गर्भावस्था

स्तनपान के दौरान दूध की आपूर्ति कम किए बिना वजन घटाने के तरीके

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के द्वारा ज्यादा पोषण ग्रहण करने और शारीरिक एक्टिविटी कम करने से उनका वजन बढ़ जाता है। डिलीवरी के बाद कई महिलाएं प्राथमिक रूप से अतिरिक्त वजन घटाने के बारे में सोचती हैं। हालांकि जन्म के बाद सबसे जरूरी काम यह भी है कि शुरूआती कुछ महीनों तक बच्चे को आवश्यक पोषण मिलना चाहिए और शुरू के महीनों में बच्चे को पोषण सिर्फ उसकी माँ के दूध से ही मिलता है। इसलिए माँ के लिए जरूरी है कि वह इस समय न्युट्रिशियस आहार का सेवन करती रहे और डाइटिंग करने के बारे में न सोचे। 

क्या बच्चे को दूध पिलाने के दौरान वजन घटाना सुरक्षित है?

ब्रेस्टफीडिंग कराते समय एक योजना के अनुसार वजन कम करना सुरक्षित होता है। इस दौरान जल्दी-जल्दी वजन कम करने की सलाह नहीं दी जाती है और इसलिए आपको धीरे-धीरे वजन कम करना चाहिए। वजन कम करने का सबसे बेहतरीन तरीका है कि आप अपनी लाइफस्टाइल को हेल्दी रखें, कम फैट-युक्त खाना खाएं और नियमित रूप से रोजाना हल्की एक्सरसाइज करें। बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने से भी माँ का वजन कम होता है क्योंकि इस दौरान माँ के शरीर में स्टोर फैट से बच्चे के लिए दूध बनता है और उसे एनर्जी मिलती है। 

यदि आप बच्चे को अच्छी तरह से दूध पिलाने के साथ बैलेंस्ड डायट लेने और हल्की एक्सरसाइज करती हैं तो इससे आपको वजन कम करने में मदद मिलेगी और साथ ही आपके ब्रेस्टमिल्क की क्वालिटी व क्वांटिटी में भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। आप बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने के साथ-साथ अपना वजन भी घटा सकती हैं। 

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान वजन घटाना कब शुरू करें?

डिलीवरी के बाद एक माँ के लिए बच्चे और अपनी अन्य प्राथमिलताओं को संभालना बहुत ज्यादा चैलेंजिंग होता है क्योंकि इस समय बच्चे को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। इस दौरान आपको अपना वजन कम करने की ज्यादा चिंता नहीं होनी चाहिए। क्योंकि यदि वजन बढ़ने में लगभग 9 महीने लगे हैं तो वजन घटाने के लिए भी आपको उतना ही समय देना चाहिए। 

आप वजन घटाने की एक्टिविटीज शुरू करने के लिए डिलीवरी के बाद लगभग 6 महीने तक का इंतजार करें। यह शुरूआती 6 महीने परिवर्तन का समय है और इस समय माँ व बच्चा अपने जीवन के बदलावों को स्वीकार करने का प्रयास करते हैं। इस दौरान किसी और एक्टिविटी में व्यस्त होने के बजाय आपके लिए बच्चे पर ध्यान देने की ज्यादा जरूरी है। 

बच्चे को दूध पिलाने के दौरान वजन घटाने के तरीके

गर्भावस्था के बाद बेहतरीन योजना के साथ सही तरीके से वजन घटाने की आवश्यकता होती है। यहाँ इस बारे में कुछ टिप्स बताए गए हैं कि आप गर्भावस्था के बाद ब्रेस्टफीडिंग कराते समय वजन कैसे घटा सकती हैं, आइए जानें;

  1. नियमित रूप से हल्की एक्सरसाइज करें: आप हल्की एक्सरसाइज करने से शुरू कर सकती हैं जिससे आपके शरीर में ज्यादा तनाव न आए। सबसे पहले अपना एक एक्सरसाइज रूटीन बनाएं जिसमें आप लगभग 20 से 30 मिनट के लिए अपने बच्चे को लेकर टहलें। आप धीरे-धीरे करके अपनी एक्सरसाइज बढ़ा भी सकती हैं। हालांकि ब्रेस्टफीडिंग कराने के दौरान सावधानी बरतें और बहुत ज्यादा कैलोरी न घटाएं।
  2. भोजन खाने में कमी न करें: यदि आप कम खाना खाती हैं या भूखी रहती हैं तो इससे भी आपका वजन बहुत जल्दी कम हो सकता है पर यह आपको अंदर से कमजोर बनाता है और इससे बच्चे के लिए पर्याप्त दूध की आपूर्ति भी नहीं होगी। आप अपनी रोजाना की आवश्यकता के अनुसार सही डायट लेने के लिए डायटिशियन से सलाह जरूर लें। डाइटिंग करने से भी आप में दूध की आपूर्ति कम हो सकती है इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आप बच्चे को दूध पिलाने के दिनों में डाइटिंग न करें। इस समय आप हेल्दी खाद्य पदार्थ खाएं और अनहेल्दी खाद्य पदार्थों से बचें – इस तरह से आपका वजन नहीं बढ़ेगा।
  3. पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं: बहुत सारा पानी पीने से भी शरीर के वजन को बढ़ने से रोका जा सकता है। पानी पीने से पाचन क्रिया ठीक होती है और यह शरीर से टॉक्सिन्स को भी नष्ट करता है। बच्चे को दूध पिलाने के दौरान आपका हाइड्रेटेड रहना जरूरी है और पानी पीने से ऐसा हो सकता है। इससे आपका पेट भी भरा रहेगा और आपको भूख भी कम लगेगी।
  4. बच्चे को लगातार दूध पिलाएं: बच्चे के लिए दूध की आपूर्ति माँ के शरीर में मौजूद फैट से होती है। बच्चे के द्वारा ब्रेस्टफीडिंग करने से माँ के शरीर की बहुत सारी कैलोरी कम हो जाती है और इसलिए यह जरूरी है कि आप अपनी एक्सरसाइज और भोजन के बीच एक अच्छा बैलेंस बनाकर रखें।

