गर्भावस्था

स्वस्थ बच्चे के लिए गर्भावस्था के दौरान खाने के लिए 15 प्रकार के आहार

गर्भावस्था, हालांकि महिलाओं के जीवन में सबसे ज़्यादा खुशी के पलों में से एक है, लेकिन इस दौरान मनोवैज्ञानिक और शारीरिक तनाव भी रहते हैं इसलिए गर्भवती महिलाओं के लिए अपने जीवन की इस दशा के दौरान खुद की देखभाल करना ज़रूरी है। देखभाल, आहार और पोषण के विषय पर चर्चा करते समय, गर्भावस्था के दौरान क्या खाना चाहिए, इस पर विशेष ध्यान दिया जाता है। गर्भवती महिलाओं को अपने और अपने बच्चे, दोनों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं का विशेष ध्यान रखते हुए भोजन करना चाहिए।

अध्ययनों से पता चला है कि गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन तीन सौ से पाँच सौ अतिरिक्त कैलोरी की आवश्यकता होती है। अतिरिक्त कैलोरी की आवश्यकता के साथसाथ एक हज़ार दो सौ मिलीग्राम कैल्शियम, छह सौ से आठ सौ माइक्रोग्राम फॉलेट और सत्ताईस मिलीग्राम आयरन का सेवन करने की आवश्यकता होती है।

एक आहार जिसमें उपयुक्त सभी पोषण संबंधी आवश्यकताएं शामिल होंगी यह कहना मुश्किल लग सकता है; अच्छी बात यह है कि अतिरिक्त पोषक तत्वों को अपने भोजन में शामिल करना उतना मुश्किल नहीं है जितना कि महसूस होता है। पोषक तत्वों का सेवन काफी हद तक हमारे द्वारा पसंद किए जाने वाले भोजन पर निर्भर करता है। गर्भावस्था के दौरान आवश्यक निम्नलिखित आहार के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें।

गर्भवती महिलाओं के लिए 15 स्वस्थ्यकर आहार की सूची

गर्भावस्था के दौरान खाने के लिए उन स्वस्थ्यकर खाद्य पदार्थों की एक सूची नीचे दी गई है जो स्वस्थ बच्चे के लिए आवश्यक हैं।

1. अंडे

अंडा जिसे सुपर फूड माना जाता है, प्रोटीन, विटामिन और खनिजों का एक अच्छा स्रोत है। अंडे में प्रोटीन बनाने वाले अमीनो एसिड कोशिकाओं के पुनरुत्पादन और उनकी दुरुस्ती के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और एक स्वस्थ बच्चे के लिए विशेष रूप से आवश्यक होते हैं।

एक बड़े अंडे में आवश्यक प्रोटीन, वसा, विटामिन और खनिजों के अलावा लगभग 80 कैलोरी होती है जो शिशुओं के बढ़त और विकास के लिए आवश्यक हैं। इसके अतिरिक्त, एक अंडे में एक सौ बारह मिलीग्राम कॉलिन होता है, जो कि गर्भवती महिलाओं के लिए कॉलिन की अनुशंसित मात्रा की आवश्यकता एक चौथाई के बराबर है। कॉलिन अजन्मे बच्चे के तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क के विकास के लिए आवश्यक है।

अंडे गर्भावस्था के दौरान पोषक तत्वों की अधिक मात्रा का सेवन करने में मदद के लिए सबसे आसान उपलब्ध पोषक खाद्य पदार्थ में से एक हैं।

सुझाव: हर दूसरे दिन या सप्ताह में तीन बार, केवल दो अंडों का उपयोग करके स्वादिष्ट आमलेट बनाना अपेक्षाकृत आसान है। उसमें सब्जियाँ और चीज़ मिला देने से न केवल आमलेट ज़्यादा स्वादिष्ट बनेगा, बल्कि उसका पोषण मान भी बढ़ेगा। यदि आप तले हुए भोजन से बचना चाहती हैं, तो कई अंडे उबाल कर उन्हें फ्रिज में स्टोर कर लें । आहार में इन्हें शामिल करने का यह एक आसान तरीका है। हर बार भूख लगने पर एक उबला हुआ अंडा लें और इसे पूरा खाएं, आप उबले हुए अंडे का सलाद बना कर भी खा सकती हैं। कुछ महिलाएं गर्भावस्था के दौरान मांस का सेवन नहीं करना चाहती हैं और अंडे, मांस के प्रोटीन का विकल्प के रूप में सबसे अच्छे खाद्य पदार्थ है।

