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हमारे आसपास जो कुछ भी है वह पर्यावरण है। सांस लेने के लिए ऑक्सीजन, पीने के लिए पानी, खाने के लिए अनाज और फल सहित पहनने के लिए कपड़े भी इस पर्यावरण से ही आते हैं। हमारे जीवन का आधार ही पर्यावरण है। हमारे घर, ऑफिस, स्कूल, सड़कें, पहाड़, नदियाँ, जंगल के अलावा सभी जीवित और निर्जीव वस्तुएं हमारे पर्यावरण का हिस्सा हैं। हमारे साथ प्रत्येक जीवित प्राणी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण पर निर्भर होता है। पर्यावरण के साथ हमारा संबंध दो तरफा होता है क्योंकि हमें जो भी संसाधन मिलते हैं वह पर्यावरण से आते हैं और हम ही इस पर्यावरण की देखभाल करने के लिए जिम्मेदार भी होते हैं। बच्चों को अगर पर्यावरण जैसे विषय पर स्पीच देनी हो तो इस विस्तृत विषय को कुछ शब्द सीमा में बांधना थोड़ा चुनौतीभरा काम है। इसलिए हमने यहां पर्यावरण पर भाषण के कुछ सैंपल दिए हैं जिनसे आप और आपके मदद लेकर एक प्रभावशाली भाषण तैयार कर सकते हैं।
नीचे दिए गए कुछ भाषण कम शब्दों में अपनी बात कहने के लिए हैं वहीं कुछ भाषण अधिक शब्दों के हैं। ये भाषण पर्यावरण के महत्व को सरल शब्दों में समझाते हैं। इनसे बच्चे जान सकेंगे कि सही शब्द, सटीक तथ्य और रोचक उदाहरणों के उपयोग से भाषण कैसे दिया जा सकता है। स्टेज पर खड़े होकर कई लोगों के सामने भाषण देने से उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। इसलिए अलग-अलग विषयों पर बच्चों को भाषण देने का अभ्यास करवाते रहना चाहिए।
आदरणीय प्रधानाचार्य जी, समस्त शिक्षकगण और मेरे साथियों, सुप्रभात!
आज मुझे उस महत्वपूर्ण विषय पर बोलने का मौका मिला है जो सभी प्राणियों के लिए जीवन का स्रोत है यानी, पर्यावरण। पर्यावरण का तात्पर्य हमारे चारों ओर मौजूद हर चीज से है, इसमें हवा, पानी, भूमि और सभी जीवित और निर्जीव चीजें आती हैं। पर्यावरण हर प्राणी का घर है और यह हमें कई तरह से प्रभावित करता है इसलिए इसकी देखभाल करना जरूरी है।
पर्यावरण हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन, पीने के लिए पानी, रहने के लिए जमीन, खाने के लिए भोजन और जीवित रहने के लिए जरूरी सभी संसाधन प्रदान करता है। इतना महत्वपूर्ण होने के बावजूद जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, वनों की कटाई और प्रदूषण जैसी समस्याएं हमारे पर्यावरण को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा रही हैं, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए इसकी गुणवत्ता गिरती जा रही है।
ऐसे में पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कुछ कदम उठाने आवश्यक हैं। इनमें शामिल हैं – पानी और ऊर्जा की बचत, पेड़ लगाना, पर्यावरण जागरूकता के लिए लोगों को शिक्षित करना, प्लास्टिक का कम उपयोग और सफाई अभियानों में भाग लेकर वातावरण को स्वच्छ रखना। यह समझना महत्वपूर्ण है कि पर्यावरण ने हमें जो संसाधन उपलब्ध कराए हैं हमें उनका बुद्धिमानी से उपयोग करना होगा ताकि आने वाली पीढ़ियों को इसके दुष्परिणाम न भुगतने पड़ें। पर्यावरण की रक्षा करना सिर्फ सरकार की नहीं बल्कि हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। इसलिए हम सभी को एक स्वस्थ वातावरण के लिए मिलकर काम करना चाहिए। याद रखिए, एक छोटा कदम भी मायने रखता है।
धन्यवाद!
