गर्भावस्था

स्तनपान के दौरान निप्पल में क्रैक और ब्लीडिंग

बच्चे को सही तरीके से दूध पिलाना एक कौशल है और नई माओं को इस प्रक्रिया को सीखने में थोड़ा समय लगता है। वैसे तो स्तनपान बच्चे और माँ दोनों के लिए फायदेमंद होता है, पर कभी-कभी माँ को कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। जिनमे से सबसे आम समस्याओं में से एक है, क्रैक निप्पल या निप्पल से खून बहना। आइए जानते हैं कि निप्पल में क्रैक कैसे होता है और इसे कैसे रोका जा सकता है।

क्रैक निपल्स क्या है?

जब आप स्तनपान कराना शुरू करती हैं, तो आप अपने निपल्स में कोमलता का अनुभव करती हैं जो काफी आम बात है। इस दौरान बच्चा जब दूध पीने के लिए स्तन को मुंह में लेता है और अगर वह ठीक से नहीं पकड़ पाता है, तो अपने मसूड़ों और जीभ के बीच निप्पल को जोर से दबाने की कोशिश करता है। जो दर्द और क्रैक निप्पल का कारण बनता है।

क्या स्तनपान के दौरान निप्पल क्रैक होना या निप्पल से खून बहना सामान्य है?

शुरुआत में, बच्चों को स्तनपान करने की आदत नहीं होती है और माओं को बच्चों को फीडिंग की प्रक्रिया सीखाना बहुत मुश्किल लगता है। यदि बच्चा ठीक से लैच नहीं कर पाता है, तो हो सकता है कि आपको क्रैक या ब्लीडिंग निपल्स की समस्या हो रही हो। लैचिंग की प्रक्रिया बताती है कि बच्चा कैसे निप्पल को अपने मुंह में लेता है। ज्यादातर माओं को स्तनपान के पहले कुछ दिनों के दौरान ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और जब बच्चा सही तरीके से लैच करना सीख जाता है तब यह प्रक्रिया आसान हो जाती है।

क्रैक निप्पल के संकेत और लक्षण

जब आप स्तनपान कराना शुरू करती हैं, तो आप कभी-कभी दूध में खून देख सकती हैं। हालांकि, अगर आपको कोई दर्द नहीं हो रहा है, तो स्तनपान के पहले सप्ताह के दौरान आपके निपल्स से होने वाला यह डिस्चार्ज सिर्फ स्तनों में ब्लड फ्लो और दूध पैदा करने वाले टिश्यू की वृद्धि के कारण हो सकता है। यह बिना किसी मेडिकल ट्रीटमेंट के कुछ दिनों में ठीक हो जाता है। हालांकि, यदि आपके निपल्स लाल, पॉइंटेड है और हर फीडिंग के बाद आपको दर्द महसूस होता है तो आपको अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

क्रैक निपल्स के कारण

निपल्स की नाजुक त्वचा निम्न कारणों से प्रभावित हो सकती है:

  • गलत तरीके से लैचिंग: अगर बच्चा सही तरीके से आपका स्तन मुँह में नहीं ले पा रहा है या ठीक से लैचिंग नही कर रहा है, तो आपके निप्पल में दर्द पैदा हो सकता है। बच्चे के लैचिंग के तरीके को बदलने से आप इस समस्या को दूर कर सकती हैं l
  • ड्राई स्किन या एक्जिमा: कपड़े पर लगे डिटर्जेंट, सेंट, साबुन, क्रीम और लोशन, एयर कंडीशनर, कूलर और हीटर के उपयोग से आपको एक्जिमा की समस्या हो सकती है। इससे आपको क्रैक निपल्स की परेशानी हो सकती है जिसके कारण आपको दर्द महसूस होगा l
  • ब्रेस्ट पंप का गलत उपयोग: ब्रेस्ट पंप के गलत उपयोग से आपके ब्रेस्ट टिश्यू को चोट पहुंच सकती है और ब्लीडिंग हो सकता है या क्रैक निप्पल की समस्या हो सकती है l
  • थ्रश: यह निप्पल की त्वचा पर होने वाला एक यीस्ट इन्फेक्शन है जिसकी वजह से आपको निप्पल में दर्द हो सकता है। यह इन्फेक्शन आपके बच्चे के मुँह के अंदर भी हो सकता है।
  • रेनॉड सिंड्रोम: यह मेडिकल समस्या कुछ महिलाओं में पाई जाती हैं जिसमें दूध पिलाने के बाद निप्पल सफेद हो जाते हैं और जब रक्त वापस अंदर आता है तो दर्द होता है।
  • बच्चे में टंग टाई होना: यदि आपके बच्चे को टंग टाई की समस्या है, तो उसे फीडिंग करने में परेशानी हो सकती है और वो अपनी जीभ से निपल्स को धक्का देता है। इससे आपके निप्पल में दर्द होगा और असुविधा हो सकती है।

