स्वच्छता पर निबंध (Essay On Cleanliness In Hindi)

स्वच्छता पर निबंध (Essay On Cleanliness In Hindi)

स्वच्छता का अर्थ है अपने आसपास की जगह को गंदगी से मुख्त रखना और खुद को साफ सुथरा रखना। लेकिन सिर्फ अपने घर की और खुद की सफाई, स्वच्छता नहीं होता है। बल्कि स्वच्छता का मतलब हमारे घर से आस-पड़ोस में भी मौजूद गंदगी जैसे धूल, मिट्टी, खुला कचड़ा, जमा हुआ गंदा पानी, गढ्ढे, आदि इन सब से भी मुक्त होना जरूरी है। अगर हमारे चारों तरफ सफाई बनी रहेगी तो हमारा स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा। वैसे तो कहा जाता है कि अगर आपका मन साफ है तो आप तब भी स्वच्छ माने जाते हैं। इंसानों के लिए मन की सफाई आस-पास की सफाई जितना ही महत्वपूर्ण हो गया है। स्वच्छता को बरकरार रखने के लिए हमारे देश के प्रधानमंत्री भी स्वच्छता अभियान का पालन करने का आग्रह करते हैं। ऐसी ही कुछ स्वच्छता की आदतों का पालन बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी करना चाहिए ताकि वह कई तरह की बीमारियों से बच सकें।

स्वच्छता पर 10 लाइन का निबंध (10 Lines On Cleanliness In Hindi)

अगर आप स्वच्छता पर 100 शब्दों का निबंध या पैराग्राफ या लेख चाहते हैं तो नीचे दिए गए स्वच्छता पर 10 लाइन जरूर पढ़ें।

  1. स्वच्छता यानी खुद की, अपने घर की और आसपास की साफ-सफाई होती है।
  2. बेहतर स्वास्थ्य के लिए अपने शरीर की सफाई रखना बेहद जरूरी है।
  3. अपने वातावरण को हमेशा स्वच्छ रखें और कूड़े को कूड़ेदान में ही फेंके।
  4. गंदगी और गंदगी फैलाने वाली सभी आदतों से दूरी बनाएं।
  5. बच्चों को भी साफ-सफाई की महत्ता के बारे में समझना चाहिए।
  6. स्वच्छ भारत अभियान पर बढ़ चढ़कर हिस्सा लेनी चाहिए।
  7. शौच के लिए हमेशा शौचालय में जाएं, यहाँ वहां गन्दगी ना फैलाएं।
  8. अपने हाथों को बार बार साबुन और पानी से धोएं।
  9. साफ वातावरण के साथ इंसान को अपने मन की सफाई भी रखना जरूरी है।
  10. आसपास की साफ सफाई के लिए प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करें।

स्वच्छता पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay on Cleanliness in Hindi 200-300 Words)

अगर आपके बच्चे को 200 से 300 शब्दों के बीच प्रदुषण पर अनुच्छेद लिखना है तो उन्हें नीचे दिए गए शॉर्ट एस्से का सुझाव दे सकते हैं।