उपस्थित सभी मान्यवरों को मेरा नमस्कार!
आज मैं पर्यावरण के महत्व पर अपने विचार साझा करना चाहता/चाहती हूं।
पर्यावरण का मतलब है हमारे आसपास का वातावरण और उसमें आने वाली सभी जीवित व निर्जीव चीजें। यह जीवन का स्रोत है क्योंकि हमारा पूरा जीवन पर्यावरण पर निर्भर होता है। मनुष्य को जीवन के लिए जरूरी भोजन, पानी, हवा, आश्रय, कपड़े, आदि सब कुछ पर्यावरण से मिलता है। पर्यावरण का मनुष्यों, जीवों और पेड़-पौधों के साथ एक ऐसा संबंध है जिसका प्राकृतिक चक्र संतुलित होना जरूरी है। जब यह प्राकृतिक चक्र खराब होता है पूरे इकोसिस्टम यानी पारिस्थितिकी तंत्र पर इसका प्रभाव पड़ता है।
पिछले काफी समय से मनुष्यों द्वारा की जाने वाली गतिविधियों ने पर्यावरण को बहुत बुरी तरीके से प्रभावित किया है। इनमें प्रमुख हैं, प्रदूषण, अत्यधिक जनसंख्या, गंदगी का गलत निपटान, वनों की कटाई आदि। बढ़ती जनसंख्या की वजह से अलग-अलग जरूरतों के लिए पेड़ों को काटकर हम पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसके साथ ही पानी, ईंधन और अन्य संसाधनों के अत्यधिक उपभोग और अनुचित अपशिष्ट निपटान पर्यावरण के लिए अन्य खतरे हैं जिनसे जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग और ग्रीनहाउस प्रभाव जैसी समस्याएं विकराल रूप लेती जा रही हैं।
मनुष्यों द्वारा पर्यावरण को पहुंचाए गए नुकसान को कम करना भी मनुष्यों का ही कर्तव्य और जिम्मेदारी है। हममें से प्रत्येक व्यक्ति इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। जैसे प्लास्टिक का उपयोग बंद करना, जितना संभव हो सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना, पानी बचाना, पेड़ लगाना और प्राकृतिक संपदा का सीमित उपयोग करना आदि।
अंत में मैं यही कहना चाहता/चाहती हूं कि पर्यावरण को बचाना एवं संरक्षित रखना आवश्यक है और इसके लिए अपना योगदान देना हर किसी की जिम्मेदारी है। इसलिए, आइए हम एक हरे-भरे भविष्य की दिशा में मिलकर काम करें।
धन्यवाद!
आदरणीय मुख्य अतिथि और उपस्थित माननीयों को मेरा नमस्कार!