क्रैक निपल्स के लिए उपचार

जिनके निप्पल में बहुत ज्यादा दर्द हो, उन माओं के लिए स्तनपान कराना काफी मुश्किल होता है। ब्रेस्टफीडिंग ट्रीटमेंट में कुछ सिंपल और माइनर नर्सिंग के तरीके बताए गए हैं जो आपके निप्पल में दर्द को रोकने और चोट लगने से बचाने में आपकी मदद करते हैं। आइए ब्लीडिंग निप्पल के कुछ ट्रीटमेंट पर नजर डालते हैं जो आपके क्रैक निप्पल को ठीक करने में भी मदद करेगा । 

बच्चे की लैचिंग को ठीक करें 

क्रैक निपल्स का उपचार बच्चे के सही तरीके से लैच करने से शुरू होता है। यदि लैचिंग के दौरान निप्पल का  आगे वाला हिस्सा बच्चे के मुँह में होता है तो इससे आपको तेज दर्द महसूस होगा, जब बच्चे की जीभ और तालू के बीच निप्पल आता है तो इसके कारण माँ और बच्चे दोनों को ही असुविधा होती है।

हालांकि, यदि बच्चा ब्रेस्ट टिश्यू वाले पार्ट को लैच करने के लिए बड़ा मुँह खोलता है तो निप्पल आराम से उसके मुँह में पीछे तक जाएगा, जहाँ नर्म और कठोर तालू मलते हैं। इस पोजीशन में, आपको पिंचिंग महसूस नहीं होती है और निपल्स पर कोई चोट भी नहीं आती है।

क्रीम लगाएं 

कई माएं क्रैक निपल्स के लिए लैनोलिन मरहम का उपयोग करती हैं। यह ट्रीटमेंट ब्लीडिंग निपल्स के लिए भी अपनाने को कहा जाता है जिससे घाव जल्दी भरने में आसानी होती है। यह दर्द को कम करता है और निपल्स पर घाव को जल्द ठीक करने में मदद करता है।

साबुन और लोशन के प्रयोग से बचें 

आपको यह सलाह दी जाती है कि क्रैक निपल्स पर साबुन, लोशन या सेंट न लगाएं। क्रैक निप्पल को सादे पानी से धोना सबसे अच्छा उपचार है।

नोट: यदि आप निप्पल शील्ड का उपयोग कर रही हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप इन्फेक्शन से बचने के लिए उन्हें अच्छी तरह स्टेरलाइज करें।

क्रैक निपल्स को कैसे मैनेज करें

स्तनपान के दौरान क्रैक निपल्स को मैनेज करने के कई सरल तरीके यहाँ आपको बताए गए हैं। आप इसका ट्रीटमेंट इन सरल तरीकों को अजमाकर कर सकती हैं। स्तनपान के दौरान क्रैक निप्पल को मैनेज करना जरूरी होता है, क्योंकि इस प्रक्रिया में आपके निप्पल में बहुत दर्द होता है जो फीडिंग के दौरान आपके लिए एक चुनौती हो सकता है।

स्तनपान से पहले

  • अपने हाथ धोएं: स्वच्छता बनाए रखने से इन्फेक्शन और रैशस से बचने में मदद मिलती हैl
  • आराम से बैठें और रिलैक्स करें: यह आपको और बच्चे दोनों को शांत करने में मदद करता है और आप आराम से फीडिंग करा पाती हैंl
  • लेट डाउन की तैयारी करें: दूध के फ्लो के लिए, आप स्तन को वार्म क्लॉथ से हल्के हल्के मसाज करें। यदि आपको क्रैक निप्पल की समस्या है, तो आप ब्रेस्ट पंप करके बच्चे को फीड करा सकती हैं। यदि आप ब्रेस्ट पंप की मदद से दूध निकालती हैं तो इस बात का खयाल रखें कि पंप बहुत स्ट्रोंग नहीं होना चाहिएl

स्तनपान के दौरान

  • सही तरीके से लैच करें: सुनिश्चित करें कि बच्चा आपके स्तन को सही तरीके से लैच करे। बच्चे को कम से कम एक इंच एरोअला अपने मुँह में लेना चाहिए
  • जब आप असहज महसूस करें तो रुक जाएं : यदि आप 30 सेकंड के बाद असहज महसूस करती हैं, तो बच्चे को हटा दें और उन्हें फिर से उन्हें लैच करने दें । ब्रेक लेने के लिए बच्चे के दूध पीने के दौरान अपनी अंगुली को धीरे से उनके मुँह के किनारे पर रखें, क्योंकि उन्हें अचानक हटाने से आपको चोट लग सकती है