स्वच्छता हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। बचपन से ही हमें यह सिखाया जाता है कि हमें हमेशा साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए। स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो हम सब में होनी चाहिए। हमे अपने घर, स्कूल, आसपास की   साफ-सफाई का ख्याल खुद रखना चाहिए। इस प्रकार यह कार्य किसी एक का न होकर हम सब की जिम्मेदारी का हिस्सा बन जएगा और सबके सहयोग से देश स्वच्छ रहेगा। अगर हमारे घर में पालतू जानवर हो या हम जानवरों के शौकीन हो तो हमें उनकी सफाई का भी ध्यान रखना चाहिए उन्हें समय समय पर नहलाना चाहिए। इसी प्रकार हमें खुद भी रोजाना नहा कर साफ कपड़े पहनना चाहिए। जब भी हम कहीं बाहर से आते हैं तो हमे सबसे पहले अपने हाथों को धोना चाहिए, क्योंकि जब हम बाहर होते हैं तो कई ऐसी चीजों के संपर्क में आते हैं जो संक्रमित होती हैं और हम उनसे गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं। हम हाथों का प्रयोग अधिक करते हैं इसलिए सबसे पहले अपने हाथों का धोना चाहिए और संभव हो तो उसके बाद स्नान भी कर लें, ताकि हम खुद को और अपने परिवार व अपने आस-पास मौजूद अन्य लोगों को बीमारियों से दूर रख सकें। देश में स्वछता को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को ‘स्वच्छ भारत अभियान’ शुरू किया। इसका असर काफी सकारात्मक रूप से देखने को मिल रहा है और लोग देश को गंदगी मुक्त बनाने के लिए समूह में काम कर रहे हैं। यह समूह शहर शहर और गाओं तक पहुंच कर लोगों में स्वछता के प्रति जागरूकता फैलाने का काम कर रहा है। यह अभियान राष्ट्रीय स्तर का अभियान है जिसका मकसद गलियों, सड़कों को साफ-सुथरा करना और कूड़ा साफ रखना है। ताकि देश का विकास तेजी से हो और बाहरी देशों के पर्यटक ज्यादा से ज्यादा हमारे देश में आएं और देश की अर्थव्यवस्था में भी बढ़ोतरी हो। ‘’देश तभी साफ होगा जब सफाई में सबका हाथ होगा’’ इसी नारे के साथ हमे देश की प्रगति के लिए स्वछता का खास ख्याल रखना है।

घर की साफ-सफाई

स्वच्छता पर निबंध 400-500 शब्दों में (Essay on Cleanliness in 400-500 Words)

अगर आप अपने बच्चे को राइटिंग कम्पोजिशन में भाग दिला रही हैं जिसमें उसे 400 से 500 शब्दों के बीच हिंदी में स्वच्छता पर एस्से लिखना है तो आप उन्हें इस लॉन्ग एस्से का सुझाव दे सकती हैं। आइए देखते हैं:

स्वच्छता की शुरुआत सभी को सबसे पहले अपने घर से करनी चाहिए। इसलिए अपने घर को साफ रखना बहुत जरूरी है। जैसे कि, घर में कूड़ा फैलाकर नहीं रखें, कूड़ा जब भी फेंके तो कूड़ेदान में ही फेंके, अपने आसपास पेड़-पौधे लगाएं, गंदा पानी इकठ्ठा होने से बचाएं आदि। यह आदतें काफी लाभदायक होती हैं। यह आदतें घर से शुरू होकर बाहर सड़कों और स्कूलों में पहुंचना जरूरी है। इसके अलावा हमें दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करना चाहिए क्योंकि उनके लिए भी स्वच्छता उतना ही जरूरी है।

स्वच्छता क्या है? (What Is Cleanliness?)

स्वच्छता का मतलब खुद को, अपने परिवार को और अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखना होता है। स्वच्छता की आदतों का पालन करने के लिए कभी भी किसी के जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए बल्कि एक दूसरे को इन आदतों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो किसी के भी जीवन को बेहतर बना सकती है और कई बिमारियों से बचा कर लंबी उम्र भी प्रदान करती है। बच्चे यह आदतें सबसे पहले अपने माता-पिता फिर उसके बाद अपने शिक्षक से सीखते हैं। स्वच्छता से जुड़ी अच्छी आदतों का पालन करने के लिए बच्चों को बचपन से ही प्रोत्साहित करना चाहिए। इससे उन्हें जागरूकता हासिल होगी। साफ-सफाई कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है बल्कि अगर आप ठान लें, तो आसानी से पालन किया जा सकता है। स्वच्छता से समझौता करने की गलती कभी नहीं करनी चाहिए। यह मनुष्यों और जानवरों के स्वास्थ्य और विकास के लिए जरूरी है।

स्वच्छता के प्रकार (Type of Cleanliness)