जीवन को स्वस्थ, खुशहाल तरीके से चलाने के लिए हम सभी को एक स्वस्थ पर्यावरण की आवश्यकता होती है। हमारे चारों ओर पाए जाने वाली हवा, पानी, मिट्टी, पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं के साथ सभी जीवित व निर्जीव वस्तुओं का एकत्रित रूप ही पर्यावरण कहलाता है। हालांकि पिछली एक सदी में जनसंख्या के बढ़ने और लगातार हो रही तकनीकी प्रगति से पर्यावरण पर गहरा प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। जनसंख्या बढ़ने से घरों, ईंधन, लकड़ी आदि की मांग को पूरा करने के लिए पहले वनों की कटाई आम बात हो गई। पेड़ों को बेतहाशा काटने से धीरे-धीरे इकोसिस्टम बुरी तरह प्रभावित हो गया। इससे हवा, पानी और मृदा प्रदूषण के साथ-साथ बारिश के असंतुलन और भूजल में कमी जैसी समस्याओं की चपेट में पूरी दुनिया आने लगी। इसके अलावा वैज्ञानिक प्रगति ने कंप्यूटर, एसी जैसे आविष्कारों को रोज की जरूरत बना दिया, सुलभ परिवहन के लिए पहाड़ों को काटना और कंक्रीट की सड़कें बनाना विकास का प्रतीक बन गया। इन सबने मिलकर धरती का औसत तापमान बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई जिससे जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग और ग्रीनहाउस प्रभाव ने मिलकर पर्यावरण को चिंता के घेरे में ला दिया। इस तरह मनुष्य ने अपने जीवन के लिए जरूरी पर्यावरण को अपने ही हाथों से नुकसान पहुंचाया दिया।
इसलिए अब आवश्यकता है कि पर्यावरण को बचाने के लिए हर जरूरी उपाय अपनाए जाएं। पेड़ लगाएं, पानी बचाएं, ईंधन का इस्तेमाल सीमित करें, प्लास्टिक सहित अन्य हानिकारक केमिकल का उपयोग कम कर दें और स्वछता का पालन करें। पर्यावरण की रक्षा वर्तमान और भावी दोनों ही पीढ़ियों के लिए अत्यधिक महत्व का विषय है। पर्यावरण पर मेरे आज के भाषण का मुख्य उद्देश्य केवल आम लोगों के बीच खराब होते पर्यावरण के कारणों और पृथ्वी पर जीवन के लिए स्वस्थ और प्राकृतिक पर्यावरण की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। अत: मेरा आप सभी से विनम्र अनुरोध है कि कृपया अपने पर्यावरण को बचाने में योगदान दें।
धन्यवाद!
आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्रिय साथियों, नमस्कार!
आज मैं आप सभी के सामने एक महत्वपूर्ण विषय पर्यावरण, इसकी समस्याओं और इसके संरक्षण के उपायों पर अपने विचार व्यक्त करने वाला/वाली हूँ। हमारे चारों ओर का वह आवरण जो हमें जीवन के लिए आवश्यक सभी चीजें प्रदान करता है, पर्यावरण कहलाता है। इसमें हवा, पानी, भूमि, मिट्टी, पेड़-पौधे और सभी जीव-जंतु शामिल होते हैं। हम हर बात के लिए अपने पर्यावरण पर निर्भर होते हैं, सांस लेने के लिए हवा से लेकर पीने के पानी तक। पर्यावरण पृथ्वी पर सभी जीवों की जीवनधारा है। लेकिन आज के समय में हम अपने स्वार्थ और लापरवाही के कारण इसे नष्ट कर रहे हैं।
आज पर्यावरण विभिन्न प्रकार के प्रदूषण, वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन जैसे गंभीर समस्याओं से घिरा है। प्रदूषण के कारण चरों ओर की हवा और पानी दूषित हो रहे हैं, जिससे न केवल मनुष्य बल्कि अन्य जीव-जंतु भी प्रभावित हो रहे हैं। वनों की कटाई से हमारी जैव विविधता कम हो रही है और प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है। जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम बदल रहे हैं, जिससे बाढ़, सुनामी, भूकंप, सूखा, चक्रवात जैसी आपदाओं का खतरा बढ़ रहा है।