स्तनपान के बाद

  • जाँच करें की क्या निपल्स लाल हैं: स्तनों का लाल पड़ना इसके क्रैक होने का लक्षण हो सकता है और समय पर ध्यान दिए जाने पर इसे बढ़ने से रोका जा सकता है l
  • स्तनों को साफ पानी से पोंछे और उन्हें सूखने दें: यह रैशस और त्वचा संबंधी बीमारियों को रोकने में मदद करता है
  • यदि आप ब्रेस्ट पैड का उपयोग कर रही हैं, तो उन्हें बार-बार बदलें: स्वच्छता बनाए रखने से स्तनपान के दौरान क्रैक निप्पल की समस्या से बचा जा सकता है l
  • अच्छी फिटिंग वाली ब्रा का प्रयोग करें: स्तनपान के कारण आपके स्तन भारी हो जाते हैं इसलिए उनको अच्छी तरह से सपोर्ट देने के लिए अच्छी ब्रा का प्रयोग करें l
  • अपने निपल्स को हवा लगने दें: सूखे निपल्स से जलन और इन्फेक्शन होने का खतरा कम होता है l

क्रैक निपल्स के लिए घरेलू उपचार

डॉक्टर के पास जाने से पहले, आप स्तनपान कराते समय क्रैक निपल्स के लिए कुछ घरेलू उपचार आजमा सकती हैं:

  • निप्पल पर थोड़ा दूध लगाएं और इसे हवा में सूखने दें। ब्रेस्ट मिल्क के एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण क्रैक निप्पल जल्दी ठीक होते हैंl
  • बच्चे को दूध पिलाने से पहले आइस पैक का इस्तेमाल करें। यह निप्पल को सुन्न कर देता है, इससे लैच के दौरान आपको ज्यादा दर्द नहीं होता है और यह क्रैक निप्पल का उपचार करने के बेहतरीन तरीकों में से एक है l
  • हल्के गर्म तेल की मालिश करने से प्रभावित क्षेत्र मॉइस्चराइज होता है, इससे त्वचा कोमल रहती है और यह रूखेपन को कम करने के साथ त्वचा को स्वस्थ्य बनाए रखने में मदद करती है। ऑलिव ऑयल, मीठा  बादाम और नारियल का तेल आदि का प्रयोग करने से इस क्षेत्र को मॉइस्चराइज करने और इसे ठीक करने में यह प्रभावी रूप से मदद करता हैl

क्रैक निपल्स को रोकने के तरीके

क्रैक निपल्स को रोकने के लिए यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं:

  • बच्चे में खुद ब खुद  स्तनपान करने की क्षमता होती है, थोड़ी सी मदद किए जाने पर वो अच्छी तरह से लैच कर सकते हैं। इसलिए बच्चे को थोड़ा समय दें ताकि वो लैच की प्रक्रिया को अच्छी तरह से सीख सके और इस प्रकार क्रैक निप्पल की समस्या को रोका जा सके। जिन बच्चों को लैच करने में परेशनी होती है, यदि उनकी मदद की जाए तो वो जल्द ही इस प्रक्रिया को सीख सकते हैं
  • बच्चे को कब भूख लगती है इस पर ध्यान दें और उन्हें समय समय पर फीड कराती रहें, इससे बच्चा हर बार अच्छी तरह से लैच कर सकेगा। यदि बच्चे को तेज भूख लगी होगी तो वो आपके निप्पल को जोर से पकड़ सकता है, जिससे आपको ज्यादा दर्द हो सकता है

क्या क्रैक निपल्स की समस्या बच्चे को भी प्रभावित करती है?

ज्यादातर, क्रैक निप्पल के कारण बच्चे को समस्या बही होती है, हालांकि यह माँ के लिए काफी पीड़ादायक होता है। दूध के साथ थोड़ा खून आना बच्चे को नुकसान नहीं पहुँचाता है। यदि आप दर्द को सहन कर सकती हैं, तो आपको यह सलाह दी जाती है कि आप बच्चे को स्तनपान कराना जारी रखें। अपने बच्चे को सही तरीके से फीडिंग सिखाने के लिए उनकी मदद करें, ताकि आपके निप्पल जल्दी ठीक हो सकें। यदि आपको फीडिंग के दौरान बहुत ज्यादा दर्द होता है तो आप बोतल का उपयोग करके अपने बच्चे को फीडिंग करा सकती हैं।

डॉक्टर से कब परामर्श करें

हालांकि स्तनपान के दौरान निप्पल में दर्द होना या उनका क्रैक होना सामान्य है, यदि यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।  

स्तनपान माँ और बच्चे के बीच के संबंध को और गहरा करता है इसलिए यह प्रक्रिया दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है, यदि आपको इस प्रक्रिया में लगातार समस्या हो रही हो, तो डॉक्टर या स्तनपान विशेषज्ञ से परामर्श करें। 

यह भी पढ़ें:

स्तनपान के दौरान होने वाली आम समस्याएं और उनका समाधान
स्तनपान के दौरान मिल्क डक्ट्स ब्लॉक होना

समर नक़वी

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

4 days ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

4 days ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

4 days ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

6 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

6 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

6 days ago