2. नाश्ते में खाए जाने वाले दृढ़ अनाज

अनाज के स्वास्थ्य लाभ काफी समय से जानेपहचाने तथा सिद्ध हैं, खासकर मल्टिग्रेन अनाज। दृढ़ अनाज, वे अनाज होते हैं जो अतिरिक्त विटामिन और आयोडीन सहित अतिरिक्त खनिजों से दृढ़ किए जाते हैं।

अनाज, विशेष रूप से साबुत अनाज आहार फाइबर से भरपूर होते हैं और इसलिए इनसे पेट अत्यधिक भर जाता है, यह गर्भावस्था के दौरान महत्वपूर्ण है क्योंकि हॉर्मोन मे परिवर्तन होने के कारण अचानक तेज़ भूख लगने लगती है । खनिज और विटामिन के अतिरिक्त लाभों के अलावा, दृढ़ अनाज गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में दूध और उसके लाभों को शामिल करने में सहायता करते हैं।

सुझाव: अपने आहार में दृढ़ अनाज को शामिल करने के लिए सबसे पहले सही प्रकार के अनाज को चुनना ज़रूरी है। गर्भवती महिलाओं को ऐसे अनाज चुनने चाहिए जिनमें फाइबर और फॉलिक एसिड की मात्रा अधिक होती है और चीनी की मात्रा कम होती है। आपके द्वारा चुने गए अनाज में कार्बोहाइड्रेट का सही संतुलन भी होना चाहिए जो शरीर को आवश्यक ईंधन और ऊर्जा प्रदान कर सकता है । हालांकि, हर दिन नाश्ते में केवल अनाज खाना अनिवार्य नहीं है , सप्ताह में दो या तीन बार कटोरा भर कर अनाज का सेवन करना पर्याप्त होता है । अनाज में बिना कुछ मिलाए भी खाया जा सकता है, उसमें दूध और नट, बैरी और फलों के मिला लेने से भोजन वास्तव में स्वादिष्ट हो जाएगा।

3. केला

केला प्रकृति का सबसे अच्छा उपहार है और गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे अच्छा भोजन है। एक केले में एक सौ से अधिक कैलोरी होती है और यह फॉलिक एसिड, विटामिन बी 6, कैल्शियम और पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत है। इसके अतिरिक्त, केले में एंटीऑक्सिडेंट अच्छी मात्र में मौजूद हैं और यह बहुत बढ़िया ऊर्जा वर्धक भी है।

सुझाव: गर्भवती महिलाएं प्रतिदिन तीन से चार केले का सेवन कर सकती हैं और गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक भूख को प्रभावी ढंग से शांत कर सकती है। एक केले के साथ एक गिलास दूध पूर्ण भोजन माना जाता है, आप केले और दूध को फेट कर स्वादिष्ट और पौष्टिक स्मूदी भी बना सकती हैं।

4. शकरकंद

शकरकंद में फाइबर, फोलिक एसिड, विटामिन सी और बीटाकैरोटीन जैसे पोषक तत्व होते हैं। शकरकंद में मौजूद यौगिक बीटाकैरोटीन अजन्मे बच्चे के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। शरीर में बीटाकैरोटीन विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है। विटामिन ए कोशिकाओं और ऊतकों की वृद्धि , दुरुस्ति और विशिष्टीकरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह जन्म देने की प्रक्रिया के दौरान क्षतिग्रस्त कोशिकाओं और ऊतकों को ठीक होने में भी मदद करता है।

सुझाव: शकरकंद को विभिन्न तरीकों से खाया जा सकता है, सबसे आसान व्यंजन है उसे बेक करना। बस शकरकंद को छीलें और फ्रेंच फ्राइज़ के समान काटें, बेकिंग ट्रे पर रखें और पैंतालीस मिनट तक या नर्म होने तक बेक करें। बेक की हुई शकरकंद में जैतून के तेल की कुछ बूंदें डालकर खाया जा सकता है या फिर कई प्रकार के डिप्स और सॉस के साथ भी इसे लिया जा सकता है।

5. मछली के लीवर का तेल

मछलियों के लिवर, ज़्यादातर कॉड (कॉड लिवर ऑयल) से प्राप्त तेल ,, ओमेगा -3 फैटी एसिड का एक अच्छा स्रोत है और इससे प्राप्त होने वाले स्वास्थ्य लाभ के लिए यह दुनिया भर में जाना जाता है। फिश लिवर तेल में विटामिन डी, .पी.. और डी.एच.. उच्च मात्रा में होते हैं और अजन्मे बच्चे के मानसिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मछली के लिवर का तेल, एक संभावित घातक गर्भावस्था संबंधी परेशानी प्रीक्लेम्पसिया से रक्षा करता है।