स्वच्छता को आमतैर पर दो अलग-अलग भागों में बांटा जा सकता है। पहला व्यक्तिगत स्वच्छता और दूसरा पर्यावरण की स्वच्छता।

व्यक्तिगत स्वच्छता

स्वच्छता आपके व्यक्तिगत सफाई में अहम भूमिका निभाता है। इसमें हमे अपने शरीर और व्यक्तिगत सामान की सफाई रखना जरूरी है। व्यक्तिगत रूप से स्वच्छ रहने का मतलब होता है- साफ और धुले कपड़े पहनना, रोज नहाना, ब्रश करना, अच्छी आदतें अपनाना आदि। सिर्फ इतना ही हम जहां भी जाते हैं चाहे वो ऑफिस हो या फिर कहीं और, व्यक्तिगत स्वच्छता दूसरों को भी प्रभावित करती है। क्या आपका ऑफिस जहां आप अपने दिन का आधे से ज्यादा समय बिताते हैं, वह गन्दा रहता है? अगर ऐसा है, तो आपको स्वच्छता की आदतों का पालन करना बेहद जरूरी है। स्वच्छता केवल आपके शरीरिक रूप तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह उससे कई गुना है।

पर्यावरण स्वच्छता

पर्यावरण से जुड़ी स्वच्छता से यह तात्पर्य है कि हमारे आसपास की वह चीजें जिनसे कम हस्तक्षेप कर के बेहतर पर्यावरण का विकास कर सकते हैं। यदि हम अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाते हैं तो इससे हमारे पर्यावरण को कई फायदें हासिल होंगे। यह तो हर किसी को पता है कि जैसे हम अपना शरीर साफ रखते हैं और उसको किसी भी तरह की परेशानी से बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करते हैं, उसी तरह पर्यावरण को भी स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी हमारी है।

स्वच्छता के फायदें (Benefits Of Cleanliness)

  • स्वच्छता बनाए रखने से आपका स्वास्थ्य हमेशा अच्छा बना रहता है।
  • स्वच्छता के कारण हम कीटाणुओं और बीमारियों से बचे रहेंगे।
  • स्वच्छता का पालन करने से हमारे पर्यावरण में भी सुधार आएगा।
  • स्वच्छ आदतों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से व्यक्ति कई तरह की बीमारियों से बचा रहता है।
  • साफ सुथरे वातावरण में किसी भी बीमारी के फैलने की संभावना कम से कम होती है।

स्वच्छता के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है? (What Will Your Child Learn from a Cleanliness Essay?)

स्वच्छता एक अच्छी आदत है और इसका पालन करना बड़ों के साथ-साथ बच्चों की भी जिम्मेदारी होती है। अगर मिलकर इस समस्या का समाधान निकाला जाए तो देश, गंदगी और अन्य चीजों से होने वाली बिमारियों से बच सकता है। इसलिए स्वच्छता को बरकरार रखने के लिए देश के युवक और बच्चों अपने कदम आगे बढ़ाने चाहिए और स्वच्छ भारत अभियान को अपनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए।

स्वच्छता के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

यहां स्वच्छता से जुड़े सवाल और उसके जवाब दिए गए, जो आपका बच्चा जानना चाहेगा। आइए जानते हैं:

1. स्वच्छता क्यों जरूरी है?

स्वच्छता महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि यह बीमारियों को दूर रखती है। इसके अलावा, इसकी आदतें हमारे जीवन में कई तरह के सुधार लाता है।

2. भारत में स्वच्छ भारत मिशन कब शुरू किया गया था?

2 अक्टूबर 2014 में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत हुई थी।

3. स्वच्छता कैसे बनाए रख सकते हैं?

स्वच्छता को व्यक्तिगत और पर्यावरण स्तर दोनों में बनाए रखा जा सकता है। हमें नियमित रूप से नहाना चाहिए, हाथ धोना चाहिए, ब्रश करना चाहिए और साफ कपड़े पहनने चाहिए, आदि। इसके अलावा हमें पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए घर का कूड़ा कूड़ेदान में डालना चाहिए और प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए।

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