इन समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए हममें से हर एक को आगे आना होगा। इसके लिए सर्वप्रथम हमें प्रदूषण को कम करने के उपायों को अपनाना चाहिए। जैसे प्लास्टिक का उपयोग कम करना, रीसायकलिंग, बायोडिग्रेडेबल उत्पादों का अधिक उपयोग आदि। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए और वाहनों का सही रखरखाव करना चाहिए। वनों की कटाई को कम करके वृक्षारोपण करने से हम अपनी जैव विविधता का भी संरक्षण करेंगे। इसके साथ, हमें जल संरक्षण के उपायों पर ध्यान देना चाहिए। पानी का सही उपयोग और इसे बर्बाद होने से बचाना चाहिए। जल संसाधनों का संरक्षण, बारिश के पानी का संचयन जैसी तकनीकें इसमें काम की हैं।
इसके अलावा, हमें अपनी आदतों में बदलाव करने चाहिए। जैसे ऊर्जा की बचत, बिजली का सही उपयोग और सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देना। हमें अपने रोजमर्रा के जीवन में पर्यावरण को नुकसान न पहुँचाने वाले उत्पादों का प्रयोग करना चाहिए। ये सारे उपाय पर्यावरण को सुरक्षित और संरक्षित रखने में मदद करेंगे।
अंत में मैं यही कहना चाहूंगा/चाहूंगी कि हमें यह समझने करने की आवश्यकता है कि पर्यावरण हमारा घर है, और यदि हम इसके साथ अच्छा व्यवहार करेंगे तो यह हमें और फायदे देगा। इसलिए, हम सभी को अपने पर्यावरण का संरक्षक बनना चाहिए और इसे किसी भी नुकसान से बचाना चाहिए। यदि हम सब मिलकर पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयास करेंगे, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और सुंदर दुनिया बनाकर रख सकते हैं।
धन्यवाद!
अगर पर्यावरण पर एक अच्छा भाषण देना है, तो कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। यहां कुछ जरूरी टिप्स दिए गए हैं, जो बच्चे की स्पीच को शानदार और प्रभावी बना सकते हैं:
भाषण को हिस्सों में बांटने से याद करने और बोलने में फायदा होता है। प्रस्तावना, मुख्य भाग और निष्कर्ष जैसे हिस्सों में विषय को विभाजित करने से भाषण प्रभावी लगता है।
पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण विषय के बारे में सारी जानकारी रखें। जब आपको विषय अच्छे से पता होगा तो आप दूसरों को भी बेहतर तरीके से समझा पाएंगे।
भाषण में कठिन शब्दों का इस्तेमाल न करें। समझने में आसान भाषा बोलने से श्रोता आपकी बात पर ध्यान देते हैं।
लोग स्पीच ध्यान से सुनें, इसके लिए उसमें रोचक तथ्य और उदाहरण शामिल करें।
पोडियम पर खड़े होने पर आत्मविश्वास दिखाएं। आवाज ऊँची रखें और श्रोताओं को ओर देखकर बोलें। भाषण देने वाले की शारीरिक मुद्रा और चेहरे के भाव बहुत मायने रखते हैं।
भाषण बहुत अधिक लंबा होने पर सुनने वालों को उबाऊ लग सकता है इसलिए अपनी बात को संक्षेप में लेकिन प्रभावी तरीके से कहें।
पर्यावरण से तात्पर्य हमारे चारों ओर मौजूद भौतिक, रासायनिक, और जैविक तत्वों का समूह है। यह प्राकृतिक और मानव निर्मित परिवेश होता है। पृथ्वी पर जीवन का आधार है।
वायु, जल और मृदा प्रदूषण के साथ जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग पर्यावरण हानि से होने वाली मुख्य समस्याएं हैं।
पर्यावरण के नुकसान के प्रमुख कारण बढ़ती जनसंख्या, वनों की कटाई, अनियोजित निर्माण, कृषि की दोषपूर्ण नीतियां आदि हैं।
पर्यावरण एक ऐसा विषय है जिसके सरंक्षण के लिए बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी आगे आने की जरूरत है। हमें पर्यावरण के महत्व, प्रदूषण की समस्याओं, और उनके समाधान पर बात करनी चाहिए। छोटे-छोटे बदलावों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के उपायों को अपनाने पर हम आने वाली पीढ़ियों को एक सुंदर, स्वस्थ और हरा-भरा माहौल दे पाएंगे। पर्यावरण पर भाषण देकर बच्चे अपने साथियों और हम उम्र लोगों को इस बारे जागरूक कर सकते हैं।
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