सुझाव: मछली के लीवर का तेल को चम्मच से पीया जा सकता है या फिर कैप्सूल के रूप में भी इसे लिया जा सकता है। इसकी खुराक के संबंध में अपने डॉक्टर, या न्यूट्रिशनिस्ट से परामर्श लें क्योंकि इस तेल का आवश्यकता से अधिक सेवन करने से रक्त संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

6. बिना चर्बी वाला मांस

गर्भवती होने पर आयरन की कमी से थकावट और क्लांति हो सकती है, गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में आयरन लेना सुनिश्चित करना चाहिए क्योंकि उनके शरीर को बढ़ी हुई रक्त की मात्रा की पूर्ति के लिए आयरन की दोगुनी मात्रा की आवश्यकता होती है। बिना चर्बी वाला मांस, आयरन और प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं, चिकन (बिना स्किन के) प्रोटीन से भरपूर होता है। बीफ़ और पोर्क में विटामिन बी, कॉलिन और आयरन भी होता है।

सुझाव: प्रोसेस्ड मीट और कोल्ड कट से बचना चाहिए क्योंकि इनसे संक्रमण हो सकता है, ग्रिल किया हुआ चिकन पेट भरने वाला और स्वादिष्ट विकल्प है। पार्श्वभाग के मांस से बना भोजन स्टीक नर्म और स्वादिष्ट होता है ।

7. होल ग्रेन ब्रेड

होल ग्रेन ब्रेड में व्हाइट ब्रेड की तुलना में अधिक फाइबर, ज़िंक और आयरन होता है। अतिरिक्त फाइबर, आयरन औऱ ज़िंक गर्भवती महिला के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं।

सुझाव: गर्भवती महिलाओं के लिए फाइबर का दैनिक सेवन पैंतीस ग्राम या उससे अधिक प्रतिदिन होना चाहिए, व्हाइट ब्रेड के बजाए होल ग्रेन ब्रेड खाने से फाइबर की आवश्यक मात्रा की आसानी से पूर्ति हो जाती है। सप्ताह में तीन से चार दिन चाय के समय पर एक साधारण सब्ज़ियों के साथ बना सैंडविच आसानी से तैयार किया जा सकता है।

8. पीनट, आदि का बटर

हम में से बहुत से लोगों के पास पीनट बटर सैंडविच की मीठी यादें मौजूद होंगी जो हम अपने स्कूल के दिनों में बड़े शौक से खाते थे। बहुत से लोगों को पता नहीं है कि अन्य नट्स से भी स्वास्थ्यकारी बटर बनाया जा सकता है। बादाम, नारियल और ब्राज़ील नट सभी से एक स्वास्थ्यकारी बटर बनाया जा सकता है जिनमें आवश्यक असंतृप्त वसा होती है। वसा का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए ज़रूरी है क्योंकि यह उन्हें पेट भरे रहने का एहसास कराने में मदद करता है। इसके अलावा, अजन्मे शिशु के मस्तिष्क को सही तरह से विकसित होने के लिए वसा का सेवन आवश्यक है।

सुझाव: पीनट बटर में उच्च कैलोरी मान और अधिक मात्रा में वसा होने के कारण इसका दैनिक सेवन दो बड़े चम्मच से अधिक नहीं करना चाहिए। पीनट बटर, या अपनी पसंद के किसी भी नट बटर से बना सैंडविच अचानक लगी तेज़ भूख से को शांत करने का यह प्रभावी और स्वास्थ्यकर तरीका है।

9. ओटमील

जटिल कार्बोहाइड्रेट का सेवन हमारे शरीर के लिए आवश्यक है, यह गर्भवती महिलाओं के लिए और भी अधिक ज़रूरी है। कार्बोहाइड्रेट तत्काल ऊर्जा में परिवर्तित हो कर हमारी दैनिक गतिविधियों के लिए ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति करता है। ओटमील न केवल ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत है,बल्कि कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद करता है। इसके अतिरिक्त ओटमील सेलेनियम, कैल्शियम, विटामिन बी 1 और फॉस्फोरस से भरपूर है।

सुझाव: ओटमील को अपने आहार में शामिल करने का सबसे आसान तरीका है जब भी भूख लगे, इसे थोड़े से दूध के साथ उबालें और इसे खाएं।

10. सामन मछली

ओमेगा -3 फैटी एसिड, कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर सामन मछली का गर्भावस्था के दौरान विशेष रूप से सेवन किया जाना चाहिए। ओमेगा -3 जैसे फैटी एसिड, अजन्मे बच्चे के तंत्रिका तंत्र और मानसिक विकास के लिए आवश्यक है।