वजन घटाने के लिए हेल्दी डायट

डिलीवरी के बाद बच्चे को दूध पिलाने के दौरान यदि आप निम्नलिखित न्यूट्रिशन-युक्त आहार का सेवन करती हैं तो इससे आपके बच्चे को आवश्यक न्यूट्रिशन मिलता रहेगा और आपका वजन भी स्वस्थ रूप से कम होगा। 

1. लगातार पर थोड़ा-थोड़ा खाएं

यदि आप नियमित अंतराल में थोड़ा-थोड़ा खाती हैं तो इससे आपका पेट भरा रहेगा और आपको खाने के बाद बार-बार अनावश्यक क्रेविंग नहीं होगी। इस बात का ध्यान रखें कि आप सिर्फ न्यूट्रिशन से भरपूर भोजन ही खाएं। इस दौरान आप जंक फूड और तैलीय खाद्य पदार्थ बिलकुल भी न खाएं।

2. न्यूट्रिशनल आहार ही खाएं

आप अपने आहार में विभिन्न प्रकार के हेल्दी खाद्य पदार्थ का सेवन करें। यहाँ पर दी हुई टेबल में कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ बताए गए हैं जिन्हें आप अपने रोजाना के आहार में खा सकती हैं, आइए जानें;

हेल्दी खाद्य पदार्थ विवरण
कार्ब्स और प्रोटीन आप कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन-युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें। प्रोटीन सेल्स को बनाने व ठीक करने में मदद करता है और यह बच्चे के विकास और वृद्धि के लिए भी बहुत जरूरी है। कार्बोहाइड्रेट से बच्चे को रोजाना आवश्यकतानुसार एनर्जी प्राप्त होती है।
हेल्दी फैट यदि आप अपने शरीर को पोषित रखना चाहती हैं तो आपके लिए हेल्दी फैट्स का सेवन करना भी बहुत जरूरी है। इस दौरान ट्रांस और सैचुरेटेड फैट्स का सेवन न करें और अपने आहार में मोनो-सैचुरेटेड और पॉली-अनसैचुरेटेड फैट-युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें।
आयरन-युक्त खाद्य पदार्थ और विटामिन ‘सी’ आप अपने आहार में हरी सब्जियां, होल ग्रेन्स, ड्राईफ्रूट्स और सेम में आयरन की मात्रा भरपूर होती है। इसके अलावा सिट्रस फल, टमाटर, स्ट्रॉबेरी और शिमला मिर्च में विटामिन ‘सी’ की मात्रा अधिक होती है। इन सभी खाद्य पदार्थों से शरीर स्थिर रहता है, इम्युनिटी में सुधार आता है, वजन कम होने में मदद मिलती है और बच्चे को न्यूट्रिशन भी मिलता है।
मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड से आँखों और मस्तिष्क के विकास में मदद मिलती है और साथ ही ओमेगा 3 फैटी एसिड के साथ-साथ मछली मिनरल का भी एक बेहतरीन स्रोत है।
साबुत अनाज फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे फल और सब्जियां भी पूर्ण आहार का एक मुख्य भाग होनी चाहिए।

3. रोजाना विटामिन सप्लीमेंट्स का सेवन करें

विटामिन्स शरीर में कैल्शियम को एब्सॉर्ब करने में मदद करते हैं और किसी भी समस्या के खतरे को बढ़ने से रोकते हैं, जैसे ब्लड प्रेशर और डायबिटीज। विटामिन्स इम्युनिटी को बढ़ाने में भी मदद करते हैं और यह आपको सामान्य रोग, जैसे सर्दी व जुकाम से सुरक्षित रखते हैं।

4. कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन न करें

बच्चे को दूध पिलाने के दौरान निम्नलिखित खाद्य पदार्थ न खाएं, जैसे; 

  • इस समय आप मसालेदार भोजन न खाएं क्योंकि इससे आपके बच्चे का पेट खराब हो सकता है।
  • इस दौरान आपके लिए जंक फूड और ट्रांस या सैचरेटेड फैट-युक्त खाद्य पदार्थ भी हानिकारक हैं।
  • कैफीन-युक्त पेय पदार्थ न लें।
  • एल्कोहल का भी न लें।
  • सब्जियां, जैसे पत्तागोभी, ब्रोकोली और फूलगोभी का सेवन न करें।

नोट: अपने आहार में कोई भी खाद्य पदार्थ शामिल करने से पहले आप डॉक्टर या डायटीशियन से सलाह जरूर लें। 

डिलीवरी के बाद आपके लिए वजन कम करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। वजन कम करते समय आपको धैर्य और खुद पर नियंत्रण रखना चाहिए। इस समय यदि आप डाइटिंग करती हैं या तुरंत वजन कम करने का प्रयास करती हैं तो यह आपके लिए हेल्दी नहीं होगा। यह सिर्फ आपके स्वास्थ्य को ही प्रभावित नहीं करता है बल्कि इससे आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है। इसलिए आप वजन कैसे घटा सकती हैं इसका प्लान बनाने के बजाय एक ही प्लान को फॉलो करें।  

यह भी पढ़ें:

शिशु और माँ के लिए ब्रेस्ट्फिडिंग के फायदे

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

22 hours ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

22 hours ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

22 hours ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

3 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

3 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

3 days ago