लगाएं और अपने आप सूखने दें। इसका एक और मिश्रण बनाने के लिए आप इसे समान मात्रा में ऑलिव ऑयल में मिलाकर भी लगा सकती हैं।
तेल आपके निप्पल में नमी बनाते हुए उसका सूखापन कम करता है। अपनी पसंद का कोई भी तेल लें और उसे गुनगुना गर्म करें। राहत के लिए दिन में 3-4 बार अपने निप्पल पर मालिश करें, लेकिन हर बार अपने बच्चे को स्तनपान कराने से पहले इसे धो लें।
ध्यान रखें कि नहाते समय अपने निप्पल पर साबुन या किसी बॉडी वॉश का इस्तेमाल न करें। निप्पल को धोने के लिए केवल गुनगुने पानी का उपयोग करें और उन्हें हवा में सूखने दें। साबुन में कठोर रसायन पाए जाते हैं जो आपके निप्पल को संवेदनशील बना सकते हैं और उनमें दर्द पैदा कर सकते हैं। इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि आपके निप्पल या स्तनों पर पाउडर, डिओडोरेंट या इत्र का उपयोग न हो।
निप्पल पर घाव आपके लिए असुविधाजनक होंगे लेकिन बच्चे को यह प्रभावित नहीं करेंगे। हालांकि, यदि आपके निपल्स में दरारें हैं और खून बह रहा है, तो आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रक्त आपके बच्चे के मुँह में न जाए। अगर ऐसा होता है, तो आपको इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। निप्पल में घाव अनुचित स्तनपान का संकेत भी हो सकता है जो आपके बच्चे को भूखा छोड़ सकता है और ऐसा हो सकता है कि उसका पेट ठीक से न भरता हो। संभव है कि इस वजह से उसका वजन नहीं बढ़ रहा हो। ऐसे मामलों में, हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें क्योंकि यह एक चिंता का संकेत हो सकता है।
अगर निप्पल पर घाव से आपको असुविधा और जलन हो रही है, तो आपको उन्हें रोकने के लिए और / या इलाज पर पर्याप्त सावधानी बरतनी चाहिए। साफ ब्रा पहनें और उन्हें धोने के लिए सौम्य डिटर्जेंट का उपयोग करें। जो भी घरेलू उपचार आप अपनाती हैं, अपने नन्हे शिशु को स्तनपान कराने से पहले इसे धोना याद रखें। प्राकृतिक घरेलू उपचार हमेशा स्टोर से खरीदे गए मलहम या क्रीम से बेहतर होते हैं। अगर आप शिशु को स्तनपान सही पोजीशन में कराएंगी, तो आपको इस तरह की परेशानी का सामना करने या इस बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं होगी।
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