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सूरज और हवा के बीच झगड़े की कहानी बहुत पुरानी है। इस कहानी में बताया गया है कि कैसे एक बार सूर्य और हवा इस बात पर बहस करने लगे कि कौन ज्यादा ताकतवर है। इस बहस का अंत कैसे हुआ और कौन आखिर में अधिक ताकतवर निकलता है जानने के लिए कहानी पढ़ें।
रामायण की इस कहानी में 3 मुख्य पात्र हैं।
बहुत समय पहले की बात है, एक बार हवा और सूरज में इस बात पर बहस छिड़ गई कि दोनों में अधिक ताकतवर कौन है। हवा को अपनी तेज गति का बहुत अहंकार था। उसने सूरज से कहा – “मैं अगर तेज गति से बहने लगूं तो तूफान बन जाती हूँ और बड़े-बड़े पेड़ उखाड़ सकती हूँ। मैं तुमसे कहीं अधिक बलवान हूं।”
सूरज ने हवा का कहना बड़े ही शांत तरीके से सुना और उससे कहा – “तुम्हें इस तरह खुद पर घमंड नहीं करना चाहिए।”
यह सुनकर हवा बहुत चिढ़ गई और अपना और भी बखान करने लगी। दोनों में विवाद चल ही रहा था कि तभी उन्हें एक राहगीर जाता दिखाई दिया जिसने कोट पहन रखा था। उसे देखकर सूरज को एक युक्ति सूझी। उसने हवा से कहा –
“चलो मुकाबला करते हैं। हममें से जो इस आदमी से उसका कोट उतरवा देगा, वह दूसरे से ज्यादा शक्तिशाली होगा।”
हवा ने सूरज की बात मान ली और उसने पहले अपनी ताकत का प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। उतनी देर के लिए उसने सूरज को बादलों की आड़ में छिप जाने को कहा। सूरज बादलों के पीछे छिप गया। अब हवा धीरे-धीरे बहने लगी लेकिन इससे उस राहगीर पर कोई असर नहीं हुआ और उसने कोट नहीं उतारा। फिर हवा ने अपनी गति बढ़ाई और तेजी से बहने लगी। इससे उस आदमी को ठंड लगने लगी और उसने अपने कोट के बटन लगाकर उसे और कस लिया। काफी समय तक हवा तेज गति से बहती रही, लेकिन राहगीर ने कोट नहीं उतारा। आखिरकार थककर हवा शांत गई।
अब सूरज की बारी थी, वह बादलों से निकला और हल्की धूप चमकने लगी जिससे राहगीर को ठंडक से राहत मिल गई। उसने बटन खोल दिए और कोट ढीला कर दिया। थोड़ी देर बार सूरज तेजी से चमकने लगा और धूप बहुत तेज हो गई। अब आदमी को गर्मी लगने लगी, जिससे उसे कोट की गर्माहट की जरूरत ही नहीं रही। अंततः राहगीर ने अपना कोट उतार दिया।
हवा ने यह देखा तो खुद पर बहुत लज्जित हुई और उसने सूरज से हार मान ली।
सूरज और हवा की कहानी से यह सीख मिलती है कि कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए। चाहे आप में कितने भी गुण हों लेकिन घमंड बहुत बुरी चीज है और घमंडी का सिर कभी न कभी नीचे होता ही है।
घमंडी हवा और सूरज की बहस की यह कहानी नैतिक कहानियों में आती है क्योंकि इससे बच्चों को नैतिक शिक्षा मिलती है कि घमंड करना बुरी बात है।
हवा घमंडी थी जिसे अपनी तेज गति का गुरूर था।
हवा ने सूरज से कहा कि वह अधिक ताकतवर है। जबकि सूरज ने हवा से कहा कि वह हवा से ज्यादा शक्तिशाली है।
बच्चों को कहानियों के माध्यम से अच्छी बातें सिखाना और नैतिक शिक्षा देना जरूरी होता है। मजेदार और रोचक तरीके से, जानवरों के कैरेक्टर बनाकर, निर्जीव वस्तुओं को सजीव बनाकर आदि कई तरीकों से कहानी सुनाने से बच्चे उसमें इंटरेस्ट लेते हैं और कहानी में छुपे अर्थ और उससे मिलने वाली शिक्षा को समझ पाते हैं।
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