सुझाव: अपने आहार में सामन मछली को शामिल करने का सबसे आसान तरीका है, सामन मछली के फ़िलेट पर नमक और काली मिर्च छिड़कें और पैन में जैतून का तेल में पकाएं, आप इसे सप्ताह में तीन बार ले सकती हैं ।

11. ग्रीक योगर्ट

जो गर्भवती महिलाएं कैल्शियम का पर्याप्त सेवन नहीं करती हैं, उनमें बच्चे को कैल्शियम उपलब्ध कराने के कारण और अधिक कमी हो सकती है। ग्रीक योगर्ट डेयरी उत्पादों में कैल्शियम का सबसे अच्छा स्रोत है। इस वजह से यह न केवल गर्भावस्था में माँ के शरीर के लिए अच्छा होता है बल्कि बच्चे की मजबूत हड्डियों और दाँतों को विकसित करने में भी मदद करता है। इसके अलावा, ग्रीक योगर्ट बैक्टीरिया से पाचन में सुधार के लिए भी जाना जाता है ।

सुझाव: योगर्ट में बारीक कटे हुए टमाटर और खीरा डालें, अच्छी तरह मिलाएं और यदि संभव हो तो रोज़ाना नाश्ते में इसे लें ।

12. ब्रोकोली

ब्रोकोली पोटेशियम, आयरन, फॉलेट , विटामिन ए, सी और के से भरपूर होती है। ब्रोकोली में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए भी यह जानी जाती है। जो गर्भवती महिलाएं अक्सर ब्रोकोली का सेवन करती हैं, उनके बच्चों का जन्म के समय वज़न कम होने की संभावना कम होती है।

सुझाव: पकाई गई ब्रोकोली अन्य सब्जियों और मांस के साथ पास्ता में डाली जा सकती है ताकि एक स्वादिष्ट और स्वस्थ भोजन बनाया जा सके।

13. वसारहित दूध

बच्चों को पर्याप्त कैल्शियम प्राप्त करने के लिए रोज़ाना दो गिलास दूध पीने को कहा जाता है किन्तु अधिकांश वयस्क उसी से वंचित होते हैं। जैसा कि ऊपर बताया गया है कि अजन्मे बच्चों की वृद्धि और विकास के लिए कैल्शियम आवश्यक है। वसारहित दूध आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध कराता है और कम वसा वाला दूध अनावश्यक वज़न बढ़ने से रोकता है ।

सुझाव: दूध का एक गिलास कैल्शियम की दैनिक आवश्यकता का पच्चीस से तीस प्रतिशत पूर्ति करता है; गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन एक गिलास वसारहित दूध का पीने की कोशिश करनी चाहिए।

14. बीन्स

बीन्स, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होते हैं, उनमें मौजूद उच्च मात्रा में पोटेशियम और मैग्नीशियम गर्भवती महिलाओं के लिए भी उपयोगी होता है। गर्भवती महिलाओं को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उनमें से एक हैं कब्ज़। बीन्स की मदद से कब्ज़ जैसी समस्या को खत्म किया जा सकता है।

सुझाव: बेक्ड बीन्स और ब्रेड बीचबीच में लेते रहना अच्छा होता है, चावल के साथ पकी हुई फलियाँ (राजमा चवाल) भी गर्भवती महिलाओं के लिए एक स्वादिष्ट विकल्प है।

15. चीज़

चीज़ एक और कैल्शियम का बहुत अच्छा स्रोत है और इसमें दूध के प्रोटीन भी मौजूद होते हैं। हालांकि गर्भवती महिलाओं को कुछ प्रकार के चीज़ का सेवन करना मना हैं लेकिन चेडर और मोज़ेरेला जैसे बाज़ार में बिकने वाले चीज़ पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं।

सुझाव: अपने पसंदीदा पिज़्ज़ा में हर बार ढेर सारी मात्रा में मोज़ेरेला चीज़ की टॉपिंग के साथ सेवन करना गर्भवती महिला के आहार में चीज़ को शामिल करने का एक मज़ेदार तरीका है।

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा काफी बढ़ जाती है। अतिरिक्त पोषक तत्वों की आवश्यकता माँ के शरीर के तनाव और गर्भावस्था के तनाव से निपटने के लिए तथा गर्भ में पल रहे बच्चे को आवश्यक पोषण प्रदान करने के लिए होती है। अच्छी बात है कि बढ़ी हुई पोषण संबंधी आवश्यकताओं को कुछ खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल करने से आसानी से पूरा किया जा सकता है। इससे भी अधिक रोमांचक यह है कि खाद्य पदार्थों के विभिन्न प्रकार जिन्हें इस उद्देश्य के लिए आहार में शामिल किया जा सकता है।

सुरक्षा कटियार

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